एक बेहतर ब्रोकर चुनें

दरअसल, स्टॉक्स और अन्य सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने की प्रोसेस को 'स्टॉक ब्रोकिंग' कहा जाता है। हमारे देश में स्टॉक मार्केट की फील्ड में स्टूडेंट्स के लिए बहुत अच्छे करियर ऑप्शन्स उपलब्ध हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 में इंडियन ब्रोकिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट (पिछले वर्ष की मॉडरेट ग्रोथ रेट) 5-10 फीसदी से ज्यादा है और एस्टीमेटेड रेवेन्यु 19-20 हजार करोड़ के आस-पास रहेगा। इसलिए, भारत में स्टॉक ब्रोकिंग की फील्ड में कैंडिडेट्स का भविष्य आशाजनक है और कुछ वर्षों के वर्क एक्सपीरियंस के बाद इन प्रोफेशनल्स को काफी अच्छा सालाना सैलरी पैकेज भी मिलता है।
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वर्ष 2006 में अपनी स्थापना के बाद से आईएफसी मार्केट्स का लक्ष्य कारोबारियों, दलालों और वित्तीय बाजार में शामिल सभी कंपनियों के बीच विश्वास कायम करना है।.
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हम एक सकारात्मक उपयोगकर्ता-अनुभव बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं . यह हमें अपनी सेवाओं एक बेहतर ब्रोकर चुनें में सुधार करने के लिए प्रेरित करता है.
यह हमारा लक्ष्य है कि हम अपने व्यापारियों के लिए एक भरोसेमंद भागीदार बनें.
शेयर बाजार में करनी है एंट्री, ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद, जानें यहां
बाजार की उथल-पुथल को समझते हैं और बाजार की हलचल की समझ रखते हैं तो आप डिस्काउंट ब्रोकर का चुनाव कर सकते हैं.
Share Market Investment: शेयर बाजार इन दिनों गुलजार है, निवेशकों की बहार है. मार्केट की मदमस्त चाल से निवेशक मालामाल हो रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो यह आपके लिए एंट्री का अच्छा मौका है.
अब सवाल उठता है कि शेयर मार्केट में ब्रोकर के जरिए निवेश करना चाहिए या खुद भी इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं. अगर खुद निवेश करते हैं तो ऑनलाइन या ऑफलाइन, कैसे निवेश करना चाहिए. निवेश के दौरान पावर ऑफ अटॉर्नी का क्या महत्व है. इन तमाम बातों के बारे में चर्चा कर रहे हैं Zerodha के सह-संस्थापक निखिल कामथ.
योग्यता
ग्रेजुएशन कर चुके छात्र और ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष के छात्र पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं और स्टॉक ब्रोकर बनने की दिशा में अपना पहला कदम रख सकते हैं। इस कोर्स के लिए छात्र को कॉमर्स स्ट्रीम से 50 प्रतिशत अंक के साथ उर्तीण होना चाहिए। इस फील्ड में करियर बनाने वाले छात्रों को बिजनेस अकाउंटिंग और फाइनेंस जैसे क्षेत्रा में रूचि होनी चाहिए।
गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
www.ignou.ac.in
टीकेडब्ल्यूएस इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस, नई दिल्ली,
www.tkwsibf.edu.in -
आज के युग मे मार्केटिंग, बैंकिग, स्टॉक ब्रोकिंग, अकाउंटेंसी के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन प्रगति हो रही है साथ ही इन क्षेत्रों में करियर के अवसर भी लगातार बढ़ रहे हैं। कॉमर्स स्ट्रीम के छात्रों के लिए स्टॉक ब्रोकर एक आकर्षक करियर माना जाता है। अगर आप यह समझते हैं कि सेंसेक्स और निफ्टी कैसे काम करता है और आपको इन सब क्षेत्रों में रुचि है तो स्टॉक ब्रोकिंग क्षेत्र का चयन करना आपके करियर के लिए यकीनन सही होगा।
स्टॉक ब्रोकर किसे एक बेहतर ब्रोकर चुनें कहते हैं?
