टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं

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शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए कुछ टिप्स | free share market tips
शेयर बाजार अनिश्चितता का बाजार है यहाँ पर हर एक चीज अनिश्चित इसको अंग्रेजी में बोलते हैं uncertain .
जब कोई चीज निश्चित नहीं है तब आप उसको टिप्स के जरिए कैसे निश्चित बना सकते हैं.
स्टॉक मार्केट एनालिसिस का गेम है.
क्योंकि जहां पर एनालिसिस ही आपके काम आती है और स्टॉक मार्केट अनुमान के आधार पर चलता है अनुमान क्या कहता है कि कल मार्केट गिरेगा या अनुमान यह कहता है कि कल मार्केट बढ़ेगा लेकिन कोई भी दावा नहीं कर सकता अगर दावा करता है तो टिप्स देने वाला करता है.
चलिए कुछ टिप्स हम बताते हैं जो आपको करनी है स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने से पहले करने से पहले।
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सबसे पहली टिप्स आप किसी से भी टिप्स ना लें.
ना ही किसी टिप्स देने वाले को फॉलो करें। फॉलो करने का मतलब वह आपसे बोलता है कि आप हमारी कॉल को कुछ दिन तक फ्री में इस्तेमाल करें आप हमारे टेलीग्राम पर आए या आप हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े ऐसा बिल्कुल भी ना करें चाहे वह आपसे करोड़ों टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं रुपए बनाने का वादा क्यों ना करें इससे आप पूरी तरीके से दूर रहें।
आप किसी को अपना मेंटर बना सकते हैं आप जैसे आप किसी पुराने व्यक्ति प्रचलित उनकी किताबें पढ़ सकते हैं या उनके पुराने वीडियो देख करके उनसे सीख सकते हैं आप सबसे अच्छा आप उनकी किताबें पढ़ें तो उससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
टीवी वाले विज्ञापन से दूर रहे टीवी वाली कॉल से भी दूर रहें क्योंकि यह लोग जो स्टॉक चर्चा में बना रहता है या जो स्टॉक बहुत तेजी से बढ़ रहा होता है यह लोग सिर्फ उसी की चर्चा करते हैं उसी पर डिस्कशन करते हैं जो स्टॉक गिर जाता है यह लोग उस पर चुप्पी साध लेते हैं और उस पर बात नहीं करते।
अगर इनके द्वारा दी गई कोई कॉल या फिर कोई टिप्स सही काम कर जाती है तब फिर यह दोबारा चर्चा करेंगे लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो यह लोग उस पर चर्चा नहीं करते हैं.
किसी एक मेंटर को ही सही तरीके से फॉलो करें अलग-अलग मेंटर अगर आप बनाएंगे तो अलग अलग मेंटर अपनी अलग अलग तरीके की स्ट्रेटेजी बताएगा आप फिर कंफ्यूज हो जाएंगे और आपको कोई भी स्ट्रेटेजी सही तरीके से काम नहीं करेगी। इसलिए सिर्फ एक ही मेंटर बनाए और एक ही स्ट्रेटेजी पर काम करें
Free trading tips for new
इससे पहले वाले स्टेप में मैंने बताया कि आप मेंटर की strategy को फॉलो करें लेकिन उससे बड़ी बात यह है कि आप मेंटर की strategy को ना फॉलो करके अपनी खुद की strategy बनाएं मतलब की सिर्फ उनके बताए गए बातों को ही फॉलो करें।
हमेशा ट्रेडिंग के बनाए गए जो रूल है उनको फॉलो करें प्रॉफिट की तरफ बिल्कुल भी आपका ध्यान नहीं जाना चाहिए आपका ध्यान हमेशा पैसा बचाने की तरफ जाना चाहिए आपका पैसा अगर बचा रहेगा तब आपका प्रॉफिट अपने आप आता रहेगा या आना शुरु करेगा धीरे-धीरे इसलिए स्टॉक मार्केट में आपको हमेशा पैसा बचाने की तरफ ध्यान देना चाहिए और पैसा बचाने के लिए अपनी खुद की स्ट्रेटेजी बनानी चाहिए।
Risk and Reward investing and trading
अपने द्वारा बनाए गए Risk और Reward का अनुपात हमेशा फॉलो करें जैसे 1:3
यह अनुपात बताता है कि आपका रिस्क का प्रतिशत एक है और रिकॉर्ड का प्रतिशत 3
मतलब अगर आप दिन में 4 ट्रेड लेते हैं तब आपका एक ट्रेड गलत हो जाता है तो कम से कम आप के तीन ट्रेड सही होने चाहिए।
या आप स्टॉक को भी खरीदते हैं थोड़े समय के लिए तब आप के स्टॉक का परसेंटेज भी इसी अनुपात में होना चाहिए।
यह अनुपात सिर्फ ट्रेडिंग के लिए ही नहीं है यह अनुपात आपका स्टॉक को जो आप खरीद कर होल्ड करते हैं उसके लिए भी है.
support and resistance trading strategy and indicator
अगर आप ट्रेडर है और ट्रेड करते हैं तब आपको सपोर्ट का और रेजिस्टेंस का बहुत अच्छी तरीके से ज्ञान होना चाहिए।
इसके लिए कम से कम 3 साल पुराना चार्ट की स्टडी करें और उस पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस की लाइन खींच ले जिससे आपको पता लगता रहेगा समय-समय पर यह स्टॉक कहां-कहां पर बाधा में फस रहा है और कहां पर यह नीचे गिरने पर वापस आ रहा है.
