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दलाल कैसे बने

दलाल कैसे बने

सेना भर्ती के नाम पर दलालों ने लाखो रुपए लेकर अभ्यर्थियों को ठगा, दो के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज

नीमकाथाना। देश की रक्षा के लिये जान देने का जज्बा हर किसी में होता है पर सेना में जाने के लिये जो जो जरूरी मानदण्ड होते हैं उसे पूरा करने में कईयों की छंटनी हो जाती है। पर बड़ी तादाद में ऐसे दलाल घूम रहे हैं जो ऐसे युवकों को अपना शिकार आसानी से बनाते दलाल कैसे बने दलाल कैसे बने हैं और उनसे सेना में भर्ती के नाम पर मोटी रकम वसूल करते हैं। ऐसी ही दलाली का खुलासा नीमकाथाना में सामने आया है। पुलिस के पास पहुंचे दलालों के शिकार बने युवकों ने पुलिस को पूरी बात बताई कि वह दलाल के चंगुल में कैसे फंसे और उसने किस तरह से उन्हें लूटा।

दरअसल गोड़ावास निवासी लीलाराम, शेरसिंह व उनके दोस्त सेना में नौकरी कर देश की रक्षा करने के साथ ही अपना कैरियर संवारना चाहते थे। वह सेना भर्ती के लिये काफी प्रयास भी करते थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात रोलाणों का बास, दलेलपुरा के विजेन्द्र सिंह व दिलीप सिंह नामक युवकों से हुई। दोनों ने मिलकर लीलाराम, शेरसिंह सहित अन्य युवकों को सेना में भर्ती को लेकर पहले तो कई ऐसी बातें बतायीं, जिससे सभी दलालों के झांसे में आ गए। इसके बाद दलालों नें युवकों को विश्वास दिलाया कि वह उन्हें सेना में भर्ती करवा सकता है। इस मामले में उसकी सेटिंग सेना में उंचे स्तर पर है।

युवक दलालों के विश्वास में आ गए और उसी के कहे अनुसार तैयारियां करने लगे। इसी बीच दलालों ने बताया कि वह उन्हें बिना दौड़ निकाले भी सेना भर्ती में पास करा सकता है। फिर क्या था, सभी युवक उसके चंगुल में और फंसते चले गए। दलालों ने प्रत्येक युवक को सेना में भर्ती करवानें के एवज में प्रत्येक युवक से आठ लाख सत्तर हजार रूपये हड़प लिए। दलालों ने फर्जी सेना भर्ती नियुक्ति पत्र भी युवकों को थमा दिए। काफी महीनों बाद भी सेना की ओर से कोई जवाब नहीं आया तो युवकों को यह समझते देर नहीं लगी कि उनके साथ धोखा किया गया है। इसके बाद रुपये डूबते देख युवाओं ने इसकी शिकायत पुलिस से की।

पुलिस की मानें तो उसे भी सेना भर्ती रैली में कुछ भ्रष्टाचार की शिकायत मिल रही थी। एक अभ्यर्थि ने तो इस मामले की लिखित शिकायत की। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने तत्काल इस आशय का मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 व 120 बी में दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

आरटीओ ऑफिस में कोई एजेंट या दलाल नियुक्त नहीं

- लगातार आ रहे मामलों के बाद आरटीओ ने विज्ञप्ति जारी कर दी सफाई शाजापुर। नईदुनिया प्रतिनिधि एबी रोड पर मझानिया स्थित आरटीओ कार्यालय में एजेंट या दलालों के दबदबे की ओर दलाल कैसे बने रही शिकायतों के चलते सोमवार को आरटीओ ज्ञानेंद्र वैश्य ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सफाई दी। कहा कि कार्यालय की सेवा प्रदान करने के लिए किसी भी व्यक्ति को एजेंट या दलाल

