डिजिटल करेंसी क्या होती है

Digital Rupee: जल्द आ रही भारत की डिजिटल करेंसी, जानें क्रिप्टो से होगी कितनी अलग
Digital Rupee at Union Budget 2022: CBDC या Digital Rupee लीगल टेंडर का डिजिटल रूप है जो केंद्रीय बैंक के कंट्रोल में होगा।
- Mohammad Faisal
- @itsmeFSLMohammad Faisal -->
- Updated: February 1, 2022 3:06 PM IST
Union Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज, 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2022 पेश किया, जहां इन्होंने Digital Rupee भी अनाउन्स किया। इन्होंने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 2022-23 में Central Bank Digital Currency (CBDC) लॉन्च करेगी, जो भारतीय मुद्रा का डिजिटल रूप होगा। सीतारमण ने बताया कि यह करेंसी “ब्लॉकचेन और दूसरी तकनीकों” के इस्तेमाल से उतारी जाएगी। Bitcoin और Ether जैसी क्रिप्टोकरेंसी भी ब्लॉकचेन पर काम करती हैं। आइए जानते हैं कि यह Digital Rupee या CBDC क्या है और यह करेंसी कैसे काम करेगी। Also Read - RBI Digital Rupee आज से होगा यूज, कैश रखने की नहीं पड़ेगी जरूरत!
क्या है Digital Rupee?
Digital Rupee लीगल टेंडर होगा जिसे, केंद्रीय बैंक (RBI) द्वारा पेश किया जाएगा। यह डॉलर, पाउंड या भारतीय रुपये की तरह फिएट मुद्रा होगी, मगर इसका रूप अलग होगा। यह वैल्यू में भी रुपये के जैसा ही होगा बस यह सिक्के या नोट की जगह पर डिजिटल रूप में मौजूद होगा। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो, Digital Rupee देश में इस्तेमाल की जाने वाली कानूनी मुद्रा के समान है, बस यह डिजिटल रूप में है। Also Read - Bitcoin की वैल्यू में एक बार फिर हुई बड़ी गिरावट, कीमत जानकर हैरान रह जाएंगे आप
क्रिप्टोकरेंसी से कितनी अलग CBDC?
RBI 2022-23 तक Digital Rupee या CBDC पेश करेगी, जो ब्लॉकचेन और दूसरी तकनीकों के इस्तेमाल से बनाई जाएगी। सरकार ने अभी इन दूसरी तकनीकों के बारे में नहीं बताया है मगर अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, CBDC क्रिप्टोकरेंसी की चलित परिभाषा में फिट नहीं बैठती। Also Read - Apex Legends Mobile कर बैठा गलती, वक्त से पहले जोड़ दिया Crypto लेजेंड
CBDC या Digital Rupee लीगल टेंडर का डिजिटल रूप है जो केंद्रीय बैंक के कंट्रोल में होगा। इसके उलट क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल ऐसेट है, जो किसी केंद्रीय बैंक के कंट्रोल में न होकर डेवलपर द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट से जुड़ी होती है। क्रिप्टोकरेंसी किसी सरकारी संस्था द्वारा रेग्युलेट नहीं की जाती हैं और इनकी वैल्यू इनकी डिमांड पर निर्भर करती है।
क्रिप्टो मार्केट में स्टेबल कॉइन भी मौजूद हैं– ये ब्लॉकचेन पर मौजूद वो टोकन्स हैं, जिनकी कीमत फिएट करेंसी से जुड़ी रहती है। उदाहरण के तौर पर Tether (USDT) एक स्टेबल कॉइन है, जो डॉलर की वैल्यू पर सेट है। मगर यह भी फिएट करेंसी की तरह सेंट्रल बैंक के कंट्रोल में नहीं है। आने वाले दिनों में हमें Digital Rupee और क्रिप्टोकरेंसी के बीच फर्क या समानताओं के बारे में ज्यादा क्लैरिटी मिल पाएगी।
- Published Date: February 1, 2022 2:41 PM IST
- Updated Date: February 1, 2022 3:06 PM IST
दुनियाभर की लेटेस्ट tech news और reviews के साथ best recharge, पॉप्युलर मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव offers के लिए हमें फेसबुक, ट्विटर पर फॉलो करें। Also follow us on Facebook Messenger for latest updates.
