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डिजिटल करेंसी क्या होती है

डिजिटल करेंसी क्या होती है
नई अपडेट: केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत (INDIA) स्वयं का डिजिटल रुपया लांच करने की तैयारी में है| यह भारत के लिए क्रन्तिकारी कदम हो सकता है, इससे अर्थव्यवस्था में असर देखने को मिलने की उम्मीद है|

RBI का Digital Rupee आज होगा लॉन्च, यहां पाएं इससे जुड़ी हर जानकारी विस्तार से

RBI आज से भारत में अपने Digital Rupee के पायलट टेस्टिंग की शुरुआत करने वाली है. इस पायलट टेस्टिंग के लिए RBI ने 9 बैंकों की मदद ली है. चलिए जानते हैं आखिर Digital Rupee क्या है और आखिर काम कैसे करता है.

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RBI Digital Rupee: RBI आज देश में अपने Digital Rupee को लॉन्च करने वाला है. डिजिटल रुपया के आ जाने के बाद भारत उन चुनिंदा देशों की गिनती में आ जाएगा जिसके पास खुद की डिजिटल करेंसी होगी. बता दें इस डिजिटल रुपया का शुरुआती पायलट प्रोजेक्ट होलसेल सेगमेंट के लिए लॉन्च किया जाएगा. वहीं खबरें हैं कि RBI इस सर्विस को आने वाले महीने में रिटेल सेगमेंट के लिए लॉन्च करे. RBI ने इसी साल डिजिटल करेंसी को भारत में लाने की बात कही थी. और आज RBI की यह बात सच साबित होती दिखाई दे रही है. बता दें फिलहाल इस प्रोजेक्ट को केवल पायलट टेस्टिंग के तौर पर लॉन्च किया जाएगा और वहीं इस सुविधा को आने वाले समय में और भी मजबूत किया जाएगा.

क्या है Digital Currency

डिजिटल करेंसी का मतलब वर्चुअल करेंसी होता है. डिजिटल करेंसी में आपके पास फिजिकल नोट न होते हुए उसी के जगह पर वर्चुअल नोट मौजूद होगा. डिजिटल रुपया आपके पास हमेशा मौजूद नहीं होगा लेकिन, वर्चुअल दुनिया में यह हमेशा आपके पास रहेगा. डिजिटल करेंसी में फिजिकल नोट की जरुरत नहीं होगी बल्कि, इसकी जगह पर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा. इसका इस्तेमाल ठीक उसी तरह किया जा सकेगा जिस तरह से क्रिप्टोकरेंसी या फिर बिटकॉइन का इस्तेमाल किया जाता है. सरकार इसके लिए पूरी तरह से लीगल टेंडर बनाएगी और इसे मानेगी भी. बता दें इसमें निवेश करना भी काफी आसान होगा और RBI की तरफ से नियंत्रित किये जाने की वजह से इसमें पैसा डूबने का खतरा भी कम होगा.

Digital Rupee: आरबीआई मंगलवार से शुरू करेगा अपना डिजिटल रुपया, 9 बैंकों को सौंपी टेस्टिंग की जिम्मेदारी

Digital Rupee: आरबीआई मंगलवार से शुरू करेगा अपना डिजिटल रुपया, 9 बैंकों को सौंपी टेस्टिंग की जिम्मेदारी

RBI के साथ जुड़ेंगे ये सभी बैंक्स

RBI के इस प्रोग्राम के साथ भारत के कुल 9 बड़े बैंक्स जुड़े हैं. इन बैंक्स की सूची पर अगर नजर डालें तो इसमें State Bank Of India (SBI), Bank Of Baroda (BOB), Union Bank Of India, HDFC Bank, Kotak Mahindra Bank, ICICI Bank, IDFC First Bank, Yes Bank और HSBC Bank शामिल है. इन सभी बैंकों की मदद से ही डिजिटल करेंसी को लॉन्च किया जाएगा.

