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बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं

बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं

भारत में बंद हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी, बिटकॉइन में निवेश किया है तो क्या करें?

सूत्रों की मानें तो डिजिटल करेंसी बिल 2021 लगभग तैयार है और सरकार इसी संसद सत्र में उसे पेश कर देगी।

बिटकॉइन की तेजी ने पूरी दुनिया की आंखें चकाचौंध करी दी है। भारत में भी बिटकॉइन या इसके जैसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की कमी नहीं है। लेकिन अब इन सभी लोगों को बड़ा झटका लग सकता है। सूत्रों की मानें तो डिजिटल करेंसी बिल 2021 लगभग तैयार है और सरकार इसी संसद सत्र में उसे पेश कर देगी। इस बिल में क्रिप्टोकरेंसी को भारत में बैन करने के साथ - साथ इसकी ट्रेडिंग, माइनिंग, ट्रांसफर और होल्डिंग को कानूनन अपराध बनाया जा सकता है। तो क्या होगा अब तक के निवेश का, क्या भारत में किसी भी तरह की डिजिटल करेंसी नहीं चलेगी। इन्ही सब बातों पर आज चर्चा होगी।

भारत में बिटकॉइन होगा बंद?

भारत में बिटकॉइन पर बैन लग सकता है। बजट सत्र में नया बिल पेश होगा। डिजिटल करेंसी बिल 2021 तैयार है। इसके तहत किसी भी तरह की क्रिप्टोकरेंसी बैन होगी। क्रिप्टो की माइनिंग और ट्रांसफर अपराध होगा। सरकार अपनी डिजिटल करेंसी लाएगी। RBI के जरिए ये डिजिटल करेंसी आएगी। फिलहाल बिल फाइनल नहीं हुआ है।

बिटकॉइन निवेश का क्या होगा?

निवेश से निकालने का मौका मिल सकता है। इसके लिए 3-6 महीने का वक्त मिल सकता है। निवेशकों को पेनाल्टी चुकानी पड़ सकती है। क्रिप्टोकरेंसी रखना अपराध होगा। सभी ट्रेडिंग एक्सचेंज बैन होंगे। इसके रखने, बेचने को अपराध बनाया जाएगा। माइनिंग और ट्रांसफर भी दंडनीय अपराध होगा। इस तरह के मामलों में जुर्माना और कैद दोनों का प्रावधान होगा।

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश

इसमें 2020 में 2.4 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ। भारत में 2019 में 50 लाख डॉलर का निवेश हुआ।

बिटकॉइन में रिटर्न

आज का इसका भाव करीब 35 लाख रुपए पर पहुंचा है। 2021 में 35 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न मिला है। इसने 2021 में 49,695 डॉलर का लाइफ टाइम हाई बनाया है। पिछले साल अप्रैल से अब तक इसने 800 फीसदी रिटर्न दिया है।

बिटकॉइन की लहर

Tesla इसमें 1.5 बिलियन डॉलर का निवेश करने जा रहा है। Tesla अपने प्रोडक्ट्स का पेमेंट बिटकॉइन में स्वीकार करेगा। इस साल Mastercard क्रिप्टो करेंसी में व्यापारियों को भुगतान स्वीकार करने देगा। डिजिटल करेंसी को सपोर्ट देने की तैयारी है।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी कारोबर

बिल 29 जनवरी को लिस्ट बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं हुआ। डिजिटल करेंसी का विधायी ढांचा बनाने की प्रक्रिया ऑफिशियल हुई। संबंधित मंत्रायलों ने मसौदा बनाने का काम शुरु किया। क्रिप्टो करेंसी में व्यापार की बात करें तो बाजार को प्राइवेट करेंसी की परिभाषा का इंतजार है। क्रिप्टोकरेंसी को पब्लिक ब्लॉकचेन कहा जाता है। डिजिटल करेंसी में भारत का 1 बिलियन डॉलर का निवेश है। 8 मिलियन से ज्यादा निवेशक हैं।

Cryptocurrency: भारत में बिटकॉइन वैध या अवैध? सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से क्रिप्टोकरेंसी पर अपना रुख साफ करने को कहा

Cryptocurrency: भारत में बिटकॉइन वैध या अवैध है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से अपना रुख साफ करने को कहा है. इससे पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने पर अंतिम निर्णय उचित परामर्श के बाद लिया जाएगा.

