क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द

क्रिप्टो क्या है? पर निबंध
दोस्तों, आज हम आपको क्रिप्टो से जुड़ी कुछ खास जानकारी ‘क्रिप्टो क्या है?’ विषय के निबंध के माध्यम से देने वाले हैं। बढ़ती आधुनिकता के साथ ही आपको आर्थिक क्षेत्र में होती आधुनिकता के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।
तो चलिए जानते हैं, ‘क्रिप्टो क्या है?’ विषय पर निबंध….
प्रस्तावना…..
क्रिप्टो एक डिजिटल तरह की करेंसी है, जिसे आमतौर पर क्रिप्टो करेंसी के नाम से जाना जाता है। इसमें डेटाबेस में सभी सूचनाओं को एनकोड करके सुरक्षित किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी में किसी भी प्रकार की विश्वासपात्र किसी अन्य पार्टी का हस्तक्षेप नहीं होता है। सरल शब्दों में कहें तो केंद्रीय बैंक और प्राधिकरण क्रिप्टो की गतिविधियों से दूर रहते हैं इसीलिए इसकी वैधता को लेकर लोगों के मन में भय बना रहता है। क्रिप्टो करेंसी में किए गए लेनदेन को ब्लॉकचेन द्वारा सत्यापित किया जाता है।
क्रिप्टो करेंसी क्या है?
क्रिप्टो करेंसी शब्द की उत्पत्ति क्रिप्टो तथा करेंसी नामक दो लैटिन शब्दों के मिलने से होता है। क्रिप्टो शब्द क्रिप्टोग्राफी से बना है जिसका तात्पर्य होता है, छुपा हुआ तथा करेंसी शब्द “करेंसिआ” से बना है, जिसका अर्थ होता है रुपया या पैसा।
इस तरह से क्रिप्टोकरेंसी शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है, छुपा हुआ पैसा या डिजिटल पैसा। साधारण शब्दों में, क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है जिसे व्यक्ति अपने हाथों से नहीं छू सकता है। 2008 में सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के रूप में आयी थी।
क्रिप्टो करंसी के कई प्रकार…
वर्तमान समय में विश्व में लगभग 13000 से भी अधिक क्रिप्टो करंसी प्रचलन में हैं। लेकिन इनमें से कुछ मुख्य इस प्रकार हैं –
- बिटकॉइन
- लाइट कोइन
- एथेरियम
- क्रेडानो
- रिपल
- डॉगकोइन आदि।
क्रिप्टो के लाभ
• क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन में किसी अन्य व्यक्ति अथवा संस्था की जरूरत नहीं पड़ती है।
• इसका सबसे बड़ा लाभ इसकी गोपनीयता है, जब तक जरूरी न हो तब तक इसमें सारी जानकारियों को गोपनीय रखा जाता है।
• इसमें किसी भी प्रकार के पहचान पत्र की आवश्यकता नहीं होती है।
• इसका इस्तेमाल बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के विश्व के किसी भी कोने से किया जा सकता है।
• ब्लॉकचेन प्रणाली पर आधारित होने के कारण इसमें लेनदेन आदि के विवरणों को ट्रैक करके भ्रष्टाचार को कम किया जा सकता है।
• यह प्रक्रिया पूर्ण रूप से इंटरनेट पर आधारित है।
• इस क्षेत्र में ब्लॉकचेन के इस्तेमाल से सैकड़ों अरब डॉलर की बचत की जा सकती है।
• इसमें बहुत ही कम खर्च में ही खरीद-बिक्री की जा सकती है।
क्रिप्टो में निवेश से पहले ध्यान देने योग्य बातें
क्रिप्टो एक अस्थिर करेंसी है जिसके चलते यह एक जोखिम से भरी करेंसी मानी जाती है। ऐसे में आपको क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने से पहले कुछ खास जानकारी अवश्य प्राप्त कर लेनी चाहिए।
• आपको क्रिप्टो से संबंधित श्वेत पत्र को क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द भलीभांति पढ़ लेना चाहिए।
• विशेषज्ञों की मानें तो यदि आप क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना चाहते हैं तो आपको नुकसान अवश्य उठाना पड़ सकता है। ऐसे में आपको नुकसान उठाने के लिए पहले से तैयार रहना चाहिए।
• क्रिप्टो करेंसी से संबंधित टीम का ट्रैक रिकॉर्ड
चेक कर लेना चाहिए।
• क्रिप्टो करेंसी से संबंधित जोखिमों की गणना कर लेनी चाहिए।
उपसंहार
वर्तमान में क्रिप्टो करेंसी के चलन से भविष्य में व्यापार और आर्थिक क्षेत्र में बड़ी प्रगति देखी जा सकती है। व्यापार कम खर्चीला और तीव्र गति से परिवर्तन के साथ आगे बढ़ सकता है लेकिन इसी के साथ हमें क्रिप्टो करेंसी के दुष्प्रभावों को भी नहीं भूलना चाहिए। गोपनीयता और मूल्य अस्थिरता जैसे दोषों के कारण हमें क्रिप्टो करेंसी पर निर्भर भी नहीं होना है। साथ ही यदि कोई क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना चाहता है तो उससे पहले उसे इससे संबंधित समस्त जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। विशेषज्ञों के मुताबिक सलाह के अनुसार सरकार और जनता को क्रिप्टोकरंसी के क्षेत्र में कदम बढ़ाना चाहिए।
