भारतीय व्यापारियों के लिए जमा और निकासी

मैग्मा फिनकॉर्प मुद्रा लोन
मैग्मा फिनकॉर्प मुद्रा लोन सुविधाएँ
मैग्मा फिनकॉर्प मुद्रा लोन 2020 | |
मैग्मा फिनकॉर्प मुद्रा लोन राशि | अधिकतम 10 लाख रु |
मैग्मा फिनकॉर्प मुद्रा लोन ब्याज दर | 8.05% |
मुद्रा लोन राशि: शिशु योजना | रुपये 50,000 तक |
मुद्रा लोन राशि: किशोर योजना | 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये के बीच |
मुद्रा लोन राशि: तरुण योजना | 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच |
कृपया ध्यान दें: उपरोक्त दरें, शुल्क और शुल्क परिवर्तन के अधीन हैं
- मैग्मा फिनकॉर्प मुद्रा लोन के लिए न्यूनतम प्रलेखन और कागजी कार्रवाई की आवश्यकता होती है
- आसान, तेज, और परेशानी मुक्त अनुमोदन
- मुद्रा ऋण का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म इकाइयों और व्यापार मालिकों के विकास / विकास और वित्त पोषण की जरूरतों के चरण के लिए है।
मैग्मा फिनकॉर्प मुद्रा लोन विशेषताएँ भारतीय व्यापारियों के लिए जमा और निकासी
निम्नलिखित गतिविधियों की एक सूची है जो मुद्रा ऋण के तहत कवर की जा सकती है:
- परिवहन वाहन: माल और यात्रियों के परिवहन के लिए परिवहन वाहनों की खरीद जैसे कि ऑटो-रिक्शा, छोटे माल परिवहन वाहन, तिपहिया वाहन, ई-रिक्शा, टैक्सी, आदि। ट्रैक्टर / ट्रैक्टर ट्रॉलियों / बिजली टिलर केवल वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए उपयोग किए जाने योग्य हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई ) के तहत सहायता के लिए। वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले दूपहिया वाहन भी प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कवरेज के लिए पात्र हैं।
- सामुदायिक, सामाजिक और व्यक्तिगत सेवा गतिविधियाँ: सैलून, ब्यूटी पार्लर, व्यायामशाला, बुटीक, सिलाई की दुकानें, ड्राई क्लीनिंग, साइकिल, और मोटर साइकिल की मरम्मत की दुकानें, डेस्कटॉप प्रकाशन और फोटोकॉपी सुविधा, चिकित्सा दुकानें, कूरियर एजेंट, आदि।
- खाद्य उत्पाद क्षेत्र: आचार-पापड़ बनाना, ग्रामीण स्तर पर कृषि उपज संरक्षण, जेली बनाना, मिठाई की दुकानें, खाने के स्टॉल और दिन में खानपान / कैंटीन सेवा, कोल्ड चेन वाहन, शीतगृह, बर्फ बनाने वाली फैक्ट्री, बिस्किट, ब्रेड और बन बनाना, आइसक्रीम बनाने की फैक्ट्री, इत्यादि।
- कपड़ा उत्पाद क्षेत्र / गतिविधि: हथकरघा, बिजली करघा, खादी गतिविधि, चिकन काम, जरी और जरदोजी का काम, पारंपरिक कढ़ाई और हाथ का काम, पारंपरिक रंगाई और छपाई, परिधान डिजाइन, बुनाई, सूती बुनाई, कम्प्यूटरीकृत कढ़ाई, सिलाई और अन्य कपड़ा गैर- पोशाक सामान जैसे बैग, प्रस्तुत सामान, वाहन सामान, आदि।
- व्यापारियों और दुकानदारों के लिए व्यावसायिक ऋण: अपनी दुकानों / व्यापारिक और व्यापारिक गतिविधियों / सेवा उद्यमों और गैर-कृषि आय-उत्पादक गतिविधियों को चलाने के लिए व्यक्तियों को ऋण देने पर वित्तीय सहायता, जिसमें प्रति उद्यम / उधारकर्ता 10 लाख तक का लाभार्थी ऋण आकार भारतीय व्यापारियों के लिए जमा और निकासी है।
