कम न्यूनतम जमा

कॉर्पोरेट, प्राइवेट लिमिटेड और पब्लिक लिमिटेड कंपनियों के कर्मचारी, संस्थानों के कर्मचारी, सरकारी कर्मचारी / सरकारी-उपक्रम
बचत जमा
बचत खाता खोलने के लिए विभिन्न प्रकार की इकाईयों द्वारा निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है। संदर्भ और जांच के लिए मूल दस्तावेज प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है और प्रमाणित सत्य प्रतियां बैंक के अभिलेख हेतु प्रस्तुत की जानी हैं।
महाबैंक – युवा योजना
बच्चों में बैंकिंग की आदत का विकास करने और उन्हें भविष्य में अपना ग्राहक बनाने के लिए बैंक ने बच्चों/ विद्यार्थियों के लिए महाबैंक युवा योजना का शुभारंभ किया है।
लोक बचत योजना
Highlights
- सरकार गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम में न्यूनतम जमा को कम करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है
- गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम में अभी न्यूनतम सीमा 10 ग्राम थी जिसे 5 ग्राम किया जा सकता है
- सरकार ने न्यूनतम जमा राशि को 30 ग्राम से घटाकर 10 ग्राम कर दिया था
भारतीयों के बीच सोना हमेशा से निवेश का सबसे सुरक्षित माध्यम माना जाता है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में सिर्फ महिलाओं के पास इस समय करीब 21 टन सोना मौजूद है। लोगों के इसी रुझान को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (जीएमएस) लॉन्च की है। बीते कई साल के अनुभव के बाद अब सरकार इस स्कीम में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार सरकार गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत अब न्यूनतम जमा की जरूरत को चरणबद्ध तरीके से कम करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसका फायदा यह होगा कि अब बड़ी संख्या में लोग घर में पड़े सोने को बैंकों के पास जमा कर उस पर लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
सरकार को मिला 21 टन सोना
2020 में कोविड के प्रकोप से ठीक पहले, सरकार को गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम की शुरुआत के पहले चार वर्षों में केवल 21 टन सोना मिला था। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड कार्यक्रम में तब तक अधिक संग्रह हुआ था, जो लगभग 30 टन कीमती धातु के बराबर था। दोनों योजनाओं को नवंबर 2015 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यापार और चालू खाता शेष को ठीक करने के लिए सोने के आयात को हतोत्साहित करने के लिए लॉन्च किया गया था।
घर में अक्सर सोने की ज्वैलरी या सिक्के रहते हैं। घर में यूं ही रखे सोने से आप कमाई कर सकते हैं। कम न्यूनतम जमा यह सुविधा आपको गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत बैंक उपलब्ध कराते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अक्टूबर 2015 में कम न्यूनतम जमा गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम को लेकर दिशानिर्देश जारी किए थे। इस स्कीम में ग्राहक बैंक में अपना सोना जमा कर उस पर ब्याज हासिल कर सकते हैं।
कौन जमा कर सकता है सोनाइस श्रेणी में सोना जमा करने के लिए खास नियम हैं। आरबीआई के अनुसार व्यक्तिगत रूप से आप सोना बैंक में जमा कर सकते हैं। इसके अलावा संयुक्त खाताधारक के रूप में, HUF के रूप में, प्रोपराइटरशिप और पार्टनरशिप फर्म्स के कम न्यूनतम जमा रूप में, ऐसे ट्रस्ट, जिनमें म्यूचुअल फंड/सेबी (म्युचुअल फंड) विनियमन के अंतर्गत पंजीकृत एक्सचेंज ट्रेडेड फंड शामिल हैं। इसके अलावा कंपनियां, धर्मार्थ संस्थाएं, केंद्र सरकार, राज्य सरकार या केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार के स्वामित्व वाली कोई अन्य संस्था इस योजना में सोना जमा कर सकती है।
आप इस योजना के तहत बैंक में कम से कम 10 ग्राम सोना जमा कर सकते है। सरकार यही लिमिट घटाने पर विचार कर रही है। अधिकतम जमा की कोई सीमा नहीं है। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में गोल्ड जमा कराने के तीन विकल्प हैं। शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (STBD) की अवधि 1-3 साल तक के लिए है। वहीं, मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म डिपॉजिट की अवधि क्रमश: 5-7 साल और 12-15 साल है।
PPF, सुकन्या समृद्धि कम न्यूनतम जमा योजना और आरडी जमा पर पोस्ट ऑफिस ने दी पेनल्टी में राहत, 30 जून तक जमा कर सकते हैं न्यूनतम राशि
सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ समेत कई स्कीमों में डाक विभाग ने दी बड़ी राहत
डाक विभाग ने बड़ी राहत देते हुए पब्लिक प्रोविडेंट फंड, आवर्ती जमा यानी आरडी और सुकन्या समृद्धि योजना के तहत तय अवधि के दौरान न्यूनतम जमा राशि न डालने पर पेनल्टी को खत्म कर दिया है। एक वित्तीय वर्ष के दौरान 1 अप्रैल से 31 मार्च तक इन योजनाओं के तहत तय न्यूनतम राशि जमा करनी होती है। हालांकि इस साल 25 मार्च से 14 अप्रैल तक सरकार कोरोना के संकट के चलते लॉकडाउन का फैसला लिया है। ऐसी स्थिति में डाकघर ने इन योजनाओं की जमा को लेकर ग्राहकों यह छूट देने का फैसला लिया है। अब डाकघर से इन योजनाओं को लेने वाले ग्राहक 30 जून तक न्यूनतम जमा राशि बना किसी पेनल्टी के ही जमा करा सकते हैं।
न्यूनतम बैलेंस रखने वालों पर पीएनबी की सख्त कार्रवाई, कम न्यूनतम जमा खाताधारकों पर लगाया 278 करोड़ रुपये का जुर्माना
नई दिल्ली। बैंक खातों में न्यूनतम राशि जमा न होना भी बैंकों की आय और मुनाफे का एक जरिया बन गया है। पंजाब नेशनल बैंक ने खातों में न्यूनतम राशि न होने पर जुर्माने के तौर पर वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 278.66 करोड़ रुपये वसूले हैं। यह राशि देशभर के लगभग एक करोड़ 27 लाख ग्राहकों से वसूली गई है। यह खुलासा आरटीआई के जरिए प्राप्त जानकारी से हुआ है। मध्य प्रदेश कम न्यूनतम जमा के नीमच जिले के एक आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने पंजाब नेशनल बैंक से एक आरटीआई आवेदन के जरिए यह जानकारी मांगी थी कि बीते दो वित्त वर्षो में बचत कम न्यूनतम जमा और चालू खातों में न्यूनतम राशि न होने पर कितने खातेदारों से कितनी राशि वसूली गई है।
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