निवेशक प्रशिक्षण

सीएम योगी ने सहारनपुर में 145 करोड़ की 243 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास का कोई विकल्प नहीं है, लेकिन विकास के लिए सुरक्षा और सुरक्षा के लिए अच्छी सरकार आवश्यक है। आपने 2017 में पीएम मोदी के आह्वान पर यूपी में भाजपा सरकार और इनके प्रतिनिधियों को चुना। इसका परिणाम आपके सामने है। जिस प्रदेश से पलायन होता था, गुंडागर्दी चरम पर थी। हर दूसरे दिन 3 बड़े-बड़े दंगे होते थे, वह प्रदेश दंगामुक्त हो चुका है। आज यहां पलायन नहीं हो रहा, बल्कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए यह निवेश के लिए दुनिया को आकर्षित कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने रविवार को सहारनपुर में प्रबुद्ध सम्मेलन के दौरान 145 करोड़ की 243 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। उन्होंने नगर विकास विभाग व औद्योगिक विकास पर लघु फिल्म देखी और विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को चाबी, चेक व स्वीकृति प्रमाण पत्र प्रदान किया। सीएम ने सहारनपुर से भाजपा के 5 विधायक जिताने पर लोगों को साधुवाद दिया।
सीएम योगी ने कहा कि सुरक्षा हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए देवबंद में एटीएस की स्थापना में कोताही नहीं बरती गई। भाजपा सरकार आने से पहले जिन्होंने शासन निवेशक प्रशिक्षण किया, उनकी राजनीति परिवारवाद व भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी थी। नौजवानों, किसानों, व्यापारियों, उद्यमियों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जाता था। इन्होंने राजनीति का अपराधीकरण और अपराधियों के राजनीतिकरण का पाप भी किया। इस कारण प्रदेश में कोई आना नहीं चाहता था, जिन्होंने निवेश किया था, वे पलायन कर रहे थे। तब कैराना और कांधला जैसी घटनाएं होती थीं पर आज यूपी में निवेशक वापस आ चुके हैं। अब अपराधी यूपी छोड़कर भाग रहे हैं। अपराध व अपराधियों, भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जीरो टालरेंस के साथ काम कर रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि सहारनपुर उत्तर प्रदेश का सीमांत जनपद है। एक तरफ उत्तराखंड, दूसरी तरफ हरियाणा की सीमा है। यहां मां गंगा व यमुना का आशीर्वाद बना है। किसान ऊर्जा के साथ खेतों में ऊपज को सोने में उगलता है। हस्तशिल्पी काष्ठकला को वैश्विक पहचान दे रहा है। सहारनपुर में अनंत संभावनाएं हैं, जिसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है। इस निमित्त यहां के प्रबुद्धजनों से संवाद बनाने यहां आया हूं।
सीएम योगी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के पहले मां शाकुंभरी के नाम पर विश्विद्यालय का शिलान्यास किया था। आज उसका भव्य भवन बन रहा है। यहां अगले वर्ष तक नौजवानों के लिए अपने जनपद में विश्वविद्यालय होगा। सहारनपुर में सरसावा एयरपोर्ट पर लैंड अधिगृहित करके दी। कार्य प्रारंभ हो चुका है। सहारनपुर भी जल्द ही देश-दुनिया की एयर कनेक्टिविटी से जुड़ेगा। सड़क कनेक्टिविटी अब बहुत अच्छी हो गई है। 2017 से पहले मुजफ्फरनगर से सहारनपुर आने में 2 घंटे लगते थे। सहारनपुर से शामली व देहरादून मार्ग की दुर्गति थी। सहारनपुर-मुजफ्फरनगर मार्ग पर 753 करोड़ रुपये खर्च किए। अब यह दूरी 2 घंटे की बजाय 45 मिनट में तय होती हैं। 612 करोड़ रुपये से सहारनपुर-शामली मार्ग लगभग पूरा हो चुका है। सहारनपुर से देहरादून मार्ग लगभग 1200 करोड़ से देश के बेहतरीन मार्गों में बन रहा है। लगभग एक हजार करोड़ से यहां की सड़कों, ब्रिज का निर्माण हुआ। जल जीवन मिशन के साथ हर घर नल योजना को पीएम मोदी के विजन के अनुरूप साकार करने के लिए कार्य हो रहा है। तेजी से हर घर को शुद्ध पेयजल से जोड़ रहे हैं।