Digital Currency का इस्तेमाल कैसे किया जा सकेगा

डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल बड़े भुगतानों को करने के लिए किया जा सकेगा. रिपोर्ट्स की अगर मानें तो इसका इस्तेमाल सरकारी बॉन्ड की खरीद बिक्री करने में भी मददगार साबित होगा डिजिटल करेंसी क्या होती है और इसके साथ ही इसका इस्तेमाल महीने भर में रिटेल ट्रांजैक्शन के निपटारे के लिए भी किया जा सकेगा. जैसा की हमने आपको पहले ही बताया कि डिजिटल करेंसी को दो हिस्सों में पेश किया जाएगा. पहला होलसेल और दूसरा रिटेल यूजर्स के लिए. होलसेल का इस्तेमाल बड़े भुगतानों के लिए किया जाएगा वहीं रिटेल का इस्तेमाल आम जनता कर सकेगी.

Digital Rupee में होगी ये खासियत

डिजिटल रुपया की खासियतों की बात करें तो यह देश का अपना डिजिटल टोकन होगा. इसका इस्तेमाल बड़े बिजनेस लेन-देन के लिए किया जा सकेगा और इसके आने के बाद चेक अथवा बैंक अकाउंट से लेन-देन का झंझट नहीं रहेगा. बता दें इस सुविधा के आने के बाद नकली करेंसी से भी छुटकारा मिल जाएगा. डिजिटल करेंसी की मदद से महज कुछ ही सेकंड्स में मोबाइल फोन के जरिये भुगतान किया जा सकेगा और इसकी मदद से पेपर नोट की प्रिटिंग पर आने वाले खर्च से भी बचा जा सकेगा.

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Crypto Currency: क्रिप्टो करेंसी क्या है, इसे कहां से खरीदें?

Crypto currency: आप अपनी मर्जी से किसी भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर सकते हैं, मगर निवेश करने से पहले उस डिजिटल करेंसी की हिस्ट्री, मौजूदा कीमत और पिछले कुछ महीनों में आए उतार-चढ़ाव के बारे में आवश्यक जानकारी हासिल करें ताकि निवेश से पहले आप उससे जुड़े हर प्रकार के जोखिम को भली-भांति समझ सकें

crypto currency prices Bitcoin, Ethereum, Terra, XRP

Crypto Currency पर ज्यादा रिटर्न मिलने के कारण स्कैम भी बढ़ गए है, ऐसे में निवेशकों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है

  • क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क पर आधारित डिजिटल मुद्रा है, जिसका डिस्ट्रीब्यूशन कंप्यूटरों के एक विशाल नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है.
  • कंप्यूटर नेटवर्क और ब्लॉकचेन पर आधारित यह विकेंद्रीकृत संरचना क्रिप्टो करेंसी को सरकारों और किसी भी वित्तीय नियंत्रण से बाहर रखती है.
  • क्रिप्टो करेंसी के बारे वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लॉकचेन पर आधारित इस तकनीक के कारण दुनिया भर में फाइनेंशियल और कानूनी पेचीदगियां पैदा होंगी.
  • क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह अन्य परंपरागत मुद्राओं के मुकाबले में बेहद सस्ता और तेज मनी ट्रांसफर है.
  • क्रिप्टो करेंसी का सिस्टम डिसेंट्रलाइज होने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि किसी एक जगह से इस मुद्रा पर नेगेटिव असर नहीं होगा.
  • क्रिप्टो करेंसी की कुछ मुश्किलें भी हैं, जिनमें कीमत में होने वाला उतार-चढ़ाव, माइनिंग के लिए ऊर्जा की ज्यादा खपत और इसका आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल है.

ब्लॉकचेन की इसी खूबी की वजह से क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन के लिये एक भरोसेमंद थर्ड पार्टी जैसे-बैंक की आवश्यकता नहीं पड़ती है. इस तरह से देखें तो ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी है जिसका लाभ आने वाले समय में वित्तीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा होगा. उम्मीद की जा रही है कि ब्लॉकचेन की मदद से आने वाले समय में लेन-देनों की लागत में भी कमी आएगी. इससे वित्तीय पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जी लेन-देन से भी छुटकारा मिलेगा.