- सूक्ष्म इकाइयों के लिए उपकरण वित्त योजना: लाभार्थी ऋण का आकार 10 लाख तक।
- खेती के लिए संबद्ध गतिविधियाँ: खाद्य और कृषि-प्रसंस्करण, मधुमक्खी पालन,पशुधन-पालन, मुर्गी पालन, ग्रेडिंग, छँटाई, एकत्रीकरण कृषि उद्योग, डायरी, मत्स्य पालन, कृषि-क्लीनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र, आदि।
मैग्मा फिनकॉर्प मुद्रा लोन प्रकार
मुद्रा ऋण तीन श्रेणियों के अंतर्गत प्रदान किया जाता है, जिसमें विभिन्न राशि ऋण होती है:
शिशु योजना
मुद्रा ऋण की यह श्रेणी सूक्ष्म या छोटे व्यवसाय के मालिकों के लिए भारतीय व्यापारियों के लिए जमा और निकासी सबसे उपयुक्त है। विशेष व्यवसाय ऋण राशि में 50,000 रुपये तक आवेदन कर सकता है। यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए अनुकूलित है, जिन्हें अपना नया व्यवसाय स्थापित करने के लिए एक छोटी पूंजी की आवश्यकता होती है। इस ऋण का लाभ उठाने के लिए, आवेदकों को अपने व्यावसायिक विचारों को प्रस्तुत करना होगा।
किशोर योजना
मुद्रा ऋण की यह श्रेणी उन व्यवसाय मालिकों के लिए सबसे उपयुक्त है, जिनके पास व्यवसाय चल रहा है और इसे अधिक व्यवहार्य उद्यम के रूप में विस्तारित करना चाहते हैं। ऋण राशि में 50,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का विशेष व्यवसाय लागू भारतीय व्यापारियों के लिए जमा और निकासी हो सकता है। इस ऋण का लाभ उठाने के लिए, व्यवसाय को ऋण आवेदन भरना चाहिए और बाजार में व्यवसाय की वर्तमान स्थिति को प्रदर्शित करने के लिए उचित व्यावसायिक दस्तावेज पेश करने चाहिए।
तरुण योजना
मुद्रा ऋण की यह श्रेणी उन छोटे व्यवसाय मालिकों के लिए सबसे उपयुक्त है, जिनके पास पूर्ण-व्यवसाय चल रहा है और वे अधिक विस्तार करना चाहते हैं। विशेष व्यवसाय ऋण राशि में 10 लाख रुपये तक के लिए आवेदन कर सकता है।
कृपया ध्यान दें: आवेदकों को किसी भी संपार्श्विक या तीसरे पक्ष की सुरक्षा जमा करने की आवश्यकता नहीं है।
मैग्मा फिनकॉर्प मुद्रा लोन के बारे में
मुद्रा ऋण जो माइक्रो यूनिट विकास और पुनर्वित्त एजेंसी लिमिटेड को संदर्भित करता है प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में आता है। पीएमएमवाई को भारत के प्रधान मंत्री द्वारा वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था। मैग्मा फिनकॉर्प अग्रणी बैंकों में से एक है और इस प्रकार यह गर्व से अन्य सेवाओं के बीच मुद्रा ऋण प्रदान करता है। यह ऋण सूक्ष्म ऋण को 50,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के लघु उद्योगों की सुविधा देता है। मैग्मा फिनकॉर्प मुद्रा लोन अन्य निजी क्षेत्र के बैंकों की तुलना में बहुत कम ब्याज दर पर दिया जाता है।
1 दिसंबर से लागू हो गए ये बदलाव, जानें कैसे डालने वाले हैं असर
हर माह की पहली तारीख से देश में कुछ बदलाव या नए नियम प्रभाव में आते हैं. दिसंबर माह की पहली तारीख से भी ऐसा होने जा रहा है. 1 दिसंबर 2022 से देश में कुछ बदलाव और कुछ नए नियम लागू हुए हैं. इन बदलावों/नए नियमों से देश का हर नागरिक प्रभावित होगा. आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में डिटेल में.
