सात सूत्र में छिपी निवेश की सफलता

Share Market Me Invest Karne Ke Tarike-शेयर बाजार में निवेश की 10 Tips, पूरी जानकारी के लिए पढे़.
2.एक ही कंपनी के शेयर न लेते हुए अलग-अलग और अच्छी साखवाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करें। जैसे कि एक शेयर आई.टी. क्षेत्र का, दूसरा बैंकिंग, तीसरा इन्फ्रास्ट्रक्चर, चौथा दूरसंचार या सीमेंट या फिर स्टील वगैरह में; परंतु वे सारे शेयर अच्छी साख रखनेवाली कंपनियों के होने चाहिए।
3.शेयरों को खरीदते और बेचते समय आपके पास ‘पैन’ (परमानेंट एकाउंट नंबर) और डीमेट एकाउंट का भी होना जरूरी है।
4.शेयर बाजार में शेयर खरीदने और बेचने के लिए आप उस ब्रोकर का चुनाव करें, जिसकी छवि और सर्विस अच्छी हो। शेयर बाजार में होनेवाले सभी उतार-चढ़ाव की जानकारी उसके पास हो। साथ ही वह पंजीकृत भी हो, इस बात का ध्यान जरूर रखें।
5. टिप्स-कल्चर से गुमराह न हों। लोग कई तरह की नई-नई स्क्रिप्ट खरीदने की सलाह देने लगेंगे। उनमें दाम तो बढ़ते होंगे, लेकिन बिना सोचे-समझे खरीदने में लेने के देने पड़ सकते हैं।
6. आपके रिश्तेदार, मित्र, पड़ोसी को अगर किसी शेयर को बेचकर अच्छा दाम मिला है तो आप इस भ्रम में कतई न रहें कि उसी शेयर को खरीदकर और बेचकर आपको भी अच्छा दाम मिले।
7. शेयर बाजार की अफवाहों और प्रसार माध्यमों में पढ़कर, किसी भी कंपनी के बारे में सुनकर निवेश न करें। कंपनी के बारे में संपूर्ण जानकारी कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध होती है। इसे अच्छी तरह से पढ़कर ही निर्णय लें।
8. निवेश लंबे समय का खेल है, लेकिन जिसे इंट्रा डे-ट्रेडिंग कहते हैं, वह एक सट्टा है। इसमें शेयर जल्दी खरीदकर बेचने की प्रक्रिया होती है। इसीलिए निवेश और सट्टे के फर्क को समझें। डे-ट्रेडिंग में बहुत जोखिम होता है। इसमें सात सूत्र में छिपी निवेश की सफलता आपकी बचत की रकम पूरी तरह से डूब भी सकती है।
9. जब भी शेयर खरीदें, लंबे समय के लिए खरीदें। अगर आपके दाम आज कम होते हैं तो भविष्य में बढ़ने के आसार भी होते हैं। इसके बावजूद अगर बीच सात सूत्र में छिपी निवेश की सफलता में ही अच्छा मुनाफा मिल रहा है तो प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए। कम-से-कम 50 प्रतिशत शेयर मुनाफा लेकर बेच दें। अगर कोई कमजोर साख की कंपनी के शेयर लिये हैं तो उसका नुकसान उठाने के लिए भी तैयार रहें।
10. शेयर बाजार बहुत ही संवेदनशील होता है। उस पर हर तरह की घटना का प्रभाव पड़ता है। जैसे कि अमेरिका के अर्थतंत्र का, राजकीय घटनाओं, महँगाई, कंपनियों के परिणामों, एशियन मार्केट्स, उद्योगों का प्रभाव, इसलिए उसमें उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी सात सूत्र में छिपी निवेश की सफलता रहती है। आपको तो सिर्फ अपने शेयर के बारे में जानकारी रखनी होती है, इंडेक्स के बारे में नहीं। अगर आपके शेयर अच्छी कंपनी के हैं तो फिर से बढ़ेंगे।
सात सूत्र में छिपी निवेश की सफलता-Share Market Me Invest Karne Ke Tarike
शेयर बाजार की आधारभूत वास्तविकताओं को समझ लिया जाए तो असफलताओं को टालकर सफलता हासिल की जा सकती है। पेश हैं निवेश के सात बुनियादी सूत्र—
