ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें?

SIP Calculation: सिर्फ 1000 रुपये करें निवेश, घर बैठे 2 करोड़ रुपये से ज्यादा के बन जाएंगे मालिक
SIP Calculation: धैर्य रखकर लंबी अवधि के लिए अच्छी स्कीम में पैसा लगाते हैं तो कई गुना रिटर्न मिलने की उम्मीद बढ़ जाती है। बाजार के रिटर्न पर नजर डालें तो ऐसा हुआ है
SIP Calculation: निवेश और बचत की बात करें तो इसमें धैर्य और अनुशासन का अहम रोल होता है। धैर्य रखकर अगर लंबी अवधि के लिए अच्छी स्कीम में पैसा लगाना ही समझदारी भरा काम होता है। ऐसे में कई गुना रिटर्न मिलने की उम्मीद बढ़ जाती है। इसके साथ ही आपके लिए करोड़पति का द्वार भी खुल सकता है। ऐसे में अगर आप भी भविष्य के लिए घर बैठे बंपर कमाई करना चाहते हैं तो आज से बेहतर जगहों पर निवेश करना शुरू कर देना चाहिए।
हर महीने सिर्फ हजार रुपये करें निवेश
अगर आप नियमित तौर पर छोटा मोटा निवेश करते रहेंगे तो भविष्य में मोटा फंड तैयार कर सकते हैं। हम यहां आपको कुछ ऐसे प्लान बता रहे हैं। जहां कम पैसे निवेश करके मोटी कमाई कर सकते हैं। आप म्यूचुअल फंड के जरिए भी मोटा फंड बना सकते हैं। यहां सिर्फ 1000 रुपये की SIP से 2 करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड आसानी से बन जाएगा। आपको हर महीने म्यूचुअल फंड में 1000 रुपये निवेश करना है। पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड ने 20 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है।
Investment Tips: 10 हजार की SIP से बनेगा ₹10000000, निवेशकों पर चढ़ा एसआईपी का बुखार
Zee Business हिंदी 3 दिन पहले ज़ीबिज़ वेब टीम
SIP Benefits: शेयर बाजार उफान पर है. निवेशक बाजार में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं. ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती और फेडरल रिजर्व की तरफ से इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी के बावजूद निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश को लेकर क्रेजी दिख रहे हैं. SIP की मदद से म्यूचुअल फंड्स में निवेश लगातार बढ़ रहा है. AMFI की तरफ से जो डेटा जारी किया गया है उसके मुताबिक, अक्टूबर के महीने में 13041 करोड़ का रिकॉर्ड एसआईपी किया गया. सितंबर में 12976 करोड़ का एसआईपी किया गया था. हालांकि, इक्विटी फंड में बीते महीने निवेश का आंकड़ा घटा और कुल 9390 करोड़ का निवेश किया गया. सितंबर में इक्विटी फंड में कुल 14500 करोड़ का निवेश आया था.
वेल्थ क्रिएट करने के लिए SIP पर जोर
निवेशक SIP की महिमा से अच्छे से वाकिफ हो गए हैं. उन्हें पता है कि अगर वेल्थ क्रिएट करना है तो यह सबसे शानदार तरीका है. जी बिजनेस के कार्यक्रम मनी गुरु में बात करते हुए बजाज कैपिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर और ज्वाइंट चेयरमैन संजीव बजाज और कम्प्लीट सर्कल के सीआईओ गुरमीत चड्ढा ने कहा कि केवल 10 हजार की एसआईपी से आप 1 करोड़ का फंड बना सकते हैं जो आने वाले बुढ़ापे में काम आएगा.
10 हजार की SIP बनेगा 1 करोड़
अगर आपको सालाना केवल 12 फीसदी का रिटर्न मिल रहा है तो 10 हजार की SIP पांच सालों में 8.16 लाख, 10 सालों में 23 लाख, 15 सालों में करीब 50 लाख और 20 सालों में करीब 1 करोड़ बन जाएगा. अगर आप 20-30 वर्ष के हैं तो रिटायरमेंट प्लानिंग के लिहाज से हर महीने 10 हजार का निवेश तो किया ही जा सकता है. रिटायरमेंट के समय आपको इतनी राशि मिलेगी, जिससे पूरी जिंदगी आराम से कट जाएगी.