क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार की होती है?
मौजूदा समय में क्रिप्टो करेंसी के बहुत सारे रूप हैं। यहां पर हम कुछ लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी की चर्चा कर रहे हैं. बिटकॉइन (Bitcoin) को दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टो करेंसी माना जाता है. इसे सातोशी नाकामोतो ने 2009 में बनाया था. यह एक डि-सेंट्रलाइज़ करेंसी है, यानी कि इस पर किसी सरकार या संस्था का नियंत्रण नहीं है. कीमत में लगातार होने बढ़ोतरी की वजह से लोगों में इस मुद्रा के प्रति बहुत आकर्षण है.

इथेरियम (Ethereum) भी एक ओपन सोर्स, डी-सेंट्रलाइज्ड और ब्लॉकचेन पर आधारित डिजिटल करेंसी है. इसके संस्थापक का नाम है Vitalik Buterin. इसके क्रिप्टो करेंसी टोकन को ‘Ether’ भी कहा जाता है. बिटकॉइन के बाद ये दूसरी सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टो करेंसी है.

लाइटकॉइन (Litecoin) भी एक डिसेंट्रलाइज तकनीक से उपजी डिजिटल मुद्रा है, जिसे एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार किया गया है. इसके संस्थापक चार्ल्स ली (Charles Lee) हैं जो गूगल में काम कर चुके हैं. इसके बहुत सारे फीचर Bitcoin से मिलते-जुलते हैं.

डॉग कॉइन (Dogecoin) बनने की कहानी काफी रोचक है. बिटकॉइन का मजाक उड़ाने के लिए कुत्ते से उसकी तुलना की गई, जिसने आगे चलकर एक Cryptocurrency का रूप ले लिया. डॉग कॉइन के संस्थापक का नाम है बिली मार्कुस (Billy Markus). इन दिनों इस करेंसी की मार्केट वैल्यू बहुत अच्छी है.

टीथर (Tether) एक बड़ी और स्थिर मुद्रा है. यह क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के इच्छुक लोगों के लिए सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक है.

क्रिप्टो करेंसी कैसे और कहां से खरीदें?
हमें उम्मीद है कि ईटी हिंदी के इस लेख से आपको क्रिप्टो करेंसी के बारे में बुनियादी जानकारी मिल गई होगी. अगर आप क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना चाहते हैं तो एक डिजिटल करेंसी होने की वजह से आपको ऑनलाइन ही इसमें निवेश करना होगा. ऐसे बहुत सारे प्लेटफॉर्म हैं जहां पर जाकर आप क्रिप्टो करेंसी की मौजूदा कीमत का पता लगा सकते हैं और उसे खरीद या बेच सकते हैं.

कुछ प्रमुख क्रिप्टो करेंसी खरीदने बेचने वाली ऑनलाइन वेबसाइट के बारे में हम आगे बता रहे हैं. इन सभी वेबसाइट पर आप अपना अकाउंट बनाकर क्रिप्टो करेंसी खरीद या बेच सकते हैं. इनमें से कुछ ने अपना मोबाइल ऐप भी लॉंच कर रखा है, जिसे इंस्टॉल करके आप अपने मोबाइल से भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर सकते हैं.

1. कॉइनस्विच (CoinSwitch)
2. वजीरएक्स (Wazirx)
3. यूनोकॉइन (Unocoin)
4. जेबपे (Zebpay)
5. कॉइनबॉक्स (Coinbox)
6. बीटीसीएक्सइंडिया (BTCxIndia)
7. लोकलबिटकॉइन (LocalBitcoin)

क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) खरीदने से पहले जरूरी एहतियात
ध्यान रखें अगर आप किसी ऐप के जरिये क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहे है तो इस बात की पड़ताल अवश्य कर लें कि जिस ऐप में आप निवेश कर रहे है वह सुरक्षित है या नहीं. इसकी एक वजह यह है कि हैकर्स मिलते-जुलते नामों वाली बहुत से स्पैमिंग वाले ऐप भी बना देते हैं, जिनकी वजह से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है.