सीएम योगी ने बताया कि रविवार सुबह लखनऊ में 1354 नर्सों को नियुक्ति पत्र दिया। प्रसन्नता होती है कि अब सरकारी नौकरियों में सभी 75 जनपदों के प्रतिभागी शामिल होते हैं। मैंने सुबह सहारनपुर की कुछ बेटियों को भी नियुक्ति पत्र दिया। 5 लाख नौजवानों को प्रदेश में सरकारी नौकरी दी गई। 5 साल में सहारनपुर में निवेश के माध्यम से एक लाख नौजवानों को रोजगार दिया गया। ओडीओपी के माध्यम से यहां के उत्पादों को बाजार दिया। डिजाइनिंग, ब्राडिंग कर वैश्विक मंच तक पहुंच को आसान किया। अमेजन व फ्लिपकार्ट जैसी निवेशक प्रशिक्षण संस्थाएं इनके उत्पाद बेचते हैं। वैश्विक मंच पर पहचान में सहारनपुर का नाम भी जुड़ता है। केंद्र व प्रदेश सरकार के साथ इसी विचार के लोग नगर निकाय व पंचायती राज में आते हैं तो विकास की स्पीड ट्रिपल गति से बढ़ती है।
सीएम ने कहा कि सहारनपुर ने स्वच्छता में नए मानक गढ़े हैं। पीएम आवास योजना में भेदभाव के बिना आवास मिल रहा। पीएम स्वनिधि योजना के तहत प्रदेश में 9 लाख और सहारनपुर में 18 हजार स्ट्रीट वेंडरों को सुविधा का लाभ मिला है। पीएम आवास योजना के तहत 45 लाख गरीबों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराई गई। इससे ढाई करोड़ लोग लाभान्वित हुए। सहारनपुर में 25944 लोगों को आवास दिलाया। जिले में ओडीओपी में 2225 कारीगरों को प्रशिक्षण के साथ टूल किट भी बांटी। 960 उद्यमियों को मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना से लाभान्वित कराया। इससे 5 हजार नौजवानों को सुविधा मिली। यह नया यूपी है।
सीएम योगी ने प्रबुद्धजनों से कहा कि हर सेक्टर में निवेश की अनंत संभावनाएं हैं। यूपी की औद्योगिक नीति, बायो फ्यूल, टेक्सटाइल्स आदि सेक्टर की नीति देश में सबसे अच्छी है। 10 से 12 फरवरी 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होगा। सहारनपुर के व्यापारियों व उद्यमी भी निवेश से जुड़ें। जिस कार्य से रोजगार का सृजन हो और विकास की प्रक्रिया के साथ बढ़ती हो, वह निवेश है। यूपी देश में सबसे सुरक्षित प्रदेश है। सीएम ने आह्वान किया कि यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में योगदान दें। 5 वर्ष में स्मार्ट सिटी, अमृत योजना, दीनदयाल उपाध्याय नगरीय विकास योजना के तहत खूब कार्य हुए। एलईडी, दूधिया लाइट में चलते हुए अब आपको अच्छा लगता होगा। स्वच्छ नगर व एक जैसी स्ट्रीट लाइट देखकर अच्छा लगता होगा। केंद्र व राज्य में जिसकी सरकार हो, स्थानीय निकाय में भी उसकी सरकार हुई तो तेज गति से काम होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत लाभार्थी पारुल शर्मा, मोनिका, विद्यावती, सुमित, अमित कुमार, मंजू, सोनू कुमार, नैना को चाबी दी।
पीएम स्वनिधि योजना के तहत मोनिका, विकास शर्मा, प्रवीण कुमार सैनी, मोहन सिंह, मनोज शर्मा, चंद्रपाल, रविंद्र कुमार कश्यप, रोहित, दर्शिनी को स्वीकृति प्रमाणपत्र प्रदान किए। वहीं ओडीओपी के लाभार्थी ललित कुमार (50 लाख), मिर्जा तौसीम वेग को 30 लाख, अनस अंसारी को 25 लाख, कलीम को 15 लाख, मुस्तफा को 10 लाख का चेक दिया।
Zomato के को-फाउंडर मोहित गुप्ता ने दिया इस्तीफा, वजह ये है.