स्टॉक ब्रोकर वो होता है जो शेयर मार्केट में अपने क्लाइंट के लेन-देन के मामलों को देखता है। एक स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज और निवेशक के बीच एक कड़ी का काम करता है। बिना ब्रोकर के कोई भी निवेशक अपना सौदा शेयर मार्केट में नहीं डाल सकता है। अगर आप शेयर मार्केट एक बेहतर ब्रोकर चुनें में कदम रखना चाहते हैं तो आपको एक डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है, और आपके यह दोनों अकाउंट एक स्टॉक ब्रोकर संभालता है।
वह अपने क्लाइंट को शेयर मार्केट में हो रहें उतार-चढ़ाव की भी जानकारी देता है। वह शेयर मार्केट में कब, कैसे, क्यों पैसे निवेश करना चाहिए यह भी बताता है। अगर किसी को शेयर मार्केट में निवेश करना हो तो स्टॉक ब्रोकर ही सही राय दे सकता है जिससे कि निवेश करने वाले व्यक्ति को फायदा हो।
कोर्सेसस्टॉक ब्रोकर के रूप में अपना करियर बनाने के लिए उम्मीदवार बैंकिंग एंड एक बेहतर ब्रोकर चुनें फाइनेंस में डिप्लोमा कर सकते है। यह एक वर्ष का कोर्स होता है। इसमें बैंकिंग आपरेशंस, फाइने फाइनेस जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं।
स्टॉक मार्केट की निवेश पाठशाला 1 : घर बैठे करें निवेश, होती है मोटी कमाई
देश में स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। लेकिन अभी भी कई लोगों को नहीं पता है कि शेयर बाजार में निवेश कैसे किया जाता एक बेहतर ब्रोकर चुनें है। हालांकि यह काफी आसान है। अगर इंटरनेट पर काम करने की आदत है तो यह पूरा काम ऑनलाइन घर बैठे ही किया जा सकता है। वहीं अगर इंटरनेट पर काम करने के आदी नहीं हैं, तो किसी किसी ब्रोकर की मदद से इस काम को आसानी से किया जा सकता है। आजकल ब्रोकर निवेशकों को हर तरह की सुविधा फोन पर भी उपलब्ध करा रहे हैं।
किन दस्तावेजों की पड़ती है जरूरत
शेयर बाजार में निवेश एक बेहतर ब्रोकर चुनें करने से पहले एक डीमैट खाता और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ता है। इसके लिए पैन कार्ड, आधार कार्ड, कैंसिल चेक और फोटो की जरूरत पड़ती है।
बैंक नहीं बनना चाहते इन्श्योरेंस ब्रोकर
रिजर्व बैंक ने हाल ही में बैंकों को ब्रोकर बनने की ड्राफ्ट गाइडलाइन जारी की थी लेकिन, आरबीआई के नियम देखकर बैंक ब्रोकर एक बेहतर ब्रोकर चुनें बनने के बजाए इन्श्योरेंस कंपनियों के कॉरपोरेट एजेंट बने रहना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
नई दिल्ली (एजेंसी)। रिजर्व बैंक ने हाल ही में बैंकों को ब्रोकर बनने की ड्राफ्ट गाइडलाइन जारी की थी लेकिन, आरबीआई के नियम देखकर बैंक ब्रोकर बनने के बजाए इन्श्योरेंस कंपनियों के कॉरपोरेट एजेंट बने रहना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
इसकी वजह से केंद्रीय वित्त मंत्री की बैंकों को इंश्योरेंस ब्रोकर बनाने की योजना को धक्का लग सकता है। देश में बीमा सुविधाओं की पहुंच बढ़ाने और बैंकों को एक से ज्यादा इन्श्योरेंस कंपनियों की पॉलिसी बेचने का जरिया बनाने के लिए इसके लिए वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बैंकों को इन्श्योरेंस ब्रोकर बनाने की वकालत की थी। रिजर्व बैंक की ड्राफ्ट गाइडलाइंस में कहा गया है कि ब्रोकर बनने के लिए बैंकों को अलग विभाग बनाना होगा। बैंक मानते हैं कि ब्रोकर बनने के बाद उनके बिजनेस पर आरबीआई और आईआरडीए, दो नियामकों की नजर होगी। इसके अलावा ब्रोकर बनने पर जोखिम और लागत भी बढ़ जाएगी।