आप अपनी मर्जी से किसी भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर सकते हैं, मगर निवेश करने से पहले उस डिजिटल करेंसी की हिस्ट्री, मौजूदा कीमत और पिछले कुछ महीनों में आए उतार-चढ़ाव के बारे में आवश्यक जानकारी हासिल करें ताकि निवेश से पहले आप उससे जुड़े हर प्रकार के जोखिम को भली-भांति समझ सकें.

क्रिप्टो करेंसी पर भारत सरकार की कोई स्पष्ट पॉलिसी नहीं है, ऐसी स्थिति में वित्तीय जोखिम आपको ही लेना होगा. इसलिए बेहतर होगा कि आप निवेश से पहले इसके जोखिम का मूल्यांकन कर लें और उसी के अनुसार निवेश करें.

क्रिप्टो करेंसी पर ज्यादा रिटर्न मिलने के कारण स्कैम भी बढ़ गए है, ऐसे में निवेशकों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है. क्रिप्टो करेंसी और क्रिप्टो एक्सचेंज का संचालन कौन कर रहा है, इस बारे में भी जानकारी हासिल करें. सोशल मीडिया और ऑनलाइन ओपिनियन व रिव्यू के माध्यम से विश्वसनीयता परखी जा सकती है.

इस बात का ध्यान रखें कि अपने पोर्टफोलियो में क्रिप्टो करेंसी की हिस्सेदारी सीमित ही रखें. यह भी समझते और सीखते रहें कि किन फैक्टर का क्रिप्टो करेंसी की कीमतों पर असर पड़ता है.

क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाकर डिजिटल करंसी शुरू करने की तैयारी में मोदी सरकार, जानें दोनों में क्या है अंतर

केंद्र की मोदी सरकार निजी क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाकर डिजिटल करंसी शुरू करने की तैयारी में है। संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक लाया जाएगा। इसके बाद भारतीय.

क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाकर डिजिटल करंसी शुरू करने की तैयारी में मोदी सरकार, जानें दोनों में क्या है अंतर

केंद्र की मोदी सरकार निजी क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाकर डिजिटल करंसी शुरू करने की तैयारी में है। संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक लाया जाएगा। इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक देश में जल्द ही डिजिटल करंसी पेश करेगा। ऐसे में अगर आप डिजिटल और क्रिप्टोकरंसी में फर्क को लेकर ऊहापोह में हैं तो हम आपके मन में उठ रहे सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं। आइए जानते हैं कि डिजिट करंसी क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग है।

केंद्रीय बैंक जारी करता है डिजिटल करंसी

डिजिटल करंसी को देश का केंद्रीय बैंक जारी करता है। यह उस देश की केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में भी शामिल होती है। इसकी खासियत यह है कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है। भारत के मामले में आप इसे डिजिटल रुपया कह सकते हैं। डिजिटल करेंसी दो तरह की होती है-रिटेल और होलसेल। रिटेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल आम लोग और कंपनियां करती हैं। होलसेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थाओं द्वारा किया जाता है।

उतार-चढ़ाव और जोखिम नहीं

डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार की मान्यता हासिल होती है, जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है। इसलिए इसमें जोखिम नहीं होता है। इससे जारी करने वाले देश में खरीदारी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं, क्रिप्टोकरंसी में भारी उतार-चढ़ाव होता है क्योंकि यह किसी नियाकम के अंदर में नहीं है।