Budget 2022: क्रिप्टो पर TDS से सरकार को होगी 1000 करोड़ रुपये की इनकम
रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज ने कहा है कि इनकम टैक्स रिटर्न में क्रिप्टो से हुए मुनाफे के लिए अलग कॉलम होगा। इसका मतलब है कि क्रिप्टो इन्वेस्टर्स को अपने मुनाफे की जानकारी सरकार को देनी होगी
अनुमान के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजेज का सालाना टर्नओवर 30,000 से 1 लाख करोड़ रुपये है। एक लाख करोड़ रुपये के वॉल्यूम पर 1 फीसदी टीडीएस से 1,000 करोड़ रुपये की आय सरकार को हर साल हो सकती है।
वितमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को पेश बजट (Budget 2022) में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) से जुड़े बड़े एलान किए। उन्होंने बताया कि वर्चुचअल एसेट्स से हुए प्रॉफिट पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। इसके अलावा वर्चुअल एसेट्स के ट्रांजेक्शन पर 1 फीसदी टीडीएस लगेगा। वर्चुअल एसेट्स से उनका मतलब क्रिप्टोकरेंसी से था। हालांकि, उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। क्रिप्टोकरेसी की खरीद-फरोख्त पर 1 फीसदी टीडीएस से सरकार को 1000 करोड़ रुपये इनकम हो सकती है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) के चेयरमैन जे बी मोहपात्रा ने यह जानकारी दी है।
मोहपात्रा ने कहा कि कुछ अनुमान के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजेज का सालाना टर्नओवर 30,000 से 1 लाख करोड़ रुपये है। एक लाख करोड़ रुपये के वॉल्यूम पर 1 फीसदी टीडीएस से 1,000 करोड़ रुपये की आय सरकार को हर साल हो सकती है। हालांकि, उन्होंने इस बारे में कुछ बताने से इनकार कर दिया कि क्रिप्टो प्रॉफिट र 30 फीसदी टैक्स लागू होने से सरकार को कितनी रकम मिल सकती है। लेकिन, अनुमान है कि इससे सरकार को बड़ी रकम मिल सकती है।
इंडस्ट्री का मानना है कि क्रिप्टो प्रॉफिट पर 30 फीसदी टैक्स और 1 फीसदी टीडीएस से सरकार की तिजोरी में काफी पैसा आ सकता है। क्रिप्टो प्रॉफिट पर टैक्स और टीडीएस के नियम इस साल 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगे। इसका मतलब है कि अगले वित्त वर्ष के दौरान सरकार के रेवेन्यू में क्रिप्टोकरेंसी की बड़ी भूमिका हो सकती है। एक अनुमान के मुताबिक, अभी इंडिया में क्रिप्टो इन्वेस्टर्स की संख्या 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होने का अनुमान है।
क्या भारत में Cryptocurrency कभी नहीं बन पाएगी नोट वाली करेंसी, जानिए अब क्या है सरकार की तैयारी
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर फिलहाल कोई कानून नहीं है और ना ही कोई सिस्टम है, ऐसे में सरकार का स्टैंड भी काफी क्लियर है. जिस तरह से लेन-देन के लिए रुपये का इस्तेमाल होता है, वो दर्जा सरकार क्रिप्टो को देने के लिए तैयार नहीं है
TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित त्यागी
Updated on: Nov 23, 2021 | 1:14 PM
पिछले कुछ समय से क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)शब्द काफी चर्चा में है. वहीं, लोगों का रुझान भी इस तरफ लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)के बारे में हर छोटी जानकारी आपको पता होनी बेहद जरूरी है. बता दें, क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है. आसान शब्दों में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल कैश (Digital Money)प्रणाली है. और इसका कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता यानी की यह नोट और सिक्कों की तरह आपके हाथ में नहीं है. वहीं, यह कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है जो सिर्फ डिजिट के रूप में ऑनलाइन रहती है.
