मूल्य अस्थिरता

मूल्य अस्थिरता
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दबाव-समूहों, हित-समूहों तथा आं .
दबाव-समूहों, हित-समूहों तथा आंदोलनों के नकारात्मक तथा सकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव होते हैं।' व्याख्या करें।
Solution : नकारात्मक प्रभाव-(i) ये किसी एक वर्ग के लोगों की रक्षा करते हैं।
(b) ये लोकतंत्र के मूलभूत ढाँचे को कमजोर करते हैं क्योंकि ये अक्सर किसी एक वर्ग अथवा किसी एक मुद्दे पर काम करते हैं जबकि लोकतंत्र केवल एक वर्ग के हितों की रक्षा नहीं करता बल्कि सभी के कल्याण को देखता है।
(c) ऐसे समूह सत्ता का इस्तेमाल तो करना चाहता है लेकिन जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं। राजनीतिक दलों को चुनाव के समय जनता का सामना करना - पड़ता है लेकिन ये समूह जनता के प्रति जवाबदेह नहीं होते।
(d) संभव है कि दबाव-समूहों और आंदोलनों को जनता से समर्थन अथवा धन न मिले । कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है कि दबाव-समूहों को बहुत कम लोगों का समर्थन प्राप्त हो लेकिन उसके पास धन अधिक हो मूल्य अस्थिरता और इसके बूते अपने संकुचित एजेंडे पर वे सार्वजनिक बहस का कारण जोड़ने में सफल हो जाएँ।
(e) कभी-कभी ये दबाव समूह राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर देते हैं।
सकारात्मक प्रभाव-
(a) दबाव समूहों और आंदोलनों के कारण लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हुई हैं। शासकों के ऊपर दबाव डालना लोकतंत्र में कोई अहितकर गतिविधि नहीं बशर्ते इसका अवसर सबको प्राप्त हो।
(b) सरकारें अक्सर थोड़े से धनी और ताकतवर लोगों के अनुचित दबाव में आ जाती हैं। जन-साधारण के हित-समूह तथा आंदोलन इस अनुचित दबाव के प्रतिकार में उपयोगी भूमिका निभाते हैं और आम नागरिक की जरूरतों तथा सरोकारों से सरकार को अवगत कराते मूल्य अस्थिरता हैं।
अमेरिकी वित्त मंत्री ने समान मूल्य वाले देशों से संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया
नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान व्यापार और निवेश को महत्वपूर्ण बताते हुए ‘फ्रेंडशोरिंग’ की वकालत की। मूल्य अस्थिरता ‘फ्रेंडशोरिंग’ का अर्थ है कि समान मूल्यों और संस्थानों वाले देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना। माना जा रहा है कि विनिर्माण के क्षेत्र में चीन की भूमिका को कम करने के लिए अमेरिका यह पहल कर रहा है।
येलेन ने दिल्ली के नजदीक माइक्रोसॉफ्ट इंक के संयंत्र में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि अमेरिका-भारत स्वाभाविक सहयोगी हैं और दोनों देश बाकी दुनिया को दिखा सकते हैं कि अस्थिरता और युद्ध के बावजूद लोकतंत्र अपने नागरिकों के लिए अच्छी तरह से काम कर सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘लंबे समय से दुनियाभर के देश महत्वपूर्ण सामान के लिए जोखिम भरे देशों या एक स्रोत पर अत्यधिक निर्भर रहे हैं।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम भारत जैसे भरोसेमंद व्यापारिक भागीदारों के साथ सक्रिय रूप से आर्थिक एकीकरण को मजबूत कर रहे हैं।’’
अमेरिकी वित्त मंत्री ने ‘फ्रेंडशोरिंग’ की अवधारणा को पेश करते हुए कहा कि दोनों देश एक ऐसी दुनिया में अपनी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने की इच्छा रखते हैं, जहां कुछ सरकारें इसका इस्तेमाल एक भू-राजनीतिक हथियार के रूप में करती हैं।
