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मार्किट आर्डर

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फाइल फोटो, प्रतीकात्मक तस्वीर | Bloomberg

CMP Meaning In Share Market In Hindi | शेयर बाज़ार में CMP क्या है ?

जब भी मार्किट आर्डर आप शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करते है या करने वाले है तो आपको जरुर CMP सुनने में आया होगा की CMP क्या है और शेयर बाज़ार में CMP क्या होता है और कैसे काम करता है तो आज इसी सवाल का जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलने वाला है |

Table of Contents

CMP Meaning In Share Market In Hindi :

CMP का फुलफॉर्म (current market price) होता है जब हम शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग का ज़िक्र करते है तो CMP सब्द निकलकर आता है CMP मौजूदा बाज़ार मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है CMP शेयर बाज़ार के निवेशको के लिए एक महत्वपूर्ण मापदंड है सीधे सब्दो में कहे तो इसका मतलब करेंट मार्केट प्राइस होता है इसे करेंट स्टॉक वैल्यू के नाम से भी जाना जाता है वर्तमान बाज़ार मूल्य किसी विशेष शेयर का एक मोटा मूल्य है जो एक निश्चित समय अवधि पर बाज़ार में कारोबार कर रहा है परन्तु शेयर बाज़ार अत्यधिक गतिशील होता है इसलिए आपको CMP में जितने चाहे उतने शेयर खरीदने का अवसर मिलता है |

वर्तमान बाज़ार मूल्य कैसे पता करे (How to find Current Market Price) :

किसी शेयर या स्टॉक का वर्तमान बाज़ार मूल्य वह दर है जिसका उलेख आप अक्सर वितीय मंच पर देखते है अगर आप किसी शेयर के वर्त्तमान बाज़ार मूल्य का पता लगाना चाहते है तो वितीय साईट, समाचार चैनल ,मोबाइल एप्प जैसे साधन का उपयोग करके मार्किट आर्डर वर्त्तमान बाज़ार मूल्य पता कर सकते है यदि आप सुनिश्चित करते है की आप मौजूदा बाज़ार मूल्य पर किसी विशेष स्टॉक को बेचना और खरीदना चाहते है तो आपको ब्रोकरेज के साथ मार्केट आर्डर दर्ज करना होगा उसके बाद आपको पता होना चाहिए की बाज़ार की गतिविधि के कारण आपके द्वारा आर्डर दर्ज करने के समय से लेकर वास्तविक व्यापार निष्पादित होने तक की किम्मत में थोडा सा अंतर हो सकता है

आपके व्यापार मूल्य को प्रभावित होने से बचने के लिए आप सीमा आदेश जारी कर सकते है क्योकि आप तय कर सकते की शेयर खरीदना है या फिर बेचना है वितीय स्थिति को जान सकते है यदि आप मौजूदा बाज़ार मूल्य पर शेयर खरीदना या बेचना चाहते है तो आपको अपने एक्सचेंज के साथ बाज़ार में आर्डर देना होगा.

CMP में limit order क्या होता है :

दोस्तों कुछ लोग बाज़ार के उतार चड़ाव से कतराते है इसलिए limit order लगायी जाती है जैसे की नाम से पता चलता है किसी order पर limit लगाना सरल सब्दो में बताये तो आपको न्तुनतम मूल्य set करना होता है आप जिस भी प्राइस में उस शेयर को सेल करना चाहते है या अधिकतम मूल्य जिस पर स्टॉक खरीदना चाहते है और फिर अपने ब्रोकर को यह मूल्य बताना होता है |

उधारण से समझते है यदि आपके पास किसी कंपनी के 100 स्टॉक है तो आप अपने ब्रोकर को तभी सेल करने के लिए बोल सकते है जब प्रत्येक स्टॉक के लिए न्यूनतम 100 डोलर हो इसके अलावा ब्रोकर को 100 स्टॉक खरीदने के लिए बोल सकते है यदि प्रति स्टॉक अधिकतम 100 डालर है |

CMP में stop order क्या होता है :

stop order में एक निश्चित सीमा तय करते है जिसके लिए हम स्टॉक खरीदने और बेचने के लिए रेडी है इसके लिए एक निश्चित stop order रखते है ब्रोकर को तभी बोलते है जब स्टॉक की किम्मत न्यूनतम 100 डॉलर हो जाती है या जब किम्मत 50 डॉलर या उससे कम होती है तो स्टॉक खरीद लेते है |