डिजिटल और क्रिप्टोकरंसी में प्रमुख अंतर

  • -डिजिटल करंसी को केंद्रीय बैंक जारी करता है। क्रिप्टोकरंसी माइनिंग के जरिए तैयार की जाती है।
  • -डिजिटल करंसी को केंद्रीय बैंक और उस देश की सरकार से मान्यता प्राप्त होती है। क्रिप्टोकरंसी के पास केंद्रीय बैंक या सरकार की मान्यता नहीं होती है।
  • -डिजिटल करंसी की वैल्यू स्थिर रहती है। क्रिप्टोकरंसी की वैल्यू में बहुत डिजिटल करेंसी क्या होती है उतार-चढ़ाव होता है।
  • -डिजिटल करंसी को संबंधित देश की मुद्रा में बदला जा सकता है। क्रिप्टोकरंसी में ऐसा नहीं हो पाता है।

क्रिप्टोकरेंसी बाजार में बनी रहेगी: पेटीएम संस्थापक

वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जताई जा रही तमाम आपत्तियों के बावजूद यह आभासी मुद्रा बनी रहने वाली है। शर्मा ने उद्योग मंडल इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी)के एक कार्यक्रम को 'ऑनलाइन' संबोधित करते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी असल में सुरक्षित संचार तकनीकों के अध्ययन वाली विधा क्रिप्टोग्राफी पर आधारित मुद्रा है।

उन्होंने कहा, 'क्रिप्टो सिलिकॉन वैली की तरफ से वॉल स्ट्रीट को एक जवाब है। मैं इसे लेकर खासा सकारात्मक हूं। कुछ वर्षों में यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुके इंटरनेट की तरह मुख्यधारा की प्रौद्योगिकी हो जाएगी।'

क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए भारत में विधेयक लाने की तैयारी चल रही है। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक भी इसके दुरुपयोग को लेकर गहरी आशंका जता चुका है। इस संदर्भ में पेटीएम संस्थापक ने कहा कि इस डिजिटल मुद्रा के बारे में इस समय भ्रम की स्थिति है। उन्होंने कहा, 'हर सरकार इसे लेकर संशयग्रस्त है। लेकिन अगले पांच वर्षों में यह मुख्यधारा की प्रौद्योगिकी बन जाएगी।' हालांकि उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी परंपरागत मुद्रा की जगह नहीं ले पाएगी।

डिजिटल करेंसी क्या है in Hindi | क्रिप्टो करेंसी किसे कहते है | Digital Currency in India

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI – Reserve Bank of India) ने डिजिटल करेंसी को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है | जहाँ आज से पहले हमारे देश में किसी चीज को खरीदने के लिए अधिकतर नगदी मुद्रा का इस्तेमाल होता रहा है, वही अब देश की मोदी सरकार द्वारा भारत में डिजिटल करेंसी को शुरू कर लेन-देन के तरीके को डिजिटल रूप दे दिया है | आरबीआई के डिप्टी गवर्नर (Deputy Governor) टी रवि शंकर का कहना है, कि केंद्रीय बैंक जल्द ही डिजिटल मुद्रा को जारी करने वाली है, जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गयी है |

RBI ने बहुत पहले ही डिजिटल करेंसी क्या होती है डिजिटल करेंसी को शुरू करने का संकेत दे दिया था | इसके अतिरिक्त दुनिया के दूसरे केंद्रीय बैंक भी अपने-अपने देश में डिजिटल करेंसी को शुरू करने की तैयारी में है | यह डिजिटल करेंसी क्रिप्टो करेंसी से बिलकुल अलग होगी | इस डिजिटल करेंसी की सबसे खास बात यह होगी की इसे RBI द्वारा विनियमित किया जायेगा, जिससे लोगो को उनके पैसो के डूबने का खतरा भी नहीं होगा | यदि आप भी इस डिजिटल करेंसी के बारे अधिक जानकारी जानना चाहते है, तो इस पोस्ट में आपको डिजिटल करेंसी क्या है in Hindi, क्रिप्टो करेंसी किसे कहते है, Digital Currency in India आदि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है |

