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क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार

क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का सफर

पाबंदियों का सामना करने के बाद अब सख्त रेगुलेशंस की आशंकाओं के बीच, वर्चुअल एसेट को कई गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा है

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का सफर रोलर-कोस्टर राइड से कम नहीं रहा है। पाबंदियों का सामना करने के बाद अब सख्त रेगुलेशंस की आशंकाओं के बीच, इस वर्चुअल एसेट को कई गंभीर चुनौतियों से जूझना पड़ा है। भारत में क्रिप्टोकरेंसीज के फ्यूचर को लेकर अनिश्चितता के बावजूद, अनरेगुलेटेड डिजिटल एसेट्स खासकर बिटकॉइन में निवेश का ट्रेंड 2020 के बाद काफी बढ़ा है। कई घरेलू क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजेस से मिले डाटा से पता चलता है कि 1.5-2 करोड़ भारतीयों ने इस वर्चुअल एसेट में निवेश किया है। इससे इस साल नवंबर में यह 10 अरब डॉलर के लेवल पर जा चुका है। क्रिप्टोकरेंसी अपनाने वालों की बढ़ती संख्या से देश में निवेश का तरीका बदल गया है, जो अभी तक गोल्ड और अन्य सुरक्षित एसेट्स में निवेश करते रहे हैं। बहुप्रतीक्षित क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफीशियल डिजिटल करेंसी बिल आने से पहले, वर्चुअल एसेट्स के अभी तक के सफर पर नजर डालते हैं।

2008: क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत

साल 2008 में एक सातोशी नाकामोटो नाम के छद्म नाम वाले एक डेवलपर क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार द्वारा “बिटकॉइनः एक पीयर टू पीयर इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम” शीर्षक वाले पेपर के प्रकाशन के साथ क्रिप्टोकरेंसी का सफर शुरू हुआ था।

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2010: क्रिप्टो की पहली बिक्री

दो साल बाद, बिटकॉइन के इस्तेमाल से पहली बार कोई सामान बिका जब एक शख्स ने दो पिज्जा के बदलने में 10,000 बिटकॉइन का भुगतान किया। इस तरह, पहली बार क्रिप्टोकरेंसी के साथ कैश वैल्यू जुड़ गई। कुछ समय बाद ही लाइटकॉइन, नेमकॉइन और स्विफ्टकॉइन जैसे क्रिप्टोकरेंसी सामने आईं और डिजिटल असेट को लेकर आकर्षण बढ़ने लगा।

2013: RBI ने जारी किया क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित पहला सर्कुलर

भारत में क्रिप्टो इनवेस्टमेंट बढ़ने और जेबपे, पॉकेट बिट्स, कॉइनसिक्योर, कॉइनेक्स और यूनोकॉइन जैसे एक्सचेंजेस के सामने आने से, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने 2013 में एक सर्कुलर जारी करके यूजर्स को वर्चुअल करंसी से जुड़े संभावित जोखिमों को लेकर आगाह किया।

2016-2018 : डिमोनेटाइजेशन और आरबीआई का क्रिप्टो पर बैंकिंग बैन

डिमोनेटाइजेशन के प्रयोग के चलते डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता मिलने से क्रिप्टो इनवेस्टमेंट को अनचाहा प्रोत्साहन मिला और टेक सेवी कस्टमर्स इन वर्चुअल असेट्स की ओर आकर्षित हुए। भारतीय बैंकों ने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजेस पर ट्रांजैक्शन को अनुमति देना चाही रखा, जिसके चलते आरबीआई को 2017 में एक अन्य सर्कुलर जारी करके वर्चुअल कॉइंस को लेकर अपनी आशंकाएं सामने रखनी पड़ीं। आखिर में, 2017 के अंत में आरबीआई और वित्त मंत्रालय द्वारा एक चेतावनी जारी करके कहना पड़ा कि वर्चुअल करंसी लीगल टेंडर नहीं हैं।