आरटीओ ऑफिस में कोई एजेंट या दलाल नियुक्त नहीं

- लगातार आ रहे मामलों के बाद आरटीओ ने विज्ञप्ति जारी कर दी सफाई

शाजापुर। नईदुनिया प्रतिनिधि

एबी रोड पर मझानिया स्थित आरटीओ कार्यालय में एजेंट या दलालों के दबदबे की ओर रही शिकायतों के चलते सोमवार को आरटीओ ज्ञानेंद्र वैश्य ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सफाई दी। कहा कि कार्यालय की सेवा प्रदान करने के लिए किसी भी व्यक्ति को एजेंट या दलाल नियुक्त नहीं किया गया है। सेवाओं एवं कार्यों को निर्धारित समय पर नियमानुसार दस्तावेज जमा कर प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए विभाग के कर्मचारियों से कार्यालयीन समय में संपर्क कर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

आरटीओ वैश्य ने बताया कार्यालय में विभाग से संबंधित कार्यों हेतु किसी भी प्रकार की कोई एजेंट प्रथा अथवा दलाली व्यवस्था नहीं है। आम जनता एवं आवेदक कार्यालय में सीधे आकर नियमानुसार आवेदन कर सकते हैं एवं नियमानुसार संपूर्ण दस्तावेजों को जमा कर निर्धारित समयावधि में अपना कार्य करवा सकते हैं। इस हेतु कार्यालय में एकल खिड़की व्यवस्था भी कार्यरत है। विभाग में टैक्स एवं फीस जमा करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया निर्धारित की गई है। इसके अंतर्गत समस्त आवेदक विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत टैक्स एवं फीस जमा कर सकते हैं। इसके लिए आम जनता को किसी भी दलाल एवं एजेंट के झांसे में आने की आवश्यकता नहीं है। लायसेंस बनवाने हेतु समस्त आवेदक जिला परिवहन कार्यालय में ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत आवेदन कर सकते हैं एवं नियमानुसार अपना टेस्ट देकर लायसेंस बनवा दलाल कैसे बने सकते हैं। स्थायी लायसेंस बनवाने हेतु आवेदक को अपने स्वयं का वाहन लेकर कार्यालय में उपस्थित होना पड़ेगा। इसी प्रकार वाहनों के पंजीयन हेतु भी विभागीय प्रक्रिया के अंतर्गत वाहनों का पंजीयन जिला परिवहन कार्यालय में करवा सकते हैं। साथ ही वाहनों के अंतरण एवं एनओसी हेतु भी सीधे संबंधित शाखा के कर्मचारी से सम्पर्क कर दस्तावेज नियमानुसार जमा कर सकते हैं।

राधाकिशन दमानी कौन हैं? और इतने सफल बिजनेस मैन कैसे बने? | डी मार्ट स्टोर क्या है? और इतना सस्ता क्यों है

राधाकिशन दमानी का जन्म 1954 में हुआ था। इनके पिता शिवकिशन दमानी शुरू में एक इन्वेस्टर थे जो बाद में एक बड़े बिजनेसमैन बने व डी मार्ट के संस्थापक बने। डी मार्ट एक स्टोर हैं जो जहां आप खाने पीने से सम्बंधित चीजों को सस्ते दामों पर खरीद सकते हैं।

राधाकिशन दमानी का जन्म एक मारवाड़ी गरीब परिवार में हुआ। ये एक सेल्फ मेड बिलियनर बने। इनके पिता दलाल स्ट्रीट में काम करते थे। शुरूआत में राधाकिशन भी एक ब्रोकर थे जो बाद में एक इन्वेस्टर बने। राधाकिशन जब एक स्टोक ब्रोकर थे तो ये सीख गये थे कि ब्रोकर बनकर तो पैसा नही कमाया जा सकता और मुझे अपना ही पैसा लगाना पड़ेगा।