उन्होंने कहा कि हाल के व्यवधानों से दोनों देशों में कीमतें बढ़ी हैं और आर्थिक उत्पादन प्रभावित हुआ है। उन्होंने रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद ऊर्जा और जिंस कीमतों में हुई बढ़ोतरी का सीधा जिक्र किए बिना यह बात कही।
येलेन ने कहा कि अमेरिका उन देशों से दूरी बना रहा है, जो हमारी आपूर्ति श्रृंखला के लिए भू-राजनीतिक और सुरक्षा जोखिम पैदा करते हैं।
अमेरिका जैसे देश सब कुछ खुद नहीं बना सकते हैं और इसलिए अब वहां इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि आपूर्ति श्रृंखला बनाते समय रणनीतिक सहयोगियों का पक्ष लिया जाए।
येलेन ने अमेरिकी कंपनी फर्स्ट सोलर इंक द्वारा तमिलनाडु में एक विनिर्माण संयंत्र बनाने की योजना और एप्पल इंक के कुछ आइफोन विनिर्माण को चीन से भारत में लाने की योजना के बारे में भी बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘समान मूल्य वाले संबंध देशों के एक विशेष क्लब तक सीमित नहीं है। हम उन देशों के बड़े समूह के साथ जुड़ना चाहते हैं, जिनपर हम भरोसा कर सकते हैं। इसमें विकासशील देश और उन्नत अर्थव्यवस्थाएं समान रूप से जुड़ेंगी।’’
येलेन ने कहा, ‘‘अमेरिका, भारत के साथ अपने व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत बनाना जारी रखेगा।’’
उन्होंने कहा कि मूल्य अस्थिरता एशिया से यूरोपीय संघ के क्षेत्रों में नई आपूर्ति श्रृंखला विकसित हो रही है। इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि पश्चिमी कंपनियां चीन से परे अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता ला रही हैं।
सीएम हेमंत ईडी दफ्तर के लिए निकले, कहा- हर सवाल का देंगे माकूल जवाब, सरकार को अस्थिर करने की साजिश
Ranchi: पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर जाने से पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने आवास पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि वह ईडी के सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं. सीएम ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से इन्कार किया है. सीएम ईडी के समन खफा दिखे. उन्होंने कहा कि ईडी की कार्रवाई से ऐसा लग रहा है जैसे मैं देश छोड़कर भागने वाला हूं. ईडी जैसी एजेंसी को जांच के बाद संवैधानिक पद पर रहने वाले किसी व्यक्ति के खिलाफ किसी तरह का आरोप लगाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि मूल्य अस्थिरता मूल्य अस्थिरता ईडी को एक पत्र पहले भेजा है किस तरीके से 1000 करोड़ का घोटाला के बारे में नोटिस आया है. पूरे राज्य में स्टोन चिप्स ₹1000 मूल्य की नहीं होती है. आरोप का आधार कैसे बना कैसे नहीं बना यह समझ से परे है. उन्होंने कहा कि जो आरोप लगे हैं वह कहीं से भी संभव प्रतीत नहीं होता. उन्हें लगता है कि कहीं ना कहीं एजेंसियों को पूरे विस्तृत जांच पड़ता है करने के उपरांत किसी ठोस निर्णय पर दोष लगाना चाहिए.
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि वह ईडी दफ्तर जा रहे हैं. उनके हर सवालों का जवाब देंगे. पहले भी लिखित रूप से जवाब भेज दिया है.राज्य में अवैध माइनिंग की जांच ईडी कर रही है इस संबंध में एक पत्र ईडी को भेज है. सीएम हूं, एक संवैधानिक पद पर हूं. ऐसा लगता है कि मैं देश छोड़कर भागनेवाला हूं, केवल व्यवसायी ही देश छोड़कर भागे हैं कोई राजनेता नहीं. सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र है. विपक्ष सरकार बनने के बाद से ही सरकार गिराने का षड्यंत्र कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने राज्यपाल को भी लपेटा. कहा कि राज्यपाल का चिट्ठी नहीं खुल रही है. वह भी राजनीति कर रहे हैं.