मार्च, 2018 में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डिजिटल टैक्स (सीबीडीटी) ने वित्त मंत्रालय को वर्चुअल करंसीजी पर प्रतिबंध के लिए एक ड्राफ्ट स्कीम सौंपी और इसके ठीक एक महीने बाद आरबीआई ने बैंकों, एनबीएफसी और पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स को वर्चुअल करंसीज के साथ लेनदेन और वर्चुअल करंसी एक्सचेंजेस को सेवाएं उपलब्ध कराने से रोकने वाला एक सर्कुलर जारी किया। इससे क्रिप्टो एक्सचेंजेस को बड़ा झटका लगा और उनका ट्रेडिंग वॉल्यूम 99 फीसदी तक गिर गया।

नवंबर, 2018 : #IndiaWantsCrypto

नाकामोतो के पेपर के 10 साल बाद 1 नवंबर, 2018 को वजीरएक्स के फाउंडर निश्चल शेट्टी ने में क्रिप्टो के पॉजिटिव रेग्युलेशन के लिए #IndiaWantsCrypto कैंपेन की शुरुआत की। इसका शुरुआती प्रभाव तक सामने आया, जब राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर की तरफ से इसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। इस कैंपेन से बाद में यूनोकॉइन के सात्विक विश्वनाथ, पोलिगॉन की को-फाउंडर जयंती कैनानी, जाने माने एंटरप्रेन्योर और इनवेस्टर एंथोनी पॉम्पलियानो और डीजे निखिल चिनप्पा भी जुड़ गए। निश्चल के लगातार ट्वीट और कैंपेन के लिए सपोर्ट के चलते फरवरी में बजट सेशन के दौरान ट्विटर पर हैशटैग ट्रेंडिंग के साथ व्यापक स्वीकृति मिली, जहां क्रिप्टो बिल का ऐलान किया गया। जुलाई, 2021 में #IndiaWantsCrypto को 1000 दिन पूरे हो गए और यह कैंपेन निश्चल के ट्वीट्स के साथ अभी भी मजबूत बना हुआ है और लाखों क्रिप्टो के समर्थक इससे जुड़ रहे हैं।

मार्च 2020 : सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टो बैंकिंग बैन को रद्द किया

बैन एक बड़ा झटका था और इसके चलते क्रिप्टो एक्सचेंजेस ने सुप्रीम कोर्ट में रिट फाइल कीं। आखिरकार बैन रद्द हो गया, आरबीआई के सर्कुलर को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया।

इस प्रकार क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजेस में फिर से जान पड़ गई और एससी का फैसला सबसे अच्छे समय पर आया जो क्रिप्टो बूम से मेल खाता है।

2021 : क्रिप्टो बिल की घोषणा

हालांकि, भारत में क्रिप्टोकरेंसीज का संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है। 29 जनवरी, 2021 को भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार ऐलान किया कि वह एक सॉवरेन डिजिटल करंसी बनाने के लिए एक बिल पेश करेगी और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर अपने आप ही बैन लग जाएगा। नवंबर, 2021 में, फाइनेंस पर बनी स्टैंडिंग कमेटी ने ब्लॉकचेन एंड क्रिप्टो असेट काउंसिल (बीएसीसी) और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इसमें निष्कर्ष निकला कि क्रिप्टोकरेंसी पर बैन नहीं लगना चाहिए, बल्कि उन्हें रेग्युलेट होन चाहिए। दिसंबर, 2021 की शुरुआत में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरेंसीज पर एक बैठक की।

बॉटम लाइन

मौजूदा संकेतों को देखें, भारत में क्रिप्टोकरेंसीज के लिए एक मजबूत रेगुलेटरी फ्रेमवर्क लागू किया जाएगा। इस मुद्दे को कौन सी रेगुलेटरी बॉडी देखेगी, इस पर भी फैसला लिया जाएगा। ज्यादा उम्मीद है कि सरकार क्रिप्टो के साथ एक असेट क्लास के रूप में व्यवहार करेगी, न कि करंसी के रूप में। एक्सपर्ट्स की राय है कि रेगुलेशंस से ज्यादा पारदर्शिता आएगी और क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के प्रति विश्वसनीयता बढ़ेगी। फ्रॉड रोकने और क्रॉस बॉर्डर ट्रांजैक्शन की निगरानी के लए भी कदम उठाए जा सकते हैं। अनरेगुलेटेड डिजिटल असेट्स के भविष्य को लेकर अनिश्चितता के बावजूद क्रिप्टोकरेंसी की स्वीकार्यता बीते दो साल में तेजी से बढ़ी है, जिससे भारत इसका सबसे बड़ा इनवेस्टर बन गया है। इसलिए, यह देखना दिलचस्प होगा कि संसद में बिल आने के बाद भारत में क्रिप्टो का सफर क्या मोड़ लेती है।