राधाकिशन दमानी

इन्हे ये पता चल गया था कि इन्बेस्टर बनकर ही पैसा कमाया जा सकता है। आगे चलकर ये इतने बड़े इन्वेस्टर बन गये कि राकेश झुनझुनवाला भी इनको अपना गुरू मानने लगे।

इनका जीवन बहुत साधारण है। ये हमेशा सफेद कपड़े पहनना ही पसंद करते हैं। ये मिस्टर व्हाइट के नाम से जाने जाते हैं। राधाकिशन कभी किसी पब्लिक इवेंट में भी नही जाते। ये ना तो किसी को अपना इन्टरव्यू देते हैं ना ही किसी से मिलते हैं। राधाकिशन पब्लिक और मीडिया से बहुत दूर रहते हैं।

राधाकिशन इतने सफल बिजनेसमैन कैसे बने। इसके लिए आपको समझना होगा कि राधाकिशन अपने पैसे को कैसे इन्वेस्ट करते है। आपको यहां ये दलाल कैसे बने समझने चाहिए कि किसी शेयर को खरीदते समय किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए।

किसी शेयर को कैसे खरीदना चाहिए?

राधा कष्ण किसी भी कम्पनी के शेयर खरीदते समय पहले कम्पनी की स्टडी करते हैं और कुछ चीजों का विश्लेषण करते हैं जैसे

  • P/E Ratio
  • EBITDA
  • Net Margin
  • Return On Capital Employed
  • Year On Year Growth
  • Quarterly Financial Ratio

अगर आप शेयर मार्केट में शेयर खरीदना चाहते हैं और इन्वेस्टर बनना चाहते हैं तो आपको कम्पनी की इन चीजों का विश्लेषण करना चाहिए।

डी मार्ट स्टोर इतना सफल स्टोर कैसे बना?

डी मार्ट में ये अपना सामान बहुत सस्ता बेचते हैं। ये अपना सामान इतना सस्ता बेचते हैं इनके स्टोर पर बहुत ज्यादा ग्राहक आ जायें। जब ज्यादा ग्राहक आयेंगे तो बहुत माल बिकेगा, और बहुत ज्यादा कैश आयेगा। जब बहुत ज्यादा कैश आयेगा तो बहुत सारा सामान बल्क में खरीदा जायेगा।

जब आप बल्क में बहुत सारा सामान खरीदोगे तो सामने वाला आपको सस्ता सामान देगा। क्योंकि आप जानते हैं एक किलो माल का रेट अलग होता है और 100 किलो माल का रेट अलग होता है। जब माल सस्ता मिलेगा तो ग्राहकों को ज्यादा सस्ता बेच दिया जाता है।

डी मार्ट स्टोर

जब ग्राहकों को इतना सस्ता डिस्काउंट मिलता है तो ग्राहक दोवारा सामान खरीदने जाता है और फिर बहुत सारा सामान खरीदता है और इनके पास फिर से बहुत सारा कैश आ जाता है और ये फिर बहुत सारा सामान सस्ते में खरीद लेते हैं। इस प्रकार डी मार्ट एक सफल स्टोर बनता चला गया।

D Mart Income :

  • Revenue per Year- 24000 crore
  • Profit- 1300 crore
  • Inventory- 2000 Crore
  • Sales Cycle- 30 Days
  • Accounts Receivables: 20 Crore

डी मार्ट बिजनेस स्ट्रेटजी क्या है?

