सकल आय गठन

Bseb Class 10th Economics राज्य एवं राष्ट्र की आय
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Bihar Board Class 10 Economics Chapter 2 Rajya ewm rastra ki aay
Chapter – 2 Raj evam Rastra Ki Aay Notes
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. आय से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – किसी भी प्रकार का शारीरिक अथवा मानसिक कार्य करने के फलस्वरूप किसी व्यक्ति को जो रुपया मिलता है ! वह उस व्यक्ति का आय कहलाता है |
2. सकल घरेलू उत्पाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – किसी देश में किसी दिए हुए वर्ष में वस्तुओं और सेवाओं का जो कुल मात्रा उत्पादित की जाती सकल आय गठन है ! उसे सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है |
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3. भारत में सर्वप्रथम राष्ट्रीय आय की गणना कब और किनके द्वारा की गई थी ?
उत्तर – भारत में राष्ट्रीय आय की गणना सर्वप्रथम 1968 में दादा भाई नौरोजी ने राष्ट्रीय आय का अनुमान लगाया उन्होंने प्रति व्यक्ति आय 20 रुपया वार्षिक बताया है |
4. भारत में राष्ट्रीय आय की गणना किस संस्था के द्वारा होती है ?
उत्तर – भारत में राष्ट्रीय आय की गणना केंद्रीय सांख्यिकी संगठन के द्वारा होती है |
5. राष्ट्रीय आय की गणना में होने वाली कठिनाइयों का वर्णन करें ?
उत्तर – राष्ट्रीय आय की गणना में निम्नलिखित कठिनाइयां होती है ! जो इस प्रकार से है –
i. आंकड़ों को एकत्रित करने में कठिनाई
ii. दोहरी गणना की संभावना
iii. मूल्य को मापने में कठिनाई
6. आय का गरीबी के साथ संबंध स्थापित करें ?
उत्तर – आय का गरीबो के साथ यही सम्बन्ध है ! कि जिसकी आय कम होगी वह गरीब होता है |
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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
7. मानवाधिकार अधिकार के महत्व पर लिखे ?
उत्तर – हमारे देश में राष्ट्रिय स्तर पर यह एक उछ्तं संस्था है ! जो मानवीय अधिकारों सकल आय गठन की रक्षा करता है ! और उनके अधिकार से सम्बंधित उनके हितो के लिए सुरक्षा प्रदान करती है ! वैसी संस्था को ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग कहते है | राष्ट्रीय मानवाधिकार का महत्व इस बात से बढ़ जाता है ! की इसके अध्यक्ष भारत के उच्चतम न्यायालय के अवकाश प्राप्त प्रधान न्यायधीश होते है ! यदि कही किसी के अधिकारों का धनन होता है ! तो प्रभावित व्यक्ति मानव अधिकार आयोग में आपनी शोषण के विरुद्ध आवेदन कर सकता है ! आवेदन करने एवं सुनवाई का तौर तरीका आम आदालत की तरह है |
8. उपभोक्ता के कर्तव्य के बारे में लिखे ?
उत्तर – उपभोक्ता जब कोई वस्तु खरीदता है ! तो यह आवश्यक है ! की उस वास्तु का रसीद अवश्य ले एवं वस्तु की गुन्वाता ब्रांड मात्रा शुद्धता मानक माप तौल उत्पादित निर्माण की तिथि उपभोकता की अंतिम तिथि गरंटी पेपर गुणवता का निशान जैसे आई एस आई मार्क बुल्मार्क हौल्मार्क और मूल्य की दुष्टि से किसी प्रकार के दोष अपूर्णता पाता है ! तो सेवाए लेते समय अतिरिक्त सतर्कता एवं जागरूकता रखे |
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9. आर्थिक सुधारो या नई आर्थिक निति की तीन विशेषताए लिखे ?