डिस्क्लेमर: क्रिप्टो करेंसी एक अनरेगुलेटेड डिजिटल करेंसी है। यह एक वैध मुद्रा नहीं है और बाजार जोखिमों के अधीन है। इस लेख में दिए गए विचार और राय लेखक के अपने निजी विचार और राय हैं। इसको किसी तरह की निवेश सलाह या WazirX(वजीरेक्स) की आधिकारिक राय न माना जाए।

Cryptocurrency kya hai? यह कितने प्रकार के होते हैं?

Cryptocurrency kya hai? यह कितने प्रकार के होते हैं? : Currency अर्थात मुद्रा का प्रयोग हम या आप क्रय और विक्रय करने के लिए करते हैं ताकि अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा कर सकें. मुद्रा के रूप में हमारे पास सिक्के होते हैं या कागज के नोट. विनिमय के माध्यम के रूप में दुनिया के प्रत्येक देशों के पास अपनी – अपनी मुद्रा है. भारत की मुद्रा को हम रुपया या पैसा के नाम से जानते हैं.

रुपया या पैसा जिसे हम देख सकते हैं, छू सकते हैं क्योंकि यह एक भौतिक मुद्रा है जिससे आप भलीभांति परिचित हैं किन्तु क्या आपने कभी cryptocurrency (क्रिप्टोकरेंसी) के बारे में सुना है जो एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है और इसका भी इस्तेमाल एक्सचेंज के माध्यम के रूप में किया जाता है.

आमतौर पर जैसा कि हम सभी को ज्ञात है किसी भी देश की currency पर उस देश की सरकार या किसी वित्तीय संस्थान का नियंत्रण होता है किन्तु cryptocurrency पर कोई सरकार या संस्थान का अधिकार नहीं होता है.

इस लेख में हम जानेंगे कि – Cryptocurrency kya hai? Cryptocurrency के बारे में महत्वपूर्ण बातें, Cryptocurrency कितने प्रकार के होते हैं? क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी मान्य है?

Table of Contents

Cryptocurrency kya hai?

Cryptocurrency (क्रिप्टोकरेंसी) एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है जिसका उपयोग एक्सचेंज के माध्यम के रूप में किया जाता है अर्थात इसके इस्तेमाल से कोई सामान या सर्विस ख़रीदा जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी से सामान या सर्विस के लिए ऑनलाइन एक्सचेंज किया जा सकता है.

इसमें बहुत ही उन्नत तकनीक का उपयोग किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लेनदेन पूरी तरह सुरक्षित हो. क्रिप्टोकरेंसी decentralized digital money है जो कि ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है. यह विनिमय का इंटरनेट आधारित माध्यम है जिसमें cryptography का इस्तेमाल transactions को सत्यापित करने के लिए किया जाता है.

Cryptocurrency के बारे में महत्वपूर्ण बातें

  • वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग किया जा सकता है
  • क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर सकते हैं
  • यह डिजिटल विनिमय का माध्यम है
  • सामान्यतः मुद्राओं को उस देश की सरकार या संस्था द्वारा संचालित किया जाता है किन्तु क्रिप्टोकरेंसी किसी भी सरकार या संस्थान द्वारा नियंत्रित नहीं है.
  • ऐसा माना जाता है कि पहली क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin थी जिसे जापान के Satoshi Nakamoto ने बनाया था.

Cryptocurrency कितने प्रकार के होते हैं?