Digital Lending के नए नियम
रिज़र्व बैंक के रिवाइज्ड डिजिटल लेंडिंग दिशानिर्देश 1 दिसंबर से प्रभावी होने वाले हैं. इनका मकसद ग्राहकों को कुछ एंटिटीज द्वारा लगाई गई अत्यधिक ब्याज दरों से बचाने के साथ-साथ अनैतिक ऋण वसूली प्रैक्टिसेज को रोकना है. नए नियमों के तहत, सभी ऋण डिस्बर्समेंट और पुनर्भुगतान केवल उधारकर्ता के बैंक खाते और विनियमित एंटिटीज (जैसे बैंकों और एनबीएफसी) के बीच किए जाने चाहिए, जिसमें उधार सेवा प्रदाताओं (एलएसपी) का कोई पास-थ्रू/पूल खाता नहीं है. इसके अलावा क्रेडिट मध्यस्थता प्रक्रिया में एलएसपी को देय किसी भी फीस, चार्जेस या अन्य राशि का भुगतान सीधे आरई द्वारा किया जाएगा, न कि उधारकर्ता द्वारा.
Yes बैंक का नया नियम
यस बैंक 1 दिसंबर से सब्सक्रिप्शन-बेस्ड एसएमएस अलर्ट देना बंद कर देगा. बैंक खाता बैलेंस, डेबिट और क्रेडिट लेनदेन और वेतन क्रेडिट के लिए सब्सक्रिप्शन-बेस्ड एसएमएस अलर्ट की पेशकश करता था. इन सभी को बंद कर दिया जाएगा. संदेशों के माध्यम से धोखाधड़ी और डेटा चोरी में वृद्धि के कारण एसएमएस अलर्ट रोके जा रहे हैं. हालांकि, ऐसे खाताधारक जो इस तरह के अलर्ट प्राप्त करना जारी रखना चाहते हैं, उन्हें बैंक की ऑनलाइन सुविधा के माध्यम से अपने सब्सक्रिप्शन को पंजीकृत या संशोधित करना होगा और उन संदेशों को कस्टमाइज करना होगा जिन्हें वे प्राप्त करना चाहते हैं.
रिटेल डिजिटल रुपी का पायलट
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), रिटेल डिजिटल रुपी (e₹-R) का पहला पायलट परीक्षण 1 दिसंबर 2022 को लॉन्च करेगा. इससे पहले केंद्रीय बैंक ने 1 नवंबर को होलसेल डिजिटल रुपी का पहला पायलट शुरू किया था. इस परीक्षण में बैंक, सरकारी भारतीय व्यापारियों के लिए जमा और निकासी प्रतिभूतियों (Government Securities) में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन के लिए इस डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब रिटेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया जारी किया जाएगा. रिटेल डिजिटल रुपी का पायलट, भाग लेने वाले ग्राहकों और व्यापारियों के क्लोज्ड यूजर ग्रुप (सीयूजी) में चुनिंदा स्थानों को कवर करेगा. इस पायलट योजना में चरणबद्ध भागीदारी के लिए 8 बैंकों की पहचान की गई है.
e₹-R एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा, जो कि लीगल टेंडर होगा. यह उसी मूल्यवर्ग में जारी किया जाएगा, जिसमें वर्तमान में कागजी मुद्रा और सिक्के जारी किए जाते हैं. यह बिचौलियों, यानी बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा. यूजर्स पार्टिसिपेटिंग बैंकों द्वारा पेश किए गए और मोबाइल फोन/डिवाइसेज में स्टोर्ड डिजिटल वॉलेट के माध्यम से e₹-R के साथ लेनदेन करने में सक्षम होंगे. लेन-देन पर्सन टू पर्सन (P2P) और पर्सन टू मर्चेंट (P2M) दोनों हो सकते हैं. मर्चेंट लोकेशंस पर डिस्प्लेड क्यूआर कोड का उपयोग करके व्यापारियों को भुगतान किया जा सकता है. e₹-R फिजिकल कैश के फीचर्स की पेशकश करेगा, जैसे विश्वास, सुरक्षा और अंतिम निपटान. इसकी जमा पर कोई ब्याज नहीं होगा और न ही इसे अन्य प्रकार के धन में परिवर्तित किया जा सकता है.