उत्तर – आर्थिक सुधारों एवं नई आर्थिक निति की तीन विशेषताए निम्नलिखित है ! जो इस प्रकार से है –
क. उत्पादन इकाइयों की प्रतियोगी क्षमता को बढाना
ख. भूतकाल की तुलना में विदेशी विनियोग एवं तकनिकी का अधिकाधिक उपयोग करना
ग. आर्थिक विकास के लिए वैश्विक संसाधन का उपयोग करना
10. स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत सरकार ने कब और किस के उद्देश्य से राष्ट्रीय आय समिति का गठन किया ?
उत्तर – स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत सरकार ने अगस्त 1949 में राष्ट्रीय आय समिति का गठन किया जिसका मुख्य उद्देश्य भारत के राष्ट्रीय आय के संबंध का अनुमान लगाना था इस समिति ने अप्रैल 1951 में अपनी प्रथम रिपोर्ट प्रस्तुत की 1954 के बाद राष्ट्रीय आय का संकलन करने के लिए सरकार ने केंद्रीय सांख्यिकी संगठन की स्थापना की
11. राष्ट्रीय आय की परिभाषा दें इसकी गणना की प्रमुख विधियां कौन कौन सी है ?
उत्तर – वर्ष भर में किसी देश में अर्जित आय की कुल मात्रा राष्ट्रीय आय कहलाती है ! इसकी गणना करने की निम्नलिखित विधियां है ! जो इस प्रकार से है –
क. उत्पादन गणना विधि
जब उत्पादन के गणना उत्पादन के योग के द्वारा किया जाता है ! तो उसे उत्पादन गणना विधि कहते हैं
ख. व्यय गणना बिधि
जब राष्ट्र के व्यक्तियों की व्यय के आधार पर राष्ट्रीय आय की गणना की जाती है ! तो उस गणना विधि को व्यय गणना विधि कहते हैं |
ग. आय गणना विधि
जब राष्ट्र के व्यक्तियों के आय के आधार पर राष्ट्रिय आय की गणना की जाती है ! तो उस विधि को आय गणना विधि कहते है |
12. प्रति व्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय में अंतर स्पष्ट करें ?
उत्तर – प्रति व्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय में निम्नलिखित अंतर है ! जो इस प्रकार से है –
क. प्रति व्यक्ति आय
i. राष्ट्रीय आय में देश की कुल जनसंख्या से भाग देने पर जो भागफल आता है | उसे प्रति व्यक्ति आय कहते हैं |
ii. प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय आय बराबर देश की कुल जनसंख्या
ख. राष्ट्रीय आय
i. वर्ष भर में किसी देश में अर्जित आय की कुल मात्रा को राष्ट्रीय आय कहा जाता है |
ii. राष्ट्रीय आय बराबर वर्ष भर में उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं का मैट्रिक मूल होता है |
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13. राष्ट्रीय आय में वृद्धि भारतीय विकास के लिए किस तरह से लाभप्रद है’ वर्णन करे ?
उत्तर – राष्ट्रीय आय किसी भी देश की संपन्नता का प्रतीक है | राष्ट्रीय आय प्रति व्यक्ति आय का संयुक्त परिभाषा होता है ! नागरिकों द्वारा उत्पादकता तथा उनकी आय में वृद्धि के लिए किए गए प्रयास से राष्ट्र का विकास होता है ! अलग अलग राष्ट्र अपने विकास की अलग-अलग योजनाएं बनाते हैं ! किंतु रास्ता एक ही होता है इसलिए कहा जाता है ! कि अगर राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है ! तब भारत का विकास संभव होगा |
14. विकास में प्रति व्यक्ति आय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें ?
उत्तर – विकास का सीधा संबंध राष्ट्रीय आय से है ! राष्ट्रीय आय का आधार प्रति व्यक्ति आय से है ! प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है ! तो राष्ट्रीय आय बढ़ जाती है ! और विकास संभव हो पाता है ! देश के विकास के लिए बनने वाली अधिकांश योजनाएं व्यक्ति विकास से जुड़ी होती है | जैसे-जैसे उत्पादन में वृद्धि होगी वैसे वैसे लोगों को रोजगार मिलेगा जिससे लोगों के आय में वृद्धि होगी और प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगा |
15. क्या प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि राष्ट्रीय आय को प्रभावित करती है’ वर्णन करें ?
