मुफ़्त विदेशी मुद्रा रणनीति

Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख

Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख
क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी

Crypto News: क्रिप्टो करेंसी खरीदने के लिए पेमेंट ट्रांसफर विकल्प पर सख्ती, अब आपके सामने क्या है उपाय?

Bitcoin: भारत में कामकाज कर रहे सभी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज अब सावधानी के साथ कारोबार करने में जुटे हैं और वह नियामक की तरफ से उठाए गए कदमों के खिलाफ जाना नहीं चाहते. भारत दुनिया में क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा बाजार बन सकता है, इस वजह से भारत में कामकाज कर रहे क्रिप्टो एक्सचेंज सावधानी से कदम आगे बढ़ा रहे हैं.

crypto

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेज द्वारा ट्रांजेक्शन के लिए UPI का इस्तेमाल करने की खबरों पर NPCI ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी क्रिप्टो एक्सचेंज की जानकारी नहीं है, जो UPI का इस्तेमाल करते हैं. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बताया कि उन्हें ट्रांजेक्शन के लिए UPI का इस्तेमाल करने वाले किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट एक्सचेंज (VDA Exchange) के बारे में जानकारी नहीं है.

टैक्स वसूलने पर नजर
केंद्रीय बजट में प्रस्तावित 30 प्रतिशत क्रिप्टो कर 1 अप्रैल 2022 से लागू हो गया है. इसके बाद भारत सरकार का इनकम टैक्स डिपार्टमेंट क्रिप्टो एक्सचेंज के हर लेनदेन पर कड़ी नजर रख रहा है.

मोबिक्विक ने रोका सपोर्ट
इस तरह की खबरें सामने आने के बाद पेमेंट वॉलेट मोबिक्विक ने UPI के जरिये पेमेंट सपोर्ट करना रोक दिया है. इससे पहले मोबिक्विक वॉलेट में यूपीआई के जरिए डिपॉजिट कर सकते थे और उसे एक्सचेंज पर क्रिप्टो खरीदने के लिए यूज कर सकते थे.

कॉइनस्विच कुबेर ने भी रोका
कॉइनस्विच कुबेर जैसे एक्सचेंज ने भी यूपीआई और एनईएफटी, आरटीजीएस एवं आइएमपीएस के जरिए रुपए में पेमेंट लेना बंद कर दिया है. भारत में कामकाज कर रहे कई अन्य क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज रुपये से क्रिप्टो करेंसी खरीदने के लिए नेट बैंकिंग के ऑप्शन दिखाते हैं लेकिन उससे सपोर्ट करने वाले बैंकों की सूची बहुत छोटी है. वास्तव में भारत के बड़े बैंक क्रिप्टो एक्सचेंज को सपोर्ट नहीं कर रहे हैं. इस वजह से उनके ग्राहकों के लिए रुपये की मदद से क्रिप्टो करेंसी खरीदना और मुश्किल होता जा रहा है.

क्रिप्टो में गुंजाईश बाकी
इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल के बजट के बाद भारत में क्रिप्टो करेंसी को लेकर नियामक का रुख स्पष्ट हो गया है. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की प्रतिक्रिया के बाद यह समझ में आता है कि भारत में अब भी क्रिप्टो करेंसी के लिए कुछ गुंजाइश बाकी है. भारत में कामकाज कर रहे सभी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज अब सावधानी के साथ कारोबार करने में जुटे हैं और वह नियामक की तरफ से उठाए गए कदमों के खिलाफ जाना नहीं चाहते. भारत दुनिया में क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा बाजार बन सकता है, इस वजह से भारत में कामकाज कर रहे क्रिप्टो एक्सचेंज सावधानी से कदम आगे बढ़ा रहे हैं.

Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख

Photo used for representation purpose only. File | Photo Credit: Reuters

‘‘ये महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक देश साथ काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में ना जाए, जो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।’’

क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते गुरुवार, 18 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया की ओर से आयोजित ‘‘सिडनी संवाद’’ में ये बातें कहीं थी। पीएम मोदी ने सभी लोकतांत्रिक देशों से साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया था कि वे क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में ना जाने दें, अन्यथा युवाओं का भविष्य बर्बाद हो सकता है। उन्होंने डिजिटल क्रांति से उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए समान सोच वाले देशों के एकजुट होने की आवश्यकता पर भी बल दिया था। पीएम मोदी के इस भाषण के बाद देश में क्रिप्टोकरंसी के भविष्य को लेकर बहस एक बार फिर तेज़ हो गई थी।

दरअसल, देश में बीते कुछ समय से क्रिप्टोकरंसी को Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख लेकर संशय का माहौल बना हुआ है। कई लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या भारत सरकार निजी क्रिप्टोकरंसी को बैन कर देगी। अब इसी कश्मक्श के बीच मंगलवार को लोकसभा ने संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के लिए तैयार की गई अपनी विधायी कार्य योजना की जानकारी सार्वजनिक की। जिसमें क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल मुद्रा पर क़ानून बनाने का बिल भी दर्ज है। इस बिल को क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021 नाम दिया गया है।

देश में सभी डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी पर लग सकता है प्रतिबंध?

लोकसभा की कार्य योजना के मुताबिक इस बिल को लाने का उद्देश्य भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की ओर से जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक व्यवस्था तैयार करना और देश में सभी डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना है।

बता दें कि 2018 में आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का समर्थन करने को लेकर बैंकों और विनियमित वित्तीय संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया था। लेकिन मार्च 2020 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आरबीआई के प्रतिबंध के ख़िलाफ़ फ़ैसला सुनाते हुए कहा था कि सरकार को 'कोई निर्णय लेते हुए इस मामले पर क़ानून बनाना चाहिए।' जिसके बाद पिछले एक साल में देश के भीतर क्रिप्टोकरंसी का बाजार बहुत ज्यादा बढ़ा है। भारत क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध का ऐलान करने वाली दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है। इससे पहले सितंबर में चीन ने क्रिप्टोकरंसी में हर तरह के लेनदेन को अवैध करार दे दिया था।

क्या है पूरा मामला?

क्रिप्टोकरेंसी को अगर आसान भाषा में समझेें तो ये किसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है। यह पूरी तरह से ऑनलाइन मुद्रा है और व्यापार के रूप में बिना किसी नियमों के इसके ज़रिए व्यापार होता है। इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी जारी नहीं करती है। यही कारण है कि इसकी सुरक्षा हमेशा सवालों के घेरे में रही है। केंद्रीय रिज़र्व बैंक ने इस साल फिर से डिजिटल करेंसी के कारण साइबर धोखाधड़ी के मुद्दे को उठाया है।

आरबीआई जारी करेगा अपनी डिजिटल करेंसी!

मीडिया में आई खबरों की मानें तो आरबीआई काफ़ी समय से अपनी डिजिटल करेंसी जारी करने की दिशा में सोच रहा है, लेकिन यह अभी तक तय नहीं है कि इसका पायलट प्रॉजेक्ट कब तक शुरू होगा। अभी तक Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख इस बिल की सटीक रूपरेखा सार्वजनिक नहीं की गई है और न ही इस पर कोई सार्वजनिक तौर पर विचार-विमर्श हुआ है।

वित्त मंत्रालय काफ़ी समय से इस बिल पर कुछ नहीं बोल रहा है और ऐसा माना जा रहा है कि यह बिल अगस्त से ही मंत्रिमंडल की अनुमति के लिए तैयार है। इस बिल को लेकर काफ़ी सवाल जुड़े हुए हैं क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी में काफ़ी लोगों का निवेश है। अगर सरकार सभी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित कर देती है, तो उन लोगों का क्या होगा जिन्होंने निवेश किया हुआ है।