बता दें, सेंट्रल अमेरिका का एक छोटा सा मुल्क अल सल्वाडोर में क्रिप्टोकरंसी को सितंबर में लीगल टेंडर यानी आधिकारिक मुद्रा बना दिया था. अल सल्वाडोर ऐसा देश है जहां क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल आप लेनदेन और खरीद-फरोख्त में कर सकते हैं. दरअसल अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति ने दुनिया की पहली बिटकॉइन सिटी बनाने की योजना भी बना ली है. लेकिन क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)कभी नोट वाली करेंसी नहीं बन पाएगी?
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार का स्टैंड क्या है?
भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)को लेकर क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द फिलहाल कोई कानून नहीं है और ना ही कोई सिस्टम है, ऐसे में सरकार का स्टैंड भी काफी क्लियर है. खबरों के मुताबिक फिलहाल सरकार का क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी दर्जा देने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन ऐसी स्थिति के क्या-क्या मायने है.
– जिस तरह रुपये का इस्तेमाल होता है, वो दर्जा सरकार क्रिप्टो को देने के लिए तैयार नहीं है – आने वाले समय में क्रिप्टोकरेंसी देकर लेनदेन या दूसरे ट्रांसजैक्शन कर पाना अभी मुमकिन नहीं है – फिलहाल सरकार का क्रिप्टोकरेंसी को दर्जा देने का कोई इरादा नहीं है
अगर सरकार का क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी दर्जा देने का इरादा नहीं है, तो ऐसे में आप भी बस क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाकर रिटर्न पाने की उम्मीद लगा सकते हैं, क्योंकि जबतक इसे दर्जा नहीं मिलता. इसे रुपये की तरह लेनदेन करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. ऐसा माना जा रहा है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर विधेयक ला सकती है. ऐसे में सरकार इसपर प्रतिबंध तो नहीं लगाएगी, लेकिन इसे कड़े नियमों के दायरे में लाने की जरूर कोशिशें होगी.
इस साल रजिस्टर्ड हुई 100 कंपनियां
खबर के मुताबिक, भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अलग-अलग सेवाएं देने वाली कंपनियों की संख्या 400 के करीब पहुंच गई है. जिसमें 100 कंपनियां इसी साल रजिस्टर्ड हुई है. बता दें, पिछले साल के मुकाबले में इस साल के शुरुआती 6 महीनों में क्रिप्टोकरेंसी में फंडिंग में 73 प्रतिशत का भारी उछाल आया है. इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी में औसत निवेश पिछले साल 6,000-8,000 रुपये के मुकाबले बढ़कर 10,000 के करीब पहुंच गया है.
दरअसल क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल अब साइबर क्राइम में भी होने लगा है, क्योंकि इसको आसानी से पता नहीं लगाया जा सकता है. इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग करने वाले और साइबर ठग इसे एक आसान जरिया मानते हैं. इसमें क्रेडिट-डेबिट कार्ड या बैंक जैसा कोई मध्यस्थ नहीं होता, तो पता लगाना मुमकिन नहीं हैं.
Visa और मास्टरकार्ड लेकर आए Crypto Credit Card, क्या है अंतर और जानिए कैसे होता है पेमेंट?
दुनिया की दो सबसे बड़ी पेमेंट कंपनियां मास्टरकार्ड और वीजा ने कुछ क्रिप्टो कंपनियों के साथ मिलकर क्रिप्टोकरेंसी क्रेडिट कार्ड पेश किए हैं।
Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: December 21, 2021 15:01 IST
Photo:FILE
Crypto Credit Cards: वीसा और मास्टरकार्ड लेकर आए क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड, क्या है अंतर और जानिए कैसे होता है पेमेंट?
