शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें?

शोर्ट टर्म में तगड़ा रिटर्न इस शेयर से मिल सकता है, एक्सपर्ट्स भी है बुलिश
दोस्तों आज हम आपके साथ कुछ कुछ शेयर के बारे में बात करेंगे जिनमें आपको शॉर्ट टर्म में अच्छा पैसा, अच्छा रिटर्न देखने को मिल सकता है। उससे पहले बता दूं बहुत से लोग शेयर मार्केट में पैनी स्टॉक में निवेश करने लग जाते हैं ज्यादा रिटर्न के लिए तो हमारी तरफ से आपको बिल्कुल राये शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें? नहीं है कि आप पेनी स्टॉक में निवेश करें और अपना पैसे को रिस्की में डाले। जैसा कि हम सबको पता ही है पेनी स्टॉक बहुत ज्यादा रिस्की होते हैं। जितना हो सके आपको अवॉइड करना चाहिए। पेनी स्टॉक में निवेश करना अगर आप फिर भी निवेश करना चाहते हैं। तो अपनी टोटल इन्वेस्टमेंट का 5-10 परसेंटेज ही निवेश करे।
Table of Contents
शॉर्ट टर्म में निवेश के लिए चर्चा
दोस्तों शेयर मार्केट में जो कोई व्यक्ति भी अपना पैसा निवेश करता है वह चाहता है कि जल्द से जल्द मुझे अच्छे रिटर्न मिलना चाहिए आज हम आपके साथ बात करेंगे शॉर्ट टर्म में आप कैसे अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। उन स्टॉक्स के बारे में जानेंगे आप इनमें से कोई भी शेयर में अपनी तरफ से एनालिसिस करके निवेश कर सकते हैं।
अगर आप भी शॉर्ट टर्म में निवेश करने के लिए स्टॉक ढूंढ रहे हैं। तो आज हम आपके साथ कुछ ऐसे शेयर्स के बारे में बात करेंगे। जो आने वाले समय में अच्छा रिटर्न आपको निकालकर दे सके। कि प्रोडक्ट की फ्यूचर में डिमांड होगी हम कुछ वैसे ही शेयर के बारे में बात करेंगे।
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शोर्ट टर्म में तगड़ा रिटर्न इन् शेयर से मिल सकता है
कंपनी के बारे में जानकारी
दोस्तों हम जिस शेर की बात कर रहे हैं उन कंपनी का नाम है जीएसएफसी (गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल लिमिटेड) बता करें कंपनी के फंडामेंटल की कंपनी बिल्कुल कर्ज मुक्त है कंपनी शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें? की बुक वैल्यू 295 है कंपनी की P/E 4.54 की हैकंपनी ने इस साल में अभी तक करीब 10 परसेंट तक का रिटर्न दे चुकी है। अगर बात करें 2021 की तो 2021 में कंपनी ने 19 परसेंट तक का रिटर्न दिया है।
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कंपनी के फंडामेंटल पर चर्चा।
दोस्तों हम जिस शेर की बात कर रहे हैं उन कंपनी का नाम है जीएसएफसी (गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल लिमिटेड) बता करें कंपनी के फंडामेंटल की कंपनी बिल्कुल कर्ज मुक्त है कंपनी की बुक वैल्यू 295 है कंपनी की P/E 4.54 की हैकंपनी ने इस साल में अभी तक करीब 10 परसेंट तक का रिटर्न दे चुकी हैअगर बात करें 2021 की तो 2021 में कंपनी ने 19 परसेंट तक का रिटर्न दिया है।
एक्सपर्ट्स के मुताभिक कंपनी फर्टीलिज़ेर्स, केमिकल और सीड मिक्रोनुट्रिएंट्स की इंडिया में काफी बड़ी प्रोडूसर है। फर्टीलिज़ेर्स की पुरे वर्ल्ड में लिमिट सप्लाई है, और यह ही बात कंपनी की अलग बनती है।
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कंपनी के शेयर प्राइस का इतिहास
