ETF क्या है

जैसे अगर आप चाहे तो NSE या फिर BSE दोनों मे listed Reliance Industries ETF क्या है ETF क्या है को बाज़ार के खुले रहने के समय मे खरीद या बेच सकते है, वैसे ही ETF को भी NSE और BSE जैसे Stock Exchanges मे से खरीदा और बेचा जा सकता है। इसी वजह से तो इन funds को Exchange Traded Funds कहाँ जाता है। ETF क्या है ETF Meaning in Hindi
ETF क्या है इन्वेस्ट कैसे करे | etf meaning in hindi
ETF (Exchange Traded Fund) होता क्या है (etf meaning in hindi) और क्या आपको इसमें इन्वेस्ट करना चाहिए। तो आज हम जानेंगे ETF के बारे में बहुत ही सरल भाषा में सब कुछ। बहुत लोगो को शेयर मार्केट में रिस्क नहीं लेना चाहते है उसके लिए है ये फण्ड।
ETF (Exchange Traded Fund) क्या है (etf meaning in hindi):-
Mutual Fund में कंपनी को लोग पैसा देता है और उसका फंड मैनेजर अलग अलग शेयर में निवेश करता है। लेकिन Index Fund में लोगों का पैसा Direct Nifty और Sensex पर पैसा लगा देते हैं, इसमें फंड मैनेजर अलग अलग करके शेयर में निबेश की जरुरत नहीं पड़ती। एक ही index पर निवेश करते है। Nifty यानी देश का टॉप 50 शेयर्स का बास्केट और Sensex 30 कंपनी का टोकरी होता हैं। Index fund आप म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी से खरीद सकते है।
ETF में कैसे इन्वेस्ट करे:-
ETF में इन्वेस्ट करने के लिए आपके पास Demat Account होना जरूरी हैं। आप डायरेक्ट शेयर मार्केट से ही ETFको खरीद सकते है। बहुत सारे ऐसे ETF है जहा पर आप खरीद सकते है। उनमे से है- Niftybees, HDFC Sensex ETF, Kotak PSU Bank ETF etc।
शेयर मार्केट में ETF कैसे आता है:-
जब भी कंपनी को शेयर मार्केट में ETF लाना होता है। तो कंपनी जिस भी सेक्टर, जितने पैसा का लाना है उस सेक्टर का उतने पैसा का शेयर खरीद लेता है। फिर मार्केट में उस सेक्टर का ETF लोगों के लिए Issue होते हैं। उसके बाद बाज़ार में उसका खरीद बेच होते रहते हैं। लेकिन ETF में जितना पैसा का Issue होता है उससे ज्यादा कंपनी और आकार बड़ा नहीं कर सकते।
Advantage क्या है ETF का:-
- किसी भी समय खरीदना:- म्यूच्यूअल फण्ड में एक दिन का NAV पे ही आप खरीद सकते हो। लेकिन ETF शेयर मार्केट में लिस्टेड होने के कारण स्टॉक की तरह किसी भी टाइम खरीद सकते हो। जैसे जैसे नीचे ऊपर होता है आप खरीद बेच कर सकते हैं।
- सेक्टर का फ़ायदा:- ETF में आप किसी भी अलग अलग सेक्टर पर आप इन्वेस्ट कर सकते हैं। इससे आपको पोर्टफोलियो को Diversification करने में मदद मिलता हैं।
क्या ETF में इन्वेस्ट करना सही रहेगा:-
ETF में थोड़ा Index fund से शुल्क कम होती है। लेकिन अब बहुत सारे कम शुल्क Index fund आ गए हैं लगभग दोनों का बराबर होते हैं। यदि आपको किसी सेक्टर के हिसाब से खरीदना चाहते हो तो आप ETF में खरीदारी कर सकते हैं। इसमें आपको थोड़ा रिस्क कम होता हैं। आपको यदि लंबे समय के लिए इन्वेस्ट करना चाहते हो तो आप ETF के साथ जा सकते हैं।
Live ETF Prices (Exchange Traded Funds)
लाइव ETF उद्धरण हमारी वेबसाइट के आगंतुकों को हमेशा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) के मूल्य में परिवर्तन के बारे में जागरूक होने की अनुमति देता है, जो न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार करता है। तालिका लाइव ETF कोट्स पर जानकारी प्रदान करती है: फंड का नाम, लाइव प्राइस, दैनिक परिवर्तन, चार्ट आदि।