उत्तर – प्रति व्यक्ति आय का एकत्रित करण राष्ट्रीय आय का निर्माण करता है ! प्रति व्यक्ति आय जितनी अधिक होगी राष्ट्रीय उसी अनुमानित में बनेगा राष्ट्रीय आय में वृद्धि हेतु सरकार व्यक्तिगत आय में वृद्धि के लिए प्रयास करती है ! तथा योजनाएं बनाती है ! और कार्यक्रम के माध्यम से व्यक्तिगत आय में वृद्धि होती है ! तथा व्यक्तियों की क्षमता में वृद्धि होती है |
सकल आय गठन
- वित्त मंत्री देवड़ा ने जारी किया आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22
भोपाल, 08 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में कोविड-19 की चुनौतियों को परास्त करते हुए मध्यप्रदेश ने स्थिर भावों पर सकल घरेलू उत्पाद में 2021-22 में 10.12% की वृद्धि हुई है। वहीं, राज्य में प्रति व्यक्ति सालाना आय में 2020-21 की तुलना में 18 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज हुई है। यह जानकारी राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण में दी गई।
मंगलवार को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 जारी किया। इस मौके पर राज्य आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। सर्वेक्षण के अनुसार, स्थिर भावों पर प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 2021-22 में बढ़कर 5 करोड़ 64 लाख 514 करोड़ रुपये हो गया है। इसके 6 करोड़ 21 लाख 653 करोड़ रुपये तक पहुँचने का अनुमान है। आधार वर्ष 2011-12 के स्थिर भावों पर सकल घरेलू उत्पाद 3 करोड़ 15 लाख 562 रुपये था।
इसी प्रकार, किसान हितैषी नीतियों और किसानों को संकट में मदद देने वाली योजनाओं से बढ़ी हुई जीडीपी में प्राथमिक क्षेत्र का सर्वाधिक 37.43% योगदान है। वर्ष 2021-22 अग्रिम के दौरान बीते वर्ष से प्राथमिक क्षेत्र में 10.32 प्रतिशत, द्वितीयक क्षेत्र में 10.59 प्रतिशत और तृतीयक क्षेत्र में 9.67 प्रतिशत की बढ़ोतरी अनुमानित हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार स्थिर भाव पर प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 63 हजार 345 रुपये हो गई है, जो 2020-21 में 58 हजार 334 रूपये थी। इस प्रकार पिछले साल की तुलना में 8.59% की बढ़ोतरी हुई है। प्रचलित भाव पर प्रति व्यक्ति आय 2020-21 में 1 लाख 4 हजार 894 रुपये थी, जो 2021-22 में बढ़कर 1 लाख 24 हजार 685 हो गई है। इस प्रकार 18.87% की वृद्धि हुई है।
लोक वित्त में भी निरंतर सुधार हो रहा है। वर्ष 2021-22 में राजस्व प्राप्तियाँ 164677 करोड़ 45 लाख रूपये अनुमानित है, जो गत वर्ष से 20.05 प्रतिशत ज्यादा है। आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के मुताबिक कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था को नया जीवन मिला है। विकास के प्रमुख क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, शहरी, ग्रामीण अधो-संरचना, उद्योग में निरंतर प्रगति हो रही है।
सुनियोजित नीतियों और रणनीतियों से कृषि क्षेत्र ने अच्छा प्रदर्शन किया है और निरंतर करता रहेगा। वर्ष 2021-22 के दौरान हर क्षेत्र में 10.86% की वृद्धि हुई है। दलहन, तिलहन के क्षेत्रफल एवं और उत्पादन में वृद्धि हुई है। नए 1130 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन किया जा चुका है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना को मिलाकर कुल 10 हज़ार रुपये हर साल प्रत्येक किसान को मिल रहे हैं।
