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दैनिक तकनीकी रणनीतिकार पर

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वर्ष 2015 उन निवेशकों के लिए अच्छा वर्ष नहीं रहा जिन्होंने प्रमुख शेयरों पर दाव लगाया। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरें बढ़ाने की आशंका के साथ साथ तेल-केंद्रित अर्थव्यवस्थाओं द्वारा बाजार से रकम की निकासी आदि की वजह से इक्विटी बाजारों के लिए वर्ष 2015 निराशाजनक साबित हुआ। प्रमुख शेयरों में एफआईआई की बिकवाली की वजह से निफ्टी में वर्ष 2015 में लगभग 5 फीसदी की गिरावट आई। एफआईआई शेयरधारिता मुख्य शेयरों में केंद्रित रही और इनमें निकासी की वजह सेइन शेयरों में बिकवाली को बढ़ावा मिला। लेकिन बिकवाली के लिए सिर्फ बाजार के कमजोर प्रदर्शन को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता। बुनियादी आधार में भी अपेक्षित सुधार नहीं आया जिससे असंतुष्टï निवेशकों का अपने शेयरों से निकलने का सिलसिला तेज हुआ। भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्घि के बजाय, कंपनियां खासकर वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की वजह से प्रभावित हुई हैं। क्रेडिट सुइस में भारतीय रणनीतिकार नीलकंठ मिश्रा का कहना है कि प्रमुख सूचीबद्घ 100 कंपनियों का 50 प्रतिशत से अधिक राजस्व घरेलू अर्थव्यवस्था से संबद्घ नहीं था। साथ ही घरेलू अर्थव्यवस्था पर केंद्रित शेष राजस्व वैश्विक रुझानों को मजबूती प्रदान कापे में सक्षम नहीं था। इसका बड़ा हिस्सा उन बैंकों से आता है जो धातु कंपनियों को दिए गए ऋणों से जुड़े अपने जोखिम की वजह से प्रभावित हुए हैं। धातु कंपनियों पर वैश्विक कमजोरी की वजह से दबाव दिख रहा है।

इसलिए सवाल उठता है कि क्या भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़ी कंपनियां कुछ बेहतर करने में सक्षम होंगी? छोटी और मझोली दैनिक तकनीकी रणनीतिकार पर कंपनियां सामान्य तौर पर भारतीय अर्थव्यवस्था पर निर्भर हैं। वर्ष 2015 के दौरान प्रत्येक सेगमेंट में 6 फीसदी से अधिक की वृद्घि के साथ इन श्रेणियों की कंपनियों ने मुख्यधारा के शेयरों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। इन श्रेणियों में ऐसी कंपनियां हैं जो वर्ष के दौरान मल्टीबैगर बनीं। सेक्टर-केंद्रित उतार-चढ़ाव मंत्रालयों की जरूरतें पूरी करने वाले शेयरों में देखा गया जो सामान्य तौर पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। रेलवे, रक्षा या बिजली क्षेत्र के लिए अपने उत्पाद बेचने वाली कंपनियों ने अन्य की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है।

जिंसों, खासकर धातु का प्रदर्शन वैश्विक जिंस कीमतों के अनुरूप रहा। साल के अंत में सरकार के सुधारात्मक उपायों के बावजूद धातु कंपनियों के शेयरों में 2015 के लिए 30 फीसदी से अधिक दैनिक तकनीकी रणनीतिकार पर की गिरावट दर्ज की गई है। रियल्टी शेयरों के प्रदर्शन से जमीनी स्तर पर सेक्टर के रुझान का पता चला है। मकानों की बिक्री सुस्त रहने के साथ रियल्टी सेक्टर के शेयरों में वर्ष के दौरान 15 फीसदी से अधिक की गिरावट आई। एफएमसीजी (दैनिक उपभोक्ता सामान) जैसे रक्षात्मक शेयर वर्ष के दौरान सपाट रहे, लेकिन यूएसएफडीए से चुनौतियों का सामना कर रही दवा कंपनियों ने साल के दौरान 7 फीसदी की बढ़त हासिल की। आईटी सेक्टर ने भी अमेरिकी वीजा व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं के बावजूद 7 फीसदी की तेजी दर्ज की। लेकिन साल के दौरान सबसे ज्यादा तेजी आईपीओ सूचकांक में देखी गई। आईपीओ सूचकांक ने वर्ष 2015 में 19.84 फीसदी की तेजी दर्ज की। साल की दूसरी छमाही में इंडिगो, डॉ. लाल पैथ लैब्स और अलकेम जैसे नए निर्गमों के मजबूत प्रदर्शन से निवेशकों को बढ़त दर्ज करने में मदद मिली।