'द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक़ बीती 13 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी पर नियम बनाने को लेकर एक बैठक की थी, जिसमें केंद्रीय बैंक, गृह और वित्त मंत्रालय के आला अधिकारी शामिल हुए थे। इस बैठक के दौरान यह सहमति बनी है कि 'बड़े-बड़े वादों और ग़ैर-पारदर्शी विज्ञापनों से युवाओं को गुमराह करने की कोशिशों' को रोका जाए। इसी दौरान यह भी पाया गया कि अनियंत्रित क्रिप्टो मार्केट मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फ़ंडिंग के लिए इस्तेमाल हो सकती है। इसी कारण सरकार इस क्षेत्र के लिए तेज़ी से क़दम उठाने को दृढ़ संकल्प है।

मालूम हो कि इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है कि कितने भारतीयों के पास क्रिप्टोकरेंसी है या कितने लोग इसमें व्यापार करते हैं, लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि करोड़ों लोग डिजिटल करेंसी में निवेश कर रहे हैं और महामारी के दौरान इसमें बढ़ोतरी हुई है। चेनालिसिस नामक संस्था के मुताबिक पिछले एक साल में देश के भीतर क्रिप्टोकरंसी में निवेश करीब 600 प्रतिशत बढ़ा है।

करोड़ों निवेशकों के भविष्य खतरे में?

एक अनुमान के मुताबिक एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में क्रिप्टोकरंसी धारकों की संख्या डेढ़ से दस करोड़ के बीच हो सकती है। इसकी कीमत अरबों डॉलर में आंकी गई है। भारत सरकार के इस आदेश ने इन लोगों के निवेश को खतरे में डाल दिया है। ससंदीय बुलेटिन के मुताबिक नए लोकसभा सत्र में लाए जाने वाले बिल में अपवाद के तौर पर कुछ विकल्प भी होंगे ताकि क्रिप्टो तकनीक को बढ़ावा दिया जाए। लेकिन इस बिल के बारे में कोई और जानकारी फिलहाल नहीं दी गई है।

गौरतलब है कि भारत में 2013 में क्रिप्टोकरंसी की शुरुआत हुई थी, लेकिन तब भी से इसे लेकर संदेह जाहिर किए जाते रहे हैं। मोदी सरकार द्वारा विवादास्पद नोटबंदी करने के बाद क्रिप्टोकरंसी के जरिए लेनदेन में धोखाधड़ी के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। बीते कुछ महीनों में भारत में क्रिप्टोकरंसी के विज्ञापनों की बाढ़ आ गई थी। कॉइनस्विचकूबर, कॉइनडीसीएक् और अन्य घरेलू क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज टीवी चैनलों, वेबसाइटों और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों पर जमकर विज्ञापन दे रहे थे। माना जा रहा है कि सरकार ने इन सभी को ध्यान में रखते हुए इस बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में सदन के पटल पर रखने का फैसला लिया है। ऐसे में अब ये बिल निवेशकों को कितनी राहत देगा या उन्हें कितना नुकसान देगा ये देखना होगा।

cryptocurrency क्या है? जानिए क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी | what is cryptocurrency in hindi

cryptocurrency क्या है?

what is cryptocurrency in hindi (cryptocurrency क्या है?) ये सवाल आज हर उस व्यक्ति के मन में है जो ऑनलाइन तेजी से पैसा कमाना चाहता है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी इस समय का सबसे बड़ा मुद्दा बनी हुई है। जहां दुनिया भर में cryptocurrency की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है वहीं हमारे देश भारत में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। आज हर कोई क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी लेना चाहता है। आज हम आपको बताएँगे आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है और cryptocurrency किस तरह काम करती है?

cryptocurrency क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है। cryptocurrency का पूरा कारोबार ऑनलाइन के माध्यम से किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी एक वित्तीय लेन-देन का जरिया है जो बिल्कुल रुपये या डॉलर के समान ही होता है। बस अंतर सिर्फ इतना है कि यह वर्चुअल यानी आभाषी होता है जो और दिखाई नहीं देती और इसे न ही आप छू सकते हैं। क्रिप्‍टोकरंसी एक तरह की प्राइवेट करेंसी है जिसे कोई सेंट्रल बैंक या सरकार नियंत्रित नहीं करते हैं।