दोस्तों अगर बात करें कंपनी के शेयर प्राइस हिस्ट्री के बारे में तो पिछले 5 दिनों में कंपनी के शेयर ने करीब 11.31% से ज्यादा का रिटर्न दिया है और अगर हम बात करें बीते दिन की 1.73% का रिटर्न दिया है। पिछले 6 महीने का डाटा देखें तो पिछले 6 महीने में -13.24% नेगेटिव रिटर्न देखने को मिला है और इस साल में अभी तक गरीब 9.11% पॉजिटिव रिटर्न देखने को मिला है। शॉर्ट टर्म के लिए शेयर में आप 120 रुपये का स्टॉप लॉस और 157 रुपये का शॉर्ट-टर्म टारगेट के सकते हो।
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Disclaimer
दोस्तों इस आर्टिकल और वीडियो के दुवारा में आपको सिर्फ नॉलेज ही प्रोवाइड करता हूँ शेयर मार्किट में किस शेयर पर इन्वेस्ट करना है वोह पूरा आप पर है, करना भी है कि नहीं मेरा और मेरी टीम का मोटिव यह ही है आप टाक इनफार्मेशन और राइट नॉलेज को डिलीवर करना। लेकिन आप अपने पैसा जिस भी स्टॉक में निवेश करे सोच समझकर करे। क्युकी हमारी वेबसाइट पर आपको स्टॉक खरीदने कि राये नहीं दी जाती।
Investment Tips: स्टॉक मार्केट में निवेश करते समय इन बातों का रखें ख्याल, मिलेगा जबरदस्त रिटर्न!
शेयर मार्केट में हर दिन हजारों की संख्या में निवेशक अपने पैसे लगाकर करोड़ों रुपये कमाते हैं. हालांकि, इसमें निवेश करने पर जोखिम का खतरा भी बना रहता है. मार्केट रिस्क के कारण इसमें निवेश करते वक्त विशेष बातों को ध्यान में रखना जरूरी हो जाता है.
Investment Tips: शेयर मार्केट में हर दिन हजारों की संख्या में निवेशक अपने पैसे लगाकर करोड़ों रुपये कमाते हैं. हालांकि, इसमें निवेश करने पर जोखिम का खतरा भी बना रहता है. मार्केट रिस्क के कारण इसमें निवेश करते वक्त विशेष बातों को ध्यान में रखना जरूरी हो जाता है. अगर आप भी उन लोगों में शामिल है, जो पहली बार शेयर मार्केट में पैसे लगाते है और कुछ ही दिनों में करोड़पति बनने की सोच लेते है, तो यह खबर आपके काम आ सकता है.
बता दें कि अगर आप सही प्लानिंग के जरिए इसमें निवेश करते हैं तो आपको मार्केट से अच्छे पैसे बना सकते हैं. कोरोना महामारी के बाद बहुत से लोगों ने शेयर मार्केट में पैसे लगाना शुरू कर दिया है. अगर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं लेकिन, आपको यह समझ में नहीं आ रहा है कि इसकी शुरुआत कैसे करें तो हमारे द्वारा बताए गए टिप्स को फॉलो कर सकते हैं.
निवेश से पहले इन बातों का रखें ख्याल
- शेयर मार्केट में निवेश करके अगर आप अच्छी आमदनी करना चाहते हैं तो आपको शुरुआत में छोटे लेवल से निवेश की योजना बनानी चाहिए. अगर आप अच्छा रिटर्न पाने की इच्छा में ज्यादा निवेश करते हैं, तो ऐसा करने पर आपकी पूंजी डूबने की संभावना बढ़ जाती है
- शुरुआत में आप उन्हीं कंपनियों में निवेश करें, जिनकी विश्वसनीयता और फंडामेंटल मजबूत हों. इन कंपनियों में निवेश करने पर आपको अच्छे रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
- इसके अलावा आपको अर्थव्यवस्था और उसको गति देने वाले क्षेत्रों के बारे में निरंतर अपडेट रहना चाहिए. इसके लिए आप कुछ अच्छी बिजनेस मैग्जीन को फॉलो कर सकते हैं. इससे शेयर बाजार को लेकर आपकी समझ अच्छी हो जाएगी.
- शेयर बाजार को लेकर अच्छी समझ होने से आपको ये पता होगा कि स्टॉक को खरीदने का कौन सा समय सही है और कौन सा नहीं. इससे आप एक अच्छा मुनाफा कर सकेंगे.