कृषि उपज को सुरक्षित रखने के लिए वैज्ञानिक भंडारण की क्षमता बढ़ाते हुए 203 लाख 39 हजार मीट्रिक टन हो गई है। गेहूँ उपार्जन 128 लाख 16 हजार मीट्रिक टन और धान का उपार्जन 45 लाख 86 हजार मीट्रिक टन रहा है।
दुग्ध उत्पादन बढ़कर 17 हजार 999 मीट्रिक टन हो गया है। पंजीकृत दुग्ध सहकारी समितियों की संख्या 10 हजार 205 हैं। इनमें से 7205 कार्यरत हैं। ये समितियाँ प्रतिदिन औसतन 5.60 किलोग्राम दूध का संकलन कर रही हैं। कोरोना संक्रमण काल में भी यह सिलसिला जारी रहा।
अधो-संरचना के निर्माण में तेजी आई है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ है। सड़क और सिंचाई क्षेत्र में प्रगति हुई है। वर्ष 2020-21 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उदयोगों में 5178 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ। धान, गेहूँ, कपास और मसाला फसलों के सिंचित क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है। पिछले साल की तुलना में सभी फसलों के सिंचित क्षेत्र में 15.90% की वृद्धि हुई है।
विद्युत क्षेत्र में प्रदेश पूरी तरह आत्म-निर्भर हो गया है। कुल उपलब्ध विद्युत क्षमता 21 हजार 401 मेगा वाट है। विद्युत की पर्याप्त उपलब्धता है। विद्युत विक्रय में भी 5.37% की बढ़ोतरी हुई है। नवकरणीय ऊर्जा बढ़कर 5100 मेगा वाट हो गई है। विगत 5 वर्षों में लगभग 10 गुना से ज्यादा वृद्धि हुई है।
भारत की राष्ट्रीय आय का प्रमुख स्रोत क्या है
भारत की राष्ट्रीय आय का प्रमुख स्रोत सेवा क्षेत्र है.2016 में भारत की प्रति व्यक्ति आय (नाममात्र) $ 1670 थी, विश्व बैंक द्वारा 164 देशों में से 112 वें स्थान पर थी, जबकि क्रय शक्ति समानता (पीपीपी) आधार पर प्रति व्यक्ति आय सकल आय गठन 5,350 अमेरिकी डॉलर थी, और 106 वें स्थान पर थी. प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय और सकल घरेलू उत्पाद के लिए अन्य अनुमान स्रोत द्वारा भिन्न होते हैं. उदाहरण के लिए, 200 9 में पीपीपी आधार पर भारत की औसत जीडीपी प्रति व्यक्ति, अर्थशास्त्री के अनुसार, 5,138 अमेरिकी डॉलर थी, जिसमें इसके राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महत्वपूर्ण बदलाव आया था. गोवा में 14 9 0 अमेरिकी डॉलर प्रति व्यक्ति पीपीपी सकल घरेलू उत्पाद था, जबकि बिहार सबसे कम प्रति व्यक्ति पीपीपी जीडीपी 2015 के मुकाबले 682 अमेरिकी डॉलर था रुपये के मुताबिक, भारत की प्रति व्यक्ति आय 10.4% बढ़कर 2013-09 में 74,920 रुपये हो गई.
भारतीय अर्थव्यवस्था महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
किसी भी देश की प्रगति और विकास के लिए उसके अर्थव्यवस्था का बढ़िया होना बहुत ही जरुरी है.इसलिए आज हम आपको भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में विभिन्न प्रकार की जानकारी देंगे. और यह जानकारी आपके सामान्य ज्ञान के लिए भी आपके पास होना बहुत ही आवश्यक है इसलिए आज हम आपको भारतीय अर्थव्यवस्था से संबंधित नीचे कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर आपको बता रहे हैंजोकि अक्सर आपसे एग्जाम में पूछे जाते हैं तो आप उन्हें अच्छी तरह से याद करने पर अगर आपको यह जानकारी पसंद आए तो शेयर करना ना भूले.