ऑनलाइन फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो ( Zomato ) ने शुक्रवार को कहा कि उसके को-फाउंडर मोहित गुप्ता (Mohit Gupta) ने फूड एग्रीगेटर से इस्तीफा दे दिया है. गुप्ता करीब 5 साल पहले जोमैटो में शामिल हुए थे.
मई 2020 में गुप्ता जोमैटो के को-फाउंडर बने थे. उन्हें फूड डिलीवरी बिजनेस के CEO पोस्ट से प्रमोशन दिया गया था गुप्ता ने अपनी टीम को भेजे एक संदेश में कहा, "जोमैटो से आगे बढ़ने का फैसला कर रहा हूं ताकि जीवन में अन्य अज्ञात मौकों की तलाश कर सकूं, जो उन्हें जिंदगी में मिलती है. पिछले कुछ वर्षों में मैंने दीपी (दीपिंदर गोयल) को और अधिक परिपक्व और आत्मविश्वासी लीडर बनते हुए देखा है जो अब आप सभी के साथ व्यवसाय को उज्जवल भविष्य की ओर ले जाने में पूरी तरह सक्षम हैं."
हालांकि, मोहित गुप्ता के इस्तीफा देने की सही वजह अभी स्पष्ट नहीं है. ख़बरों के मुताबिक, ऐसा कहा जा रहा है कि मोहित ने को-फाउंडर के पद से इस्तीफा दिया है, लेकिन वे बतौर निवेशक कंपनी के साथ जुड़े रहेंगे.
हाल के दिनों में जोमैटो से यह तीसरा हाई-प्रोफाइल इस्तीफा है. इस सप्ताह की शुरूआत में जोमैटो ने घोषणा की कि राहुल गंजू ने अपना 5 साल का कार्यकाल समाप्त कर दिया है. महीने की शुरूआत में, जोमैटो के वैश्विक विकास के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ झावर ने भी अपनी विदाई की घोषणा की.
जोमैटो ने आगे बताया, मोहित गुप्ता को कंपनी अधिनियम 2013 और सूचीबद्ध नियमों के अनुसार नामित नहीं किया गया था. न ही उन्हें प्रमुख प्रबंधकीय कर्मी के रूप में नामित किया गया था.
जोमैटो (Zomato) के फाउंडर और सीईओ दीपिंदर गोयल (Deepinder Goyal) ने मोहित गुप्ता को कहा, "आप पिछले कुछ वर्षों में मेरे भाई और मित्र रहे हैं. आपने यहां शानदार काम किया है, हमें विलुप्त होने के कगार से वापस लाया है, व्यापार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है, हमें प्रॉफिट तक पहुंचाया है, और सबसे बढ़कर, इतने बड़े और जटिल व्यवसाय को चलाने में सक्षम बनने के लिए वर्षों से प्रशिक्षित किया है. आपका धन्यवाद."