सपोर्ट और रजिस्टेंस के जरिए आप अपना टारगेट और स्टॉपलॉस उसी के हिसाब से आपको लगाना चाहिए और यह निश्चित कर लेना चाहिए कि हमारा यह टारगेट है और इसके नीचे जाएगा तो हमारा यह स्टॉपलॉस है.
अगर आपको आपके टारगेट के हिसाब से आपका प्रॉफिट आ जाता है तो आपको वहां से निकल जाना चाहिए और अगर स्टॉक आप के अनुमान के हिसाब से नीचे गिरता जा रहा है तब वहां से भी आपको अपना नुकसान काट कर निकल जाना चाहिए।
अगर आप पोजीशनल ट्रेडिंग लेते हैं या स्टॉक में खरीदते हैं कुछ समय के लिए तब आप को सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस के हिसाब से वहां पर टेक्निकल चार्ट जो बता रहा होता है उस हिसाब से आपको वहां पर ट्रेड लेने से पहले थोड़ा इंतजार करना चाहिए कम से कम 2 या 3 दिन का उसके लिए आपको जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए अगर आप जल्दी बाजी करते करते हैं तब आपका नुकसान हो सकता है क्योंकि स्टॉक वहां से दोबारा नीचे गिर सकता है और आपको वहां से फिर नुकसान काट के निकालना पड़ सकता है.
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स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल कैसे किया जाता है
टेक्निकल एनालिसिस आपको सही भाव पर खरीदने और बेचने का एक संकेत देती है.
जैसा कि मैंने आपको शुरुआत में ही बताया है कि स्टॉक मार्केट सिर्फ अनुमान के आधार पर चलता है तो अनुमान एक संकेत है और संकेत आपको टेक्निकल एनालिसिस के जरिए मिलते हैं.
आपको यहां पर कुछ टिप्स जाननी चाहिए जो टेक्निकल एनालिसिस के जरिए आपको समझ में रखनी चाहिए।
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आपको स्टॉक के प्राइस में जो उतार-चढ़ाव दिख रहा होता है लगातार वह आपको आकर्षित करता है ट्रेड लेने के लिए आपको इससे बचना चाहिए सिर्फ भाव को देखकर कभी भी ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए।
आपको कुछ मूविंग एवरेज के हिसाब से ट्रेडिंग करनी चाहिए।
Best moving average in stock market| moving average ko kaise samjhe
अगर आप 5- 6 महीने के लिए कोई स्टॉक खरीद रहे हैं तब आप कम से कम 200 days का moving average लगाकर ट्रेड करना चाहिए।
अगर कोई स्टॉक 200 दिन का मूविंग एवरेज से ऊपर ट्रेड करने लगे तब आपको उस में एंट्री लेने की बारे में सोचना चाहिए।
और अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग हैं तब आपको
दो मूविंग एवरेज , एक 9 दिन का और दूसरा 50 दिन का या फिर एक 7 दिन का या दूसरा 20 दिन का इस पर काम करना चाहिए
Rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल आपको यह बताता है कि स्टॉक ओवरसोल्ड हो गया टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं है या ओवरबॉट हो गया है
इसका मतलब यह है कि अगर स्टॉक में बहुत ज्यादा तेजी आ चुकी है तब आपको स्टॉक में खरीदारी करने के लिए इंतजार करना चाहिए
उसी तरह से अगर स्टॉक में बहुत ज्यादा गिरावट आ चुकी है तब भी आपको वहां पर खरीदारी करने का इंतजार करना चाहिए दोनों ही जगह आपको नुकसान हो सकता है क्योंकि दोनों ही जगह रिस्क है.
मूविंग एवरेज के अलावा super trend indicator का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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Margin trading kya hoti hai
आपको margin लेकर बहुत ज्यादा कभी भी ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए चाहे आपका दिल कितना भी करें क्योंकि आपको इसमें कभी ना कभी बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है.