Digital Currency vs UPI: आ गया डिजिटल रुपया, कैसे होगा इस्तेमाल, कितना है यूपीआई से अलग, जानिए हर सवाल का जवाब.
Digital Currency vs UPI: वैसे तो आजकल हर जगह कैश कैरी करने की जरूरत रह नहीं गई है लेकिन देश की पेमेंट सुविधा को और भी आसान बनाने के लिए भारत सरकार आज यानि मंगलवार से डिजिटल करेंसी लॉन्च करने जा रही है।
बता दें कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि जल्द ही वो देश में अपनी डिजिटल करेंसी को रोलआउट करने वाले हैं और आज 1 नवंबर से इसकी शुरूआत की जा रही है।
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) का पहला पायलट प्रोजेक्ट डिजिटल रुपया (Digital Rupee) मंगलवार को लॉन्च करने जा रहा है। इसका इस्तेमाल सरकारी सिक्यूरिटी के लेनदेन में होगा। यह सिर्फ थोक कारोबार के लिए होगा।
एक महीने के अंदर इसको चुनिंदा व्यापारियों और ग्राहकों के लिए लॉन्च किया जाएगा। यूं तो देश में यूपीआई (UPI) के जरिए डिजिटल ट्रांसेक्शन होते है लेकिन डिजिटल रूपी यूपीआई (UPI) से थोड़ा सा अलग है। पहले डिजिटल रूपी को समझते हैं, फिर यूपीआई (UPI) और इसके अंतर को समझेंगे।
Digital Currency vs UPI: 9 बैंक ले रहे डिजिटल रूपी में हिस्सा
Digital Currency vs UPI: RBI ने 7 अक्टूबर 2022 को कहा था कि वह जल्द ही इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगा। पायलट प्रोजेक्ट के दौरान डिजिटल रुपए का इस्तेमाल सीमित रखा गया है।
पायलट प्रोजेक्ट के नतीजों का विश्लेषण केंद्रीय बैंक दिया किया जाएगा। इसके बाद उसे व्यापक रूप से बाजार में लाया जाएगा। डिजिटल रुपये से बैंकों का ट्रांजेक्शन कॉस्ट कम होगा।
रिजर्व बैंक के अनुसार फिलहाल देश के 9 बड़े बैंक इस पायलेट प्रोजेक्ट में हिस्सा ले रहे हैं।
इस प्रोजेक्ट में भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India), एचडीएफसी बैंक (HDFC डिजिटल करेंसी क्या होती है Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank), यस बैंक (Yes Bank), आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) और एचएसबीसी बैंक (HSBC Bank) हिस्सा लेने के सेलेक्ट किया गया है।
Digital Currency vs UPI: कैसे किया जाएगा इसका इस्तेमाल
Digital Currency vs UPI: आरबीआई की ओर से कुछ दिन पहले शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, CBDC (Central Bank Digital Currency) एक पेमेंट का माध्यम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा।
इसकी वैल्यू लीगल टेंडर नोट यानि कि मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी। देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत कम हो जाएगी, या रखने की जरूरत ही नहीं होगी।
सीधे शब्दों में समझें तो ये एक क्रिप्टोकरेंसी कॉइन की तरह होगा। आपके फोन में एक अलग ऐप होगा जिसके जरिए आपने कॉइन यानि कि डिजिटल रूपी को ट्रैक कर पाएंगे और इनका भुगतान कर पाएंगे। जैसे किसी अन्य क्रिप्टो करेंसी में यूपीआई (UPI) या अन्य माध्यमों से रूपयों को कॉइन में बदला जाता है उसी तरह यहां भी रूपयों को डिजिटल रूपी यानि कि डिजिटल कॉइन बदला जाएगा और इस लेखा जोखा आपके मोबाइल वालेट यानि कि उस ऐप पर दिखेगा।
Digital Currency vs UPI: यूपीआई (UPI) से कैसे अलग है डिजिटल करेंसी
Digital Currency vs UPI: आज हर व्यक्ति डिजिटल लेनदेन के नाम पर यूपीआई (UPI) या नेटबैंकिंग का इस्तेमाल करता है। जिसने देश को कैशलेश करने में बड़ी भूमिका निभाई है। अब ज्यादातर लोगों के मन में सवाल है कि डिजिटल करेंसी यूपीआई (UPI) से किस तरह अलग है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर और पेमेंट्स ट्रांसफॉर्मेशन लीडर, मिहिर गांधी बताते हैं, 'डिजिटल रुपया अपने आप में अंडरलाइंग भुगतान मोड होगा जिसका उपयोग करेंसी/कैश के बदले डिजिटल भुगतान के लिए किया जा सकेगा। UPI और IMPS आदि जैसे भुगतान फंड ट्रांसफर करने के लिए अंतर्निहित मुद्रा/नकदी का उपयोग करते हैं। इस मामले में, यह उम्मीद की जाती है कि डिजिटल रुपया से भुगतान सहज लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए हो सकता है। वर्तमान में, UPI भुगतान मौजूदा मुद्रा नोटों के डिजिटल समकक्ष का उपयोग करके किया जाता है। इसका मतलब है कि UPI के जरिए ट्रांसफर किया गया हर रुपया फिजिकल करेंसी से चलता है।