उपकरण | नाम | ओपन प्राइस | टुडे ,मैक्स | टुडे, मिनट | लाइव प्राइस | चेंज, दैनिक | CHARTS |
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#ETF-GLD | (ETF) SPDR गोल्ड ट्रस्ट | --- | --- | --- | --- | --- | |
#ETF-IYR | iShares अमेरिका रियल एस्टेट ETF | --- | --- | --- | --- | --- | |
#ETF-SPY | SPDR S&P 500 ETF ट्रस्ट | --- | --- | --- | --- | --- | |
#ETF-TLT | iShares 20 + साल खजाना बांड ETF | --- | --- | --- | --- | --- |
क्या होता है ब्लॉकचेन एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड, बिटक्वाइन ईटीएफ से कितना अलग है यह, जानें पूरी डिटेल
बिटक्वाइन ने अपने निवेशकों के लिए एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) की सुविधा को पेश किया है। बिटक्वाइन एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) क्रिप्टो निवेशकों के लिए एक नई अवधारणा है। आपको बताते चलें कि ब्लॉकचेन ईटीएफ ने मुख्यधारा के बाजारों में अपनी शुरुआत कर दी है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अपने निवेशकों के लिए बिटक्वाइन, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) की सुविधा पेश कर रहा है। बिटक्वाइन एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) क्रिप्टो निवेशकों के लिए एक नई अवधारणा है। आपको बताते चलें कि, ब्लॉकचेन ईटीएफ ने मुख्यधारा के बाजारों में अपनी शुरुआत कर दी है। इस महीने की शुरुआत में, इनवेस्को म्यूचुअल फंड ने घोषणा की थी कि बाजार नियामक सेबी ने इनवेस्को कॉइनशेयर ग्लोबल ब्लॉकचैन ईटीएफ एफओएफ को मंजूरी दे दी है। यह इनवेस्को एमएफ द्वारा एक फीडर फंड है और इनवेस्को कॉइनशेयर्स ग्लोबल ब्लॉकचैन यूसीआईटीएस एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश करेगा। फंड के एनएफओ को 24 नवंबर को लॉन्च किया जाना था, लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी के नियमों के बारे में अनिश्चितता को देखते हुए कंपनी ने इसे टाल दिया है। लोग अक्सर ब्लॉकचेन ईटीएफ और बिटक्वाइन ईटीएफ के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं, हालांकि ये दोनों ही अलग-अलग वित्तीय साधन हैं। आइए दोनों के बीच अंतर को समझते हैं।
ETF के लाभ :
- इस तरह के Funds को हम आसानी से स्टॉक एक्सचेंज पर से ही खरीद या बेच सकते है।
- ETF को खरीद कर अगर कुछ टाइम मे अच्छा मुनाफा हो रहा है तो आप उसे बेच कर हम ट्रेडिंग भी कर सकते है।
- यह Passively Managed Funds होने की वजह से इन का Expense Ratio म्यूच्यूअल फंड्स से बहुत ही कम होता है।
ETF का सबसे बड़ा नुकसान यही है की इसमे trading volume बहुत कम हो सकता है। जैसे अगर आपने कुछ समय पहले किसी ETF को खरीदकर रखा है और अब आपको पैसो की जरूरत है तो आप उसे stock exchange पर बेचना चाहते है, तो सकता है की बहुत ज्यादा खरीद बिक्री न होने की वजह से आपको कोई खरीददार ही न मिले। एसे मे आप के बेचने के order रखने के बावजूद आप ETF को नहीं बेच पा रहे है, एसा हो सकता है। ETF Meaning in Hindi
निष्कर्ष :
तो दोस्तो यह थी ETF क्या है ETF क्या है? (ETF meaning in Hindi) के बारे मे जानकारी। उम्मीद करता हु की आपको समझ में आ गया होगा की ETF क्या होते है। यदि आपको कुछ समझने में दिक्कत हुई हो तो आप comment बॉक्स में हमें बता सकते है।
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क्या होता है ईटीएफ?