1- Strong Fundamentals:

राधाकिशन इन्वेस्टर होने के कारण ये जानते थे कि बाजार में पैसा कैसे लगाना है। शुरू में 1999 में इन्होने अपना बाजार की फ्रेन्चाइजी ली थी परन्तु जब ये सफल नही हुआ तो इन्होने इसे छोड़ दिया और ये अमेरिका चले गये और इन्होने वाल मार्ट को स्टडी किया।

फिर इसको समझकर भारत आये और अपनी कम्पनी डी मार्ट 2002 में खोल दी। शुरूआत में 2002 में इनके 25 स्टोर थे और आज 2021 में इनके 200 स्टोर है। ये अपने बिजनेस में बहुत सफल हुए।

2017 में ये 1870 करोड़ का आईपीओ भी लेकर आये। इनका आईपीओ बहुत सफल हुआ। आज दलाल कैसे बने की तारीख में इनका 2 लाख करोड़ का मार्केट कैप हो चुका है।

राधाकिशन कम्पनी का पूरा स्टडी करने के बाद अपना पैसा स्टोक में लगाते थे। इनका फन्डामेन्टल बहुत स्ट्रोंग था इसलिए ये क्वालिटी स्टोक को बहुत सस्ते में खरीदते थे।

2- Slotting Fees:

ये स्लोटिंग फीस क्या है। इसको ऐसे समझते है मानो कोई साबुन बनाने वाली कोई कम्पनी है। कम्पनी का मालिक डी मार्ट से कहता है कि तुम मेरा साबुन अपने स्टोर में रख लो। तो डी मार्ट उस कम्पनी का साबुन अपने यहां रखने के लिए उससे फीस लेगा।

जब डी मार्ट उससे फीस लेगा तो डी मार्ट उस प्रोडक्ट को बाजार की तुलना में और सस्ता बेचेगा क्योकि बह अपना मार्जिन उससे लेने वाली फीस में एडजस्ट कर लेगा। इससे इनके यहां वो साबुन और दुकान की तुलना में सस्ता मिलेगा और इनके यहां ज्यादा ग्राहक आयेगें।

3- Strong Control On Operating Expenditure

इसका मतलब है कम्पनी को चलाने का खर्चा। इन्होने डी मार्ट का इन्टीरियर बहुत लो रखा। ये अपने स्टोर में एयर कन्डीशनर का यूज नही करते। ये डी मार्ट स्टोर को कभी भी मॉल जैसी महंगी जगह में नही चलाते।

इनके म़ॉल में कभी आपने सोफा, टेवल, चेयर नही देखी होगी। डी मार्ट अपना सामान सस्ता बेचने के चक्कर में अपने सारे खर्च कम रखता है। ये कम स्पेस में ज्यादा माल रखते हैं।

बिलिंग काउन्टर कम रखते हैं इससे कम मैन पॉवर की जरूरत पड़ेगी और कम मशीन की जरूरत पड़ेगी। ये स्टोरएवल फूड आइटम बेचते हैं।

4- Partner with the partner

ये अपने बिजनेस पार्टनर के साथ एक अच्छा ऱिश्ता बनाकर चलते हैं। ये अपने पार्टनर को पैसा टाइम पर देते हैं। कम्पनी से बल्क में सामान खरीदते हैं। ये अपने पार्टनर को 7 दिन में बापस कर देते हैं इससे इनको कैश डिसकाउंट भी मिलता है और ये सामान को और सस्ता बेच पाते हैं।

ये अपना सारा माल सीधे मैनुफेक्चरर से खरीदते हैं। इससे डिस्ट्रीव्यूटर की कॉस्ट भी बच गयी और होल सेलर की कॉस्ट भी बच गयी। सीधा सामान मैनुफेक्चरर से रिटेलर के पास आ गया। इससे ये अपने सामान की कॉस्ट बहुत सस्ती रखते हैं।

5- Soradic Spike V/S Sustained Success

ये अपना सामान पूरे साल बेचते हैं। मतलब और स्टोर जैसे कुछ विशेष समय जैसे दीवाली, होली, नया साल जैसे दिनो ग्राहकों को सस्ते ऑफर देते है। परन्तु डी मार्ट अपने ग्राहकों को पूरे साल सस्ते ऑफर देते हैं जिससे इनकी सेल साल भर एक जैसी ही चलती है।