मार्जिन ट्रेडिंग वह ट्रेडिंग होती है जिसमें ब्रोकर आपको पैसे देकर के ट्रेड करवाता है ऐसी ट्रेडिंग से बचना चाहिए।
स्टॉप लॉस का इस्तेमाल कैसे करें
हमेशा स्टॉपलॉस के साथ ट्रेड करना चाहिए। खासतौर से यह उन लोगों के लिए जो फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेड करते हैं हमारे बहुत सारे नए लोग बैंक निफ़्टी ऑप्शन में ट्रेड करते हैं अगर उन्होंने अपना स्टॉपलॉस नहीं लगाया तब किसी भी दिन उनका बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा तो इसलिए बिना स्टॉपलॉस के आपको कभी भी ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए।
किसी भी दूसरों की आईडिया दूसरों की स्ट्रेटेजी पर ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए
यह इसलिए होता है क्योंकि आपको पता ही नहीं होता है कि कब यह स्ट्रेटेजी काम करेगी या कब यह स्ट्रेटेजी फेल हो जाएगी
अगर आप इन सारे टिप्स को फॉलो करते हैं तब आपको काफी कुछ अपना पैसा खोने से बचा सकते हैं.
Types of Stock Trading in Hindi: शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कितने प्रकार से की जाती है? जानिए
Types of Trading in India: अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते है, तो पहले आपको यह जान लेना आवश्यक है कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है?(Types of Trading in Stock Market) इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है। (Types of Trading in Hindi)
Types of Stock Trading in Hindi: शेयर मार्केट ट्रेडिंग में रुचि रखने वालों के लिए अवसरों का सागर है। यह बहुत ही आकर्षक है अगर ट्रेडिंग में सही रणनीति का पालन किया जाए तो आप खूब सारा पैसा बना सकते है। लेकिन एक बात आपको समझना चाहिए कि आप किस प्रकार की रणनीति से स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते है। दरअसल शेयर market में ट्रेडिंग करने के बहुत सारे तरीके मौजूद है। तो अगर शेयर मार्केट में आप भी निवेश करना चाहते है, तो पहले आपको यह जान लेना आवश्यक है कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है?(Types of Trading in Stock Market) इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है। (Types of Trading in Hindi)
Types of Share Trading in India
1) इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
यह व्यापारियों द्वारा शेयर मार्केट में प्रचलित सबसे सामान्य प्रकार का व्यापार है। इंट्राडे ट्रेडिंग एक ही दिन के व्यापार को संदर्भित करता है। व्यापारियों को बाजार बंद होने से पहले उसी दिन अपने स्टॉक को बेचना और खरीदना या खरीदना और बेचना होता है। इस स्टाइल को "व्यापार बंद करना" के रूप में भी जाना जा सकता है। यह किसी भी अन्य फॉर्मेट की तुलना में हाई ROIs चाहने वालों के लिए सबसे एग्रेसिव प्रकार के व्यापार में से एक है।
2) स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
यह एक प्रकार का शार्ट टर्म ट्रेडिंग है जो आम तौर पर 2 दिनों से 2 सप्ताह के बीच रहता है। जब कोई स्टॉक या ऑप्शन में निवेश करना चाहता है तो स्विंग ट्रेडिंग एक अच्छा विकल्प है। टेक्निकल ट्रेडर्स और चार्टिस्ट जो टेक्निकल टूल का उपयोग करके शार्ट टर्म प्राइस मोमेंटम का निरीक्षण करना पसंद करते हैं, इस कैटेगरी में आते हैं। ओवरनाइट ट्रेडों में अधिक मार्जिन के कारण यहां आवश्यक पूंजी दिन के कारोबार की तुलना में अधिक है।
3) आर्बिट्रेज ट्रेडिंग (Arbitrage Trading)
आर्बिट्रेज ट्रेडिंग एक ऐसी शैली है जो दो या दो से अधिक बाजारों या एक्सचेंजों में मूल्य अंतर का लाभ उठाती है। यह केवल एक विशाल नेटवर्क वाली प्रमुख ट्रेडिंग फर्मों के लिए रिजर्व्ड है क्योंकि इसके लिए कई एनालिटिकल स्किल की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन अधिक नेटवर्क स्पीड की आवश्यकता होती है।
4) पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)
यह एक लंबी अवधि की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है। पोजीशनल ट्रेडर बाजार में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि उनकी दीर्घकालिक दृष्टि चीजों को सुलझाती है। व्यापारी हमेशा कंपनी के भीतर बड़े गेम चेंजर की तलाश में रहते हैं ताकि उन्हें उनका वांछित रिटर्न मिल सके, इसलिए होल्डिंग पीरियड सबसे महत्वपूर्ण चिंता का विषय नहीं है।
5) ऑप्शन स्ट्रेटेजीज (Options Strategies)
ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए एक ऑब्जेक्टिव और मैथमेटिकल टाइप की सोच की आवश्यकता होती है। चूंकि रणनीति बनाना एक कठिन खेल है, इसलिए किसी को अपनी रणनीति बनाने और उन्हें लागू करने में अच्छा बनने के लिए थोड़ा अभ्यास और समय की आवश्यकता हो सकती है। भारत में, बहुत कम ऑप्शन ट्रेडर्स हैं, ज्यादातर जागरूकता की कमी ऐसा नहीं कर पाते।