वैसे तो Cryptocurrency कई प्रकार के होते हैं जो कि Peer-to-Peer Electronic System के रूप में कार्य करती है. यहाँ पर कुछ महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरेंसी का नाम बताया जा रहा है जो निम्न है –

  • Bitcoin (BTC) – पहली क्रिप्टोकरेंसी
  • Ethereum (ETH)
  • Ripple (XRP)
  • Monero (XMR)
  • Litecoin (LTC)
  • Binance Coin (BNB)
  • Tether (USDT)

क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी मान्य है?

क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी मान्य है? यह एक महत्वपूर्ण सवाल है जो बहुत सारे लोगों के मन में उठता है. यदि आप भारत देश के निवासी हैं तो इस देश में Cryptocurrency को क़ानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है. सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया में और भी ऐसे कई देश हैं जहाँ इसप्रकार की currencies को मान्यता प्राप्त नहीं है.

प्राप्त आंकड़ों के अनुसार Bitcoin में निवेश करनेवालों की अच्छी – खासी जनसँख्या भारत देश में भी हैं और आपको बता दें कि इस देश में किसी central authority द्वारा बिटकॉइन को न तो विनियमित किया जाता है और ना ही अधिकृत किया गया है इसलिए कहा जा सकता है कि यह स्वयं के जोखिम के साथ आता है.

हालाँकि बिटकॉइन पर भारत में किसी प्रकार का कोई प्रतिबन्ध नहीं है फिर भी इससे सम्बंधित यदि किसी प्रकार का कोई विवाद उत्पन्न हो जाए तो उसे हल करने के लिए कोई स्पष्ट दिशानिर्देश भी नहीं है. आनेवाले समय में हो सकता है इस देश में भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई सकारात्मक पहल देखने को मिले या हो सकता है न भी मिले. अभी क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार तो इसकी अवधारणा भारतीय बाजार के लिए बिल्कुल नयी है और इसके लिए इस देश में अलग से कोई नियम या कानून नहीं है.

अंत में मै आपसे इतना ही कहना चाहता हूँ कि क्रिप्टोकरेंसी की अवधारणा भारतीय बाजार के लिए बिल्कुल नयी है और इससे सम्बंधित कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं दिया गया है इसलिए पूरी पड़ताल के बाद ही इस क्षेत्र में आगे कदम बढ़ाना उचित होगा और शुरुआत छोटे स्तर से ही किया जाना चाहिए. यदि इसकी भविष्य की बात की जाये तो इसका उपयोग लगातार बढ़ता ही जा रहा है और हो सकता है कि आनेवाला समय में यह कोई महत्वपूर्ण भूमिका निभाये.

Cryptocurrency kya hai? इस विषय पर यदि आपको कुछ कहना है या आपके पास कोई सुझाव हो तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं और यदि लेख पसंद आयी हो तो like, comment और share करें.

मैं इस हिंदी ब्लॉग का संस्थापक हूँ जहाँ मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता हूँ. मैं अपनी शिक्षा की बात करूँ तो मैंने Accounts Hons. (B.Com) किया हुआ है और मैं पेशे से एक Accountant भी रहा हूँ.

ब्लॉग: डिजिटल करेंसी का स्वागत कीजिए

डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार करेंसी के पीछे क्रिप्टोकरेंसी का जोर है. क्रिप्टोकरेंसी केंद्रीय बैंकों के नियंत्रण से पूर्णत: बाहर है. इस करेंसी को बनाने का उद्देश्य था कि सरकारी बैंकों द्वारा कभी-कभी अधिक मात्रा में नोट छाप कर बाजार में डाल दिए जाते हैं जिससे महंगाई बहुत तेजी से बढ़ती है. लोगों की सालों की गाढ़ी कमाई कुछ ही समय में शून्यप्राय हो जाती है.

digital currency crypto currency rbi narendra modi government | ब्लॉग: डिजिटल करेंसी का स्वागत कीजिए

ब्लॉग: डिजिटल करेंसी का क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार स्वागत कीजिए

Highlights डिजिटल करेंसी एक नंबर होता है जिसे आप अपने मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर रख सकते हैं. कई केंद्रीय बैंकों ने डिजिटल करेंसी जारी करने का मन बनाया है. डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार से हमारी रक्षा नहीं करती है.

भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी जारी करने पर विचार कर रहा है. डिजिटल करेंसी हमारे नोट की तरह ही होती है. अंतर यह होता है कि यह कागज पर छपा नोट नहीं होता है बल्कि यह एक नंबर मात्र होता है जिसे आप अपने मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर संभाल कर रख सकते हैं.

उस नंबर को किसी के साथ साझा करते ही उस नंबर में निहित रकम सहज ही दूसरे व्यक्ति के पास पहुंच जाती है.

डिजिटल करेंसी के पीछे क्रिप्टोकरेंसी का जोर है. क्रिप्टोकरेंसी केंद्रीय बैंकों के नियंत्रण से पूर्णत: बाहर है. इस करेंसी को बनाने का उद्देश्य था कि सरकारी बैंकों द्वारा कभी-कभी अधिक मात्रा में नोट छाप कर बाजार में डाल दिए जाते हैं जिससे महंगाई बहुत तेजी से बढ़ती है. लोगों की सालों की गाढ़ी कमाई कुछ ही समय में शून्यप्राय हो जाती है.

जैसे यदि आप 100 रुपए के नोट से वर्तमान में 5 किलो गेहूं खरीद सकते हैं तो महंगाई तेजी से बढ़ने के बाद उसी 100 रुपये के नोट से आप केवल 1 किलो गेहूं खरीद पाएंगे. इस प्रकार की स्थिति से बचने के लिए इन इंजीनियरों ने क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किया जिससे कि बैंकों द्वारा नोट अधिक छापे जाने से उनकी क्रिप्टो करेंसी की कीमत पर कोई प्रभाव न पड़े.

केंद्रीय बैंकों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी का विरोध तीन कारणों से किया जा रहा है. पहला यह कि अर्थव्यवस्था केंद्रीय बैंक के नियंत्रण से बाहर निकलने को हो जाती है. जैसे यदि देश में महंगाई अधिक हो रही है और रिजर्व बैंक ने मुद्रा के प्रचलन को कम किया तो क्रिप्टो करेंसी का चलन बढ़ सकता है और सरकार की नीति फेल हो सकती है.

दूसरा विरोध यह है कि क्रिप्टो करेंसी फेल हो सकती क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार हैं. जैसे यदि कम्प्यूटर का नंबर हैक हो जाए अथवा क्रिप्टोकरेंसी बहुत भारी संख्या में बनाई जाने लगे तो आज जिस बिटकॉइन को आप ने एक लाख रुपए में खरीदा वह कल पांच हजार रुपए की हो सकती है.

तीसरा विरोध यह कि क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग आपराधिक गतिविधियों को सपोर्ट करने के लिए किया जा सकता है. इसलिए यदि केंद्रीय बैंक जिम्मेदार है और अर्थव्यवस्था सही चल रही है तो क्रिप्टोकरेंसी उसे अस्थिर बना सकती है.

दूसरी तरफ यदि बैंक गैर जिम्मेदार है जैसे महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है तो क्रिप्टोकरेंसी लाभप्रद हो जाती है. उस परिस्थिति में व्यापार करना कठिन हो जाता है.

आज आपने किसी व्यापारी से एक बोरी गेहूं का सौदा एक हजार रुपये में किया. कल उस एक हजार रुपये की कीमत आधी रह गई. बेचने वाले ने सौदे से इंकार कर दिया. आप यह सौदा क्रिप्टोकरेंसी में करते तो यह कठिनाई नहीं आती.

अत: यदि केंद्रीय बैंक द्वारा बनाई गई मुद्रा अस्थिर हो तो क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार से व्यापार सुचारु रूप से चल सकता है. यदि केंद्रीय बैंक जिम्मेदार है तो क्रिप्टोकरेंसी अस्थिरता पैदा करती है लेकिन यदि केंद्रीय बैंक गैर जिम्मेदार है तो क्रिप्टोकरेंसी लाभप्रद हो सकती है.