लिंक्डइन पर मौजूद जानकारी के मुताबिक साल 2018 में मोहित गुप्ता जोमैटो के साथ जुड़े. साल 2020 में उन्हें सीईओ पद से प्रमोशन देकर को फाउंडर पद की जिम्मेदारी दी गई. वित्तीय वर्ष 2021 में उनकी सैलरी 3.9 करोड़ रुपए के करीब थी. जोमैटो के प्रमुख पदों पर रहते हुए मोहित ने बिज़नस एक्सपेंशन पर फोकस किया. जोमैटो के अलावा मोहित के पास 12 सालों का सेल्स, ऑनलाइन और फिल्ड मार्केटिंग का अनुभव है.
उन्होंने ब्रांड मार्केटिंग और चैनल लीडरशिप के तौर पर अहम जिम्मेदारियां निभाई है. जोमैटो और मेकमाई ट्रिप के अलावा उन्होंने पेप्सीको में बतौर VP पद पर काम किया हैं. मोहित ने सरदार पटेल यूनिवर्सिटी, गुजरात से मेकैनिकल इंजीनियरिंग में B.Tech की डिग्री हासिल की है. वहीं IIM, कोलकाता से MBA की पढ़ाई की है. मोहित अंतर्राष्ट्रीय विज्ञापन संघ के सक्रिय कार्यकर्ता हैं. उन्हें फोटोग्राफी और योगा का शौक है.
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G20 Summit: भारत के लिए कितना अहम है इंडोनेशिया दौरा, जहां जा रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी?
पीएम मोदी कह चुके हैं कि अब फर्स्ट वर्ल्ड और थर्ड वर्ल्ड की सोच के साथ नहीं बल्कि वन वर्ल्ड की सोच के साथ काम करने का समय है. जी-20 समिट को भारत वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ आगे बढ़ाएगा.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: निलेश कुमार
Updated on: Nov 13, 2022 | 2:27 PM
इंडोनेशिया के बाली में होने वाले 17वें जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 नवंबर को रवाना होंगे. विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, वे 16 निवेशक प्रशिक्षण नवंबर तक इंडोनेशिया के दौरे पर रहेंगे. G20 यानी भारत, इंडोनशिया समेत उन 20 देशों का समूह, जो एक-दूसरे की ताकत बनते हैं. भारत के लिए यह शिखर सम्मेलन अहम होने वाला है. शिखर सम्मेलन के अलावा पीएम मोदी यहां कुछ राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठक भी कर सकते हैं.
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के निमंत्रण पर पीएम मोदी शिखर सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं. वर्तमान में इंडोनेशिया ही जी-20 का अध्यक्ष है. इस शिखर सम्मेलन में भारत को जी -20 की अध्यक्षता सौंपी जाएगी.
इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
जी-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन समेत कई राष्ट्राध्यक्षों के आने की संभावना है. G20 देशों के नेता वैश्विक चिंता के प्रमुख मुद्दों पर ‘रिकवर टुगेदर, रिकवर स्ट्रॉन्गर’ के शिखर सम्मेलन के तहत व्यापक रूप से विचार-विमर्श करेंगे.
G20 शिखर सम्मेलन के एजेंडे के हिस्से के रूप में मुख्यत: तीन कार्य सत्र होंगे- खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल परिवर्तन. यहां रूस-यूक्रेन संघर्ष से उपजे वैश्विक हालात, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है.
इंडोनेशिया में भारत के राजदूत बोले
इंडोनेशिया में भारतीय राजदूत मनोज कुमार भारती ने बताया कि जी-20 में इंडोनेशिया की अध्यक्षता को भारत ने अपना पूरा समर्थन दिया है.
कितना अहम है पीएम मोदी का दौरा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह पहला इंडोनेशिया दौरा है, जो कई मायनों में अहम है. उनके इस दौरे से इंडोनेशिया के साथ भारत के संबंधों को नई ताकत मिलेगी. इंडोनेशिया में रह रहा भारतीय समुदाय इसको लेकर खासा उत्साहित है. खबर है कि पीएम मोदी उन्हें भी संबोधित करेंगे.