6) ट्रेड युसिंग टेक्निकल एनालिसिस (Trade using Technical Analysis)
स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस ट्रेडिंग की किसी भी रणनीति के लिए महत्वपूर्ण है। स्टॉक टेक्निकल एनालिसिस टूल का उपयोग आपको शेयर बाजार की मांग और आपूर्ति में निकट परिवर्तनों के बारे में बेहतर जानकारी दे सकता है। एक स्किल के रूप में टेक्निकल एनालिसिस होने से व्यापारियों को सफल दिन के व्यापारी, स्थितीय या यहां तक कि स्विंग व्यापारी बनने में मदद मिलती है।
7) मनी फ्लो बेस्ड ट्रेडिंग (Money Flow Based Trading)
Money Flow Based Trading ओपन इंटरेस्ट एनालिसिस, प्रमोटर डील, स्टेक सेल्स, ग्रॉस डिलीवरी डेटा, एफआईआई इनफ्लो और डीआईआई फ्लो इन और स्टॉक से बाहर पर निर्भर करती है। बाजार में आने वाले रुझानों की पहचान करने के लिए ऐसा डेटा आवश्यक है। यदि आपके पास पैसे के प्रवाह का विश्लेषण करने के लिए एक प्रवृत्ति है, तो यह आपके लिए सही प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति है।
8) ट्रेड ड्रिवेन बाई इवेंट्स (Trade Driven by Events)
इवेंट बेस्ड ट्रेडिंग एक कॉर्पोरेट इवेंट का लाभ उठाता है जो घटित हुई है या होने वाली है। यह विलय और अधिग्रहण, दिवालियेपन, कमाई कॉल आदि के समय बाजार की कीमतों में बदलाव का फायदा उठाने का प्रयास करता है। इस ट्रेडिंग स्टाइल को यह समझने के लिए टेक्निकल एनालिसिस स्किल की आवश्यकता होती है कि इस तरह के परिवर्तन किसी घटना के होने से पहले बाजार को कैसे प्रभावित करते हैं।
9) हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (High Frequency Trading)
हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग स्पीड के बारे में है। निवेश बैंक, संस्थागत व्यापारी, हेज फंड आदि हाई स्पीड वाले कंप्यूटरों का उपयोग हाई स्पीड पर बड़े आर्डर का लेन-देन करने के लिए करते हैं। चूंकि सब कुछ कंप्यूटर आधारित है, इसलिए एनालिसिस के लिए कोई जगह नहीं है और निष्पादन के लिए केवल क्विक कॉल है। इस प्रकार के व्यापार की सलाह व्यक्तियों को नहीं दी जाती है, लेकिन यदि आप रुचि रखते हैं, तो आप अपना स्वयं का फंड शुरू कर सकते हैं या इसके प्रोग्रामर के रूप में एक फंड में शामिल हो सकते हैं।
10) क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग (Quantitative Trading)
क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग क्वांटिटेटिव एनालिसिस पर आधारित है। यह क्वांट फाइनेंस का एक बहुत ही जटिल क्षेत्र है। Statistical या Mathematical बैकग्राउंड के बहुत से लोग कंप्यूटर एनालिसिस और नंबर क्रंचिंग का उपयोग करके अपना स्थान पाते हैं। एक इच्छुक व्यक्ति के पास अच्छी प्रोग्रामिंग और मैथमेटिकल स्किल होना चाहिए। यह सलाह दी जाती है कि आप इस स्टाइल को अपनाने से पहले रिसर्च करें।
शेयर बाजार में लगाए गए पैसे से हर निवेशक की अलग-अलग जरूरतें और मांगें होती हैं। शेयर बाजार में कोई निर्णायक बेस्ट ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी नहीं है क्योंकि सफलता उन्हें मिलती है जो अपनी शैली में इक्का-दुक्का होते हैं।
Swing Trading क्या है? | स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ?
दोस्तों आप में से बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में शेयर्स को खरीदने और बेचने में इन्वेस्टमेंट करते होंगे लेकिन क्या आपको पता है कि स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है और स्विंग ट्रेडिंग कैसे की जाती है अगर नही, तो आइये आज हम आपको स्विंग ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी लेते है तो जो कैंडिडेट स्विंग ट्रेडिंग बारे में पूरी जानकारी चाहते है वो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े.
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स्विंग ट्रेडिंग क्या है (What is Swing Trading in Hindi)
स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जहाँ पर ट्रेडर्स शेयर्स को टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं खरीदने के कुछ दिन के बाद बेचते हैं मतलब कि एक दिन से ज्यादा के लिए शेयर्स खरीदते हैं और थोड़े समय तक होल्ड करने के बाद दाम बढ़ने पर शेयर्स को बेच देते है जिससे उन्हें कुछ न कुछ फायदा हो जाता है.
एक अच्छी स्विंग ट्रेडर की ओप्पोर्चुनिटी को ढूंढने के लिए टेक्निकल एनालिसिस का और कभी-कभी फंडामेंटल एनालिसिस का भी उपयोग करता है साथ ही चार्ट के माध्यम से मार्केट ट्रेंड और पैटर्न्स का विश्लेषण करता है. स्विंग ट्रेडिंग को मंथली ट्रेडिंग भी कहा जाता है क्योंकि एक महीने के अंदर ही शेयर्स को खरीदना और बेचना होता है स्विंग ट्रेडिंग से महीने का 5% से 10% तक रिटर्न कमाया जा सकता है स्विंग ट्रेडिंग में टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग किया जाता है.