Gold Rate Today : क्रिप्टोक्यूरेंसी के बीच सोना इस कारण मुनाफे का सौदा, ये है सात सूत्र में छिपी निवेश की सफलता आज का भाव
Gold Rate Gold Price Today in Meerut रुस यूक्रेन युद्ध के बीच जहां शेयर बाजार और क्रिप्टोक्यूरेंसी में गिरावट जारी थी। वहीं सोने के भाव तेजी से बढ़ रहे थे। सोने के भाव में तेजी का कारण इसमें छोटे निवेशकों की रूचि थी। जो कि सोने में निवेश कर रहे थे। कोरोना संक्रमण काल में भी सोना अच्छे निवेश का सौदा साबित हुआ।
Gold Rate Today : क्रिप्टोक्यूरेंसी की अनिश्चिता के बीच सोना इस कारण है मुनाफे का सौदा,ये है आज का भाव
Gold Rate Gold Price Today in Meerut मेरठ के सराफा बाजार में आज सोना चांदी की कीमतें स्थिर हैं। 24 कैरेट सोना आज 53000 हजार रुपये प्रति दस ग्राम और 99 प्रतिशत शुद्ध चांदी की कीमत 69510 रुपये प्रति किग्रा है। यानी शनिवार से सोना चांदी के दाम स्थिर है। सोना अपने सुरक्षित मुनाफे के साथ हमेशा निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। जबकि बॉन्ड या शेयर बाजार जोखिम और अनिश्चिता से इनमें छोटे निवेशकों की रूचि में गिरावट आई है। सबसे सुरक्षित वित्तीय साधन होने के कारण पीला सोना छोटे गैर-पेशेवर निवेशकों की पहली पसंद है। यूनाइटेड ज्वैलर्स एंड मनुफैक्चर्स फेडरेशन के अध्यक्ष डा0 संजीव अग्रवाल का कहना है कि शेयर बाजार के ढहने और क्रिप्टोक्यूरेंसी की गिरावट के साथ सोना अपने सुरक्षित मुनाफे और रिटर्न से पक्ष लेता है जबकि बॉन्ड यील्ड गिरती है।
पीली धातु में निवेशकों की रूचि बढ़ी
ब्रोकरेज कमीशन या खरीद की छिपी लागत के बिना पीली धातु में रुचि कई गुना बढ़ गई है। सोने की कीमतों में वृद्धि सकारात्मक विकासशील अर्थव्यवस्था का संकेत है। सोना नकद अर्थव्यवस्था का एक प्रत्यक्ष प्रतिस्थापन है जिसे निवेशक कभी भी कहीं भी परिसमाप्त कर सकते हैं जबकि शेयर बाजार में निवेश में ऐसा नहीं है। चैम्बर फॉर डेवलोपमेन्ट एंड प्रोमोशन ऑफ एमएसएमई के सचिव आशुतोष अग्रवाल ने बताया कि मुद्रास्फीति के खिलाफ सात सूत्र में छिपी निवेश की सफलता सोना सुरक्षात्मक ढाल है। जब मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो मुद्रा का मूल्य नीचे चला जाता है। लंबी अवधि में, लगभग सभी प्रमुख मुद्राओं में सोने के मुकाबले मूल्य में गिरावट आई है। इसलिए, लोग सोने के रूप में पैसा रखना पसंद करते हैं। ऐसे समय में जब मुद्रास्फीति उच्च बनी रहती है, खासकर जब यह उच्च दोहरे अंकों में होती है, अर्थव्यवस्था में लंबी अवधि में, सोना मुद्रास्फीति की स्थिति के खिलाफ एक बचाव बन जाता है।
सोना निवेशकों को देता है सुरक्षा
सोना उन कुछ संपत्तियों में से एक है जो मूर्त है, और इस प्रकार, यह निवेशकों के बीच सुरक्षा की धारणा बनाता है। अचल संपत्ति जैसी अन्य मूर्त संपत्ति खरीदने की तुलना में सोना खरीदना बहुत आसान है। इसके अलावा, इस सुविधा के कारण, जबकि डिजिटल रूप से संग्रहीत संपत्ति हैकिंग और अन्य दुरुपयोग के लिए प्रवण होती है, सोना ऐसी चिंताओं से मुक्त होता है। धन की कमी होने पर, व्यक्ति बैंकों या किसी वित्त प्रदाता से सोने के बदले ऋण भी ले सकता है।
Gold Rate Today : क्रिप्टोक्यूरेंसी के बीच सोना इस कारण मुनाफे का सौदा, ये है आज का भाव