Highlights
- मास्टरकार्ड और वीजा नेक्रिप्टोकरेंसी क्रेडिट कार्ड पेश किए हैं
- क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड का उपयोग भी आप शॉपिंग कर सकते हैं
- आपको क्रेडिट कार्ड की तरह ही शॉपिंग करने पर रिवॉर्ड मिलते हैं
Crypto Credit Cards: 2021 में जो शब्द सबसे ज्यादा चर्चा में रहा है वह है क्रिप्टो करेंसी। बीते साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देश में एक बार फिर से किप्टो की खरीद बिक्री की शुरुआत हुई, जिसके बाद इस साल धड़ाधड़ क्रिप्टो एक्सचेंज भी अस्तित्व में आ गए। अब इससे एक कदम आग बढ़ते हुए बाजार में क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड (cryptocurrency credit cards)की चर्चा शुरू हो गई है।
दरअसल दुनिया की दो सबसे बड़ी पेमेंट कंपनियां मास्टरकार्ड और वीजा ने कुछ क्रिप्टो कंपनियों के साथ मिलकर क्रिप्टोकरेंसी क्रेडिट कार्ड पेश किए हैं। अरबों के क्रिप्टो करेंसी के बाजार में लॉन्च होते ही क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड पर चर्चा शुरू हो गई है। जिस तरह आप बैंकों के क्रेडिट कार्ड को कैश की तरह इस्तेमाल करते हैं, वैसे ही क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड का उपयोग भी आप शॉपिंग या फिर पेमेंट के लिए कर सकते हैं। यहां आपको क्रेडिट कार्ड की तरह ही शॉपिंग करने पर रिवॉर्ड और कैशबैक मिलते हैं।
क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड भविष्य के बाजार की सच्चाई है। लेकिन इसे लेकर अभी कई सवाल हैं, क्या ये कार्ड भारत में उपलब्ध है, इन क्रेडिट कार्ड से हम कैसे शॉपिंग कर सकते हैं, कैसे हम इन कैशबैक और रिवॉर्ड क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द को यूज कर सकते हैं और इस क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान हम कैसे करेंगे, इन सभी सवालों को ध्यान में रखते हुए हम इस बारे में कुछ डिटेल्स लेकर आए हैं जो निश्चित ही आपके बहुत काम आएंगी।
क्या है crypto credit card?
क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड ठीक आपके बैंक के क्रेडिट कार्ड के समान होता है। बस अंतर यही है कि बैंकों के क्रेडिट या डेबिट कार्ड में नोट करंसी या कॉइन करंसी का इस्तेमाल होता है, लेकिन क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड का पूरी तरह से डिजिटल करंसी या क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा होता है। आम क्रेडिट के ट्रांजेक्शन में जैसे हम कैश की जगह कार्ड का प्रयोग करते हैं, वैसे ही क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड में भी हमें बिटकॉइन, इथीरियम या डोजकॉइन देने की जरूरत नहीं होगी।
बिटकॉइन नहीं क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द रुपये या डॉलर में होता है पेमेंट
क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड के जरिये पहले क्रिप्टोकरंसी को उस देश की करंसी में बदला जाता है। फिर पेमेंट करने वाले को दिया जाएगा। इस काम में भी उतना ही समय लगेगा जितना बैंकों के कार्ड क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द से लगता है क्योंकि यह सबकुछ ऑनलाइन हाईटेक सुविधाओं से लैस है।
मिलते हैं रिवॉर्ड पॉइंट
अलग-अलग क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड्स यूजर को अलग-अलग रिवार्ड देते हैं। जेमिनी क्रेडिट कार्ड शॉपिंग करने पर 3% तक का रिवार्ड देता है। लेकिन यह रिवॉर्ड बिटकॉइन में मिलता है। इसे तुरंत यूजर के जेमिनी अकाउंट में जमा कर दिया जाता है। वहीं एक अन्य कार्ड ब्लॉकफाई क्रेडिट कार्ड यूजर को बिटकॉइन और इथेरियम सहित 10 तरह की क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट पर 1.5 फीसदी तक का रिवार्ड देता है।
कैसे मिलेगा क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड
दुनिया की बड़ी पेमेंट कंपनियां वीसा या मास्टरकार्ड के जरिये क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड बनाए जाते हैं। इसके लिए आपको किसी क्रिप्टो ऑर्गेनाइजेशन से क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड जारी कराना होगा। क्रिप्टो में डील करने वाली कंपनियां एक्सचेंज इस तरह के कार्ड जारी करते हैं।