स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ?
स्विंग ट्रेडिंग शुरू करने के लिए किसी भी ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अमाउंट और डीमैट अकाउंट होना जरूरी होता है क्युकी ट्रेडिंग अकाउंट शेयर को खरीदने के लिए और डीमैट अकाउंट ख़रीदे हुए शेयर्स को रखने के लिए जरूरी है.
Swing Trading काम कैसे करती है?
स्विंग ट्रेडर का काम किसी भी स्टॉक को खरीदने से पहले मार्केट का ट्रेंड शेयर्स की कीमत में उतार-चढ़ाव ट्रेडिंग चार्ट में बनने वाले पैटर्न का विश्लेषण करना होता है. सिम्पल तौर पर एक स्विंग ट्रेडर उन शेयर्स पर विश्लेषण करता है जिसमें ट्रेडिंग अधिक होती है. अन्य तरह की ट्रेडिंग की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग में ज्यादा रिस्क होता है क्युकी इसमें गैप रिस्क शामिल होता है, अगर मार्केट के बंद होने के बाद कोई अच्छी खबर आती हैं तो स्टॉक के प्राइस मार्केट खुलने के बाद अचानक से ही बढ़ जाते हैं लेकिन अगर मार्केट के बंद होने के बाद कोई बुरी खबर आती हैं तो मार्केट खुलने के बाद स्टॉक के प्राइस में भारी गैप डाउन भी देखने को मिलती हैं इस तरह के रिस्क को ओवरनाईट रिस्क’ कहा जाता है.
स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग करने के निम्नलिखित फायदे है-
- स्विंग ट्रेडिंग में शेयर्स को कुछ दिनों या कुछ हफ्तों के लिए होल्ड करके रखा जाता है इसलिएइंट्राडे की तुलना में लाइव मार्केट में ज्यादा समय रहने की जरूरत नहीं होती है.
- स्विंग ट्रेडिंग मेंट्रेडर्स को बाजार के साइडवेज़ होने पर एक अच्छा रिटर्न मिलता है.
- स्विंग ट्रेडिंग जॉब या बिज़नेस करने वाले लोगो के लिए सबसे अच्छा होता हैं.
- स्विंग ट्रेडिंग में छोटे-छोटे रिटर्न्स साल में एक अच्छा रिटर्न भी बन जाता है.
- इंट्राडे की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग करना आसान होता हैं क्युकी इसमें सिर्फ आपको सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस आना चाहिए.
- इंट्राडे की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग में स्ट्रेस लेवेल कम कुछ होता है.
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग करने के कुछ नुकसान भी है-
- स्विंग ट्रेडिंग में ओवरनाईट और वीकेंड रिस्क भी रहता है.
- स्विंग ट्रेडिंग में गैप रिस्क भी शामिल होता है
- अगर किसी तरह से मार्केट का अचानक ट्रेंड बदल जाता है तो यहां काफी देय भी नुकसान हो सकता है.
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे?
सुपोर्ट एंड रेसिसिटेंस: स्विंग ट्रेडिंग में सुपोर्ट एंड रेसिसिटेंस बहुत जरूरी होता है तो इसीलिये आप भी यही कोशिश यही करना कि सपोर्ट पर ब्रेकआउट के बाद शेयर्स ख़रीदे और रेजिस्टेंस पर ब्रेकडाउन पर बेच दे.
न्यूज़ बेस्ड स्टॉक: एक स्विंग ट्रेडर ऐसे शेयर्स को चुनता है जिसमें बाजार की किसी खबर का असर हो और उस खबर के कारण वह स्टॉक किसी एक दिशा में ब्रेकआउट देने की तैयारी में हो या ब्रेकआउट दे चुका हो, वह खबर बुरी या अच्छी किसी भी प्रकार की हो सकती है खबर अच्छी हुई तो ऊपर की तरफ ब्रेक आउट होगा, नहीं तो नीचे की तरफ ब्रेडडाउन होगा.
स्विंग ट्रेडिंग टेक्निक्स: स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको हमेशा हाई Liquidity शेयर्स को चुनना होता है इसके अलावा शेयर में एंट्री और एग्जिट के लिए MACD, ADX और Fast Moving Average का यूज किया जा सकता है.
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आज आपने क्या सीखा?
हमे उम्मीद है कि हमारा ये (swing trading kya hai) आर्टिकल आपको काफी पसन्द आया होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा क्युकी इसमे हमने आपको स्विंग ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.
हमारी ये (swing trading kya hai) जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.