अगले 20 दिन में ये शेयर दे सकते हैं अच्छा रिटर्न

बाजार का रुख अस्थिर नजर आ रहा है. मगर विश्लेषकों को चुनिंदा शेयरों में शानदार अवसर नजर आ रहे हैं.

अगले 20 दिन में ये शेयर दे सकते हैं अच्छा रिटर्न

मोटे तौर पर बाजार का रुख अस्थिर नजर आ रहा है. मगर विश्लेषकों को चुनिंदा शेयरों में शानदार अवसर नजर आ रहे हैं. दिग्गज विश्लेषकों से बात कर ईटी लेकर आया कुछ ऐसे ही शेयर, जो आने वाले 20 दिनों में आपकों बढ़िया रिटर्न देने का दम रखते हैं:

सलाहकार: आदित्य अग्रवाल, तकनीकी रिसर्च विश्लेषक, यस सिक्योरिटीज (इंडिया)

| गुजरात फ्लोरोकेमिकल्स | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 935-980 रुपये | स्टॉप लॉस: 860 रुपये |
साप्ताहिक चार्ट्स पर कंपनी के शेयर काफी मजबूत नजर आ रहे हैं. वॉल्यूम अच्छा रहने पर यह छलांग लगा सकता है. अन्य संकेत भी इस शेयर का पक्ष ले रहे हैं. यह शेयर ऊपर जाने के लिए उत्साहित नजर आ रहा है.

| एनआईआईटी टेक्नोलॉजीज | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 1300-1,360 रुपये | स्टॉप लॉस: 1,200 रुपये |
साप्ताहिक चार्ट्स पर इस शेयर को काफी सपोर्ट प्राप्त है, जो इसकी तेजी की तरफ इशारा कर रहा है. दैनिक चार्ट्स पर यह शेयर बेहतर कारोबार के संकेत दे रहा है. आने वाले सत्रों में यह ऊपर की तरफ जाता दिख सकता है

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सलाहकार: आनंद जेम्स, मुख्य निवेश रणनीतिकार, जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज

| फेडरल बैंक | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 89-93 रुपये | स्टॉप लॉस: 75 रुपये |
महज 12 महीनों में ही इस शेयर ने अपने शिखर स्तर से 47 फीसदी गोता लगाया है. केरल में बाढ़ ने इसकी स्थिति और बदतर कर दी. हालांकि, इसकी 200 कारोबारी सत्रों का औसत 89 रुपये है. यह शेयर बढ़िया कमाई दे सकता है.

| बैंक ऑफ बड़ौदा | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 107 रुपये | स्टॉप लॉस: 97 रुपये |
बिकवाली के दबाव में यह शेयर भी जमकर टूटा. मगर अब यह वापसी के बढ़िया संकेत दे रहा है. इसकी कीमत 115 रुपये से अधिक हो सकती थी. मगर सीमित तेजी के आसार इसे 107 रुपये के आसपास तक ही चढ़ने देंगे.

सलाहकार: वैशाली पारेख, वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक, प्रभुदास लीलाधर

| जुबिलेंट फूडवर्क्स | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 1,430 रुपये | स्टॉप लॉस: 1,150 रुपये |
इस शेयर ने 1,080 रुपये तक का गोता लगाया था. मगर इसके बाद इसने शानदार वापसी की थी. 200 कारोबारी सत्रों के औसत के सपोर्ट के बूते इस शेयर में वापसी का पूरा दम नजर आ रहा है. अन्य संकेत भी इस शेयर के पक्ष में हैं.

| हिंदुस्तान यूनिलीवर | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 1,720 रुपये | स्टॉप लॉस: 1,480 रुपये |
इस शेयर की 200 कारोबारी सत्रों का औसत 1,515 रुपये के आसपास है. इस शेयर से वापसी की काफी उम्मीदें हैं. चार्ट्स पर यह शेयर काफी आकर्षक नजर आ रहा है, मगर इसके लिए वॉल्यूम की नियमितता जरूरी हो जाती है.