वहीं इसके अलावा नॉनब्लॉक्स ब्लॉकचैन स्टूडियो के संस्थापक और निदेशक डिजिटल करेंसी क्या होती है विंशु गुप्ता के अनुसार कि यूपीआई (UPI) भुगतान वर्तमान में आरबीआई के साथ लेनदेन करने वाले बैंकों के निपटान पर निर्भर करता है, डिजिटल रुपी सीधे आरबीआई से लेनदेन करेगा, इसलिए इसे तुरंत सुलझा लिया जाएगा। बता दें कि UPI ट्रांजेक्शन सीधे बैंक से बैंक में होता है, यूपीआई (UPI) वर्चुअल पेमेंट एड्रेस और डिजिटल करेंसी क्या होती है आइडेंटिटी का इस्तेमाल करता है।
Digital Currency vs UPI: यूपीआई (UPI) की मौजूदगी के बीच इसकी क्या है जरूरत?
Digital Currency vs UPI: डिजिटल रुपए की घोषणा के बाद से एक असमंजस की सी स्थिति लगातार बनी हुई है कि जब पहले से यूपीआई (UPI), भीम या अन्य डिजिटल भुगतान माध्यम उपलब्ध हैं तो फिर 'डिजिटल रुपए' की जरूरत क्या है?
तो इसका जवाब हम आपको बता दें कि जब कोई ग्राहक यूपीआई (UPI), भीम या अन्य डिजिटल माध्यमों से भुगतान करता है तो इस स्थिति में बैंक को उसके हर रुपए की लेन-देन के लिए भौतिक करेंसी का मेंटेनेंस करना अनिवार्य होता है। जबकि डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी क्या होती है के जरिए अधिकारिक मुद्रा होगी, जिसके लिए बैंकों को भौतिक मुद्रा के मेंटेनेंस की दुविधा नहीं रह जाएगी। इससे आरबीआई करेंसी की छपाई और वितरण पर होने वाले हजारों करोड़ रुपए के खर्च को भी बचा सकेगी।
Digital Currency vs UPI: इसके अलावा एक बड़ा अंतर यह भी है कि यूपीआई (UPI) अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों से किए गए डिजिटल लेनदेन में बैंकिंग सिस्टम का उपयोग शामिल है, जबकि डिजिटल रुपए में बैंकिंग सिस्टम का उपयोग शामिल नहीं होगा और यह वित्तीय संस्थानों के बजाय केंद्रीय बैंक आरबीआई की प्रत्यक्ष गारंटी होगी। अर्थात कोई भी गलत ट्रासेक्शन होने पर किसी बैंक से कोई संपर्क नहीं करना पड़ेगा। जिम्मेदारी केंद्रीय बैंक की होगी।
साथ ही यूपीआई (UPI) व अन्य ट्रासेक्शन होने का पूरा रिकॉर्ड अब तक बैंक के पास रहता था लेकिन डिजिटल रूपी के मामले में पूरा लेखा जोखा सिर्फ केन्द्रीय बैंक के पास होगा।
क्रिप्टोकरेंसी से बिलकुल अलग है आरबीआई की डिजिटल करेंसी, जानिए दोनों के बीच का मुख्य अंतर और खासियत
Digital Currency: आरबीआई रिटेल और होलसेल सेगमेंट में इस्तेमाल के लिए फेजवाइज तरीके से डिजिटल करेंसी पेश करेगा। इसकी शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के जरिए होगी।
Representations of cryptocurrency Bitcoin are seen in this picture illustration taken June 7, 2021. REUTERS/Edgar Su/Illustration
भारत को जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी मिलने वाली है। इसको लेकर भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने अपनी योजना का खुलासा किया है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबि शंकर ने गुरुवार को कहा कि रिजर्व बैंक फेसवाइज तरीके से डिजिटल करेंसी पेश करने की योजना बना रहा है। सबसे पहले डिजिटल करेंसी को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया जाएगा।
देश में डिजिटल करेंसी को लेकर लंबे समय से तैयारी चल रही है। आरबीआई भी काफी समय से डिजिटल करेंसी लाने की बात कर रहा है। इसको लेकर कई बार संकेत दिए जा चुके हैं। दुनिया के कई अन्य देश भी डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी कर रहे हैं। आज हम आपको डिजिटल करेंसी के बारे वह सबकुछ बताने जा रहे हैं जो आप जानना चाहते हैं। साथ ही हम आपको डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर भी बताएंगे..
