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Weather Updates: इन राज्यों में भारी बारिश और बर्फबारी के आसार, मौसम विभाग ने जताया अनुमान
IMD के मुताबिक, अगले तीन दिनों में गुजरात के साथ-साथ उत्तर पश्चिम़, मध्य और पूर्वी भारत में न्यूनत तापमान 3-5 डिग्री सेल्सियर गिरने के आसार हैं।
भारत में मानसून के विदा होने के बावजूद देश के कई राज्यों में बारिश हो रही है। है। भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department) ने मंगलवार को कहा है कि उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे सटे तटीय इलाकों के ऊपर निम्न दबाव का केंद्र बना हुआ है। इस कम दबाव के चलते मौसम विभाग ने त्रिपुरा में अलग-अलग जगहों में अत्यधिक भारी बारिश की आशंका जताई है। इसके साथ ही दक्षिण असम, मेघालय, मणिपुर और मिजोरम में भी अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश का अनुमान जताया है।
मौसम विभाग ने हाल के पूर्वानुमान में कहा है कि अगले 24 घंटों में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगिल-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में छिटपुट से हल्की बारिश या हल्की बर्फबारी के आसार हैं। कश्मीर के मैदानी इलाकों में दो से तीन इंच जबकि ऊंचाई वाले जगहों पर 6-7 इंच तक बर्फबारी हो सकती है।
उत्तराखंड और हिमाचचल प्रदेश में भी बर्फ गिरने के आसार हैं। जवाद के उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ने के साथ ही बंगाल के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है.
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Weather Forecast News Update 2021: दिल्ली-एनसीआर में बारिश को लेकर पढ़िये सबसे ताजा अपडेट, IMD ने जारी किया पूर्वानुमान
Weather Forecast News Update 2021 मौसम विभाग ने यह भी पूर्वानुमान किया है कि इन 5 दिनों के दौरान हल्के बादल तो छाए रहेंगे लेकिन बारिश नहीं होगी। इस वजह से उमस भरी गर्मी हो सकती है और अधिकतम तापमान 36 से 37 डिग्री सेल्सियस रहने का पूर्वानुमान है।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। राजधानी दिल्ली और एनसीआर में पिछले एक सप्ताह से उमस और गर्मी का दौर जारी है, जिससे लोगों को परेशानी पेश आ रही है। इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की ताजा भविष्यवाणी के अनुसार, फिलहाल अगले 5 दिन के दौरान दिल्ली-एनसीआर में मौसम ऐसा ही बना रहेगा यानी उमस और गर्मी दोनों लोगों को परेशान करेगी। मौसम विभाग ने यह भी पूर्वानुमान किया है कि इन 5 दिनों के दौरान हल्के बादल तो छाए रहेंगे, लेकिन बारिश नहीं होगी। इस वजह से उमस भरी गर्मी हो सकती है और अधिकतम तापमान 36 से 37 डिग्री सेल्सियस रहने का पूर्वानुमान है। 15 अगस्त के बाद बारिश होगी। मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार को आकाश में बादल छाए रहेंगे। अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस होने रहने का अनुमान है।
इससे पहले मंगलवार को तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी हुई। इस वजह से उमस भरी गर्मी महसूस की गई। हालांकि, आकाश में हल्के बादल भी छाए रहे लेकिन बारिश नहीं पूर्वानुमान 1000 व्यापारियों हुई। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। वहीं न्यूनतम तापमान 25.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम है। लोधी रोड में अधिकतम तापमान सबसे अधिक 36 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहां न्यूनतम तापमान 25.8 डिग्री पूर्वानुमान 1000 व्यापारियों सेल्सियस रहा। एक दिन पहले दिल्ली में अधिकतम तापमान 33.4 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 25.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में
दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता कहीं मध्यम तो कहीं संतोषजनक रही। दिल्ली में एयर इंडेक्स 101 व गाजियाबाद में 114 दर्ज किया गया। इस वजह से इन दोनों शहरों में हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रही। वहीं एनसीआर के अन्य शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही। इस वजह से फरीदाबाद में एयर इंडेक्स 84, ग्रेटर नोएडा में 95, गुरुग्राम में 91 व नोएडा में एयर इंडेक्स 99 दर्ज किया गया।
बोवनी के बाद पर्याप्त बारिश नहीं होने से अब उखाडऩा पड़ रही बोई फसल
मनावर. दक्षिण-पश्चिम मानसून को लेकर मौसम विभाग के पूर्वानुमान अनुसार सारी संभावनाएं थोथी साबित हो गई। 27 मई को मानसून के केरला पहुंचने के बाद मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया था। इसमें दक्षिण पश्चिम मानसून के 15 से 20 जून तक मध्य प्रदेश के अनेक हिस्सों में एंट्री पूर्वानुमान 1000 व्यापारियों होने एवं झमाझम बारिश की संभावना जताई थी।
पूर्व अनुमान के दावेे फे ल
अभी विगत 1 सप्ताह से कुछ स्थानों पर बारिश हुई है। इससे कई कई क्षेत्रों के किसानों ने खेतो में सोयाबीन, मक्का ,कपास, मूंग आदि खरीफ सीजन की फसलों की बोवनी कार्य कर लिया है। तहसील कार्यालय वर्षा मापक विभाग के अनुसार इस वर्ष 12 जून को 53 एमएम बारिश तथा 19 जून को 3 एमएम , 22 जून को 19 एमएम बारिश दर्ज की गई है। दक्षिण पश्चिम मानसून को लेकर मौसम विभाग द्वारा जारी किए पूर्वानुमान की तमाम तारीखें बीत गई, लेकिन मानसून के रुख को लेकर अनिश्चिता बनी हुई है। जैसे पहले मौसम विभाग ने 15 से 20 जून तथा उसके बाद 26 से 28 जून तक मप्र को भीगो देने की संभावनाएं जताई थी। जून का महीने बीतने को है, मानसून को लेकर क्षेत्रीय मौसम विभाग द्वारा अपडेट देने के लिए फोन रिसीव नहीं किया जा रहा है। बीते वर्षो में मानसून का जुलाई माह में आगमन हुआ है, लेकिन पूर्वानुमान 1000 व्यापारियों देरी से मानसून के आने से कई खरीफ की फसलें सोयाबीन मक्का के उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा। यानी किसानों को अरली वैरायटी की मक्का, कपास ,सोयाबीन की बुवाई करना पड़ेगी । अभी कई किसानों ने जून में मानसून की बारिश होने की संभावनाओं को देखते हुए 120 से 125 दिनों में तैयार होने वाली रिसर्च वैरायटी उन्नत सोयाबीन, मक्का बीज की बुवाई करने की तैयारी कर रखी थी। जिसे बदलने के लिए विवश होना पड़ेगा। क्योंकि मानसून जून, जुलाई माह में आने के बाद सितंबर में विदाई ले लेता है। जिससे लंबी अवधि की फसलों का अपेक्षित उत्पादन लेने सफलता नहीं मिलती। बहरहाल मौसम विभाग के द्वारा जून माह की जिन तारीखों में मानसून की बारिश को लेकर पूर्वानुमान जारी किया था व गलत साबित हुआ। इन दिनों पड रही गर्मी एवं उमस से जनजीवन प्रभावित हुआ है। कई ग्रामों में पेयजल के सोर्सेज नलकूप हैंडपंप सूख चुके हैं। लोगों को पीने के पानी के लिए टैंकर व बैलगाडी, बाइक, वाहनों पर पानी के ड्रम लादकर इधर-उधर दूर के कुओं से पानी की जुगाड करना पड रही है।
मनावर क्षेत्र में हुई कुल 75 एमएम बारिश की नमी को देखते हुए जिन किसानों ने सोयाबीन, मक्का की फसलों की बुवाई कर दी थी, लेकिन सोयाबीन, मक्का का अंकुरण ठीक से नहीं होने के कारण ट्रैक्टर रोटावेटर से फसल को नष्ट किया जा रहा है। क्योंकि कम नमी के कारण इन फसलों का अंकुरण सही नहीं हो पाया है।
&किसानों को पर्याप्त बारिश के होने के बाद ही खेतों बोवनी कार्य किया जाना चाहिए। इस संबंध में किसानों को पूर्व में भी कई दफे बताया जा चुका है, लेकिन किसान इन सुझावों की अनदेखी कर देते हैं।
धर्मेंद्र ङ्क्षसह, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र मनावर