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सलाहकार: मजहर मोहम्मद, मुख्य रणनीतिकार, तकनीकी रिसर्च और ट्रेडिंग एडवाइजरी, चार्टव्यूइंडिया डॉट इन

| पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 203 रुपये | स्टॉप लॉस: 185 रुपये |
जब पूरा बाजार गिरा, तो भी इस शेयर ने अपनी मजबूती नहीं गंवाई. भले ही बीते तीन सप्ताह से इसकी कीमत कमोबेश 188 रुपये के करीब बनी हुई है. इसका अर्थ है कि दबाव के बावजूद यह मजबूती से खड़ा है. इस शेयर से कमाई हो सकती है.

| भारती एयरटेल | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 325 रुपये | स्टॉप लॉस: 279 रुपये |
इस शेयर के चार्ट्स काफी आकर्षक नजर आते हैं. बीते सात सत्रों से यह शेयर 295-282 रुपये के दायरे के बीच झूल रहा है. पांच सप्ताह पहले ही इस शेयर ने 397 रुपये का उच्च स्तर हासिल किया था. बिकवाली का दर्द कम होने के बाद यह शेयर जख्मों पर मरहम लगा सकता है.

सलाहकार: नागराज शेट्टी, तकनीकी रिसर्च अधिकारी, एचडीएफसी सिक्योरिटीज

| अडानी एंटरप्राइजेज | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 188 रुपये | स्टॉप लॉस: 154 रुपये |
सितंबर 2018 में दैनिक तकनीकी रणनीतिकार पर बुरी तरह टूटने के बाद इस शेयर ने बीते दो सप्ताह में कुछ हद तक वापसी की है. बीते कुछ सत्रों की वापसी ने इस शेयर से काफी उम्मीदें जगाई हैं. निकट भविष्य में इस शेयर की गति जारी रहने के आसार हैं, जो अच्छी कमाई दे सकते हैं.

| हिंदुस्तान जिंक | खरीदें | टार्गेट प्राइस: 315 रुपये | स्टॉप लॉस: 265 रुपये |
इस शेयर की गिरावट का दौर खत्म होता नजर आ रहा है. बीते सप्ताह इस शेयर ने दैनिक चार्ट्स पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया. पिछले सप्ताह इस शेयर ने काफी अच्छी तेजी दर्ज की. वॉल्यूम बेहतर रहने दैनिक तकनीकी रणनीतिकार पर पर यह शेयर फिर बड़ी छलांग लगाने का माद्दा रखता है.

(यहां शेयरों में निवेश के लिए दी गई सलाह विश्लेषकों की अपनी निजी राय है. ईटी मार्केट्स का इससे सहमत होना अनिवार्य नहीं है. शेयरों में किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से राय अवश्य लें.)

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निकट के दैनिक लेनदेन 77% नीचे हैं

आंकड़ों के मुताबिक, मध्यस्थता और आशावाद (ओपी), दोनों मेट्रिक्स में बड़ा लाभ देखा। विश्लेषक के अनुसार, आर्बिट्रम के दैनिक सक्रिय पतों की संख्या में वृद्धि हुई है 152% जबकि इसके दैनिक लेन-देन में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है 484%.