1. केंद्र व राज्य वित्तीय विवादों का निपटारा कौन करता है
उत्तर. वित्त आयोग
2. न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण कौन करता है
उत्तर. कृषि लागत व मूल्य आयोग
3. उत्पादन का सबसे गतिशील कारक कौन-सा होता है
उत्तर. पूँजी
4. किसी उद्यमी का सबसे महत्वपूर्ण कार्य क्या होता है
उत्तर. जोखिम उठाना
5. कागजी मुद्रा जारी करने का पूर्ण अधिकार किसके पास है
उत्तर. रिजर्व बैंक के पास
6. भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण कब हुआ
उत्तर. 1949 में
7. भारतीय रिजर्व बैंक का खुली कार्यवाही का अर्थ क्रय और विक्रय में क्या है
उत्तर. सरकारी बांडों का
8. सस्ती मुद्रा का अर्थ क्या है
उत्तर. ब्याज की दर कम होना
9. सरकार आर्थोपाय ऋण कहाँ से लेती है
उत्तर. रिजर्व बैंक से
10. प्रति व्यक्ति आय ज्ञात करने के लिए कुल आय को किससे भाग दिया जाता है
उत्तर.देश की कुल जनसंख्या से
11. ‘मुद्रा स्वयं मुद्रा का निर्माण करती है’ यह कथन किसका है
उत्तर. क्रोऊमर
12. जिस मुद्रा में शीघ्र पलायन करने की प्रवृत्ति हो क्या कहलाती है
उत्तर. गर्ममुद्रा
13. हिन्दू वृद्धि दर किससे संबंधित है
उत्तर. जीडीपी से
14. भारत की राष्ट्रीय आय का प्रमुख स्रोत क्या है
उत्तर. सेवा क्षेत्र
15. भारत में राष्ट्रीय आय समकों का आकलन किसके द्वारा किया जाता है
उत्तर. केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन द्वारा
16. वह भारतीय राज्य कौन-सा है जिसका वित्तीय लेनदेन भारतीय रिजर्व बैंक से नहीं होता है
उत्तर. जम्मू-कश्मीर
17. भारत में सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज क्या है
उत्तर. बांबे स्टॉक एक्सचेंज
18. अर्थव्यवस्था में मुद्रा के तुल्य और कीमत स्तर के बीच क्या संबंध होता है
उत्तर. प्रतिलोम
19. स्टैगफ्लेशन की स्थिति क्या होती है
उत्तर. गतिरोध और मुद्रास्फीति की
20. आईएमएफ के नियमों के अनुसार हर सदस्य को अपनी वैद्य मुद्रा का सममुल्य अमेरिकी डॉलर के रूप और अन्य किस मुद्रा में घोषित करना होता है
उत्तर. पाउंड स्टर्लिंग के रूप में
21. योजना आयोग का गठन कब हुआ
उत्तर. 1950 ई.
22. योजना आयोग का अध्यक्ष कौन होता है
उत्तर. प्रधानमंत्री
23. राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन कब हुआ
उत्तर. 1952 ई.
24. भारत में प्रथम पंचवर्षीय योजना कब प्रारंभ हुई
उत्तर. 1951 नई दिल्ली
25. योजना अवकाश कब से कब तक रहा
उत्तर. 1966 से 1969 ई.
26. भारत में वित्तीय वर्ष कब से प्रारंभ होता है
उत्तर. 1 अप्रैल
27. भारत का केंद्रीय बैंक कौन-सा है
उत्तर. रिजर्व बैंक
28. एक रुपये का नोट कौन जारी करता है
उत्तर. वित्त मंत्रालय
29. पहला पूर्ण भारतीय बैंक कौन-सा है
उत्तर. पंजाब नेशनल बैंक
30. पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना कब हुई
उत्तर. 1894 ई.