Graphics Designing : इस फील्ड में है क्रिएटिव लोगों की जरूरत, जानें कैसे बनेगा सफल करियर
ग्रॉफिक डिजाइनिंग फील्ड युवाओं के लिए करियर बनाने का बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। इस फील्ड में आने के बाद युवा किसी कंपनी के साथ जुड़कर या फ्रीलांसर के तौर पर भी अपना करियर बना सकते हैं। क्योंकि मौजूदा समय में इस फील्ड में मौकों की भरमार है।
वर्तमान समय में युवाओं को रोजगार हासिल करने के लिए उनके पास किसी न किसी स्किल का होना आवश्यक है और ऐसी ही एक स्किल है ग्रॉफिक डिजाइनिंग। दरअसल आज लगभग हर जगह कम्प्यूटर ग्रॉफिक्स का इस्तेमाल होता है। कंपनियां भी अब अपने प्रोडक्ट्स को डेटा सहित कस्टमर्स तक क्रिएटिव तरीके से पहुंचाने के लिए ग्रॉफिक्स डिजाइनिंग का काफी उपयोग कर रही हैं। डेटा के विभिन्न रूप का उपयोग करने की जरूरत ने ग्रॉफिक डिजाइनरों की मांग को बढ़ा दिया है जो टेक्निकल एनालिसिस के साथ कहानी कहने की कला को मिक्स करते हैं। साथ ही ग्रॉफिक्स डिजाइनिंग की इंडस्ट्री काफी बड़ी हो गई और और भविष्य में इसमें और भी ज्यादा ग्रोथ होने की उम्मीद है। इसलिए अगर आपके पास क्रिएटिविटी है तो आपको इस फील्ड में आगे बढ़ने के काफी अवसर मिलेंगे। इस फील्ड में रोजगार के भरपूर अवसर को देखते हुए देश के युवाओं को इसी हिसाब से तैयार करने के लिए जानी-मानी ऐडटेक कंपनी सफलता डॉट कॉम ने ग्रॉफिक डिजाइनिंग के एक खास कोर्स की शुरुआत की है। आप Graphic Designing Course - Join Now लिंक पर क्लिक करके इस खास कोर्स से जुड़ सकते हैं और बेहद ही वाजिब फीस में ग्रॉफिक डिजाइनिंग का पूरा काम सीख सकते हैं।
कोर्स करने के बाद यहां बनेगा करियर :
- यूजर इंटरफेस डिजाइनर : ये पेशेवर तय करते हैं कि कोई प्रोडक्ट कैसा दिखेगा। ये स्केच, फोटोशॉप, इलस्ट्रेटर जैसे डिजाइनिंग टूल का इस्तेमाल कर प्रोडक्ट के रंग, आकार जैसी चीजों को टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं तय करते हैं।
- कॉन्सेप्ट आर्टिस्ट : ये किसी चरित्र को अपनी कल्पना से जन्म देते हैं और फिर तकनीक तथा कौशल के जरिये उसे एनीमेटेड कैरेक्टर में बदलते हैं।
- मल्टीमीडिया डिजाइनर : ये पेशेवर ग्रॉफिक डिजाइन को एनिमेशन के साथ जोड़कर फिल्म या प्रजेंटेशन तैयार करते हैं।
- वेब डिजाइनर : ये पेशेवर वेबसाइट और उससे टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं जुड़ी एप्लीकेशन बनाते हैं।
- आर्ट डायरेक्टर : विज्ञापन/ प्रोडक्ट्स कस्टमर को किस रूप में दिखेगा, यह जिम्मेदारी किनकी होती है। ये जरूरत के अनुसार क्लाइंट्स के प्रोडक्ट से संबंधित मैसेज क्रिएटिविटी कर साथ उपभोक्ता तक पहुंचाने का काम करते हैं।
- विज़ुअल डिजाइनिंग
- लेआउट डिजाइनिंग
- लोगो डिजाइनिंग
- गेमिंग डिजाइनिंग
- पैकिंग डिजाइनर
- आर्किटेक्चर
- एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री
सफलता के साथ बनाएं अपना करियर :
देश की जानी-मानी ऐडटेक कंपनी सफलता ने युवाओं की मदद के लिए कई प्रोफेशनल और स्किल ओरिएंटेड शॉर्ट और लॉन्ग टर्म कोर्सेस की शुरुआत की है जहां से आप घर बैठे खुद को एक किसी फील्ड का प्रोफेशनल बना सकते हैं। यहां ग्रॉफिक डिजाइनिंग और डिजिटल मार्केटिंग के अलावा भी कई कोर्स मौजूद हैं। इतना ही नहीं सरकारी नौकरी का सपना देख रहे युवाओं के लिए भी सफलता पर लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोर्सेस हैं। यहां से पढ़कर सैकड़ों युवाओं ने सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में शानदार नौकरियां हासिल की हैं। तो देर किस बात की आज ही सफलता से जुड़े और अपना शानदार करियर बनाएं। आप अपने फोन में safalta app डाउनलोड कर भी इन कोर्सेस से जुड़ सकते हैं
विस्तार