आशावाद दैनिक सक्रिय पतों से अधिक बढ़ गया है 231% तक , जबकि दैनिक लेनदेन थे दोगुने से अधिक।

ये आँकड़े कहते हैं कि दोनों नेटवर्क मौजूदा उपयोगकर्ताओं के साथ जुड़ाव बढ़ाते हुए सक्रिय रूप से नए उपयोगकर्ताओं तक पहुँच रहे हैं।

चे के अनुसार, हालांकि दैनिक सक्रिय पतों की संख्या प्रवाह और हिमस्खलन घट रही है, लेकिन इन पतों की गतिविधि बढ़ रही है, जो सकारात्मक है।

चार श्रृंखलाओं के दोनों सूचकांकों के 90 दिनों में ऑस्मोसिस (कॉसमॉस इकोसिस्टम), दैनिक तकनीकी रणनीतिकार पर दैनिक तकनीकी रणनीतिकार पर बीएनबी चेन, कार्डानो और एथेरियम सभी में वृद्धि है।

धूपघड़ी, FTX/Alameda घटना के प्रभावित शिकार को दोनों मेट्रिक्स लाल दिखाई दे रहे हैं। सोल चला गया एक तिहाई उपयोगकर्ता, जबकि दैनिक लेनदेन 42% गिर गया।

स्वेटकॉइन से नियर को बड़ी संख्या में उपयोगकर्ता मिलते हैं लेकिन फिर भी गतिविधि को आकर्षित करने में विफल रहता है, इसके दैनिक लेनदेन होते हैं 77% नीचे।

एचडीएफसी विलय सौदे से बाजार में तेजी, सेंसेक्स 1,335 अंक के उछाल से 60,000 अंक के पार

मुंबई, चार अप्रैल (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में सोमवार को जोरदार उछाल आया और बीएसई सेंसेक्स 1,300 अंक से अधिक चढ़कर फिर 60,000 अंक के स्तर के पार निकल गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी ने भी 18,000 अंक के स्तर को फिर हासिल कर लिया।

एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय की घोषणा के बाद बैंक और वित्तीय शेयरों में लिवाली से बाजार में मजबूती आयी। एचडीएफसी लि. और एचडीएफसी बैंक के शेयर लगभग 10 प्रतिशत मजबूत हुए।

देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड का देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े ऋणदाता एचडीएफसी बैंक में विलय होगा। यह कंपनी इतिहास में बड़े विलय में से एक है। इस विलय से एक बड़ी बैंक इकाई अस्तित्व में आएगी जिसका बही-खाता करीब 17.87 लाख करोड़ रुपये होगा। यह सौदा वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में पूरा होने की उम्मीद है।

इस सौदे की घोषणा के बाद इन दोनों के शेयरों में जोरदार लिवाली हुई। इसके अलावा दूसरे बैंकों और वित्तीय शेयरों में भी तेजी रही। दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों, आईटी और धातु शेयरों में भी भारी मांग देखी गयी।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,335.05 अंक यानी 2.25 प्रतिशत उछलकर 60,611.74 अंक पर बंद हुआ।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 382.95 अंक यानी 2.17 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,053.40 अंक पर बंद हुआ।

विलय की घोषणा के बाद एचडीएफसी बैंक का शेयर 9.97 और एचडीएफसी लि. का शेयर 9.30 प्रतिशत मजबूत हुए।

सेंसेक्स के अन्य शेयरों में कोटक बैंक, एचयूएल, एलएंडटी, इंडसइंड बैंक, सन फार्मा और टाटा स्टील भी लाभ में रहे।

दूसरी तरफ केवल दो शेयर… टाइटन और इन्फोसिस में 1.05 प्रतिशत तक की गिरावट रही।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘एचडीएफसी लि. का एचडीएफसी बैंक के साथ विलय एक बड़ा कदम है और इससे शेयरधारकों को लाभ होगा। दोनों इकाइयों के शेयरधारकों को काफी लाभ होगा और दोनों वित्तीय संस्थानों के शेयरों में तेजी के साथ यह आज बाजार में दिखा भी। शेयरधारकों के लिये यह कदम उच्च मूल्य पर पुनर्खरीद से कहीं बेहतर है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हाल में एचडीएफसी लि. और एचडीएफसी बैंक के शेयरों का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा था। इस विलय से स्थिति बदलेगी। मूल्यांकन के लिहाज से एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लि. उच्च मूल्य वाले बाजार में भी कीमत के लिहाज से काफी आकर्षक हैं।’’

रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘…. एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के विलय से धारणा मजबूत हुई है और आगामी सत्रों में भी इसका असर देखने को मिल सकता है।’’

एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, हांगकांग का हैंगसेंग और चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ में रहे।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेजी का रुख रहा।

इस बीच, अंतररराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.05 प्रतिशत घटकर 103.29 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 21 पैसे चढ़कर 75.53 (अस्थायी) पर बंद हुई।

शेयर बाजारों के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को 1,909.78 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

उप्र की उड़ान में जदयू का पंख भी लगाएगी कांग्रेस

उत्तर प्रदेश में अपनी खोई हैसियत पाने के लिए कांग्रेस की नजर अगले चुनाव में गठबंधन के संभावित साथियों पर है। किसी बड़े दल के साथ गठबंधन की गुंजाइश नहीं होने को देखते हुए पार्टी ने जनता दल (यूनाइटेड) के साथ चुनावी तालेमल की चर्चा शुरू कर दी है। शुक्रवार को राहुल गांधी के लखनऊ में हुए कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए पार्टी के रणनीतिकारों ने चुनावी तालमेल पर तेजी से काम करने का फैसला किया है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, जदयू से अंदरखाने पूर्वांचल के आठ जिलों की विधानसभा सीटों पर तालमेल को लेकर शुरुआती चर्चाएं हुई हैं। अब उत्तर प्रदेश की चुनावी टीम और चेहरा सामने लाने के बाद गठबंधन को मूर्त रूप देने पर पार्टी के रणनीतिकार काम कर रहे हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी विधानसभा में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए जदयू के साथ तालमेल के हक में बताए जाते हैं।

सूत्रों के दैनिक तकनीकी रणनीतिकार पर दैनिक तकनीकी रणनीतिकार पर अनुसार, उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए पार्टी के मुख्य रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी 2014 में छोटे-छोटे गठबंधनों से भाजपा को मिली कामयाबी के मद्देनजर कांग्रेस को चुनावी तालमेल का सुझाव दिया है। इसीलिए जदयू के साथ कांग्रेस के तालमेल को अंदरूनी तौर पर आगे बढ़ाने की कोशिश हो रही है। इसमें नीतीश कुमार से अच्छे रिश्ते रखने वाले पीके की भी भूमिका है। समझा जाता है कि जदयू महासचिव केसी त्यागी के जरिये कांग्रेस चुनावी तालमेल की चर्चा कर रही है।

चुनावी तालमेल को लेकर कांग्रेस की ओर से अभी चुप्पी बरती जा रही है। हालांकि, पार्टी ने इसे नकारा भी नहीं है। वहीं केसी त्यागी ने दैनिक जागरण से कहा कि निसंदेह आज की राजनीति में कांग्रेस स्वाभाविक मित्र है। दोनों पार्टियां हाशिए पर खड़े लोगों के मुद्दों को लेकर आगे बढ़ रही हैं। जहां तक गठबंधन की बात है तो अभी कांग्रेस से हमारी औपचारिक बात नहीं हुई है। जदयू अपने मंडल स्तर के सम्मेलन कर रहा है।

पर एक चीज साफ है कि हम उत्तर प्रदेश ही नहीं, 2019 में देश में भी भाजपा को रोकना चाहते हैं। इसके लिए जो भी जतन होगा वह करेंगे। कांग्रेस के रणनीतिकारों का आकलन है कि सपा और बसपा की प्रदेश में पकड़ के बावजूद भाजपा की अनदेखी नहीं की जा सकती।

खासतौर पर यह देखते हुए कि पिछले लोकसभा चुनाव में 265 विधानसभा सीटों पर भाजपा ने बढ़त बनाई थी। इसलिए पूर्वांचल के आठ जिलों में 50 से 60 सीटों पर जदयू के साथ गठबंधन होने पर कांग्रेस को फायदा मिल सकता है। जदयू अध्यक्ष बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले से ही पूर्वांचल में पैठ बढ़ाने के लिए अपने राजनीतिक दांव चलने शुरू कर दिए हैं।

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