भारतीय राजदूत मनोज कुमार भारती ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों का समाधान निकालने के लिए किए जाने वाले प्रयासों में भारत हमेशा शामिल होता है. जी-20 की अध्यक्षता भारत के पास आएगी तो हम इसे वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ आगे बढ़ाएंगे. पीएम मोदी भी कह चुके हैं कि अब फर्स्ट वर्ल्ड और थर्ड वर्ल्ड की सोच के साथ नहीं बल्कि निवेशक प्रशिक्षण वन वर्ल्ड की सोच के साथ काम करने का समय है.
इंडोनेशिया-भारत के व्यापारिक संबंध
इंडोनेशिया में चीन सबसे बड़ा निवेशक है. वहीं दूसरी ओर इंडोनेशिया, भारत के साथ व्यापारिक संबंध बढ़ाने को इच्छुक है. इंडोनेशिया में भारतीय मूल के लोगों के निवेश का आंकड़ा करीब 54 अरब डॉलर का है लेकिन इसका 95 फीसदी निवेश सिंगापुर के रास्ते है. सीधे भारत से आने वाले निवेश का आंकड़ा 2 अरब डॉलर से भी कम है. भारती के अनुसार, भारत इस प्रयास में है कि इंडियन इन्वेस्टर इस ओर प्रयास करे.
तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं दोनों देश
इंडोनेशिया, भारत का करीबी सहयोगी है. भारतीय राजदूत का कहना है कि आबादी के मामले में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है तो वहीं इंडोनेशिया चौथे स्थान पर. दोनों ही देश दुनिया के बड़े लोकतंत्र है. साथ ही तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था भी हैं. इंडोनेशिया के लिए भारत कोयले और पाम ऑइल का सबसे बड़ा खरीदार है तो वहीं भारत के लिए भी फार्म, सॉफ्टवेयर समेत कई क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं हैं.
भारत और इंडोनेशिया रक्षा क्षेत्र में भी एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं. खासतौर पर प्रशिक्षण के लिए दोनों देशों के बीच एक्सचेंज कार्यक्रम होते हैं. हिंद प्रशांत रणनीति को लेकर भी दोनों देशों के बीच ठीक तालमेल है. ऐसे में दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग से आगे बढ़ने की अपार संभावनाएं हैं.
यूपी सरकार की पर्यटन क्षेत्र में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश पर नजर, 10 लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार राज्य को 'पर्यटन राज्य' के रूप में विकसित करने और अगले पांच वर्षों में 10 लाख युवाओं के लिए रोजगार सृजित करने के लिए पर्यटन क्षेत्र में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रही है।
इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, सरकार ने राज्य में प्रमुख पर्यटन स्थलों के साथ-साथ कम प्रसिद्ध, लेकिन सुंदर प्राकृतिक स्थलों को विकसित करने के इच्छुक निवेशकों के लिए 40 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी की घोषणा की है।
गौरतलब है कि बुधवार को सीएम की अध्यक्षता निवेशक प्रशिक्षण में हुई कैबिनेट की बैठक में नई पर्यटन नीति को मंजूरी दी गई. नीति पर्यटन स्थलों के विकास के लिए छूट और प्रोत्साहन के माध्यम से निवेशकों को काफी राहत देती है।