वर्तमान समय में युवाओं को रोजगार हासिल करने के लिए उनके पास किसी न किसी स्किल का होना आवश्यक है और ऐसी ही एक स्किल है ग्रॉफिक डिजाइनिंग। दरअसल आज लगभग हर जगह कम्प्यूटर ग्रॉफिक्स का इस्तेमाल होता है। कंपनियां भी अब अपने प्रोडक्ट्स को डेटा सहित कस्टमर्स तक क्रिएटिव तरीके से पहुंचाने के लिए ग्रॉफिक्स डिजाइनिंग का काफी उपयोग कर रही हैं। डेटा के विभिन्न रूप का उपयोग करने की जरूरत ने ग्रॉफिक डिजाइनरों की मांग को बढ़ा दिया है जो टेक्निकल एनालिसिस के साथ कहानी कहने की कला को मिक्स करते हैं। साथ ही ग्रॉफिक्स डिजाइनिंग की इंडस्ट्री काफी बड़ी हो गई और और भविष्य में इसमें और भी ज्यादा ग्रोथ होने की उम्मीद है। इसलिए अगर आपके पास क्रिएटिविटी है तो आपको इस फील्ड में आगे बढ़ने के काफी अवसर मिलेंगे। इस फील्ड में रोजगार के भरपूर अवसर को देखते हुए देश के युवाओं को इसी हिसाब से तैयार करने के लिए जानी-मानी ऐडटेक कंपनी सफलता डॉट कॉम ने ग्रॉफिक डिजाइनिंग के एक खास कोर्स की शुरुआत की है। आप Graphic Designing Course - Join Now लिंक पर क्लिक करके इस खास कोर्स से जुड़ सकते हैं और बेहद ही वाजिब फीस में ग्रॉफिक डिजाइनिंग का पूरा काम सीख सकते हैं।
कोर्स करने के बाद यहां बनेगा करियर :
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सफलता के साथ बनाएं अपना करियर :
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निवेश और जटिल होता जा रहा हैं .
एक समय टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं था जब शेयर मार्केट (stock market) में निवेश करना या इसकी चाल को समझना आसान हुआ करती थीं। बाज़ार में पुराने अनुभवी विशेषज्ञों की मानें, तो स्टॉक मार्केट प्रतिवर्ष मानसून की पहली बौछारों के साथ अथवा दिवाली के आस-पास में ऊपर चला जाता था। एवं साल के अंत में फिर नीचे टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं की और रुख करता, जिसे शेयर बाजार की भाषा में मार्केट करेक्शन (market correction) कहा जाता हैं। लेकिन अब अर्थव्यवस्था में गतिशीलता एवं विस्तार से भारत की आर्थिक गति-विधि दुनियां के साथ जुड़ने लगा, जिससे जटिल कारक जैसे समय समय पर यू. एस. (U.S - United States of America) की अल्प अवधि ब्याज दरें बड़ने की संकेत, यूरोपियों बाजार से उम्मीद अनुसार प्रदर्शन न मिल पाना, साथ हीं देश व्यापी एवं वैश्विक स्तरीय समाचार व राजनैतिक माहौल (political enviroments) में उथल-पुतल इसे दिन ब दिन जटिल बनाता जा रहा हैं।
stock market Secrets |
ऐसे में पिछले 2 साल (2019 की अंत से covid-19) कोरोना वाइरस (corona virus - pendamic) नामक महामारी के चलते दुनियां भर के साथ-साथ भारत में भी अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर देखने को मिला। जहां लोगों की नौकरी खत्म हो रहें, छोटे, मझौले स्तर के कारोबार ठप सा हो गए, बड़े बड़े उद्योगों पर भी अच्छे खासे असर देखने को मिल रहें। जिससे विकास दर यानी "GDP" की रफ्तार धीमी होती दिखाई पड़ रही हैं। ऐसे में inflation (मुद्रास्फीति) यानी महंगाई दर का लगातार बढ़ते रहना जिसका डायरेक्ट असर शेयर मार्केट पर भी पड़ा। इन सभी अनिश्चितता के कारण शेयर बाजार की चाल काफ़ी सुस्त दिखाई देने लगा। हालाकि इस कोरोना महामारी टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं काल की शुरुवात से मार्च 2020 (march -2020) तक मार्केट में भरी गिरावट देखने के बाद भी, वर्तमान में बाज़ार की स्थिति को अगर देखें, जहां मार्च, 2020 में BSE के सेंसेक्स-30 इंडेक्स (BSE - SENSEX-30 indices) 29330.12 अंक था वहीं अभी जनवरी, 2022 लगभग 2 साल में सेंसेक्स 60,000 अंक के ऊपर कारोबार कर रहा हैं। वहीं इसमें रिटर्न प्रतिशत की बात करें तो तकरीबन +103% से भी ज्यादा की रिटर्न अब तक मार्च,2020 से जनवरी 2022 तक दर्ज की जा चुकी हैं।
Sensex-30 इंडेक्स |
शेयर बाजार में सफ़लता उपलब्धि प्राप्ति की राज (Secrets of Stock Market Success):-