Updated: February 25, 2022 2:59 PM IST

cryptocurrency bitcoin

Cryptocurrency | Bitcoin | Supreme Court: कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं से भारत में बिटकॉइन (Bitcoin) के उपयोग की वैधता पर अपना रुख स्पष्ट करने का आग्रह किया. न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष अदालत ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है.

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इससे पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने पर अंतिम निर्णय उचित परामर्श के बाद लिया जाएगा. सीतारमण ने राज्यसभा में बजट में सवाल का जवाब देते हुए कहा, “क्रिप्टोक्यूरेंसी पर प्रतिबंध लगाने पर सलाह लेने के बाद फैसला लिया जाएगा. क्रिप्टोकरेंसी को वैध या प्रतिबंधित करने के लिए कुछ भी नहीं करना (चाहे वह हो) वैध या नाजायज, यह एक अलग सवाल है.”

देश में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर स्पष्टीकरण देते हुए, सीतारमण ने कहा, “सरकार टैक्स लगाएगा क्योंकि यह उसका संप्रभु अधिकार है”. मंत्री क्रिप्टोक्यूरेंसी पर कांग्रेस सदस्य छाया वर्मा द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दे रही थीं. वर्मा ने क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाने की वैधता के बारे में पूछा था.

गौरतलब है कि 1 फरवरी को अपने बजट भाषण में, सीतारमण ने कहा था कि केवल आरबीआई द्वारा जारी ‘डिजिटल रुपया’ को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी, और सरकार 1 अप्रैल से किसी भी अन्य निजी डिजिटल संपत्ति से होने वाले लाभ पर 30 प्रतिशत कर लगाएगी.

बजट 2022-23 में एक साल में 10,000 रुपये से अधिक की आभासी मुद्राओं के भुगतान और प्राप्तकर्ता के हाथों ऐसे उपहारों के कराधान पर एक प्रतिशत टीडीएस का प्रस्ताव किया गया है. विशिष्ट व्यक्तियों के लिए टीडीएस की सीमा 50,000 रुपये प्रति वर्ष होगी, जिसमें ऐसे व्यक्ति/एचयूएफ शामिल हैं जिन्हें आई-टी अधिनियम के तहत अपने खातों का ऑडिट कराना आवश्यक है.

साथ ही, ऐसी संपत्तियों में लेनदेन से आय की गणना करते समय किसी भी व्यय या भत्ते के संबंध में कोई कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसने यह भी निर्दिष्ट किया है कि आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाले नुकसान को किसी अन्य आय के खिलाफ सेट-ऑफ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा: बिटक्वाइन को लेकर स्पष्ट रुख अपनाएं, बताएं यह वैध है या अवैध

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि भारत मे बिटकॉइन वैध है या नहीं। 2018 में सामने आए बिटकॉइन फ्रॉड के एक मामले के आरोपियों को जांच में सहयोग करने का निर्देश देते हुए कोर्ट ने यह सवाल पूछा है।

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि भारत मे बिटकॉइन वैध है या नहीं। 2018 में सामने आए बिटकॉइन फ्रॉड के एक मामले के आरोपियों को जांच में सहयोग करने का निर्देश देते हुए कोर्ट ने यह सवाल पूछा है। 4 हफ्ते बाद मामले की अगली सुनवाई होगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 1 फरवरी 2022 को पेश किए गए आम बजट में बिटक्वाइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा की थी। इसके साथ ही किसी भी प्रकार के क्रिप्टो असेट के ट्रांजैक्शन पर एक फीसदी टीडीएस लगाने का एलान किया गया था।

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि भारत मे बिटकॉइन वैध है या नहीं। 2018 में सामने आए बिटकॉइन फ्रॉड के एक मामले के आरोपियों को जांच में सहयोग करने का निर्देश देते हुए कोर्ट ने यह सवाल पूछा है। 4 हफ्ते बाद मामले की अगली सुनवाई होगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 1 फरवरी 2022 को पेश किए गए आम बजट में बिटक्वाइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा की थी। इसके साथ ही किसी भी प्रकार के क्रिप्टो असेट के ट्रांजैक्शन पर एक फीसदी टीडीएस लगाने का एलान किया गया था।

बिटकॉइन जैसी करेंसी का भविष्य भारत में कब तय करेगी सरकार?

बिटकॉइन

पिछले बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं कुछ सालों से डिजिटल मुद्राओं की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है जिन्हें ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए इस्तेमाल किया जाता है. ये डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं इसलिए उन्हें क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं.