इनको जो ग्राहक है वो ज्यादातर मिडिल क्लास कस्टमर है। इन कस्टमर के पास सामान खरीदने के लिए पर्याप्त समय होता है। इनके स्टोर में भीड़ बहुत होती है इसलिए ग्राहक सोचता है कि बार-बार कौन आयेगा, इतना सस्ता सामान मिल रहा है, टाइम लग रहा है तो लगने दो पर सामान बहुत सारा खरीद लो। इसलिए सस्ते के चक्कर में लोग ज्यादा सामान खरीदते हैं।

6-GO with Local

डी मार्ट अपने स्टोर पर उस क्षेत्र का लोकल आईटम जरूर बेचता है। क्योंकि लोगों को लोकल सामान बहुत पसंद होता है इसलिए ये लोकल सामान को सस्ते में बेचते हैं।

7- Organic Expansion

डी मार्ट के 80 प्रतिशत स्टोर अपने खुद के हैं। ये अपने स्टोर को शहर के अन्दर नही खरीदते बल्कि शहर के बाहर खरीदते हैं। इससे प्रोपर्टी सस्ती मिलती है। इसका एक और फायदा है जब स्टोर शहर से दूर होगा तब ग्राहक तभी स्टोर पर जायेगा जब उसे बहुत सारा सामान खरीदना होगा।

इसलिए इनके स्टोर पर ग्राहक महीने में एक बार जायेगा पर सस्ते के चक्कर में खूब सारा सामान खरीदेगा।

Broker kya hai | Stock Broker Meaning in Hindi

हेल्लो दोस्तों, आज हम इस post में जानगे की, stock broker kya hai in hindi और stock broker meaning in Hindi का मतलब क्या है ! आज के समय सभी लोग अपने पैसे को बढ़ने के लिए कही न कही निवेश कर देते है ! ऐसे में जिन लोगो को स्टॉक मार्किट के बारे में अच्छे से जानकारी होती है वो आसानी से शेयर मार्किट में पैसा लगाकर ज्यादा से ज्यादा पैसे कमा लेते है ! जिसके लिए वो स्टॉक ब्रोकर का सहारा लेते है !

ऐसे में यदि आप भी FD, RD व् insurance से आगे बढ़कर अपने पैसे को स्टॉक मार्किट में निवेश करना चाहते हो, जिसके लिए आपको एक stock broker in hindi की जरुरत होगी ! ऐसे में यदि आपको नही पता की stock broker kya hai और stock broker meaning in hindi तो आप इस post के शुरू से लेकर अंत तक जरुर बने रहे ! जिससे की हम आपको आसानी से समझा सके की stock broker kya hota hai और broker meaning in hindi क्या होता है !

Broker kya hota hai ?

Broker hindi meaning को हम हिंदी में दलाल या बिचोलिये के नाम से जानते है ! Broker कोई एक व्यक्ति या कोई एक बड़ी फर्म भी हो सकती है जोकि निवेशक को उनके शेयर को खरीदने और बेचने में उनकी मदद करता है ! जिसके उपर वो आपसे कमीशन लेता है ! यदि हम इसको आसन शब्दों में समझे की कोशिश करे तो स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य होते है ! जिसके चलते शेयर की खरीद बेच आदि सभी चीज़े शेयर मार्किट में इन्ही की वजह से चलती है यानि की स्टॉक मार्किट में सारा काम स्टॉक ब्रोकर की मदद से होता है ! जिसे हम ब्रोकर या स्टॉक ब्रोकर के नाम से जानते है !

Broker meaning in hindi ?

meaning of broker in hindi का मतलब दलाल होता है जो आपकी शेयर को खरीदने और उसको बेचने में आपकी मदद करते है ! जिसके बिना आप शेयर को खरीद और बेच नही सकते, क्युकी आप सीधे स्टॉक एक्सचेंज फर्म में नही जा सकते हो ! यदि आप स्टॉक मार्किट में निवेश के लिए कोई खाता भी खुलवाते है तो उसके लिए भी आपको इन्ही स्टॉक ब्रोकर के पास आना होगा ! इसके अलवा आप किसी और से demate और trading account नही खुलवा सकते हो !