31. भारतीय इंपीरियल बैंक की स्थापना कब की गई
उत्तर. 1921 ई.
32. सार्वजनिक बैंकों में सबसे बड़ा बैंक कौन-सा है
उत्तर. भारतीय स्टेट बैंक
33. भारत का पहला मोबाइल बैंक कहाँ स्थापित हुआ
उत्तर. खारगोन (मध्य प्रदेश)
34. पहले ग्रामीण बैंक की स्थापना कब हुई
उत्तर. 2 अक्टूबर, 1975 ई.
35. देश का पहला ग्रामीण बैंक कौन-सा है
उत्तर. प्रथम बैंक
36. नाबार्ड बैंक का पूरा नाम क्या है
उत्तर. राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक
37. कौन-सा बैंक दीर्घकालीन साख उपलब्ध कराता है
उत्तर. भूमि विकास बैंक
38. भारतीय जीवन बीमा निगम का मुख्यालय कहाँ है
उत्तर. मुंबई
39. सहकारी साख संगठन का शुभारंभ कब हुआ
उत्तर. 1904 ई.
40. भारत का आयात-निर्यात बैंक कौन-सा है
उत्तर. ऐग्जिम बैंक
इस पोस्ट में आपको राष्ट्रीय आय की गणना कौन करता है राष्ट्रीय आय pdf राष्ट्रीय आय का लेखांकन राष्ट्रीय आय की परिभाषा राष्ट्रीय आय में कृषि का योगदान 2016 17 भारतीय अर्थव्यवस्था सवाल और हिंदी में जवाब भारतीय अर्थव्यवस्था प्रश्नोत्तरी भारतीय अर्थव्यवस्था सामान्य ज्ञान pdf भारतीय अर्थव्यवस्था सामान्य ज्ञान 2017 भारतीय अर्थव्यवस्था gk भारतीय अर्थव्यवस्था सामान्य ज्ञान 2018 से संबधित जानकारी दी है .अगर यह जानकारी आपको फायदेमंद लगे तो दूसरो को शेयर जरुर करे .अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके बताएं.
Madhya Pradesh Foundation Day: मध्य प्रदेश का फाउंडेशन डे कल, तस्वीरों में जानिए कैसे हुई थी राज्य की स्थापना
Madhya Pradesh Sthapna Diwas: कल एक नवंबर को मध्य प्रदेश 67 साल का हो जाएगा. उत्साह और विकास की गति देखकर प्रदेश '67 ईयर्स ओल्ड यंग बॉय' जैसा लगता है.
मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर राज्य भर में कल सेलिब्रेशन होगा. 67 साल के हो रहे मध्य प्रदेश ने इस दौरान अपने विकास की नई गाथा लिखी है. दस प्रतिशत से अधिक की विकास दर और गेहूं के उत्पादन में देश भर में नंबर वन का तमगा हासिल मध्य प्रदेश को भारत का हृदय स्थल भी माना जाता है. हालांकि मध्य प्रदेश की राजधानी को लेकर भोपाल के साथ इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के बीच झगड़ा था लेकिन अंत में बाजी तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की इच्छा पर भोपाल के हाथ लगी. 26 जनवरी,1950 को देश में संविधान लागू हुआ. इसके बाद साल 1951-1952 में देश में पहले आम चुनाव कराए गए, जिसके कारण संसद एवं विधान मंडल अस्तित्व में आये. प्रशासनिक दृष्टि से इन्हें श्रेणियों में विभाजित किया गया.