ईडी दफ्तर निकलने के पूर्व पिता शिबू सोरेन से आशीर्वाद लेने उनके आवास पहुंचे. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने पिता को आज ईडी की ओर से होने वाली पूछताछ के साथ-साथ महागठबंधन की बैठक,यूपीए विधायकों की वर्तमान स्थिति के साथ-साथ ताजा राजनीतिक हालातों की भी जानकारी दी. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन अपने पिता के सामने बेहद सहज नजर आए.
वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में महिंद्रा लॉजिस्टिक्स का राजस्व 1,326 करोड़ रुपए, वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही की तुलना में 28 फीसदी अधिक, वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में पीएटी 11 करोड़ रुपए पर
Mahindra Logistics Limited (MLL) Logo
Posted By: Sachin Murdeshwar November 7, 2022
मुंबई, 07 नवंबर, 2022 (GPN)- देश के इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स और मोबिलिटी सॉल्यूशंस प्रोवाइडर्स में से एक महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (एमएलएल) ने 30 सितंबर, 2022 को समाप्त तिमाही और छमाही के लिए अपने अलेखापरीक्षित समेकित वित्तीय परिणामों की घोषणा की।
वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में परफॉर्मेंस- एफवाई 22 की दूसरी तिमाही की तुलना में
- राजस्व 1,033 करोड़ रुपए की तुलना में 1,326 करोड़ रुपए
- ईबीआईटीडीए 49 करोड़ रुपए की तुलना में 71 करोड़ रुपए
- पीबीटी 8 करोड़ रुपए की तुलना में 17 करोड़ रुपए
- पीएटी 5 करोड़ रुपए की तुलना में 11 करोड़ रुपए
- ईपीएस (डाइल्यूटेड) 0.71 रुपए की तुलना में 1.69 रुपए
एच1 एफवाई22 की तुलना में एच1 एफवाई23 का प्रदर्शन
- राजस्व 1,916 करोड़ रुपए की तुलना में 2,526 करोड़ रुपए
- ईबीआईटीडीए 92 करोड़ रुपए की तुलना में 140 करोड़ रुपए
- पीबीटी 14 करोड़ रुपए की तुलना में 36 करोड़ रुपए
- पीएटी 8 करोड़ रुपए की तुलना में 25 करोड़ रुपए
- ईपीएस (डाइल्यूटेड) 1.16 रुपए की तुलना में 3.56 रुपए
एफवाई22 के आंकड़े क्यू1 एफवाई23 में मेरु कंपनियों के अधिग्रहण के बाद बहाल किए गए हैं।
- ऑटोमोटिव उद्योग में निरंतर सुधार और दूरसंचार सहित उपभोग बाजारों में निरंतर वृद्धि के कारण तिमाही में मूल्य अस्थिरता वृद्धि
- बी2बी एक्सप्रेस और लास्ट माइल डिलीवरी (डेल सहित) सेवाओं में स्थिर वृद्धि
- मोबिलिटी बिजनेस हालांकि पूर्व-कोविड स्तरों पर वापस नहीं आया, लेकिन परिचालन दक्षता में सुधार जारी है
- तिमाही में हमने नासिक, भिवंडी और लुहारी जैसे स्थानों में गोदामों के लिए 1 मूल्य अस्थिरता मिलियन वर्ग फुट से अधिक जगह हासिल की है
कंपनी की परफॉर्मेंस पर टिप्पणी करते हुए महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ श्री रामप्रवीन स्वामीनाथन ने कहा,
‘‘हमने वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में अपनी विकास गति को 28 प्रतिशत सालाना वृद्धि के साथ जारी रखा। ऑटो रिकवरी और अन्य क्षेत्रों में निरंतर ऑर्गेनिक ग्रोथ वॉल्यूम में वृद्धि के कारण व्यवसाय की मात्रा में वृद्धि का दौर कायम है। 3पीएल कॉन्ट्रैक्ट लॉजिस्टिक्स के अलावा, हमने लास्ट माइल और बी2बी एक्सप्रेस में निवेश करना जारी रखा, जिसने मजबूत विकास गति को बनाए रखने मंे मदद की है। तिमाही के दौरान हमने मुद्रास्फीति का व्यापक प्रभाव भी महसूस किया है। साथ ही, फ्रंट लाइन मैनपावर कॉस्ट्स में वृद्धि और ट्रेलरों और कार वाहकों की आपूर्ति में कमी भी दर्ज की। अल्पकालिक परिचालन वातावरण में वैश्विक मंदी के रुझान, मूल्य अस्थिरता और समग्र मुद्रास्फीति की विशेषता बनी हुई है, दूसरी तरफ हम अपने और अपने ग्राहकों के लिए संचालन में अनुकूलन करना जारी रखते हैं। हमें यकीन है कि हाल ही में घोषित नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी इस सेक्टर में सुधारों की गति को आगे बढ़ाने में सहायक होगी और डिजिटलीकरण, मल्टी मॉडल लॉजिस्टक्स और लॉजिस्टक्स की कम लागत की दिशा में भी मददगार साबित होगी।’’
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Sachin Murdeshwar
Sachin Murdeshwar is a Sr.Journalist and Columnist in several Mainline Newspapers and Portals.He is an ardent traveller and likes to explore destinations to the core.