ईटीएफ का मतलब है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड। एक ऐसा फंड जो स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध है और जिसे एक स्टॉक (शेयर) की तरह खरीदा-बेचा जा सकता है। एक प्रकार से यह अलग-अलग शेयरों का एक समूह है जिसमें वही शेयर शामिल होते हैं जो बीएसई सेंसेक्स या एनएसई निफ्टी में होते हैं। इसका मूल्य रियल टाइम में बदलता रहता है और आप इसे कारोबारी दिवस में किसी समय खरीद या बेच सकते हैं। म्युच्युअल फंड से यह इस मामले में भिन्न होता है क्योंकि इसे सिर्फ दिन में एक बार बाजार बंद होने के बाद खरीदा-बेचा जा सकता है। ईटीएफ में शेयर , वस्तु और बांड्स सहित कई प्रकार के निवेश हो सकते हैं। इस आधार पर ईटीएफ कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे- बांड्स ईटीएफ जिसमें सरकारी बांड्स , कारपोरेट बांड्स और म्युनिसिपल बांड्स शामिल हैं। इसी प्रकार उद्योग आधारित ईटीएफ हो सकते हैं जो किसी एक उद्योग को ट्रैक करते हैं। इनमें बैंकिंग , प्रौद्योगिकी या तेल व प्राकृतिक गैस और उस क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों पर आधारित होते हैं। कमोडिटी ईटीएफ जो सोना या कच्चे तेल जैसी वस्तुओं में निवेश करते हैं। इसी तरह करेंसी ईटीएफ जो विदेशी मुद्रा में निवेश करते हैं। हालांकि निवेशकों को ईटीएफ के लिए ब्रोकरेज चार्ज देने होते हैं। ईटीएफ का सबसे अच्छा उदाहरण ‘ एसपीडीआर एसएंडपी 500 ’ ईटीएफ है जो अमेरिकी शेयर बाजार के सूचकांक एसएंडपी 500 इंडेक्स को ट्रैक करता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा और जाना-पहचाना ईटीएफ है। असल में ईटीएफ की शुरुआत ही अमेरिका से 1993 में हुई। शुरुआत में निवेशकों का रुझान ईटीएफ में निवेश की ओर नहीं था। लेकिन ईटीएफ ने दुनियाभर में व्यक्तिगत और संस्थागत निवेशकों के लिए निवेश का एक बड़ा अवसर प्रदान किया। ईटीएफ का मूल्य उसमें निहित शेयर या वस्तु के नेट एसेट वैल्यू यानी एनएवी पर आधारित होता है। हमने ऊपर पढ़ा कि ईटीएफ एक प्रकार का इंडेक्स फंड होता है। इसलिए यहां इंडेक्स फंड का मतलब भी समझना जरूरी है। एक इंडेक्स फंड एक प्रकार का म्युच्अल फंड है जो बिल्कुल शेयर बाजार के सूचकांक जैसा दिखता है। ईटीएफ के फंड मैनेजर शेयर बाजार के सूचकांक में शामिल शेयरों के अनुपात में निवेश करते हैं ताकि बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति में निवेशकों का जोखिम कम रहे। यह निवेशकों के लिए कई मायनों में फायदेमंद होता है। निवेशक का पहला फायदा यह होता है कि वह परोक्ष रूप से उन ब्लूचिप कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है जिन्हें मिलाकर शेयर बाजार का सूचकांक बना है। चूंकि शेयर बाजार के सूचकांक में शामिल कंपनियां कम से कम 20 से 25 सेक्टर की होती हैं , इसलिए उनके निवेश में विविधता होती है।