Gold Rate Gold Price Today in Meerut रुस यूक्रेन युद्ध के बीच जहां शेयर बाजार और क्रिप्टोक्यूरेंसी में गिरावट जारी थी। वहीं सोने के भाव तेजी से बढ़ रहे थे। सोने के भाव में तेजी का कारण इसमें छोटे निवेशकों की रूचि थी। जो कि सोने में निवेश कर रहे थे। कोरोना संक्रमण काल में भी सोना अच्छे निवेश का सौदा साबित हुआ।
Gold Rate Today : क्रिप्टोक्यूरेंसी की अनिश्चिता के बीच सोना इस कारण है मुनाफे का सौदा,ये है आज का भाव
Gold Rate Gold Price Today in Meerut मेरठ के सराफा बाजार में आज सोना चांदी की कीमतें स्थिर हैं। 24 कैरेट सोना आज 53000 हजार रुपये प्रति दस ग्राम और 99 प्रतिशत शुद्ध चांदी की कीमत सात सूत्र में छिपी निवेश की सफलता 69510 रुपये प्रति किग्रा है। यानी शनिवार से सोना चांदी के दाम स्थिर है। सोना अपने सुरक्षित मुनाफे के साथ हमेशा निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। जबकि बॉन्ड या शेयर बाजार जोखिम और अनिश्चिता से इनमें छोटे निवेशकों की रूचि में गिरावट आई है। सबसे सुरक्षित वित्तीय साधन होने के कारण पीला सोना छोटे गैर-पेशेवर निवेशकों की पहली पसंद है। यूनाइटेड ज्वैलर्स एंड मनुफैक्चर्स फेडरेशन के अध्यक्ष डा0 संजीव अग्रवाल का कहना है कि शेयर बाजार के ढहने और क्रिप्टोक्यूरेंसी की गिरावट के साथ सोना अपने सुरक्षित मुनाफे और रिटर्न से पक्ष लेता है जबकि बॉन्ड यील्ड गिरती है।
पीली धातु में निवेशकों की रूचि बढ़ी
ब्रोकरेज कमीशन या खरीद की छिपी लागत के बिना पीली धातु में रुचि कई गुना बढ़ गई है। सोने की कीमतों में वृद्धि सकारात्मक विकासशील अर्थव्यवस्था का संकेत है। सोना नकद अर्थव्यवस्था का एक प्रत्यक्ष प्रतिस्थापन है जिसे निवेशक कभी भी कहीं भी परिसमाप्त कर सकते हैं जबकि शेयर बाजार में निवेश में ऐसा नहीं है। चैम्बर फॉर डेवलोपमेन्ट एंड प्रोमोशन ऑफ एमएसएमई के सचिव आशुतोष अग्रवाल ने बताया कि मुद्रास्फीति के खिलाफ सोना सुरक्षात्मक ढाल है। जब मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो मुद्रा का मूल्य नीचे चला जाता है। लंबी अवधि में, लगभग सभी प्रमुख मुद्राओं में सोने के मुकाबले मूल्य में गिरावट आई है। इसलिए, लोग सोने के रूप में पैसा रखना पसंद करते हैं। ऐसे समय में जब मुद्रास्फीति उच्च बनी रहती है, खासकर जब यह उच्च दोहरे अंकों में सात सूत्र में छिपी निवेश की सफलता होती है, अर्थव्यवस्था में लंबी अवधि में, सोना मुद्रास्फीति की स्थिति के खिलाफ एक बचाव बन जाता है।
सोना निवेशकों को देता है सुरक्षा
सोना उन कुछ संपत्तियों में से एक है जो मूर्त है, और इस प्रकार, यह निवेशकों के बीच सुरक्षा की धारणा बनाता है। अचल संपत्ति जैसी अन्य मूर्त संपत्ति खरीदने की तुलना में सोना खरीदना बहुत आसान है। इसके अलावा, इस सुविधा के कारण, जबकि डिजिटल रूप से संग्रहीत संपत्ति हैकिंग और अन्य दुरुपयोग के लिए प्रवण होती है, सोना ऐसी चिंताओं से मुक्त होता है। धन की कमी होने पर, व्यक्ति बैंकों या किसी वित्त प्रदाता से सोने के बदले ऋण भी ले सकता है।
राजस्थान में आग लगी तब कुआं खोदा, 730 पशुधन सहायकों को मिली नियमित नियुक्ति