ED में पेशी से पहले हेमंत सोरेन का बड़ा हमला, कहा- सरकार को अस्थिर करने का है षड्यंत्र, निशाने पर हैं कई विधायक
मुख्यमंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में राज्यपाल रमेश बैस पर भी बड़ा हमला बोला और कहा कि राज्यपाल का पद राजनीति और पार्टी से ऊपर होता है, लेकिन इनके कार्यकलापों से ऐसा लगता है कि वे षड्यंत्रकारी राजनीति करनेवाले दलों को संरक्षण दे रहे हैं।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए पेश होने के पहले एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि ईडी की कार्रवाई उनकी सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र का हिस्सा है। अवैध खनन को लेकर उनपर लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में राज्यपाल रमेश बैस पर भी बड़ा हमला बोला और कहा कि राज्यपाल का पद राजनीति और पार्टी से ऊपर होता है, लेकिन इनके कार्यकलापों से ऐसा लगता है कि वे षड्यंत्रकारी राजनीति करनेवाले दलों को संरक्षण दे रहे हैं। एक तरफ माइनिंग लीज मामले में चुनाव आयोग के मंतव्य की चिट्ठी का लिफाफा राज्यपाल महीनों बाद भी नहीं खोलते, और दूसरी तरफ बयान देते हैं राज्य में बम-पटाखा फूट सकता है। उनके बयान के तुरंत बाद ईडी का समन आता है और सत्ताधारी दलों के विधायकों के यहां आईटी और केंद्रीय एजेंसियों का छापा पड़ने लगता है।
उन्होंने कहा कि उन्हें खबर है कि अभी कई और विधायकों के यहां छापमारी की तैयारी चल रही है। यह सब षड्यंत्र का हिस्सा है।
सोरेन ने राज्यपाल द्वारा माइनिंग लीज मामले में चुनाव आयोग से सेकंड ओपिनियन मांगे जाने को भी असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि जबकि राज्यपाल मीडिया में बयान देते हैं कि चुनाव आयोग से उन्होंने सेकंड ओपिनियन मांगा है, जबकि आयोग ने उन्हें बताया है कि इसे लेकर राज्यपाल का कोई पत्र नहीं आया है।
सोरेन ने कहा कि जब उनकी सरकार ने राज्य में संसाधनों का सदुपयोग कर राजस्व बढ़ाया, लंबी लकीर खींची और राज्य के जनमानस का विश्वास सरकार के प्रति बढ़ा तो हाशिए पर जाते विपक्षी दलों में बौखलाहट बढ़ गई और षड्यंत्र शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनने के साथ ही इसे गिराने का षड्यंत्र शुरू हो गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र का सम्मान होना चाहिए, इसलिए वे ईडी के सामने जा रहे हैं। ईडी की अब तक की जांच पड़ताल पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि साहबगंज जिले में एक हजार करोड़ के अवैध खनन का आरोप लगाया गया है, जबकि यह संभव ही नहीं है।