क्या होती है डिजिटल करेंसी?: यह एक प्रकार से प्रचलित करेंसी का वर्चुअल रूप होता है। इसको केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) भी कहा जाता है। डिजिटल करेंसी को केवल केंद्रीय बैंक जारी करता है। इसे सरकार की मान्यता प्राप्त होती है। फिजिकल करेंसी के मुकाबले इसकी वैल्यू में कोई अंतर नहीं होता है। उदाहरण के लिए 10 रुपए के नोट और 10 रुपए की डिजिटल करेंसी की वैल्यू बराबर होगी। डिजिटल करेंसी में बिना किसी रुकावट लेन-देन भी किया जा सकता है।
Mainpuri By-Election: डिंपल के खिलाफ लड़ रहे BJP के रघुराज सिंह शाक्य से ज्यादा पढ़ी-लिखी हैं उनकी पत्नी, गहनों और हथियारों की शौकीन, देखें- प्रॉपर्टी की डिटेल
Ravindra Jadeja’s wife Rivaba Lifestyle: BJP नेता और क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा के पास करीब सौ करोड़ की संपत्ति, जानिए डिटेल
Rajasthan Politics: अजय माकन ने नहीं मानी अध्यक्ष खड़गे की बात, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान पहुंचने से पहले सचिन पायलट खेमे ने भी सख्त किए तेवर
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?: क्रिप्टोकरेंसी एक अलग प्रकार की करेंसी होती है। यह अलग-अलग प्रकार की होती है। इसे वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है। सभी क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू अलग-अलग होती है और इसकी कीमतों में उतार चढ़ाव होता रहता है। क्रिप्टोकरेंसी मान्यता प्राप्त नहीं है। पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी का चलन बढ़ा है। इस समय पूरी दुनिया में करीब 4 हजार क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं। इसमें बिटकॉइन सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है। भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी का चलन तेजी से बढ़ा है।
डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में प्रमुख अंतर
- डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक जारी करता है। क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के जरिए तैयार की जाती है।
- डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक और उस देश की सरकार से मान्यता प्राप्त होती है। क्रिप्टोकरेंसी के पास केंद्रीय बैंक या सरकार की मान्यता नहीं होती है।
- डिजिटल करेंसी की वैल्यू स्थिर रहती है। क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू में बहुत उतार-चढ़ाव होता है।
- डिजिटल करेंसी को संबंधित देश की मुद्रा में बदला जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी में ऐसा नहीं हो पाता है।
अंतरमंत्रालीय समिति ने की थी डिजिटल करेंसी की सिफारिश: वित्त मंत्रालय ने 2017 में एक उच्च स्तरीय अंतरमंत्रालयी समिति की सिफारिश की थी। इस समिति को वर्चुअल या क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी पॉलिसी और कानूनी फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए कहा गया था। इस समिति ने देश में फिजिकल करेंसी की तरह डिजिटल करेंसी लाने की सिफारिश की थी।
भारत में पहली बार लॉन्च हुआ ‘डिजिटल रुपया’, जानिए इसे कैसे कर सकते हैं इस्तेमाल?