क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसे आप नोट या सिक्के की तरह अपने हाथ में ले नहीं सकते। cryptocurrency का कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है। यह वर्चुअल होती है और डिजिटल एसेट्स के रूप में मौजूद होती है। इसे क्रिप्टोग्राफी के जरिये सेक्योर किया जाता है। प्रत्येक क्रिप्टोकरेंसी एक यूनिक प्रोग्राम के कोड से बनाई जाती है। इसीलिए क्रिप्टोकरेंसी की पूरी की पूरी कॉपी बना लेना तकरीबन नामुमकिन होता है। आइये जानते है क्रिप्टो करेंसी (cryptocurrency क्या है?) से सम्बंधित कुछ अन्य जानकारी।

क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी

क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी

cryptocurrency का मतलब क्या है?

Cryptocurrency दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें पहला Crypto और दूसरा शब्द currency है। Crypto एक लैटिन भाषा का शब्द है जो की cryptography से बना है और जिसका हिंदी अर्थ होता है छुपा हुआ। Currency शब्द भी लैटिन भाषा के currentia से ईजाद हुआ है और इसे रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तो क्रिप्टोकरेंसी का पूरा मतलब हुआ छुपा हुआ पैसा या गुप्त पैसा जिसे हम डिजिटल रुपया भी कह सकते है।

किसने बनाई cryptocurrency?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को 2009 में सतोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने शुरू किया था। लेकिन इससे पहले भी कई देशों और कई बड़े निवेशकों ने डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में पहले भी काम किया था। आपको बता दें कि यूएस ने 1996 में मुख्य इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड बनाया था। यह ऐसा गोल्ड था जिसे रखा नहीं जा सकता था लेकिन इससे दूसरी चीजें खरीदी जा सकती थीं। इसे 2008 में बैन कर दिया गया। सन 2000 में नीदरलैंड ने पेट्रोल भरने के लिए कैश को स्मार्ट कार्ड से जोड़ा था।

कैसे खरीदी जाती है क्रिप्टो करेंसी?

वैसे तो Cryptocurrency को खरीदने के दो प्रमुख तरीके है। लेकिन भारत सहित आज पूरे विश्व में सबसे आसान और लोकप्रिय तरीका इन्हें क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए खरीदना है। आपको बता दें कि पूरी दुनिया में हजारों क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज काम कर रहे हैं। अगर हम भारत की अगर बात करें तो भारत में लोकल के साथ साथ अनेकों अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म भी मौजूद हैं जहाँ से आप आसानी से Cryptocurrency में निवेश कर सकते है।

कितने की तरह होती हैं क्रिप्टोकरेंसी?

क्रिप्टोकरेंसी क्या है (what is cryptocurrency in hindi) के बाद अब दिमाग में एक सवाल यह भी उठ Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख रहा है कि डिजिटल रूप में कितने की तरह होती हैं क्रिप्टोकरेंसी? तो आपको बता दें कि दुनिआ में कुल 1800 से ज्यादा क्रिप्टो मुद्राएं उपलब्ध हैं। जिनमे से कुछ प्रमुख निम्नलिखित है।

क्रिप्टो करेंसी में कैसे होता है लेनदेन?

क्रिप्टो करेंसी में ब्लॉकचेन का इस्तेमाल होता है। मतलब जब भी क्रिप्टो करेंसी में कोई लेन-देन होता है तो इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है और उसे एक ब्लॉक में रखा जाता है। cryptocurrency इनक्रिप्टेड यानि कोडेड होती हैं और इसका रिकॉर्ड क्रिप्टोग्राफी की मदद से नियंत्रित किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में प्रत्येक लेन-देन एक डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापित किया जाता है। इसे एक कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए नियंत्रित किया जाता है।

भारत के टॉप क्रिप्टो एक्सचेंज!