एक्सपर्ट ने बताए SIP के 5 बड़े फायदे
1>>नियमित निवेश लंबी अवधि में फायदेमंद.
2>>बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए फायदेमंद.
3>>SIP से निवेश में जोखिम कम रहता है.
4>>SIP से कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है.
5>>SIP लक्ष्य हासिल करने के लिए बेहतर.
SIP निवेश में 30% का उछाल
निवेशकों को SIP के कम्पाउंडिंग बेनिफिट अच्छे से समझ में आ रहा है, इसलिए मई 2022 से लगातार 12 हजार करोड़ प्रति महीने का एसआईपी किया जा रहा है. चालू वित्त वर्ष के पहले 7 महीने में SIP में 30% से ज्यादा बढ़त दर्ज की गई. पिछले साल के मुकाबले इस वित्त वर्ष जमकर निवेश किया जा रहा है. 2021 में अप्रैल-अक्टूबर के बीच SIP निवेश 67 हजार करोड़ रहा था. साल 2022 में समान अवधि में 87 हजार करोड़ का एसआईपी किया गया.
Lump Sum & SIP: आपके लिए क्या सही है, और कब?
निवेशक अपने फंड को दो तरह से बाजार में लगा सकते हैं। यह एकमुश्त (Lump Sum) या सिप (SIP) दोनों में से कुछ भी हो सकता है। अलग-अलग परिस्थितियों में दोनों ही कारगर साबित हो सकती हैं। इस आर्टिकल में हम आपको यह समझाने की कोशिश करेंगे कि आखिर इन दोनों का नफा-नुकसान क्या है व आपके लिए दोनों में से कौन सी ज्यादा कारगर है।
नए निवेशकों के लिए निवेश एक मुश्किल काम हो सकता है। रिस्क मैनेजमेंट इसका महत्वपूर्ण हिस्सा है। आपके निवेश की ग्रोथ की संभावनाएं काफी हद तक इस बात पर निर्भर करती हैं कि आप अपना पैसा किस तरह से लगा रहे हैं।
निवेश दो तरह से किया जा सकता है:
एक ही बार में ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें? एक बड़ा अमाउंट निवेश करना, जिसे आमतौर पर एकमुश्त (Lump Sum) कहा जाता है। या,
थोड़ी-थोड़ी अमाउंट को समय-समय पर निवेश करना जैसे हर हफ्ते, महीने या तिमाही पर। यह सिप (SIP) की शैली होती है।
आइए अब दोनों की ही विशेषताओं और खामियों को जानने की कोशिश करते हैं:
1) एकमुश्त निवेश (Lump Sum Investment) क्या है?
एकमुश्त (Lump Sum) निवेश का अर्थ है कि निवेशक अपनी पूंजी एक ही बार में निवेश करता है और आवश्यकता पड़ने पर ही दोबारा पूंजी लगाता है यानी टॉप अप करता है।
एकमुश्त निवेश के क्या लाभ हैं?
यह विधि आम तौर पर अनुभवी या मोटी रकम रखने वाले निवेशकों के लिए सही होती है। इस विधि में अपनी जोखिम की क्षमता को बढ़ाना भी जरूरी है।
एकमुश्त निवेश करने वाले निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव के रुख को अपने अनुसार मोड़ सकते हैं। यह शैली आम तौर पर उन व्यक्तियों के लिए सुविधाजनक है, जिनके पास निवेश के लिए एक बड़ी राशि है।
एकमुश्त निवेश पर लाभ कमाने की संभावना तब अधिक होती है जब बाजार अस्थिर दौर से गुजरा हो और एक बार फिर ऊपर चढ़ने की तैयारी कर रहा हो।
यह वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भी उपयुक्त है। इसके साथ ही यह लॉन्ग टर्म में बेहतरीन वेल्थ क्रिएशन का भी एक अच्छा तरीका है।
एकमुश्त निवेश के क्या नुकसान हैं?
जब आप एकमुश्त तरीके से निवेश करते हैं, तो बाजार की टाइमिंग इसके लिए बहुत जरूरी हो जाती है। यदि निवेश तब किया जाता है, जब बाजार पहले से ही ऊपर पहुंचा हुआ है, तो रिस्क-रिवार्ड अनुपात (ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें? risk-reward ratio) कम हो जाता है। वहीं बाजार में गिरावट से शॉर्ट टर्म में ‘पोर्टफोलियो डिवैल्यूएशन’ भी हो सकता है। इसका मतलब यह है कि उच्च स्तर पर खरीदे जाने पर निवेशक के पास बहुत कम स्टॉक यूनिट रह जाती हैं।
अगर फंड केवल छोटी अवधि के लिए निवेश किया जा रहा ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें? है, तब भी यह तरीका कारगर नहीं है। इससे आपमें निवेश को लेकर कोई अनुशासन भी कायम नहीं होता। चूंकि निवेशक में इससे बचत की आदत पैदा नहीं होती और वह पैसा जमा करने के लिए अपने खर्चों में कहीं भी कोई कटौती नहीं करता है।
2) सिप निवेश (SIP Investing) क्या है?
सिप या SIP कम बजट वाले उन निवेशकों के लिए एक बेहतरीन जरिया है, जो नियमित अंतराल पर कम मात्रा में निवेश करना चाहते हैं। निवेश साप्ताहिक, मासिक या वार्षिक आधार पर किया जा सकता है और धीरे-धीरे एक अच्छा अमाउंट बन जाता है।
सिप (SIP) के क्या लाभ हैं?
SIP नए निवेशकों के लिए अच्छी शुरुआत हो सकती है क्योंकि वे इससे छोटी अमाउंट के साथ निवेश की दुनिया से जुड़ सकते हैं। यह नौकरी-पेशा लोगों के लिए भी उपयोगी हो सकती है क्योंकि इससे उनमें लंबे समय तक नियमित बचत की आदत भी विकसित होती है।
कुल मिलाकर SIP रुपया-लागत औसत (rupee-cost average) के माध्यम से लंबी अवधि में बाजार के उतार-चढ़ाव को सामान्य कर देती है। मतलब जब बाजार में तेजी होती है, तो कम यूनिट खरीदी जाती है। इसी तरह मंदी के दौरान कम कीमत पर अधिक यूनिट खरीदे जा सकते हैं। इससे एक वक्त के बाद प्रति यूनिट की कीमत औसतन सामान्य हो जाती है।
सिप (SIP) में एकमुश्त के बजाए ज्यादा लचीलापन होता है क्योंकि निवेशक अपनी गति और सुविधा के अनुसार इसमें निवेश कर सकता है। निवेशक अपने मौजूदा वित्तीय संसाधनों और अन्य दायित्वों पर विचार करने के बाद निवेश की योजना बना सकता है।
सिप (SIP) के नुकसान क्या हैें?
SIP के कारण निवेशक कई बाजार में उपलब्ध अच्छे अवसरों से चूक जाते हैं, जिसके लिए एग्रेसिव इंवेस्टमेंट एप्रोच की जरूरत पड़ती है।
निवेश अक्सर एक पूर्व निर्धारित तारीख पर किया जाता है। इसलिए बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान निवेश कर पाना मुश्किल होता है। ऐसे में इन अस्थिर परिस्थितियों का फायदा निवेशक नहीं उठा पाता है।
SIP उन निवेशकों के लिए भी सही जरिया नहीं हो सकता जिनकी नियमित आय नहीं है। कई बार समय के साथ निवेशक का मन बदल जाता है और वह SIP में निवेश करना छोड़ देता है। दूसरी दिक्कत यह है कि कई बार निवेशक इसमें ज्यादा पैसे नहीं डालते यानी आपकी SIP बहुत ही छोटी SIP होती है। ऐसे में जाहिर है मनचाहे रिटर्न का आना संभव नहीं हो पाता।
आपके लिए इन दोनों में से कौन सा सबसे अच्छा है?
शेयर बाजार बहुत तेजी से बदलता रहता है। यहां स्मार्ट निवेशक वह ही है जो बाजार के अनुसार अपनी चाल बदल सके और हर परिस्थिति का लाभ उठा सके।
आइए कुछ उदाहरणों से यह जानने की कोशिश करते हैं कि निवेशक एकमुश्त या सिप (SIP) की कौन सी तकनीक का उपयोग करके लाभ कमा सकता है।
उदाहरण 1:
मिस्टर X 10 रुपए की यूनिट लागत पर एक फंड में 2,00,000 रुपए की एकमुश्त निवेश करते हैं। अब अगर बाजार में तेजी है और फंड का मूल्य बढ़ना शुरू हो जाता है, तो मिस्टर X को अपने एकमुश्त निवेश से फायदा होगा।
SIP से यहां कोई खास फायदा नहीं पहुंचने वाला है। चूंकि मिस्टर X ज्यादा यूनिट खरीद कर यूनिट को समाप्त कर लेंगे क्योंकि उनका मूल्य एक अपट्रेंडिंग मार्केट में बढ़ रहा है। वहीं SIP में स्थिति में रिटर्न की दर कम हो जाएगी।
उदाहरण 2:
उदाहरण 1 में हमने देखा कि कैसे एकमुश्त निवेश अनुकूल परिस्थितियों में निवेशकों के लिए बेहतर रिटर्न देता है। हालांकि बाजार एक ऐसी जगह है बदलता रहता है। SIP इन उतार-चढ़ाव को जोखिमों को कम करके फायदा पहुंचाता है।
मान लें कि एकमुश्त के बजाय मिस्टर X ने SIP के माध्यम से अपने 2,00,000 रुपए का निवेश करने की सोची। उसने 10,000 रुपए की SIP की और पहले महीने में 10 रुपए में 1,000 यूनिट खरीद ली। अगर बाजार नीचे जाता है, तो अगले महीने वही यूनिट 10 रुपए का दाम कम हो जाएगा। मान लीजिए कि यूनिट का मूल्य 8 रुपए हो गया है। यहां मिस्टर X अगले महीने 10,000 रुपए में 1,250 यूनिट खरीद सकेंगे। यानी बाजार के उतार-चढ़ाव का फायदा आप यहां भरपूर उठा सकते हैं।
सौ बात की एक बात
दोनों तरीकों के नफे-नुकसान को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि बढ़ते बाजार में एकमुश्त सबसे अच्छा काम करता है। वहीं गिरते बाजार में निवेशकों के लिए SIP बेहतरीन साबित हो सकती है। रिस्क मैनेजमेंट की दृष्टि से देखें तो इसमें बाजार के उतार-चढ़ाव को झेलने की ज्यादा क्षमता होती है। बाजार में गिरावट से निवेशकों को लागत में औसत गिरावट से लाभ होता है।
इन दोनों में एक बात सामान्य है वह है कि आपको लंबे समय तक इनसे जुड़े रहना पड़ेगा। सबसे जरूरी बात यह है कि निवेशक को बचत और निवेशक की आदत को लंबे समय तक बनाए रखना चाहिए ताकि वह वेल्थ क्रिएशन की यात्रा का आनंद उठा सके।
MIO 3.0: ओडिशा ने पहले दिन 7.26 लाख करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धता हासिल की
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मेक-इन-ओडिशा कॉन्क्लेव 3.0 ने गुरुवार को अपने पिछले सभी ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें? रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक शानदार शुरुआत की क्योंकि राज्य ने पहले दिन ही 7.26 लाख करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धता हासिल कर ली। प्रस्तावों की मात्रा पिछली दोनों घटनाओं के संचयी निवेश प्रस्तावों को पार कर गई।
राज्य सरकार ने निवेश संबंधी 21 समझौता ज्ञापनों और नौ गैर-निवेश समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए। बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र से 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के साथ धातु, खनिज, सहायक और धातु डाउनस्ट्रीम से 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक के अधिकांश प्रस्ताव प्राप्त हुए। अन्य प्रस्तावों में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी, आतिथ्य और पर्यटन, स्वास्थ्य देखभाल और फार्मास्यूटिकल्स, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के साथ-साथ रसद, परिधान और वस्त्र आदि शामिल हैं। प्रस्तावित निवेश में 3.2 लाख लोगों के लिए रोजगार पैदा करने की क्षमता है।