IPPB ने आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम को रिवाइज किया
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AePS) के माध्यम से होने वाले ट्रांजेक्शन के मामले में 1 दिसंबर 2022 से नॉन-IPPB नेटवर्क पर फ्री ट्रांजेक्शन लिमिट और उसके बाद लागू होने वाले चार्जेस को जारी कर दिया है. बता दें कि ये चार्जेस नकद जमा, निकासी और मिनी स्टेटमेंट पर तब लगते हैं, जब नॉन-IPPB नेटवर्क पर IPPB ग्राहक के लिए AePS इश्युइंग ट्रांजेक्शन की महीने में तय फ्री ट्रांजेक्शन लिमिट खत्म हो जाती है. IPPB का कहना है कि आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम भारतीय व्यापारियों के लिए जमा और निकासी के जरिए AEPS ट्रांजेक्शन के मामले में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के नेटवर्क पर कितने भी ट्रांजेक्शन फ्री में किए जा सकते हैं, कोई चार्ज नहीं लगेगा. वहीं नॉन-IPPB नेटवर्क पर IPPB ग्राहक के लिए अब AePS कैश डिपॉजिट, विदड्रॉअल और मिनी स्टेटमेंट समेत प्रतिमाह केवल 1 ट्रांजेक्शन फ्री होगा. इसके बाद चार्ज लगेगा. पहले यह संख्या 3 थी.
हीरो की गाड़ियों के दाम बढ़े
हीरो मोटोकॉर्प ने 1 दिसंबर से अपने दोपहिया गाड़ियों की कीमतों में 1,500 रुपये तक की बढ़ोतरी की है. हीरो डीलक्स, स्प्लेंडर और पैशन सहित कई गाड़ियां महंगी हो गई हैं. इससे पहले कंपनी ने सभी टू-व्हीलर्स मॉडल की एक्स-शोरूम कीमत में 1000 रुपए से 3000 रुपए तक की बढ़ोतरी की थी.
रिटेल सेगमेंट के लिए RBI के डिजिटल रुपी का पायलट 1 दिसंबर से, व्यक्ति और मर्चेंट दोनों के साथ होगा लेनदेन
मनरेगा घोटाला: झारखंड की निलंबित आईएएस पूजा सिंघल और उनके पति सहित 6 की संपत्ति जब्त करेगी ED
मनरेगा घोटाला का यह मामला झारखंड के खूंटी जिले का है। पूजा सिंघल खूंटी के उपायुक्त के रूप में 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक पोस्टेड थीं। इसी दौरान 18.06 लाख का घोटाला हुआ था।
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने झारखंड में मनरेगा घोटाले में जेल में बंद निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की चल-अचल संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार, सिंघल के अलावा उनके पति अभिषेक झा, उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार सिंह और भारतीय व्यापारियों के लिए जमा और निकासी चार जूनियर इंजीनियरों की भी संपत्ति जब्त की जाएगी। ईडी ने इन सभी की संपत्तियों की सूची तैयार कर ली है और इन्हें जब्त करने की कार्रवाई अगले हफ्ते होने की संभावना है।
मनरेगा घोटाला का यह मामला झारखंड के खूंटी जिले का है। पूजा सिंघल खूंटी के उपायुक्त के रूप में 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक पोस्टेड थीं। इसी दौरान 18.06 लाख का घोटाला हुआ था।
आरोप है कि मनरेगा की योजनाओं में काम कराए बगैर ही राशि की निकासी कर ली गई। इसके अलावा कमीशन के तौर पर भी मोटी रकम की उगाही हुई थी। घोटाला सामने आने पर झारखंड सरकार ने इसकी जांच शुरू कराई थी, लेकिन बाद में सिंघल को इसमें क्लीन चिट दे दी गई थी। उस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास थे।X
इधर, ईडी ने घोटाले से अर्जित रकम की मनीलॉन्ड्रिंग पर जांच की तो पाया कि खूंटी, चतरा और पलामू में उपायुक्त के पद पर रहते हुए पूजा सिंघल के बैंक अकाउंट्स में उनके वेतन से 1.43 करोड़ रुपए ज्यादा की राशि जमा हुई है। ईडी ने बीते 6 मई को पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा, उनके सीए सुमन कुमार के 20 से ज्यादा ठिकानों पर छापामारी कर उनकी संपत्तियों और लेन-देन के कई दस्तावेज बरामद किए थे। इस मामले में 11 मई को पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया गया था। तब से वह जेल में बंद हैं।
पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा रांची के बरियातू में पल्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल चलाते हैं। ईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि इस हॉस्पिटल के निर्माण में भी पूजा सिंघल ने दो करोड़ रुपए नकद दिए थे। चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार ने भी पूछताछ के दौरान ईडी को जानकारी दी थी कि पल्स हॉस्पिटल में पैसे जमा कर वह फर्जी बिल बनवाता था। ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि पूजा सिंघल द्वारा अर्जित ब्लैक मनी को व्हाइट किया जा सके।