योगी सरकार ने हाल के दिनों में दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई पहल की हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण समान धार्मिक, भौगोलिक और प्राकृतिक स्थलों को जोड़कर विषयगत सर्किट बनाने के साथ-साथ नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने का खाका तैयार कर रही है।
नई नीति के तहत राज्य में निवेश करने वाले उद्यमियों के लिए विभिन्न प्रकार के अनुदानों की घोषणा की गई है। पॉलिसी के मुताबिक 10 लाख रुपये से 10 करोड़ रुपये के बीच निवेश करने वालों को 25 फीसदी यानी 2 करोड़ रुपये तक की छूट मिलेगी। इसी प्रकार, 10 करोड़ रुपये से 50 करोड़ रुपये के बीच निवेश करने वाले उद्यमियों को 20 प्रतिशत या 7.5 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
50 करोड़ रुपये से 200 करोड़ रुपये के बीच के निवेश वाले उद्यमियों को 15 प्रतिशत या 20 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी, जबकि 200 करोड़ रुपये से 500 करोड़ रुपये के बीच निवेश करने वालों को 10 प्रतिशत या तक की छूट दी जाएगी। 25 करोड़ रु. इसके अलावा, 500 करोड़ रुपये से अधिक पूंजी निवेश करने वाले प्रमुख निवेशकों को 10 प्रतिशत या 40 करोड़ रुपये, जो भी अधिक हो, पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
फोकस टूरिज्म डेस्टिनेशन (एफटीओ) के तहत पर्यटन इकाई प्रस्तावों के लिए महिलाओं और एससी और एसटी उद्यमियों को अतिरिक्त 5 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, पात्र पर्यटन इकाइयों को 5 करोड़ रुपये तक की बैंक ऋण राशि पर ऋण राशि का 5 प्रतिशत या अधिकतम 5 वर्ष की अवधि के लिए अधिकतम 25 लाख रुपये प्रति वर्ष की दर से ब्याज अनुदान प्रदान किया जाएगा। पर्यटन इकाइयों की स्थापना। पंजीकृत पर्यटन इकाइयां या तो ब्याज सब्सिडी या पूंजीगत सब्सिडी अनुदान की पात्र होंगी।
नई पर्यटन नीति में पर्यटन इकाइयों की स्थापना या विस्तार के लिए भूमि की प्रथम खरीद, लीज या हस्तांतरण पर स्टाम्प शुल्क एवं निबंधन शुल्क में शत-प्रतिशत छूट का भी प्रावधान है। एक और प्रावधान किया गया है कि सभी नवीन एवं विस्तारित पर्यटन इकाइयों को भू-उपयोग परिवर्तन एवं विकास शुल्क में पूर्ण छूट दी जाये। इसके अलावा रोजगार सृजन पर ईपीएफ सब्सिडी, निःशक्तजन हितैषी इकाइयों को विशेष प्रोत्साहन और सूचना एवं प्रौद्योगिकी सक्षमता, नवाचार विशिष्ट के लिए 50,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि और पर्यटन और आतिथ्य उद्योग में अनुसंधान के लिए 10 लाख रुपये तक की सहायता . इसके अलावा, राज्य की दुर्लभ और लुप्तप्राय कला, संस्कृति और व्यंजनों के संरक्षण, संवर्धन और पुनरुद्धार के लिए 5 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में हेरिटेज होटलों के परिसर में बार लाइसेंस के लिए लाइसेंस शुल्क का 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति करने का भी प्रावधान है। इसके अलावा, राज्य सरकार हेरिटेज होटलों तक बारहमासी सड़क और अतिक्रमण मुक्त लिंक रोड की व्यवस्था करेगी। निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए विद्युत उपकेन्द्र एवं ट्रांसफार्मर स्थापित किये जायेंगे एवं आकर्षक साइन बोर्ड लगाये जायेंगे.