Broker से जुड़े फायदे और नुक्सान क्या है ?

यदि आप पैसे निवेश करते है तो आपको पता ही होगा की पैसे निवेश करने के लिए आपको एक broker की जरुरत होती है ! जिसके चलते ऐसे में आप broker से जुड़े फायदे और नुक्सान के बारे में जानना चाहते हो लेकिन आपको नही पता की broker से जुड़े फायदे और नुक्सान क्या है तो आप हमारे द्वारा बताये गये निम्नलिखित points को step by step follow कर सकते है ! जिससे की आपको आसानी से जान सकते है की broker से जुड़े फायदे और नुक्सान क्या है !

  • Broker इन्वेस्टमेंट के समय आपको सिर्फ ऑफर ही नही बल्कि किस शेयर में इन्वेस्ट करना चाहिये और किन शेयर में नही इन्वेस्ट करना चाहिये ! इसके बारे में भी बताते है ! इसके अलवा ये आपको आने वाले फ्यूचर के हिसाब से भी आपके लिए कौन कौन सी कंपनी best है ! जिसमे आप आगे निवेश कर सकते है पूरी जानकारी प्रदान करते है !
  • यदि आप अपने लिए broker का चयन कर रहे है जिससे की आपको best deal आसानी से मिल सके तो ऐसे में आपको सबसे पहले broker के charges के बारे में जरुर जान ले ! क्युकी कई बार ये fixed charges लेने की बजाये आपके इन्वेस्टमेंट की वॉल्यूम के हिसाब से भी चार्ज करते है !
  • यदि आप घर बैठे online निवेश करना चाहते है और ऐसे में आप अपने लिए एक broker की तलाश कर रहे है तो ऐसे में आप सबसे पहले जिस भी broker को चुन रहे है उससे ये जरुर पूछ ले की आप कौन कौन सी services देते हो ! क्युकी सभी ब्रोकर online और offline दोनों services नही देते है ! ये दोनों प्रकार की services सिर्फ हाइब्रिड ब्रोकर ही देते है !

मैं आशा करता हूँ, आप सभी को broker kya hai और stock broker meaning in hindi का मतलब क्या है अच्छे से समझ आया होगा ! यदि अभी भी आपके मन में कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट्स में जरुर बता सकते है ! हमें आपके सभी सवालों का जवाब देते हुए बहुत ख़ुशी होती है !

Syan Gyan काफी समय से Money Investment , Money Management , Finacial , Share market , Mutual Fund रिलेटेड जानकारी के लिए बुक्स स्टडी कर रहे है और Finance related आर्टिकल लिख रहे है। यह हमारा मकसद आसान भाषा में Share market , Finace रेलतद जानकारी देना है। धन्यावाद।

नीचे दी गई वीडियो को ध्यान से देखें क्योंकि ये महत्त्वपूर्ण टिप्स है |

आपको बता दे कि जब भी आप कोई वस्तु या सामान बेचना चाहते है तो सबसे महत्वपूर्ण होता है कि आप उस वस्तु को किस तरह से ग्राहक के सामने प्रस्तुत कर रहे है। किसी भी वस्तु को सिर्फ दिखा भर देने से लाभ नही कमाया जा सकता। उस वस्तु की गुणवत्ता को दिखाने के साथ-साथ उसके गुणों को बताना भी पड़ता है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई ग्राहक आपका मकान देखने आता है तो आप सिर्फ चाबी दे देते है कि ये मकान है आप देख लीजिये। इससे ग्राहक पर कोई खास इम्प्रैशन नही बनता।आपको अपने मकान को अच्छे से प्रस्तुत करेंगे तभी तो ग्राहक की सोच आपके मकान के लिए सकारात्मक हो पायेगी। आइये आपको सही तरीका बताते है---