भारत में क्रिप्टो करेंसी को खरीदना और बेचना काफी आसान है। भारत में सबसे खास बात यह है कि ये सभी क्रिप्टो एक्सचेंज खरीदारी के लिए चौबीसों घंटे खुले रहते हैं। शुरुआत में ये क्रिप्टो एक्सचेंज आपको cryptocurrency क्या है? समझने में भी हेल्प भी करते हैं। इनके जरिए क्रिप्टो करेंसी को खरीदना-बेचना काफी आसान है।

  • CoinDCX
  • Coinswitch
  • WazirX
  • Kuber
  • Coinbase
  • Binance

क्रिप्टोकरेंसी पर भारत सरकार का रुख!

आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर इस समय भारत में कोई कानून नहीं है। भारत में न ही cryptocurrency का कोई रेगुलेशन सिस्टम है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही क्रिप्टो करेंसी पर विधेयक ला सकती है। इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 नवंबर को क्रिप्टो करेंसी पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही कह चुकी है कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी विधेयक पर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार है। इससे यही संकेत मिलता है कि सरकार जल्द ही इसपर कोई टफ रेगुलेटरी स्टेप ले सकती है।

FAQs: cryptocurrency क्या है?

Q: क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है?
Ans: क्रिप्टो करेंसी वित्तीय लेन-देन का एक जरिया है। यह एक आभाषी करेंसी होती है जो दिखाई नहीं देती और न ही इसे आप इसे छू सकते हैं। इसे डिजिटल करेंसी भी कहते हैं क्योकि इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन माध्यम से ही होता है।

Q: क्रिप्टोकरेंसी को कौन संचालित करता है?
Ans: क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार में कोई मध्यस्थ नहीं होता है। इसे एक नेटवर्क द्वारा ऑनलाइन संचालित किया जाता है। इसके अनियमित होने का यही एक प्रमुख कारण है।

Q: दुनियां की सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी कौन सी है?
Ans: बिटक्वाइन(Bitcoin) वर्तमान में दुनिया की सबसे ज्यादा मूल्यवान और सबसे अधिक लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी है।

Q: दुनियां की टॉप डिजिटल मुद्रा कौन हैं?
Ans: दुनियां की टॉप 5 डिजिटल मुद्रा में बिटक्वाइन, इथेरियम, पोल्काडॉट, टेथर, लाइटक्वाइन, डॉजक्वाइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी शामिल हैं।

Q: क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन में टेक्नोलॉजी का स्तेमाल किया जाता है?
Ans: क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।

Cryptocurrency Ban: ट्रेडिंग-माइनिंग पर लगेगा जुर्माना, हो सकती है जेल? जानें क्या है फ्यूचर

Cyrptocurrency ban in India- सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने के लिए जो कानून बना रही है, उसमें ट्रेडिंग, माइनिंग, होल्डिंग को अपराध की श्रेणी में रखा है,

  • शुभम् शुक्ला
  • Publish Date - March 16, 2021 / 07:00 PM IST

Cryptocurrency Ban: ट्रेडिंग-माइनिंग पर लगेगा जुर्माना, हो सकती है जेल? जानें क्या है फ्यूचर

दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के फ्यूचर को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. लगातार रिकॉर्ड बनाते बिटकॉइन पर अविश्वसनीय तेजी से सब चकित हैं. कई बार एक्सपर्ट आशंका जता चुके हैं कि जिस दिन ये बुलबुला फुटेगा, सब कुछ तबाह हो जाएगा. वहीं, भारत में इसके भविष्य को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. रिजर्व बैंक Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) का रुख साफ है कि ऐसी किसी भी करेंसी को मंजूरी नहीं दी जा सकती जिसे रेगुलेट नहीं किया जा सके. वहीं, वित्त मंत्री ने Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख एक प्रोग्राम में कहा था कि सरकार ने अभी सारे विकल्प बंद नहीं किए हैं. तो क्या होगा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य…