दुनिया भर में मुद्राओं को देश के केंद्रीय बैंक नियंत्रित करते हैं लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के मामले में ऐसा नहीं है, इसका नियंत्रण इसकी ख़रीद-बिक्री करने वाले लोगों के हाथों में सामूहिक तौर पर होता है.

यही वजह है कि ज़्यादातर देशों की सरकारें या तो इन्हें ग़ैर-कानूनी मानती हैं या इन्हें किसी न किसी रूप में नियंत्रित करने की कोशिश कर रही हैं.

भारत, चीन और अमेरिका जैसे देशों के विपरीत दक्षिण अमेरिका के देश अल सल्वाडोर ने अब इसके इस्तेमाल पर क़ानूनी मुहर लगा दी है.

हालांकि जब क़ानूनी तौर पर क्रिप्टोकरेंसी के कार्यान्वयन के लिए अल सल्वाडोर ने विश्व बैंक से तकनीकी मदद मांगी तब विश्व बैंक ने इसे मानने से इनकार कर दिया और कहा कि इसे ले कर पारदर्शिता और पर्यावरण संबंधी चिंताएं हैं.

इधर दूसरी ओर, चीन ने मनी-लॉड्रिंग के इल्ज़ाम में अब तक क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े 1100 लोगों को गिरफ़्तार किया है.

चीन ने डिजिटल करेंसी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इस क्षेत्र में कदम रखा है, हालाँकि क्रिप्टोकरेंसी पर सरकारों का नियंत्रण नहीं होता लेकिन चीन ने जो डिजिटल करेंसी शुरू की है उस पर पूरा सरकारी नियंत्रण है.

दरअसल, डिजिटल युआन परंपरागत युआन करेंसी की ही केवल डिजिटल शक्ल है. इसे चीन के कुछ शहरों में प्रयोग के तौर पर पिछले साल लांच किया गया था. अमेरिका भी डिजिटल डॉलर शुरू करने के बारे में विचार कर रहा है.

इमेज स्रोत, Getty Images

भारत और क्रिप्टोकरेंसी

क्रिप्टोकरेंसी के ख़रीद-बिक्री के लिए भारत में इस समय 19 क्रिप्टो एक्सचेंज मार्केट हैं जिनमें वज़ीरएक्स का नाम पिछले दिनों सुर्ख़ियों में था.

केंद्र सरकार के एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ने वज़ीरएक्स के संस्थापक और निदेशक निश्चल शेट्टी को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 के क़ानून के तहत 2,971 करोड़ रुपये के क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन का हिसाब देने को कहा है.

ईडी ने वज़ीरएक्स पर अपने उपयोगकर्ताओं की 'नो योअर कस्टमर' (केवाईसी) यानी ग्राहक वेरिफ़िकेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ नहीं लेने का आरोप लगाया है. ईडी के अनुसार, वज़ीरएक्स का इस्तेमाल कुछ चीनी नागरिकों ने अपने वज़ीरएक्स वॉलेट में राशि जमा करके किया. वज़ीरएक्स के संस्थापक शेट्टी ने जवाब में तीन ट्वीट किए और इस इल्ज़ाम को नकारते हुए ईडी के साथ पूरा सहयोग का वादा किया.

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी कोई सरकारी गाइडलाइन या नियम-कानून मौजूद नहीं हैं. यही वजह है कि वज़ीरएक्स जैसे मामलों में बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं अभी सिर्फ़ केवाईसी के नियमों का पालन नहीं करने को लेकर नोटिस भेजा गया है.

भारत सरकार संसद के अगले सत्र में क्रिप्टोकरेंसी की निगरानी के लिए एक बिल पेश कर सकती है. वर्चुअल करेंसी को रेगुलेट करने पर सरकार की एससी गर्ग समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसके अलावा सरकार के पास कई मंत्रालयों की एक संयुक्त समिति की रिपोर्ट भी है.

जानकारों का कहना है कि एससी गर्ग समिति ने क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में पाबंदी लगाने की सलाह दी है. लेकिन मार्च में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिए थे कि वर्चुअल करेंसियों को केवल रेगुलेट किया जाएगा, उन पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा. सरकार इस समय दुविधा में नज़र आती है और इसका आख़िरी फैसला क्या है, इसका पता विधेयक के पेश किए जाने के बाद ही लगेगा.

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क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

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दुनिया में रुपए, डॉलर और यूरो जैसे नोटों की तरह पिछले 10-12 सालों में वर्चुअल दुनिया में कई मुद्राएँ सामने आई हैं और इनकी लोकप्रियता और संख्या दोनों तेज़ी से बढ़ती जा रही है. खास तौर पर युवा पीढ़ी में ये काफ़ी लोकप्रिय हैं.

मोटे तौर पर क्रिप्टोकरेंसी वर्चुअल या डिजिटल पैसा है जो टोकन या डिजिटल "सिक्कों" के रूप में होता है, क्रिप्टोकरेंसी को डिज़ाइन ही इस तरह किया गया है कि वह सरकारी नियमों और नियंत्रण से मुक्त रहे.

इस तरह की करेंसियों में सबसे चर्चित बिटकॉइन है, पिछले हफ़्ते एक बिटकॉइन की क़ीमत लगभग 30 लाख रुपए थी. दुनिया भर में दो करोड़ के क़रीब बिटकॉइन चलन में हैं जिनमें से दो हज़ार भारत में बताए जाते हैं.

इसकी क़ीमत में लगातार भारी उतार चढ़ाव दिख रहा है, कुछ जानकारों का कहना है कि यह अगले कुछ महीनों में इसकी वैल्यू 50 प्रतिशत गिर सकती है, तो कुछ दूसरे विशेषज्ञों का मानना है कि यह 30 लाख से बढ़कर 75 लाख तक हो सकता है.

इस तरह की इनक्रिप्टेड या कोडेड मुद्राओं की संख्या करीब चार हज़ार है लेकिन आम लोगों को सिर्फ़ बिटकॉइन का नाम पता है.

भारत में अभी आम लोगों को इसकी जानकारी बहुत कम है. दुनिया के कई देशों में भी हाल बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं कुछ ऐसा ही है. अगर गूगल ट्रेंड्स पर नज़र डालें तो 'बिटकॉइन' टर्म सर्च करने वाले लोगों की तादाद तेज़ी से बढ़ती जा रही है यानी लोगों की दिलचस्पी इसमें बढ़ रही है.

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क्रिप्टो और ब्लॉकचेन

क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन नामक टेक्नोलॉजी पर आधारित है. प्रवीन विशेष सिंगापुर में एक बड़े हेज फंड के पोर्टफ़ोलियो मैनेजर हैं. उनका काम करेंसी व्यापार से जुड़ा है.

बीबीसी से बातचीत में वो कहते हैं, "ब्लॉकचेन भविष्य का टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म है. ये वो मंच है जिस पर क्रिप्टो मुद्राओं का लेन-देन होता है. ब्लॉकचेन जानकारी को रिकॉर्ड करने की एक प्रणाली है जिसमें जानकारी को बदलना या हैक करना लगभग असंभव है."

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में लियोनार्ड कुकोस क्रिप्टोकरेंसी के विकास के समर्थक और निवेशक हैं. इस काम में वो बहुत सक्रिय हैं. वो ब्लॉकचेन जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञ भी हैं.

उन्होंने बीबीसी के सवालों के जवाब में कहा, "सरल शब्दों में, ब्लॉकचेन एक विशेष प्रकार का डेटाबेस है जिसे डिस्ट्रीब्यूटेड खाता कहा जाता है जो डिजिटल लेनदेन को रिकॉर्ड करता है ताकि इसे बदलना, हैक करना या फ्रॉड करना लगभग असंभव हो. यह विशेष है क्योंकि सभी लेन-देन कंप्यूटरों के विशाल नेटवर्क में एन्क्रिप्टेड, कॉपीड और ड्रिस्ट्रीब्यूटेड होते हैं."

वो आगे कहते हैं, "इन कंप्यूटरों को नोड कहा जाता है, और उनका मुख्य काम हर लेन-देन को मान्यता देना और दर्ज करना होता है. हर कोई एक नोड हो सकता है, फिर भी नेटवर्क पर किसी का पूरा नियंत्रण नहीं हो सकता है इसलिए ब्लॉकचैन एक विकेन्द्रीकृत प्रणाली है".

क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन दोनों एक दूसरे से जुदा हैं लेकिन इनका अटूट रिश्ता भी है. जैसा कि लियोनार्ड कहते हैं, "ब्लॉकचेन एक पसरा हुआ बही-खाता है, जबकि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी उसी खाते के मुताबिक़ डिज़ाइन किए गए हैं. बिटकॉइन बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं अपने ब्लॉकचेन के बिना मौजूद नहीं हो सकता, हालांकि ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग क्रिप्टोकरेंसी के अलावा दूसरी चीज़ों में भी होता है."