साल 1956 में राज्यों के पुर्नगठन के फलस्वरूप 1 नवंबर, 1956 को नया राज्य मध्य प्रदेश का उदय हुआ. प्रदेश का पुर्नगठन भाषाई आधार पर किया गया था. इसके घटक राज्य मध्य प्रदेश, मध्य भारत, विन्ध्य प्रदेश एवं भोपाल थे, जिनकी अपनी विधानसभाएं थीं. इस राज्य का निर्माण तत्कालीन सीपी एंड बरार, मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्य को मिलाकर हुआ. इसे पहले मध्य भारत के नाम से भी जाना जाता था. 1 नवंबर, 1956 को प्रदेश के गठन के साथ ही इसकी राजधानी और विधानसभा का चयन भी कर लिया गया. भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी के रूप में चुन लिया गया. राजधानी बनने के बाद 1972 में भोपाल को जिला घोषित कर दिया गया. मध्य प्रदेश के गठन के समय कुल जिलों की संख्या 43 थी.आज मध्य प्रदेश में कुल 55 जिले और 10 संभाग हैं. राजधानी के लिए राज्य के कई बड़े शहरों में आपसी लड़ाई चल रही थी.
सबसे पहला नाम ग्वालियर और फिर इंदौर का गूंज रहा था. इसके साथ ही राज्य पुनर्गठन आयोग ने राजधानी के लिए जबलपुर का नाम सुझाया था लेकिन भवन ज्यादा होने के कारण सरकारी कामकाज के लिए भोपाल को उपयुक्त माना गया. इसी वजह से भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी के तौर पर चुना गया था. भोपाल के नवाब तो भारत से संबंध ही रखना नहीं चाहते थे. नवाब हैदराबाद के निजाम के साथ मिलकर भारत का विरोध करने लगे थे. देश के हृदय स्थल में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए भोपाल को ही मध्य प्रदेश की राजधानी बनाने का निर्णय लिया गया. वहीं जबलपुर को सद्भावना के तौर पर हाईकोर्ट और बिजली बोर्ड के मुख्यालय की सौगात दी गई.
मध्य प्रदेश ने विकास और समृद्धि की एक लंबी यात्रा तय की है. इस यात्रा में हर वर्ग के नागरिकों का सहयोग और योगदान रहा है. विकास की इस यात्रा में नागरिकों ने कई चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया और सरकार के सहयोग से नए रास्ते और नए विकल्प खोज लिए. प्रदेश का स्थापना दिवस यहां के लिए एक उत्सव है. नागरिक स्वस्थ रहें, खुशहाल रहें और हर मुसीबत से दूर रहें. मध्य प्रदेश आत्म-निर्भर बनते हुए आर्थिक समृद्धि की राह पर आगे बढ़ रहा है. विकास के हर क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है. अर्थ-व्यवस्था में हर क्षेत्र और वर्ग की उत्साहपूर्वक भागीदारी हो रही है. यही कारण है कि कोविड-19 से उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों में भी मध्य प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था न सिर्फ स्थिर रही बल्कि और मजबूती से आगे बढ़ी. अभी समृद्धि का लंबा सफर तय करना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाएं, जिसमें हर वर्ग को विकास का लाभ मिल सके. मध्य प्रदेश इस उद्देश्य को पूरा करने में अपना योगदान देने के लिए निरंतर परिश्रम कर रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास के हर क्षेत्र के लिए योजनाएं बनाई हैं. केंद्र सरकार की अनूठी योजनाएं, उदार वित्तीय सहयोग और प्रदेश की नवाचारी विकास रणनीतियां मिल कर एक नया मध्य प्रदेश बनाने में सहयोगी साबित हुई हैं. मध्य प्रदेश की आर्थिक गतिशीलता में अब कोई बाधा नहीं रहेगी. मध्य प्रदेश ने दूरदर्शी नीतियों से कोरोना संक्रमण जैसे कठिन समय में अपनी क्षमता साबित कर दी है, जिससे अर्थ-व्यवस्था मजबूती से खड़ी रही. प्रदेश ने वैश्विक स्तर से उपजी चुनौतियों का भी पूरी क्षमता से सामना किया. प्रदेश डिजिटल इकोनामी बनाने की राह पर चल पड़ा है. सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे नए क्षेत्रों में भी निवेश हो रहा है. एमएसएमई क्षेत्र में तेजी से स्टार्ट-अप बढ़ रहे हैं. सकल राज्य घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय अभूतपूर्व रूप से बढ़ी है. अर्थ-व्यवस्था का आकार कई गुना बढ़ चुका है और आने वाले वर्षों में विशाल रूप ले लेगा.