पल्स हॉस्पिटल के निर्माण पर भारतीय व्यापारियों के लिए जमा और निकासी 42.85 करोड़ रुपए खर्च हुए, लेकिन कागज पर मात्र 3.19 करोड़ का खर्च दिखाया गया। इसलिए, ईडी ने जिन संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी की है, उसमें पल्स हॉस्पिटल भी शामिल है।
मनरेगा घोटाले में खूंटी के तत्कालीन जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा, जय किशोर चौधरी, शशि प्रकाश और राजेंद्र कुमार जैन की भी संलिप्तता सामने आई है। ईडी इनकी भी संपत्ति जब्त करेगा।
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मनरेगा घोटाला: झारखंड की निलंबित आईएएस पूजा सिंघल और उनके पति सहित 6 की संपत्ति जब्त करेगी ED
मनरेगा घोटाला का यह मामला झारखंड के खूंटी जिले का है। पूजा सिंघल खूंटी के उपायुक्त के रूप में 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक पोस्टेड थीं। इसी दौरान 18.06 लाख का घोटाला हुआ था।
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने झारखंड में मनरेगा घोटाले में जेल में बंद निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की चल-अचल संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार, सिंघल के अलावा उनके पति अभिषेक झा, उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार सिंह और चार जूनियर इंजीनियरों की भी संपत्ति जब्त की जाएगी। ईडी ने इन सभी की संपत्तियों की सूची तैयार कर ली है और इन्हें जब्त करने की कार्रवाई अगले हफ्ते होने की संभावना है।
मनरेगा घोटाला का यह मामला झारखंड के खूंटी जिले का है। पूजा सिंघल खूंटी के उपायुक्त के रूप में 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक पोस्टेड थीं। इसी दौरान 18.06 लाख का घोटाला हुआ था।
आरोप है कि मनरेगा की योजनाओं में काम कराए बगैर ही राशि की निकासी कर ली गई। इसके अलावा कमीशन के तौर पर भी मोटी रकम की उगाही हुई थी। घोटाला सामने आने पर झारखंड सरकार ने इसकी जांच शुरू कराई थी, लेकिन बाद में सिंघल को इसमें क्लीन चिट दे दी गई थी। उस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास थे।X
इधर, ईडी ने घोटाले से अर्जित रकम की मनीलॉन्ड्रिंग पर जांच की तो पाया कि खूंटी, चतरा और पलामू में उपायुक्त के पद पर रहते हुए पूजा सिंघल के बैंक अकाउंट्स में उनके वेतन से 1.43 करोड़ रुपए ज्यादा की राशि जमा हुई है। ईडी ने बीते 6 मई को पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा, उनके सीए सुमन कुमार के 20 से ज्यादा ठिकानों पर छापामारी कर उनकी संपत्तियों और लेन-देन के कई दस्तावेज बरामद किए थे। इस मामले में 11 मई को पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया गया था। तब से वह जेल में बंद हैं।
पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा रांची के बरियातू में पल्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल चलाते हैं। ईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि इस हॉस्पिटल के निर्माण में भी पूजा सिंघल ने दो करोड़ रुपए नकद दिए थे। चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार ने भी पूछताछ के दौरान ईडी को जानकारी दी थी कि पल्स हॉस्पिटल में पैसे जमा कर वह फर्जी बिल बनवाता था। ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि पूजा सिंघल द्वारा अर्जित ब्लैक मनी को व्हाइट किया जा सके।
पल्स हॉस्पिटल के निर्माण पर 42.85 करोड़ रुपए खर्च हुए, लेकिन कागज पर मात्र 3.19 करोड़ का खर्च दिखाया गया। इसलिए, ईडी ने जिन संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी की है, उसमें पल्स हॉस्पिटल भी शामिल है।
मनरेगा घोटाले में खूंटी के तत्कालीन जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा, जय किशोर चौधरी, शशि प्रकाश और राजेंद्र कुमार जैन की भी संलिप्तता सामने आई है। ईडी इनकी भी संपत्ति जब्त करेगा।
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