बिटकॉइन अकेली क्रिप्टोकरेंसी नहीं है, इथेरियम, टीथर, कार्डानो, पोल्काडॉट, रिपल और डोजकॉइन जैसी और भी कई क्रिप्टोकरेंसी भी चलन में हैं जिनमें हर साल अरबों डॉलर के लेन-देन होते हैं.

हालांकि क्रिप्टोकरेंसी के बाज़ार में बिटकॉइन सबसे पहले आने वाली, सबसे महंगी और सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी है. बिटकॉइन को 2009 में लांच किया गया था और आज इसका मार्केट कैप $732 अरब डॉलर है, यानी अकेले बिटकॉइन कई देशों के सकल घरेलू उत्पाद से ज़्यादा है.

इन दिनों एक बिटकॉइन की क़ीमत 30 लाख रुपए है. हाल में जब टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क ने घोषणा की कि उनकी कंपनी कारों के पेमेंट बिटकॉइन करेंसी में नहीं स्वीकार करेगी तो बिटकॉइन की क़ीमत 45 लाख रुपए से 25 लाख रुपये प्रति बिटकॉइन हो गयी. अब धीरे-धीरे इसका मूल्य एक बार फिर बढ़ रहा है.

Bitcoin लीगल है या नहीं? Crypto ठगी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से किया सवाल

Bitcoin के लीगल स्टेटस का मुद्दा एक आपराधिक मामले में सामने आया है। यहां एक आरोपी पर क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में लोगों को ठगने का आरोप लगा है।

  • Mohammad Faisal
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  • Updated: February 26, 2022 11:40 AM IST

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भारत सरकार ने बजट 2022 पेश करते हुए डिजिटल ऐसेट की ट्रेडिंग से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर (tax) लगाया। इस कैटेगरी में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और NFT शामिल होंगे। टैक्स के बाद सरकार ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के वैध या अवैध होने पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अब भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से देश में बिटकॉइन (Bitcoin) की कानूनी स्थिति पर स्पष्टता मांगी है। Also Read - Bitcoin की वैल्यू में एक बार फिर हुई बड़ी गिरावट, कीमत जानकर हैरान रह जाएंगे आप

Bitcoin का लीगल स्टेटस

Bitcoin के लीगल स्टेटस का मुद्दा एक आपराधिक मामले में सामने आया है। यहां एक आरोपी पर क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में लोगों को ठगने का आरोप लगा है। केस सुनवाई के दौरान जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने आरोपी को अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की, लेकिन साथ ही सरकार से क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी स्थिति पर अधिक स्पष्टता की मांग की। Also Read - Apex Legends Mobile कर बैठा गलती, वक्त से पहले जोड़ दिया Crypto लेजेंड

ET की खबर के मुताबिक, जस्टिस सूर्य कांत ने मामले में उपस्थित एएसजी ऐश्वर्या भट्टी से कहा, “आपको कानूनी स्थिति (बिटकॉइन पर) स्पष्ट करनी चाहिए।” Also Read - Top 5 Stable Coins: Tether (USDT) से TrueUSD (TUSD) तक टॉप 5 स्टेबल Cryptocurrency, जिनकी कीमत रहती है डॉलर के बराबर

क्या है Cryptocurrency ठगी का मामला?

इस केस में दो भाइयों अमित भारद्वाज और अजय भारद्वाज पर बिटकॉइन से जुड़ा ठगी का आरोप लगा है। दोनों भाइयों ने कथित तौर पर बिटकॉइन पर भारी मुनाफे के बदले निवेशकों से धन एकत्र किया। इन्होंने आरोपों से इनकार किया है.

अमित भारद्वाज को मार्च 2018 में पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था और 3 अप्रैल, 2019 को शीर्ष अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया था। अमित को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी, जिस दौरान इनकी दिल का दौरा पड़ने के कारण मृत्यु हो गई। एएसजी भट्टी ने कहा कि अजय भारद्वाज जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

इन्होंने कहा कि इस मामले में 87,000 बिटकॉइन शामिल हैं और आरोपी को कई नोटिस जारी किए जा चुके हैं। यह भारत की ओर से इस तरह का पहला घोटाला है। ईडी ने शुरुआती घोटाले के अनुमानों को 2,000 करोड़ से संशोधित कर 20,000 करोड़ रुपये कर दिया है।

मामले की सुनवाई करने वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आरोपी को जांच अधिकारी से मिलने और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही आईओ को चार सप्ताह में मामले पर एक नई स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।

  • Published Date: February 26, 2022 11:39 AM IST
  • Updated Date: February 26, 2022 11:40 AM IST

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