दोस्तों CMP में limit order और stop order में यही अंतर होता है लेकिन ज्यादा अंतर देखने को नही मिलता है इनकी trading में मुख्य अंतर होता है हम एक सिमित सीमा में निर्दिष्ट मूल्य के उपर या निचे उचतम मूल्य की तलाश करते है जैसे ही स्टॉक की मूल्य सीमा उस order सीमा तक पहुचती है वैसे ही बेच दिया जाता है |

निष्कर्ष ( conclusion ) :

दोस्तों जैसे की आप जानते है शेयर बाज़ार में बहुत तेज़ी से कीमतों में उतार चड़ाव देखा जाता है इसलिए यह जानना आवश्यक है की CMP क्या होता है और यह शेयर बाज़ार में कैसे काम करता है और कब इसका इस्तेमाल करना जरुरी है |

CMP का अर्थ होता है सीमा मूल्य निर्धारित करना और यह स्टॉक order को समझने के लिए यह बेहतर निवेश में मदत भी करता है |

FAQ :

Q : CMP का फुल फॉर्म क्या होता है ?

ANS : CMP का full form – current market price है |

Q : CMP meaning in Hindi

ANS : CMP मौजूदा बाज़ार मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है CMP शेयर बाज़ार के निवेशको के लिए एक महत्वपूर्ण मापदंड है जिससे मार्केट के उतार चड़ाव के कारण स्टॉक को खरीद और बेचने में मदत करता है |

डिजाइनर राखियां व भाभी-देवर के लिए लूंबों की मार्किट में धूम

राखी के नजदीक आते ही शहर की मनियारी दुकानों पर रौकन बढऩे लगी है। राखी की कीमतें इस साल स्थिर हैं, लेकिन खास बात ये है कि इस बार भाभी-देवर के लिए लूंबे भी बाजार में काफी तदाद में बिक रहे हैं। रक्षा बंधन इस बार 26 अगस्त दिन रविवार को मनाया जा रहा है। विदेशो में बेठे भाईयों के लिए बहनों ने जुलाई माह से ही राखी मार्किट आर्डर पोस्ट दफ्तर एवं कोरियर के माध्यम से भिजवानी शुरु की हुई है। इस बार बाजार में जयपुरी, श्री, जग्गी फैंसी, एमआर राखी, आरआर व एडी कंपनी के राखी व रेशम के धागे, राखीयां काफी सुंदर लुक लेकर बाजार में आई है । भाभी के लिए बनाए विशेष लूंबे 20 से 50 रुपए में खूब बिक रहे हैं। मनियारी के साथ सुनियारों की दुकानों पर बहनों ने चांदी की राखी व ब्रैसलैट आदि के आर्डर देने शुरु कर दिए है। कोठी रोड़ स्थित स्टेशनरी व राखी बेचने वाले विजय कुमार पप्पू मार्किट आर्डर का कहना है कि बाजार में काफी डिजाइनर राखियां आ गई है । धागे से लेकर स्टोन वर्क, गिफ्ट आईटम, बच्चों के लिए टैड़ी बीयरस, छोटा भीम, स्पाईडर मैन, चाकलेट , फैंटम, डोरोमन, मोटू पतलू, वैनटैन, टाफिया, कार्टून आदि से सजी राखियां तथा लाइटों वाली राखियां बेच रहे है, जिनकी कीमत उनके पास 10 से लेकर 60, 100 रुपए तक प्रति पीस है, जबकि कोठी रोड के अश्वनी खुल्लर का कहना है कि उनके पास राखी 10 से लेकर 150 रुपए के दाम पर उपलब्ध है। इसमें जयपुरी, क्रिस्टल, स्टोन, डायमंड, सुच्चा मार्किट आर्डर मार्किट आर्डर मोती, चंदन आदि की खूब मांग है वहीं सबसे प्यारा व मन को मोह लेने वाले सदियों से चला आ रहा रेशम व सूती धागा तथा मोली भी बहनों के लिए इस बार खास ही मार्किट में उपलब्ध हुआ है, जिसमें लाल, पीला, संतरी, हरा, मिक्स रंगों से तैयार रेशम का धागा जो कि 5 से 20 रुपए में उनके पास उपलब्ध है जिसे लोग पसंद कर मार्किट आर्डर रहे हैं।

इंटरनेट के माध्यम से राखी भेजने का क्रेज इस बार भी बढ़ा है, भावनाओं में ओत प्रोत तैयार राखी व धागे में अलग ही प्यार सदियों से समाया नजर आता है जो कि इंट्रनेट पर भी।