नई नीति का उद्देश्य शुरू से ही युवाओं और बच्चों में पर्यटन और संस्कृति की समझ, आवश्यकता और महत्व को विकसित करना है। इसके तहत देश में जिम्मेदार और टिकाऊ पर्यटन को विकसित करने के साधन के रूप में युवा पर्यटन क्लबों की पहचान की गई है। इसके अलावा, सर्वश्रेष्ठ टूर ऑपरेटर, वेलनेस सेंटर, होटल, हेरिटेज होटल, बेस्ट इको-टूरिज्म ऑपरेटर, बेस्ट इको रिजॉर्ट, बेस्ट होमस्टे और बेस्ट एडवेंचर के पुरस्कार विभिन्न पर्यटन व्यवसायों द्वारा की गई असाधारण पहल और सेवा की गुणवत्ता को मान्यता देने के लिए दिए जाएंगे। राज्य में। (एएनआई)
यूपी में निवेशकों की बढ़ी रुचि, ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट से पहले ही मिला सवा लाख करोड़ के निवेश का प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के लिए राद्य सरकार को निवेश प्रस्ताव मिलने लगे हैं। योगी सरकार फरवरी 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट यानी जीआईएस को बड़े स्तर पर आयोजन कराने जा रही है।
उत्तर प्रदेश में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के लिए राज्य सरकार को निवेश प्रस्ताव मिलने लगे हैं। योगी सरकार फरवरी 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट यानी जीआईएस को बड़े स्तर पर निवेशक प्रशिक्षण आयोजन कराने जा रही है। समिट के आयोजन में अभी तीन महीने से ज्यादा समय बाकी है। ऐसे में प्रदेश सरकार को पहले से ही सवा लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। ये प्रस्ताव 150 से ज्यादा निवेशकों की ओर से आए हैं। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि जीआईएस की षशुरुआक से पहले ही सरकार की मंशा के अनुरूप प्रदेश को भारी निवेश मिल जाएगा।
इंवेस्टरों ने दिखाई रुचि
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए यूपी सरकार ने दो महत्वपूर्ण पोर्टल शुरू किए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को दिल्ली में होने वाले जीआईएस-23 कर्टेन रेजर समारोह में लोगो और टैगलाइन के शुभारंभ के साथ दोनों पोर्टल का भी शुभारंभ करेंगे। इन पोर्टल की टेस्टिंग और कामकाज को परखने के लिए कुछ चुनिंदा निवेशकों को इसके लिंक भेजे गए थे। इसके नतीजे सकारात्मक निकले। औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार ने बताया कि एक हफ्ते से भी कम समय में इन पोर्टल के जरिए करीब 150 निवेशकों ने निवेश के लिए रुचि दिखाई है। इन्होंने पोर्टल पर जो इंटेंट फाइल किया है वह 1.15 लाख करोड़ से भी ज्यादा का है।
ये प्रस्ताव किन निवेशकों की ओर से मिले हैं और ये निवेशक देश से हैं या विदेश से, इस बात फिलहाल ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि, ये जरूर स्पष्ट है कि कई और निवेशक भी जल्द ही अपने आवेदन पूर्ण करने वाले हैं, जिसके बाद निवेश के आंकड़ों में कई गुना बढ़ोतरी होना तय है।
जल्द ही लाइव होंगे पोर्टल
जीआईएस-23 को लेकर जो दो पोर्टल बनाए गए हैं, उनकी इस पूरी प्रक्रिया में प्रमुख भूमिका रहने वाली है। 22 नवंबर के बाद ये पोर्टल इन्वेस्ट यूपी की साइट पर लाइव हो जाएंगे। इन पोर्टल के जरिए ही निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए जाएंगे। निवेशकों को इन पोर्टल के जरिए ही प्रदेश में निवेश का मौका मिलेगा। प्रदेश सरकार के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) भी इन्हीं पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। किस क्षेत्र में निवेश की कितनी संभावनाएं हैं, निवेश की क्या शर्तें हैं, निवेशकों को किस तरह की सहूलियत मिलेगी, जैसी सभी जानकारियां निवेशकों को इसी पोर्टल के माध्यम से मिल जाएंगी।
नोडल अफसर करेंगे सवालों का समाधान
इन दोनों पोर्टल पर निवेशकों की सभी सवालों का समाधान करने के लिए प्रदेश सरकार के 35 विभागों की ओर से 35 नोडल अफसर तैनात किए गए हैं। इन सभी नोडल अफसरों को प्रशिक्षण के दौरान बताया जा रहा है कि उन्हें पोर्टल पर किस तरह से निवेशकों के सवालों का निदान करना है।