Indian Digital Currency: भारत में पहले हर कोई रुपये पैसों में ही लेनदेन करता था, लेकिन पिछले कुछ सालों में ‘सब्ज़ीवाले’ से लेकर मॉल में शॉपिंग करने वालों तक हर कोई Paytm, Google Pay और Phone Pay समेत अन्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए डिजिटल लेनदेन कर रहा है. लेकिन अब रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने एक कदम आगे बढ़कर देश में पहली बार डिजिटल करेंसी की शुरुआत की है. आरबीआई (RBI) ने मंगलवार से डिजिटल रुपये (Digital Rupee) की शुरुआत कर दी है. इसका मतलब ये कि अब भारत का रुपया भी डिजिटल हो गया है.
indiarag
चलिए जानते हैं आख़िर ये ‘ Digital Rupee‘ क्या है? कैसे काम करेगा और ये आपके लिए किस तरह से फ़ायदेमंद साबित होने वाला है?
जानिए क्या है डिजिटल रुपया
आरबीआई (RBI) ने इसे डिजिटल रुपये (Digital Rupee) के तौर पर लॉन्च किया है. आप इसे आसानी से अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकते हैं. ये ‘मुद्रा नोटों’ का एक डिजिटल रूप है. इसे डिजिटल फ़ॉर्मेट में स्टोर किया जा सकता. पेपर करेंसी के रूप में बदले जाने पर ये RBI की बैलेंस शीट में दिखेगा यानी इसे RBI की मान्यता होगी, लेकिन ये क्रिप्टोकरेंसी नहीं है. इसके सर्कुलेशन पर पूरी तरह से RBI का नियंत्रण होगा.
hindustantimes
क्या है इसकी ख़ासियत?
आरबीआई के मुताबिक़, डिजिटल रुपये (Digital Rupee) एक पेमेंट का मीडियम होगा, जिसे सभी नागरिक, बिज़नेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया गया है. इसकी वैल्यू सेफ़ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट (मौजूदा करेंसी) के बराबर ही होगी. इसकी वजह से बिज़नेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी.
देश में पहले से ही Paytm, Google Pay और Phone Pay के ज़रिए लोग डिजिटल लेनदेन कर रहे थे. अब डिजिटल करेंसी के आने के बाद पॉकेट में कैश रखना धीरे धीरे कम हो जायेगा. आरबीआई (RBI) जल्द ही डिजिटल रुपये (Digital Rupee) को UPI से भी जोड़े जाने की तैयारी में है.
Vkeel
डिजिटल करेंसी लाने का क्या मकसद?
भारत में डिजिटल रुपये (Digital Rupee) का सर्कुलेशन पूरी तरह से रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नियंत्रण में होगा. आरबीआई (RBI) का मुख़्य उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल करेंसी को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है. हालांकि, इस करेंसी के आने से देश की मौजूदा भुगतान प्रणालियों में कोई बदलाव देखने को नहीं मिलेगा.
disruptive
डिजिटल रुपये (Digital Rupee) को लेकर आपके मन में भी तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं कि इसे कैसे इस्तेमाल किया जायेगा? ये सेफ़ होगा या नहीं आदि. ऐसे में आपको बता दें कि इसका इस्तेमाल बेहद ही आसान रहने वाला है. आप किसी को भी पेमेंट करने के लिए आसानी से इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कर सकेंगे.
कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं?
भारत में Paytm, Google Pay और Phone Pay समेत सभी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के ई-वॉलेट में पैसे रखने की लिमिट होती है, लेकिन डिजिटल करेंसी वॉलेट में आप कितने भी पैसे स्टोर कर सकते हैं और बड़ा सा डिजिटल करेंसी क्या होती है बड़ा अमाउंट भी ट्रांसफ़र कर पाएंगे. ये करेंसी इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखेगा. हम जिस तरह से ऑनलाइन अपना बैंक अकाउंट बैलेंस चेक करते हैं या मोबाइल वॉलेट चेक करते है, ठीक उसी तरह E-Rupee को भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. नेट बैंकिंग में पेमेंट चार्ज लगता है, लेकिन इसमें कैश-टू-कैश ट्रांजैक्शन होगा इसलिए कोई चार्ज नहीं देना होगा.
cnbctv18
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने इसके लिए देश के 9 प्रमुख बैंकों ‘स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया’, ‘बैंक ऑफ़ बड़ौदा’, ‘यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया’, ‘एचडीएफ़सी बैंक’, ‘आईसीआईसीआई बैंक’, ‘कोटक महिंद्रा बैंक’, ‘यस बैंक’, ‘आईडीएफ़सी फ़र्स्ट बैंक’ और ‘एचएसबीसी बैंक’ को इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत शामिल किया है.