पोस्ट ऑफिस के पोस्ट मास्टर हरिदेव सतनाम सिंह ने बताया कि उनके पास रोजाना विदेश भेजने के लिए 50 से ज्यादा राखी पैकेज तथा भारत में भेजने वाले 100 से ज्यादा पैकेज आ रहे है। उन्होंनें बताया कि ग्राहक लिफाफों में चीनी या कोई मीठी वस्तु न डाले। बरसात का मौसम है ऐसा करने से लिफाफे खराब हो जाते है, वहीं इनको चूहे तथा अन्य जानवर भी खराब करने लगते है।

राखी 10 से लेकर 150 रुपए तक उपलब्ध, लूंबे 20 से 50 रुपए तक मिल रहे, चांदी की राखियों के लिए भी बढ़ा क्रेज

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ट्रिगर प्राइस क्या होता है?

इसका मतलब यह है कि ट्रिगर प्राइस आपके दोनों ऑर्डर में से किसी एक को एक्टिवेट करने का काम करता है।
ट्रिगर प्राइस का इस्तेमाल मार्किट आर्डर स्टॉप लॉस ऑर्डर के लिए किया जाता है। अगर आपने Buy की पोजीशन क्रिएट की है तो उसमें आप स्टॉपलॉस लगाकर ट्रिगर मार्किट आर्डर प्राइस का यूज कर सकते हैं। अगर आपने सेल की पोजीशन क्रिएट की है तो उसमें भी आप स्टॉपलॉस लगाकर ट्रिगर प्राइस का यूज कर सकते हैं।

जब भी आप स्टॉप लॉस ऑर्डर प्लेस करते हैं तो आपको दो तरह के प्राइस एंटर करने पड़ते हैं: ट्रिगर प्राइस और लिमिट प्राइस। जब भी शेयर का मूल्य आपके द्वारा दर्ज किए गए ट्रिगर प्राइस तक पहुंच जाता है तो सिस्टम द्वारा आपका स्टॉप लॉसआर्डर एक्टिवेट हो जाता है और जब वह प्राइस आपके द्वारा दर्ज किए गए लिमिट प्राइस पर पहुंच जाता मार्किट आर्डर है तो आपका स्टॉपलॉस आर्डर एग्जीक्यूट हो जाता है।

जब तक स्टॉक का प्राइस आपके द्वारा दर्ज किए गए ट्रिगर प्राइस तक नहीं पहुंचता है तब तक आपका ऑर्डर सिर्फ आपके स्टॉक ब्रोकर तक ही रहता है। यह एक्सचेंज में नहीं भेजा जाता है और जैसे ही स्टॉक का प्राइस ट्रिगर प्राइस तक पहुंच जाता है आपका ऑर्डर एक्टिव ऑर्डर में आ जाता है और लिमिट प्राइस तक पहुंचते ही एग्जीक्यूट हो जाता है।

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आपने कोई शेयर 100 रुपए में खरीदा है और आप उसका स्टॉप लॉस ₹90 रखना चाहते हैं। स्टॉप लॉस का यहां मतलब यह है कि जब भी स्टॉक का प्राइस गिरने लगे और ₹90 से नीचे चला जाए तो आप उस स्टॉक को बेचना चाहेंगे तो ज्यादा नुकसान सहना नहीं जाएंगे और आप ₹10 के नुकसान के साथ ही मार्केट से एग्जिट करना पसंद करेंगे।

इस स्थिति में जब आप अपना स्टॉपलॉस आर्डर लगाने लगेंगे तो आपको ट्रिगर प्राइस दर्ज करने के लिए पूछा जाएगा। वह ट्रिगर प्राइस आपकी मर्जी का होगा आप जहां चाहे वहां ट्रिगर प्राइस रख सकते हैं। मान लीजिए अगर आप ट्रिगर प्राइस ₹95 रख देते हैं और लिमिट प्राइस ₹90 दर्ज कर देते हैं।

तो इस स्थिति में जब भी स्टॉक का प्राइस गिरने लगेगा और ₹95 पर आ जाएगा तो आपका स्टॉप लॉस ऑर्डर ऑटोमेटिकली एक्टिवेट हो जाएगा और जब यह गिरते-गिरते ₹90 को मार्किट आर्डर पार कर जाएगा तो आपका स्टॉप लॉस ऑर्डर एक्जिक्यूट हो जाएगा और आपके द्वारा खरीदा गया शेयर अपने आप ₹90 पर बिक जाएगा।