- शेयर बाजार में निवेश करते समय आपके पास धैर्य का होना बहुत जरूरी है. बाजार में आने वाली गिरावट से घबराना नहीं चाहिए. आप समय समय पर अपने निवेश को संतुलित ढंग से बढ़ाते रहें. इससे लॉन्ग टर्म में आप अच्छा खासा फंड इकट्ठा कर सकेंगे.
- अगर आप लॉन्ग टर्म को ध्यान में रखकर अच्छी खासी रकम शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें? इकट्ठा करना चाहते हैं, तो आप इंडेक्स फंड में निवेश कर सकते हैं.
- शेयर मार्केट में निवेश करना बाजार जोखिमों के अधीन है. इसमें निवेश करने से पहले विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें. अगर आप बिना जानकारी के इसमें निवेश करते हैं, तो आपको एक बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में आप अपनी पूंजी को गंवा देंगे और फिर बाजार से हमेशा के लिए बाहर निकलने के लिए विवश हो जाएंगे.
शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज
How to open a Demat Account : डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया बहुत आसान होती है. इसके लिए सबसे पहले आपको एर फॉर्म ऑनलाइन भरना होता है. जिसके बाद ई वेरिफिकेशन होता है. ये प्रोसेस पूरी होते ही आपका डीमैट खाता खुल जाता है.
Demat Account : शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है डीमैट अकाउंट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.
तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.
क्या होता है डीमैट खाता
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जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.
डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश किया जा सकता है.
कैसे खोलें डीमैट खाता
- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.
- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.
- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.
- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.
- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.
कौन खोलेगा डीमैट खाता
इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.
जरूरी शर्तें
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.
काम की खबर: नजारा का IPO तो खुला, लेकिन जानिए कैसे करें IPO में निवेश, डीमैट अकाउंट है जरूरी
हमारे देश में बचत के पैसे लगाने यानी निवेश करने के कई तरीके हैं। इन्ही में से एक है 'इनीशियल पब्लिक ऑफर' यानि IPO। निवेश का ये तरीका आज कल ट्रेंड में है। अगर आप भी IPO में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं या करना चाहते हैं तो सबसे पहले ये समझ लीजिए कि IPO क्या होता है? दरअसल, जब कोई कंपनी अपने स्टॉक या शेयर्स छोटे-बड़े निवेशकों के लिए जारी करती है तो उसका जरिया IPO होता है। इसके बाद कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होती है।
IPO होता क्या है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपनी कंपनी के शेयर्स को लोगों को ऑफर करती है तो इसे IPO कहते हैं। कंपनियों द्वारा ये IPO इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में आ सके। शेयर बाजार में उतरने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीदारी और बिकवाली शेयर बाजार में हो सकेगी। यदि एक बार कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाए तो फिर इन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है। इसके बाद शेयर को खरीदने और बेचने से होने वाले फायदे और नुकसान में भागीदारी निवेशकों की होती है।
कंपनी IPO क्यों जारी करती है?
जब किसी कंपनी को अपना काम बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत होती है तो वह IPO जारी करती है। ये IPO कंपनी उस वक्त भी जारी कर सकती है जब उसके पास धन की कमी हो वह बाजार से कर्ज लेने के बजाय IPO से पैसा जुटाना चाहती हैं। शेयर बाजार में लिस्टेड होने के बाद कंपनी अपने शेयरों को बेचकर पैसा जुटाती है। बदले में IPO खरीदने वाले लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है। मतलब जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के खरीदे गए हिस्से के मालिक होते हैं।
क्या इसमें निवेश करने में रिस्क हो सकता है?
इसमें कंपनी के शेयरों की परफॉर्मेंस के बारे में कोई आंकड़े या जानकारी लोगों के पास नहीं होती है, इसलिए इसे थोड़ा रिस्की तो माना ही जाता है। लेकिन जो व्यक्ति पहली बार शेयर बाजार में निवेश करता है उसके लिए IPO बेहतर विकल्प है।
IPO में निवेश कैसे करें?