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यदि OLX OR ANY COMMERCIAL WEBSITE पर मकान या जमीन बेचनी है तो-----
यदि आप अपना मकान या खाली प्लॉट OLX OR ANY COMMERCIAL WEBSITE दलाल कैसे बने पर बेचना चाहते है तो अच्छे कैमरे वाले फ़ोन से HD फोटो ही वेबसाइट पर डाले। इसके अलावा घर के हर भाग की फोटो आपके मकान की गुणवत्ता को दर्शाते हुए डाले जैसे कि कमरो की फोटो में अलमारी की फोटो भी ले ताकि ग्राहक को पता चले कि कमरे में आवश्यक सामान रखने के लिए अलमारी भी विद्यमान है। इसके बाद टॉयलेट,बाथरूम,लॉबी आदि की फोटो भी पूरा स्पेस दिखाते हुए डाले ताकि ग्राहक को फोटो देखते ही जगह और गुणवत्ता का अंदाजा आ सके। रसोई की फोटो इस तरह से ले कि सभी सेल्फ,कप्बोर्डस ,सिंक और फ्रिज रखने की जगह भी हाईलाइट हो सके। इसी तरह से छत,बालकोनी और घर के सामने वाले हिस्से की फोटो भी डाले और साथ साथ वर्णन करना न भूले कि आपके मकान के हर कमरे या रसोई या लॉबी आदि में क्या खास है। आइये आपको बताये ग्राहक को कैसे दर्शाना है कि आपका मकान या जमीन कैसे खास है।

  • ग्राहक का अच्छे से अभिवादन करके विनम्रता से स्वागत कीजिये। आप विनम्रता और मधुरता से बात करेंगे तो मकान की डीलिंग के लिए उसको आपके व्यवहार और विश्वसनीयता के बारे में सोचना नही पड़ेगा। ग्राहक को लगना चाहिए कि आप एक अच्छे और विनम्र इंसान है जिस पर मकान जैसे बड़े सौदे के लिए विश्वास किया जा सकता है। इससे आपके दो फायदे होंगे---एक तो मकान बेचने के लिए प्रॉपर्टी डीलर या दलाल को कोई कमीशन अर्थार्त पैसे नही देने पड़ेंगे। दूसरा सीधा लेन-देन सुगमता से होगा और आपकी गुड विल भी बनेगी जो भविष्य में दूसरे सौदे करने में बहुत काम आएगी।