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Noida News: अगर अपनी पार्टी में चाहिए शराब तो लेना होगा Occasional Certificate
गौतमबुद्ध नगर में अब अगर आपको रेस्टोरेंट, बारात घर, होटल आदि में पार्टी करनी है और वहां आपको शराब पिलानी है तो आपको ओकेजनल सर्टिफिकेट लेना होगा, नहीं तो आप पर कार्रवाई हो सकती है। जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर ने इस बारे में एक नोटिफिकेशन जारी किया है।
Yoyocial News
गौतमबुद्ध नगर में अब अगर आपको रेस्टोरेंट, बारात घर, होटल आदि में पार्टी करनी है और वहां आपको शराब पिलानी है तो आपको ओकेजनल सर्टिफिकेट लेना होगा, नहीं तो आप पर कार्रवाई हो सकती है। जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर ने इस बारे में एक नोटिफिकेशन जारी किया है।
नोटिफिकेशन के मुताबिक अगर किसी सार्वजनिक जगह पर आप कोई समारोह आयोजित कर रहे हैं। और शराब परोसी जाने वाली है तो आप आबकारी विभाग की ऑनलाइन साइट पर जा कर ओकेजेनल सर्टिफिकेट अप्लाई कर सकते हैं।
यह सभी नियम क्लब, मैरिज हॉल, होटल, रेस्टोरेंट पर लागू होंगे। जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है की आपको अपने समारोह में अगर लोगों को मदिरापान कराना है तो ऑकेजेनल सटिफिकेट के लिए एक राशि जमा कर एक दिन का सर्टिफिकेट लिया जा सकता है।
जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने जानकारी देते हुए बताया है कि देखा जा रहा है कि जनपद के होटल/रेस्टोरेन्ट/क्लब एवं मैरिज हॉल में पार्टी आयोजित की जाती है, जिसमें आयोजक द्वारा मदिरापान भी कराया जाता है। ऐसे प्रत्येक आयोजनकर्ता द्वारा आबकरी विभाग से नियमानुसार अकेजनल बार लाइसेंस (एफ.एल.-11) प्राप्त किया जाना अनिवार्य है।
उन्होंने बताया कि कुछ आयोजनकर्ताओं द्वारा आबकारी विभाग से अकेजनल बार लाइसेंस (एफ0एल0-11) प्राप्त किये बिना ही मदिरापान कराये जाने की सूचना प्राप्त हो रही है। उन्होंने अकेजनल बार लाइलेंस (एफ.एल.-11) के आवेदन के सम्बन्ध में जानकारी देते हुये बताया कि लाइसेंस के लिए आबकारी विभाग की वेबसाइट पर जाकर ई-पेमेन्ट के माध्यम से निर्धारित शुल्क का भुगतान कर स्वीकृत अकेजनल बार लाइसेंस (एफ.एल.-11) की प्रति पोर्टल से ही निकाली जा सकती है।
जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त होटल/रेस्टोरेन्ट/क्लब एवं मैरिज हॉल के महाप्रबंधक/प्रबंधकों से यह भी आह्वान किया कि आबकारी विभाग से अकेजनल बार लाइसेंस (एफ0एल0-11) प्राप्त किये बिना किसी भी परिस्थिति में मदिरापान न कराया जाये।
यदि कोई अकेजनल बार लाइसेंस प्राप्त किये बिना मदिरापान कराते हुए पाया जाता है या अन्य राज्य की मदिरा परोसते हुये पाया जाता है तो सम्बन्धित होटल/रेस्टोरेन्ट/क्लब एवं मैरिज हॉल के विरूद्ध नियमानुसार आबकारी अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराते हुए जिला प्रशासन से प्राप्त अन्य अनुज्ञा-पत्रों को निरस्त किया जाएगा।