ट्रिगर प्राइस को शेयर को कम दाम पर खरीदने और ज्यादा दाम पर बेचने के लिए भी सेट किया जाता है।

स्टॉक मार्केट में बने रहना हो तो हमें हमेशा स्टॉप लॉस के साथ ही काम करना चाहिए और एक सीमित नुकसान के साथ मार्केट से निकल जाना चाहिए अगर मार्केट हमारी दिशा में ना चल रहा हो।

उत्पादन और रोजगार में विस्तार, सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर दिसंबर में 5 माह के उच्चतम स्तर पर: रिपोर्ट

सर्वे के प्रतिभागियों ने बताया कि कारोबार में यह तेजी बाजार की हालत में सुधार और नए कारोबार के फैसले की वजह से है.

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फाइल फोटो, प्रतीकात्मक तस्वीर | Bloomberg

नई दिल्ली: भारत में सेवाओं के बाजार में कारोबार के विस्तार की गति दिसंबर में पांच माह के उच्चतम स्तर पर थी. सोमवार को जारी एक प्रतिष्ठित मासिक सर्वे रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.

सर्वे के अनुसार अनुसार आलोच्य माह में नए आर्डर में तेजी आयी और उत्पादन तथा रोजगार के अवसरों का विस्तार हुआ. सेवा क्षेत्र की कंपनियों की गतिविधियों पर आईएचएस मार्किट इंडिया का यह मासिक सूचकांक नवंबर के 52.7 अंक की तुलना में दिसंबर में 53.3 अंक रहा. जुलाई के बाद यह एक साल में सबसे मजबूत वृद्धि दर्शाता है.

सूचकांक का 50 अंक से ऊपर होना कारोबार के विस्तार का सूचक है और विस्ता आगे भी जारी रहने का अनुमान है.

आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री पॉलियान्ना डी लीमा ने कहा, ‘रोजगार के नए अवसरों का सृजन बने रहने, नए आर्डर की मजबूती तथा कारोबार की आगे की स्थिति को लेकर कंपनियों के विश्वास में बढ़ोतरी की खबर से कहा जा सकता है कि 2020 के शुरुआती महीनों में भी सेवा क्षेत्र में कारोबार का विस्तार होता रहेगा.’

सर्वे के प्रतिभागियों ने बताया कि कारोबार में यह तेजी बाजार की हालत में सुधार और नए कारोबार के फैसले की वजह से है. बीते साल के अखिरी तीनों माह में बिक्री में लगातार विस्तार हुआ. अक्टूबर 2016 के बाद दिसंबर 2019 में सेवा क्षेत्र में गतिविधियां सबसे तेज रहीं.

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दिसंबर में उत्पादन के साधनों की लागत और ऊंची हुई. कंपनियों ने बताया कि उन्हें खाद्य, ईंधन, चिकित्सा उत्पादों और परिवहन सुविधाओं की कमीतें पहले से अधिक ऊंची दर से भुगतान करना पड़ा है.

रपट के मुताबिक सेवा क्षेत्र में नए आर्डर की बदलौत कंपनियों में दिसंबर में कर्मचारियों की नयी नियुक्तियां जारी रहीं. इस क्षेत्र में लगातार 28वें माह रोजगार के अवसरों में विस्तार हुआ है.

कंपनियों के अनुसार भारत के सेवा क्षेत्र की कंपनियां विपणन के प्रयासों तथा अनुकूल आर्थिक परिस्थितियों से 2020 में भी कारोबार तेज रहेगा.

इस बीच सेवा और विनिर्माण क्षेत्र दोनों को मिला कर समग्र परचेज मैनेजर उत्पाद सूचकांक (पीएमआई आउटपुट इंडेक्स) दिसंबर में बढ़ कर 53.7 रहा . नवंबर में यह सूचकांक 52.7 अंक था.

लीमा ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र की कमोरी भी दिसंबर में दूर होती दिखी. पहले ऐसा लग रहा था वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही में यह क्षेत्र में निजी इकाइयों के प्रदर्शन की दृष्टि से निराशाजनक रहेगा पर अब यह पहले से अच्छा दिख रहा है.

लेकिन लीमा को लगता है कि आर्थिक वृद्धि निरंतर बनी तो रहेगी लेकिन इसकी दर बड़ी आकर्ष हो, ऐसा नहीं दिखता. उन्होंने कहा कि दिसंबर तिमाही का समग्र पीएमआई सूचकांक सितंबर तिमाही के सूचकांक के स्तर का ही है.

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