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  • ग्राहक से अभिवादन के बाद उनको मकान दिखाना प्रारम्भ कीजिये। सबसे पहले कमरे दिखाए और साथ साथ बताते भी रहे कि जैसे कमरे में अलमारियां भी बनी हुई है तो सारा सामान यहां आ जाएगा। ये कमरा इतना बड़ा है कि यहाँ आप ये-ये सामान आसानी से रख सकते है। अलमारी के ऊपर शीशा भी लगा है तो आपको ड्रेसिंग टेबल लाने की जरूरत नही पड़ेगी। इस कमरे का कलर कंट्रास्ट इतना आकर्षक है कि बच्चो को बहुत पसंद आएगा इत्यादि इत्यादि। कहने का तात्पर्य यह है कि सिर्फ दिखाना नही है अपितु मकान की विशेषताएं गिनाकर ग्राहक के मन में मकान की छवि को सकारात्मक रूप देना है ताकि उसको लगे की इस मकान में सब विशेषताएं है जो हमे चाहिए थी।
  • कमरो के बाद टॉयलेट और बाथरूम भी दिखाए और बताये कि इनमे अच्छी क्वालिटी की टाइल लगी है और स्टैंडिंग टॉयलेट है ताकि बच्चो और बड़ो सबको सुविधा रहे। या फिर सिटींग टॉयलेट है तो आप बोल सकते है कि पेट अच्छे से साफ़ हो इसके लिए इंडियन टॉयलेट ही बेस्ट होती है। पेट साफ़ होगा तो बीमारियां भी नही होती। अगर कमरे के साथ अटेचैड है तो बोल दलाल कैसे बने सकते है कि अलग अलग कमरे में अलग अलग टॉयलेट और बाथरूम अटेचैड है जिससे किसी को भी असुविधा नही होती अपितु कमरे के अंदर ही आराम से तैयार हो सकते है। और यदि कमरे में अटेचैड नही है तो बोल सकते है कि अटेचैड टॉयलेट बाथरूम से तो कमरे में बदबू की समस्या उत्पन्न हो जाती है जो कि असह्य हो जाता है। इसलिए कमरे से बाहर ही टॉयलेट बाथरूम है ताकि कमरे का माहौल सोहाद्र,खुशबूदार और पवित्र बना रहे। कहने का अर्थ है कि कोई भी चीज के अच्छे गुणों की तरफ ही ग्राहक का ध्यान आकर्षित करना है।
  • इसके बाद आप घर का खुला स्थान या लॉबी दिखाए और बताये कि यह स्थान इतना बड़ा है कि आप कोई भी छोटी बर्थडे पार्टी या कीर्तन वगैरह यहाँ आराम से कर सकते है। अगर इतने मेहमान आ जाये तो आपको घबराने की जरूरत नही पड़ेगी क्योंकि इस लॉबी में इतने लोग आराम से बैठ सकते है इत्यादि इत्यादि। लॉबी में खिड़की है जिसको खोलकर सीधी धूप का आनंद आप सर्दी के दिनों में ले सकते है। या इस खिड़की से सीधी धूप नही आती तो गर्मियों के दलाल कैसे बने दलाल कैसे बने दिनों में ठंडी हवा का आनंद आप यही बैठे ले सकते है और घर हवादार बना रहता है इत्यादि इत्यादि।
  • इसके बाद आप घर में रसोईघर दिखाए। रसोईघर घर का अहम् हिस्सा होता है क्योंकि एक गृहणी का अधिकतर समय रसोईघर में ही बीतता है तो रसोईघर को बड़े ध्यान से प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। आप रसोई दिखाते हुए बता सकते है कि सामान के डिब्बे रखने के लिए रसोई में कपबोर्ड्स बने हुए है जिससे आपके डिब्बे कभी गन्दे भी नही होंगे।इसके अलावा बड़े बॉक्स और बड़ा रखने के लिए जगह बनी हुई है। सेल्फ बढ़िया पत्थर की बनी हुई है जरा सा कपड़ा मारते ही चमकने लगती है। ताजे पानी और टंकी वाले पानी दोनों तरह के नल विद्यमान है। फ्रीज रखने की भी जगह बनी हुई है ताकि आपको बार बार बाहर न भागना पड़े। या अगर फ्रिज रखने की जगह नही है तो बोल सकते है की दलाल कैसे बने फ्रिज अंदर रखने से रसोई में गर्मी बढ़ जाती है तो फ्रिज बाहर ही ठीक रहता है। बर्तन साफ़ करने के लिए सिंक भी बड़ी और गहरी बनी हुई है और इसमें पर्याप्त मात्रा में बर्तन साफ़ किये जा सकते है।

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  • इसके बाद छत ,बालकनी और ऊपर यदि रूम्स वगैरह बने है तो वो भी आप गुणों को दर्शाते हुए दिखा सकते है। जैसे छत पर पर्याप्त मात्रा में धूप आती है ताकि कपड़े या कोई दलाल कैसे बने भी सामान आप आसानी से सुखा सके। बालकनी से पार्क या बाजार या गली का मनमोहक नजारा आप देख सकते है। इसके अलावा और भी बहुत सारी क्वालिटी आप अपने मकान के हिसाब से देख कर बोल सकते है।

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