- निवेश रणनीति : जैसे हीं आप शेयर बाजार में निवेश के लिए तैयार हो, वैसे हीं आपके निवेश रणनीति, "प्रतिधारा" (Contrarian) अर्थात बाजार के बारे में आम धारणाओ से एकदम विपरीत नज़रिया रखना हैं। इस प्रकार के रणनीति कार निवेशक खास तौर पर उन क्षेत्रों या कंपनियों में निवेश करने पर जोर देता हैं, जिन पर निवेशकों की राय फिलहाल अनुकूल नहीं हैं। जितने भी मार्केट एक्सपर्ट आपको देखेंगे वे सब किसी भी समय कुछ खास सेक्टर ( और उनमें शामिल शेयरों ) के पक्ष में होते हैं। यह वर्तमान में चल रही भीड़ की मानसिकता हैं जो निवेशकों (investor's) को इन मार्केट एक्सपर्ट ने अपने बताए अनुसार सेक्टर या शेयरों की ओर आकर्षित करना चाहती हैं।
- प्रतिधरा निवेश का अर्थ हैं, फिलहाल चल रही निवेश प्रवृत्ति के विपरित ( शेयर मार्केट में जब हर कोई एक सा सेक्टर या शेयर में निवेश कि बात करता हों) अपनी नज़रिया रखना। यह नज़रिया उन शेयरों की पहचान करने में विश्वास करता हैं, जिनकी मजबूत बुनियादी होती हैं और साथ आगे अच्छी बाट़त की संभावना होती हैं, लेकिन कुछ समय के लिए ऐसा प्रतीत होता हैं कि इन शेयर, अपनी सेक्टर बेसिस इंडेक्स या अन्यों शेयरों की तुलना में कुछ खास रिटर्न नहीं देता या नहीं चल-पता है, मानो इस तरह का शेयर कुछ समय के लिए बाजार को नजर अंदाज कर रहा हैं। "ऐसे समय में इस प्रकार की शेयर आम तौर पर अपने वास्तविक भाव (कीमत - price) से कम कीमत पर उपलब्ध होते है, जिससे "धैर्यबान प्रतिकूल निवेशक" उनका फायदा उठाता हैं।
क्या वास्तव में शेयर मार्केट की कुछ सीक्रेट्स होती हैं?
बैसे बता दे, कि शेयर मार्केट में सिक्रेक्ट (secrets) नाम का कुछ नही है, ये महज़ एक भ्रम एक मिथक धारणा हैं उन निवेशकों के जिन्हें लगता हैं की "शेयर बाजार में कुछ बहुत बड़ी राज छिपे हुए हैं जिसके जानकारी एक बार मिल जाए, तो फिर वो भी मोटे पैसा बनाने वाली हैं।"
"शेयर बाजार भविष्य में प्रदर्शन का वर्तमान मूल्य हैं (The present value of stock market performance in the future)." भारत के जाने माने निवेशक एवं बिग बुल (big - bull) के नाम से सुप्रसिद्ध श्री राकेश झुनझुनवाला ( invester - Rakesh Jhunjhunwala) हमेशा एक बात कहते हैं, की " मार्केट इस सुपरिटेंड और भाव भगवान हैं " (market is superintend and price is god.)" और यहीं सच है।
आपकी सोचने मात्र बाजार की चाल बदलने वाली नहीं हैं, लेकिन कुछ खास कारक है एवं यदि आप एक सफल निवेशक बनना चाहते हैं तो निम्नों सभी प्रकार की मार्केट स्ट्रेटर्जी को अपने निवेशित जीवन काल में उतर लेना है एक जीवन संगीनी की तरह. जैसे, आप जिस किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने वाले हैं उससे पहले उसके बारे में अनुसंधान (research) कर लेना अति आवश्यक होता हैं। स्वाभाविक रूप से जब आप किसी शॉपिंग मॉल अथवा सब्जी बाजार जाते है, कुछ टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं खरीदने सबसे पहले आप चीजों को कई बार देखते है, क्या, कैसा है जांचते हों और फिर मोल-भाव इतने सारे तमाम छानबीन के बाद अंत में एक निर्णय लेते हैं, तो फिर शेयरों को खरीदते वक्त आप कैसे सोच सकते कि बगैर किसी जानकारी, बगैर किसी रिसर्च से आपको अपनी निवेश पर फायदा होगा? कभी कभार हो सकता हैं कि आपका बगैर किसी रिसर्च की निवेश से कुछ फायदा हो भी जाए लेकिन जब आपकी लंबी रेस की सफर में इस प्रकार की तुक्के से भारी भरकम नुकसानों का समाना करना पड़े तब क्या होगा? इसलिए यदि आप एक सफल निवेशक बनना चाहते हैं, तो कभी किसी के टिप्स पर निर्भर न रहे कर अपनी आप रिसर्च करें हमेशा कुछ नया सीखते रहें। अपनी आसपास हो रहे छोटी छोटी घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करे इससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। शेयरों की रिसर्च करने के लिए मूल-भूत दो प्रकार की रिसर्च एनालिसिस जैसे.