लंपी स्किन रोग से देश में करीब 60 हजार पशुओं की मौत हो चुकी है, राजस्थान. हरियाणा, पंजाब सहित कई सूबों में यह बीमारी कहर बरपा रही है. इस बीच राजस्थान सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए 200 पशु चिकित्साधिकारियों को अस्थायी आधार पर नियुक्ति प्रदान की है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: ओम प्रकाश
Updated on: Sep 12, 2022 | 1:29 PM
लंपी स्किन रोग देश के सात राज्यों में इस कदर फैल चुका है कि वर्ल्ड डेयरी समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को इसका जिक्र करना पड़ रहा है. लेकिन, इस मसले केंद्र से लेकर राज्यों तक की लापरवाही किसी से छिपी नहीं है. देश में इस रोग से करीब 60 हजार गायों की मौत की खबर है. हालात ये हैं कि इससे प्रभावित लगभग सभी राज्यों में पशु डॉक्टरों और संबंधित कर्मचारियों के पद खाली हैं. यूपी जैसे बड़े सूबे में भी पशु डॉक्टर इस मामले में घोर लापरवाही बरत रहे हैं. दूसरी ओर लंपी स्किन रोग से सबसे ज्यादा प्रभावित राजस्थान में आग लगी तब कुआं खोदने वाला कदम उठाया गया है.
राज्य सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश में गोवंशों में फैल रही लंपी स्किन डिजीज की रोकथाम एवं पशु चिकित्सकीय सात सूत्र में छिपी निवेश की सफलता सेवाओं में बेहतरीन प्रबंधन के लिए कार्मिकों की संख्या में वृद्धि की गई है. पशुपालन विभाग ने रविवार को आदेश जारी कर 730 पशुधन सहायकों को नियमित नियुक्ति प्रदान की है. पशुपालन विभाग के मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि प्रदेश में लंपी से अतिरिक्त प्रभावित एवं रिक्तियों के आधार पर 18 जिलों में प्राथमिकता प्रदान करते हुए 730 पशुधन सहायकों के नियमित नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं.
बाकी पदों पर जल्द होगी भर्ती
कटारिया ने बताया कि इन नव नियुक्त पशुधन सहायकों को सात दिन में काम संभालना होगा. आदेश की कॉपी पशुपालन विभाग की वेबसाईट पर अपलोड कर दी गई है. पशुपालन मंत्री ने बताया कि मार्च 2022 में जारी विज्ञप्ति के अनुसार 1136 पदों पर पशुधन सहायक भर्ती में नव सृजित तीन सौ पशुधन सहायकों के पदों को शामिल किए जाने का निर्णय कर यह भर्ती 1436 पदों पर की गई है. उन्होने बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड से सफल अभ्यर्थियों की सूची प्राप्त होने पर शेष रहे पदों पर यथाशीघ्र नियुक्ति आदेश जारी किए जा सकेंगे.
200 डॉक्टरों की अस्थाई नियुक्ति
उल्लेखनीय है कि गोवंश में फैल रही लंपी स्किन डिजीज की रोकथाम एवं बेहतर उपचार के लिए हाल ही में पशुपालन विभाग ने 200 पशु चिकित्साधिकारियों को अस्थायी आधार पर नियुक्ति प्रदान की गई है. लंपी रोग राजस्थान के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली सहित कई सूबों में फैला हुआ है. हरियाणा और राजस्थान में वैक्सीनेशन तेजी से हो रहा है.
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उधर, वर्ल्ड डेयरी समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले कुछ समय में भारत के अनेक राज्यों में लंपी नाम की बीमारी से पशुधन की क्षति हुई है. विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार इसे कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है. हमारे वैज्ञानिकों ने इस बीमारी की स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर ली है.