अगर आप IPO में शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें? इन्वेस्ट करना चाहते है तो उसके लिए आपको डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है। ये अकाउंट एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट और एक्सिस डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास जाकर खोला जा सकता है। इसके बाद आपको जिस कंपनी में निवेश करना है उसमें आवेदन करें। निवेश के लिए जरूरी रकम आपके डीमैड एकाउंट से लिंक्ड एकाउंट में होनी चाहिए। निवेश की रकम तब तक आपके एकाउंट से नहीं कटती जब तक आपको शेयर अलॉट नहीं हो जाता।
जब भी कोई शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें? कंपनी IPO निकालती है उससे पहले इसका एक समय किया जाता है जो 3-5 दिन का होता है। उसी समय में उस कंपनी का IPO ओपन रहता है। जैसे शेयर मार्केट से हम एक, दो या अपने चुनाव से शेयर खरीदते है यहां ऐसा नहीं होता। यहां आपको कंपनी द्वारा तय किए गए लॉट में शेयर खरीदना होता है। ये शेयर की कीमत के हिसाब से 10, 20, 50, 100, 150, 200 या अधिक भी हो सकता है। वहां आपको 1 शेयर शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें? की कीमत भी दिखाई देती है।
IPO की कीमत कैसे तय होती है?
IPO की कीमत दो तरह से तय होती है। इसमें पहला होता है प्राइस बैंड और दूसरा फिक्स्ड प्राइस इश्यू ।
प्राइस बैंड कैसे?
शेयर की कीमत को फेस वैल्यू कहा जाता है। जिन कंपनियों को आईपीओ लाने की इजाजत होती है वे अपने शेयर्स की कीमत तय कर सकती हैं। लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य क्षेत्रों की कंपनियों को सेबी और बैंकों को रिजर्व बैंक से अनुमति लेनी होती है। कंपनी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बुक-रनर के साथ मिलकर प्राइस बैंड तय करता है। भारत में 20% प्राइस बैंड की इजाजत है। इसका मतलब है कि बैंड की अधिकतम सीमा फ्लोर प्राइस से 20% से ज्यादा नहीं हो सकती है। फ्लोर प्राइस वह न्यूनतम कीमत है, जिस पर बोली लगाई जा सकती है। प्राइस बैंड उस दायरे को कहते हैं जिसके अंदर शेयर जारी किए जाते हैं। मान लीजिए प्राइस बैंड 100 से 105 का है और इश्यू बंद होने पर शेयर की कीमत 105 तय होती है तो 105 रुपए को कट ऑफ प्राइस कहा जाता है। अमूमन प्राइस बैंड की ऊपरी कीमत ही कट ऑफ होती है।
आखिरी कीमत
स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट अविनाश गोरक्षकर के अनुसार बैंड प्राइस तय होने के बाद निवेशक किसी भी कीमत के लिए बोली लगा सकता है। बोली लगाने वाला कटऑफ बोली भी लगा सकता है। इसका मतलब है कि अंतिम रूप से कोई भी कीमत तय हो, वह उस पर इतने शेयर खरीदेगा। बोली के बाद कंपनी ऐसी कीमत तय करती है, जहां उसे लगता है कि उसके सारे शेयर बिक जाएंगे।
अगर IPO में कंपनी के शेयर नहीं बिकते हैं तो क्या होगा?
अगर कोई कंपनी अपना IPO लाती है और निवेशक शेयर नहीं खरीदता है तो कंपनी अपना IPO वापस ले सकती है। हालांकि कितने प्रतिशत शेयर बिकने चाहिए इसको लेकर कोई अलग नियम नहीं है।
ज्यादा मांग आने पर क्या होगा?
मान लीजिए कोई कंपनी IPO में अपने 100 शेयर लेकर आई है लेकिन 200 शेयरों की मांग आ जाती है तो कंपनी सेबी द्वारा तय फॉर्मूले के हिसाब से शेयर अलॉट होते हैं। कंप्यूटराइज्ड लॉटरी के जरिए आई हुई अर्जियों का चयन होता है। इसके अनुसार जैसे किसी निवेशक ने 10 शेयर मांगे हैं तो उस 5 शेयर भी मिल सकते हैं या किसी निवेशक को शेयर नहीं मिलना भी संभव होता है।