डिजिटल करेंसी क्या है (What is Digital Currency)

यह डिजिटल करेंसी नगदी का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा,जिसे देश की सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होगी | इस करेंसी को केवल देश की केंद्रीय बैंक (Central Bank) द्वारा ही जारी किया जा सकता है | देश की केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट (Balance Sheet) में भी इसे शामिल किया जायेगा | इस डिजिटल मुद्रा की खास बात यह होगी की इसे सॉवरेन करेंसी (Sovereign Currency) में भी बदला जा सकेगा तथा यह भारत का डिजिटल रुपया होगा |

यह डिजिटल करेंसी दो तरह से होगी पहला रिटेल (Retail) और दूसरा होलसेल (Wholesale) | रिटेल डिजिटल मुद्रा को आम नागरिक तथा कंपनियों द्वारा प्रयोग में लाया जायेगा, जबकि होल सेल डिजिटल करेंसी को वित्तीय संस्थाओ द्वारा इस्तेमाल किया जायेगा|

नई अपडेट: केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत (INDIA) स्वयं का डिजिटल रुपया लांच करने की तैयारी में है| यह भारत के लिए क्रन्तिकारी कदम हो सकता है, इससे अर्थव्यवस्था में असर देखने को मिलने की उम्मीद है|

डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कैसे होगा (How to Use Digital Currency)

भारत की डिजिटल करेंसी यानि सीबीडीसी (CBDC) -सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल को लेकर अभी स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है | लेकिन मिली जानकारी के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि RBI-बैंक द्वारा डिजिटल करेंसी को जारी किया जायेगा,जिसके बाद यह आपको मिलेगी | इसके बाद आप जिसे पेमेंट करना चाहते है, उसे इससे भुगतान कर दे यह सीधे उसके अकाउंट में पहुंच जाएगी |

इसमें किसी तरह का वॉलेट नहीं होगा और न ही बैंक खाते की जरूरत होगी | यह बिलकुल नगदी (Cash) की तरह ही उपयोग में लायी जाएगी | फर्क सिर्फ इतना होगा कि यह टेक्नोलॉजी के माध्यम से डिजिटल रूप में कार्य करेगी | यह नगद का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा |

क्रिप्टो करेंसी किसे कहते है (What is Crypto Currency)

क्रिप्टो करेंसी डिजिटल मुद्रा का एक रूप होता है | यह किसी सिक्के या नोट के रूप में आपकी जेब में न होकर पूरी तरह ऑनलाइन होती है | यह एक गैर कानूनी करेंसी होती है | जिसे किसी तरह की सरकारी मान्यता नहीं प्राप्त है, और न ही इसे किसी सरकारी या विनियामक अथॉरिटी द्वारा जारी किया जाता है | इसमें व्यापार को बिना किसी नियमो के व्यापार किया जाता है |

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में अंतर (Difference Between Digital Currency and Cryptocurrency)

डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) में सबसे बड़ा अंतर यह है, कि डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होती है, यह देश की केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की जाती है | इसलिए यह पूरी तरह से जोखिमों के अधीन होती है | यह जारी किये गए देश में खरीदारी लेन-देन के रूप में प्रयोग में लायी जाती है | इस करेंसी को सॉवरेन मुद्रा (Sovereign Currency) यानि उस देश की करेंसी में बदला जा सकता है | वही क्रिप्टो करेंसी में इस तरह की सुविधा नहीं उपलब्ध होती है |

क्रिप्टो करेंसी की तरह डिजिटल करेंसी की वैल्यू में किसी तरह का उतार-चढाव नहीं होता है, जबकि क्रिप्टो करेंसी में उतार-चढ़ाव होते है, इसका एक उदाहरण बिटकॉइन है | बिटकॉइन की वैल्यू में आपको कई तरह के उतार-चढ़ाव देखने को मिल जाते है | डिजिटल करेंसी को देश की केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाता है, वही क्रिप्टो करेंसी में को ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है |

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