वैध नहीं रहेगी क्रिप्टोकरेंसी
सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को ट्रेडिंग और माइनिंग पर प्रतिबंध लगा सकती है. वहीं, इसकी होल्डिंग को भी बैन (Cryptocurrency Ban in India) करने की तैयारी है. इसके लिए सरकार सख्त कानून बनाने जा रही है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी की होल्डिंग, ट्रेडिंग और माइनिंग पर जुर्माना लगाएगी. क्रिप्टो रखने वालों से टैक्स भी वसूला जा सकता है. यही नहीं, इसमें जेल भी हो सकती है.

दरअसल, सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन (Cryptocurrency Ban) करने के लिए जो कानून बना रही है, उसमें इसकी ट्रेडिंग, माइनिंग और होल्डिंग को अपराध की श्रेणी में रखा गया है. अगर क्रिप्टो को बैन करना वाला कानून डिजिटल करेंसी बिल, 2021 संसद से पास होता है तो भारत कानूनन क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने वाला पहला देश होगा.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
साल 2019 में सरकार की एक समिति ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की ट्रेडिंग, होल्डिंग, माइनिंग या किसी को ट्रांसफर करने वालों को 10 साल जेल की सजा देने की सिफारिश की थी. हालांकि, प्राइवेट डिजिटल करेंसी को बैन करने वाले मौजूदा बिल में सजा का प्रावधान है या नहीं यह स्पष्ट नहीं है. फिलहाल बिल अंतिम चरण में Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख है.

पूर्व वित्त सचिव और समिति के हेड रहे सुभाष चंद्र गर्ग ने Money9 को बताया कि हमारी समिति ने क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की सिफारिश दी थी. करेंसी के तौर पर इसके इस्तेमाल पर रोक होनी चाहिए. लेकिन, एसेट के तौर पर इसे रखा जा सकता है. टेक्नोलॉजी के जरिए यूटिलिटी के तौर पर इसका इस्तेमाल भी किया जा सकता है.

WazirX के को-फाउंडर निश्चल शेट्टी के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी को लॉन्च करने का अधिकार सिर्फ सरकार के पास होना चाहिए. प्राइवेट प्लेयर्स को क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च करने या जारी करने की मंजूरी देना कतई सही नहीं है. अगर सरकार इस दिशा में कोई काम कर रही है तो इसे पॉजिटिवली देखना चाहिए.

निवेशकों का क्या होगा?
सूत्रों की मानें तो क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill 2021) में यह प्रावधान किया गया है कि भारतीय कंपनियां और पब्लिक इस तरह की किसी भी डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को अपनी एसेट के रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. हालांकि, मौजूदा निवेशकों को बिटकॉइन या दूसरी डिजिटल करेंसी से निकलने का मौका मिल सकता है. इस पर अंतिम फैसला सरकार का होगा. यही नहीं, अगर कोई निवेशक अपनी क्रिप्टो एसेट को लीगल बनाने चाहता है, मतलब उसका पैसा निकालना चाहता है तो उसे सरकार को भारी पेनाल्टी चुकानी होगी.

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, अभी क्रिप्टो बिल अपने अंतिम चरण में है. जुर्माना कितना होगा, निकलने के लिए कितना समय मिलेगा यह अभी कुछ साफ नहीं है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि डिजिटल करेंसी का मकसद स्वदेशी क्रिप्टोकरेंसी के लिए रास्ता तैयार करना है. केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने हाल ही में कहा था कि केंद्र सरकार खुले मन से नई टेक्नोलॉजी को एक्सप्लोर करने के साथ उनका मूल्यांकन कर रही है. इस नई टेक्नोलॉजी में क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल है. ब्लॉकचेन नई उभरती हुई तकनीक है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगने की खबरें ऐसे समय में आ रही है जब बिटकॉइन की कीमतों में रिकॉर्ड स्तर पर हैं.

रेटिंग: 4.28
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 193
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *