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ट्रेंड लाइन्स

ट्रेंड लाइन्स
नेशनल ट्रैग लाइन व नारे नेशनल टीम बनाकर भेजती है। ट्रेंड लाइन्स बरेली और आंवला के प्रत्याशियों के लिए टैग लाइन यहां तैयार की जाती है। टैग लाइन या नारे बनाते समय उसकी जरूरत और स्थानीय लोगों का मन समझने की कोशिश रहती है। इसके बाद उन्हें तैयार कर दिया जाता है। -अमित वर्मा, हेड, भाजपा आइटी सेल, बरेली

Neck skincare

सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल के आधार पर ट्रेडिंग

जब कीमतें अपट्रेंड में होती है, तो अंतिम लो और अंतिम हाई कीमतें बहुत महत्वपूर्ण होती है।

यदि कीमतें लोअर लो बनाना शुरू करती है, तो यह ये दर्शाता है की ट्रेंड रिवर्सल हो सकता है।

लेकिन अगर कीमतें हाई बनी रहती है तो अपट्रेंड की पुष्टि होती है।

एक ट्रेंड लाइन्स निवेशक को उचित और वर्तमान मेजर सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तरों को चिन्हित करना चाहिए क्योंकि जब कीमतें इन स्तरों पर पहुंचती है तो वे महत्वपूर्ण हो सकते है।

इसके अलावा, उचित और करंट माइनरसपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तरों को चिन्हित करना चाहिए जो आपको करंट ट्रेंड, चार्ट पैटर्न और सीमाओं का एनालिसिस करने में मदद करेगा।

आपको नए सपोर्ट और रेजिस्टेंस की रेखाएं बनाते रहना चाहिए और पुराने लेवल्स को हटा देना चाहिए, क्यूंकि कीमतें पुरानी लेवल्स को पहले ही पार कर चूकी हैं ।

की पॉइंट्स :

  • माइनर सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तर कीमतों को होल्ड नहीं कर पाते है।
  • माइनर सपोर्ट और रेजिस्टेंस के क्षेत्र आपकी होल्डिंग बढ़ाने के अवसर प्रदान करते है।
  • मेजर रेजिस्टेंस और सपोर्ट का लेवल वो क्षेत्र है जो ट्रेंड रिवर्सल का कारण बनते है।
  • मार्केट डाउनट्रेंड में है या अपट्रेंड में है, या भविष्य में क्या हो सकता है, इन सबकी जानकारी ट्रेंड लाइन्स स्पष्ट दिखाती है।
  • एक निवेशक या एनालिस्ट को उचित और वर्तमान मेजर सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवलों को चिन्हित करना चाहिए क्योंकि जब कीमतें इन ट्रेंड लाइन्स लेवल पर पहुंचती है तो वे महत्वपूर्ण हो सकते है।
  • रेलेवेंट और करंट माइनर सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवलों को चिन्हित करना चाहिए जो आपको करंट ट्रेंड, चार्ट पैटर्न और सीमाओं का एनालिसिस करने में मदद करेगा।

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एजिंग साइन्स को कम करने के लिए नेक स्किनकेयर रूटीन भी है जरूरी

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कोरियन ब्यूटी ट्रेंड्स ने लोगों को सेवन स्टेप और ट्वेलव स्टेप ब्यूटी केयर रूटीन अपनाने के लिए खूब इंस्पायर किया है और ये खूब पसंद किए जाने वाला ट्रेंड भी है। इनके अलावा स्किन केयर में टूल्स, सीरम, शीट मास्क यूज करने के तरीके तो कई ब्यूटी इंफ्लुएंसर्स शेयर करते रहते हैं , लेकिन गर्दन की स्किन के केयर के बारे में बहुत कम लोग ध्यान देते हैं। लेकिन गर्दन की स्किन सही न हो तो ये तुरंत नजर आती है।

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क्यों जरूरी है नेक की स्किन केयर

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बैंगलोर स्थित स्किन क्यू एंड कोस्मोडरमा क्लिनिक की संस्थापक और सेलिब्रिटी कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ चित्रा आनंद कहती हैं, नेक को हम अक्सर भूल जाते हैं क्योंकि सभी का ध्यान फेस पर अधिक रहता है। इसकी एक वजह ये भी है कि क्योंकि गर्दन की त्वचा पर धूप सीधे नहीं पड़ती है इसीलिए गर्दन की त्वचा पर एजिंग का असर चेहरे के मुकाबले धीरे धीरे नजर आता है।

डर्मालॉजिका इंडिया की हेड ऑफ एजुकेशन हिना खान के अनुसार गर्दन की त्वचा चेहरे की त्वचा के मुकाबले ज्यादा ब्राइट, हाइड्रेटेड और लचीली होती है। लेकिन उम्र बढ़ने के साथ गर्दन की त्वचा का लचीलापन कम होने लगता है। ये फेस की त्वचा से कम हाइड्रेटेड होने लगती है और काफी डल भी दिखने लगती है।

कैसे रखें अपने नेक का ख्याल

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नेक की त्वचा का ख्याल रखने के लिए आपको अलग से कुछ करने की जरूरत नहीं होती है। डॉ आनंद के अनुसार, बस हमेशा नियम से चेहरे ट्रेंड लाइन्स के साथ अपनी गर्दन की त्वचा पर भी सनस्क्रीन लगाना चाहिए । इसी तरह जब भी फेस पर मॉइश्चराइजर लगाएं तो गर्दन पर भी मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं।

वहीं, हिना खान कहती हैं कि फेस मसाज टूल्स को गर्दन पर भी यूज करना चाहिए। ऐसा करने ट्रेंड लाइन्स से फाइन लाइन्स कम होते हैं और स्किन का ग्लो बना रहता है।

नेक स्किनकेयर प्रोडक्ट्स

अगर आपको भी लगता है कि आपके गर्दन की ट्रेंड लाइन्स स्किन में फाइन लाइन्स नजर आ रहे हैं या स्किन पहले की तरह नहीं नज़र आ रही है, तो इन प्रोडक्ट्स को ट्राय करना बेहतर विकल्प होगा।

1. डर्मालॉजिका नेक फिट कंटूर क्रीम, 6500 ट्रेंड लाइन्स रुपए

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Dermalogica

इस प्रोडक्ट की खासियत इसके साथ लगा बिल्ट इन रोलर है। इससे स्किन हाइड्रेट होने के साथ टाइटेन भी होगी और नेक की स्किन में फर्म दिखेगी।

2. एस्टी लॉडर रेसिलियंस लिफ्ट नाइट फर्मिंग/ स्कल्पटिंग नेक एंड फेस क्रीम, 8,500 रुपए

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खूबसूरत दिखने के लिए नेक लाइन के अनुसार ही चुनें ज्‍वेलरी, मिलेगा परफेक्‍ट लुक

इंडियन वियर के साथ आप लॉन्‍ग टेंपल ज्‍वलरी से लेकर हेर्वी कुंदन वर्क भी पहन सकती हैं. Image : Canva

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 12, 2022, 09:48 IST

Jewellery Selection Tips: कई बार किसी इवेंट पर जाने के लिए महिलाएं तैयार होती हैं और अपनी फेवरेट ज्‍वेलरी को किसी भी ड्रेस के साथ पेयर कर लेती हैं लेकिन आपको बता दें कि ऐसा करने से आपके ड्रेस की शो तो खराब होगा ही, आपका लुक भी अच्‍छा नहीं दिखेगा. दरअसल, यह जानना बहुत ही जरूरी है कि हर ज्‍वलरी का एक अलग स्‍टाइल होता है जिसे आप चुनिंदा नेकलाइन के साथ पेयर कर बेहतर लुक पा सकती हैं.

नेकलाइन के अनुसार पहने ज्‍वलेरी

कॉलर नेक
अगर आप ऐसा ड्रेस पहन ट्रेंड लाइन्स रही हैं जिसके टॉप में कॉलर नेक लाइन है तो इसके साथ बेहतर होगा अगर आप लेयर्ड नेकलेस पेयर करें. इ‍न दिनों ऐसे नेकपीस काफी ट्रेंड में भी हैं.

टर्टल नेक
अगर आप टर्टल नेक वाली ड्रेस स्‍टाइल करना चाहती हैं तो बेहतर होगा कि आप लॉन्‍ग पेंडेंट नेक पीस पहनें. ये आपके गले से थोड़ा नीचे रहेगी जिससे आपके गले पर लोगों का कम ध्‍यान जाएगा. इसके साथ अगर आप चोकर या हेवी सेट पहनेंगी तो इससे आपको लुक बहुत ही भरा भरा लगेगा.

हाई राउंड नेक
हाई राउंड नेक वाली ड्रेस के साथ आप हेवी स्टड इयररिंग्स को स्‍टाइल कर सकती हैं. अगर आप किसी खास इवेंट पर इसे पहन रही हैं तो उसके नेकलाइन पर कॉलर या बिब नेकलेस स्‍टाइल करें. ये आपके पूरे लुक को इंप्रूव करेगा.

Loksabha Election 2019: ऐसे राजनीति में दाखिल हुआ शार्टकट नारों का ट्रेंड

Loksabha Election 2019: ऐसे राजनीति में दाखिल हुआ शार्टकट नारों का ट्रेंड

चुनाव डेस्क, बरेली : साल 2004। चुनावी प्रचार के बीच शब्द गूंजा ‘ शाइनिंग इंडिया ’। इसके साथ ही राजनीति में नया ट्रेंड शुरू हुआ, शार्टकट का। टैग लाइन वाली योजनाओं, स्लोगन और वादों का। इसके पीछे की मंशा ट्रेंड लाइन्स साफ थी। वह यह कि ऐसे शब्द गढ़े जाएं जोकि जनता के मन पर सीधे प्रभाव करें, जुबां पर तुरंत चढ़ जाएं। इसके लिए राजनीतिक दलों ने 2004 में पहली बार प्रोफेशनल पब्लिक ट्रेंड लाइन्स रिलेशन फर्म्स को हायर किया था। इसके बाद चाहे 2009 का लोकसभा चुनाव हो, 2012 का विधानसभा चुनाव या फिर 2017 का। राजनीतिक दल की ओर से इसी तरह के शार्टकट नारों का चलन तेज हो गया। योजनाओं के नाम आसानी से लिए जा सकें, इसलिए उनके नाम भी शार्टकट में चल गए। वर्तमान में तो हर राजनीतिक दल से लेकर उनके प्रत्याशी तक शार्टकट वाली राजनीति में माहिर हो चुके हैं। पेश है शार्टकट वाली राजनीति पर यह विशेष रिपोर्ट।

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