किसी भी राज्य निवेशक सम्मेलन में पहली बार, विश्व बैंक समूह के पांच वित्तीय संस्थानों - बीएसई, एनएसई, एसबीआई, सिडबी और आईएफसी ने शिखर सम्मेलन में भाग लिया। बीएसई के एमएसएमई एक्सचेंज में राज्य के छोटे उद्यमों को सूचीबद्ध करने में मदद के लिए बीएसई और एनएसई के साथ दो समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए गए।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने निवेशकों, उद्योग के दिग्गजों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों को संबोधित किया और जोर देकर कहा कि ओडिशा ने सर्वश्रेष्ठ से बेहतर पेशकश की है। "हमारी नई औद्योगिक नीति समर्थन और प्रोत्साहन प्रदान करती है जो देश में सर्वश्रेष्ठ से परे हैं। हमने पर्यटन, नवीकरणीय ऊर्जा, परिधान और कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, निर्यात और कुछ अन्य क्षेत्रों में भी नई नीतियां शुरू की हैं।
मुख्यमंत्री ने झारसुगुड़ा में वेदांता एल्युमीनियम पार्क और कलिंगा नगर में जिंदल स्टेनलेस स्टील पार्क की आधारशिला भी रखी।
कॉन्क्लेव में आने वाले कॉर्पोरेट नेताओं में आर्सेलर मित्तल के कार्यकारी अध्यक्ष एलएन मित्तल, वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के अध्यक्ष और संस्थापक अनिल अग्रवाल, जेएसडब्ल्यू ग्रुप के अध्यक्ष सज्जन जिंदल, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के अध्यक्ष नवीन जिंदल, अडानी के सीईओ शामिल थे। पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड करण अडानी और टाटा स्टील लिमिटेड के सीईओ और एमडी टीवी नरेंद्रन।
मित्तल ने ओडिशा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कॉन्क्लेव के लिए माहौल तैयार किया। 2021 में सीएम के साथ अपनी मुलाकात का किस्सा साझा करते हुए उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान केंद्रपाड़ा में निवेश का विचार आया और चर्चा के दो घंटे के भीतर एमओयू पर हस्ताक्षर हो गए। उन्होंने कहा, 'निप्पॉन स्टील के साथ संयुक्त उद्यम में हम 2.4 करोड़ टन क्षमता वाली संयंत्र इकाई स्थापित कर रहे हैं।'
जेएसडब्ल्यू के अध्यक्ष जिंदल ने कहा कि समूह पारादीप में इस्पात संयंत्र और सौर पैनल बनाने के लिए सिलिकॉन धातु संयंत्र स्थापित करने के लिए ओडिशा में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का और निवेश ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें? करेगा। उन्होंने कहा कि समूह पहले ही राज्य में 60,000 करोड़ रुपये का निवेश कर चुका है। अग्रवाल ने वादा किया कि वेदांता समूह आने वाले वर्षों में 25,000 करोड़ रुपये का और निवेश करेगा और कटक-भुवनेश्वर क्षेत्र में सेमीकंडक्टर डाउनस्ट्रीम स्थापित करने की योजना बना रहा है।
सभा को संबोधित करते हुए, अडानी ने कहा कि आने वाले 10 वर्षों में राज्य में समूह का पूंजीगत व्यय 60,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा और कंपनी धामरा बंदरगाह पर 35 बर्थ और 5 मीट्रिक टन एलएनजी टर्मिनल, एक एल्यूमिना रिफाइनरी और एक लौह अयस्क परियोजना की योजना बना रही है। उद्योग विभाग के प्रधान सचिव हेमंत शर्मा ने कहा, 7,26,128.45 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता के साथ 145 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।
प्रस्तावों में 5,85,742.26 करोड़ रुपये की 67 परियोजनाएं शामिल हैं जो कॉन्क्लेव में प्राप्त हुई थीं। इसके अलावा, 1,40,386.19 करोड़ रुपये के 78 प्रस्ताव जो निवेशकों की बैठकों और कार्यक्रम से पहले आयोजित रोड शो के दौरान प्राप्त हुए थे, औपचारिक रूप से यहां स्वीकार किए गए थे।