इस स्थिति में कई केंद्रीय बैंकों ने डिजिटल करेंसी जारी करने का मन बनाया है. डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में समानता यह है कि दोनों एक नंबर होते हैं जो आपके मोबाइल में रखे जा सकते हैं. लेकिन क्रिप्टो करेंसी की तरह डिजिटल करेंसी गुमनाम नहीं होती है.

रिजर्व बैंक द्वारा इसे उसी तरह जारी किया जाएगा जैसे नोट छापे जाते हैं. इसलिए डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार से हमारी रक्षा नहीं करती है.

नोट छापने की तरह केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी भी भारी मात्रा में जारी कर महंगाई पैदा कर सकती है. लेकिन फिर भी मुद्रा को सुरक्षित रखने में डिजिटल करेंसी मदद करती है क्योंकि आपको नोटों को आग, पानी और चोरों से बचाना नहीं है.

यदि कभी आप अपनी करेंसी का नंबर भूल जाएं अथवा आपका मोबाइल चोरी हो जाए तो आपकी पहचान करके उसे वापस प्राप्त करने की व्यवस्था की जा सकती है.

मेरा मानना है कि डिजिटल करेंसी का हमें स्वागत करना चाहिए भले यह केंद्रीय बैंक के गैरजिम्मेदाराना आचरण से हमारी रक्षा नहीं करती है. केंद्रीय बैंक के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार को इस प्रकार के तकनीकी आविष्कारों से नहीं रोका जा सकता है.

उसे ठीक करने का कार्य अंतत: राजनीति का है और उस व्यवस्था को सुदृढ़ करना चाहिए. पर डिजिटल करेंसी के माध्यम से नोट को छापने और रखने का खर्च कम होता है और आपस में लेनदेन भी सुलभ हो सकता है इसलिए हमें डिजिटल करेंसी का स्वागत करना चाहिए.

सेटलमेंट गाइड : जानिए, क्रिप्टोकरेंसी क्या है और क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए

Image for reference only.

क्रिप्टोकरेंसी का नाम अपने ज़रूर सुना होगा लेकिन हो सकता है इसके बारे में आपको ज़्यादा जानकारी न हो। आज सेटलमेंट गाइड के इस अंश में हम समझेंगे कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी है क्या और क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए।

मुख्य बातें :

  • क्रिप्टोकरेंसी बाइनरी कोड से बने डिजिटल टोकन का एक रूप है।
  • क्रिप्टोकरेंसी अनियमित हैं जिसका अर्थ है कि वह किसी भी प्राधिकरण, बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा नियंत्रित नहीं की जाती।
  • कुछ क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिए आप न्यूनतम से शून्य लेनदेन शुल्क के साथ एटीएम से पैसे भी निकाल सकते हैं।
  • क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए स्कैमर्स लोगों को बरगला सकते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी की 2000 के दशक में शुरुआत हुई और साइबर स्पेस में अपनी पहचान बनाने वाला पहला सिक्का था बिटकॉइन। कथित तौर पर, इसे सतोशी नाकामोतो ने बनाया था, जो एक व्यक्ति या कोई समूह हो सकता है लेकिन आज तक उसकी पहचान कभी सामने नहीं आई है।

डिजिटल मुद्रा क्रिप्टोग्राफी के सिद्धांत पर काम करती है, जहां डेटा की मदद से कोड द्वारा एक टोकन बनाया जाता है जो एक दूसरे से जुड़े ब्लॉकों में संग्रहीत होता है। इस प्रणाली को ब्लॉकचेन तकनीक के रूप में जाना जाता है।

ब्लॉकचेन तकनीक का आविष्कार 1980 के दशक में हुआ था। यह तकनीक पैसे को ट्रैक करने में कुशल साबित हुई है और इसने क्रिप्टोकरेंसी बाज़ार में काम कर रहे लोगों के बीच विश्वास हासिल कर लिया।

आपको बता दें कि एक क्रिप्टोकरेंसी कोई भी बना सकता है और इस प्रकार की करेंसी हजारों की तादाद में साइबर स्पेस में पाई जा सकती हैं। लेकिन इसमें कुछ सबसे लोकप्रिय हैं जैसे बिटकॉइन, एथेरियम और लिटकोइन।

As an employee in a business you shouldn't be using company computing time to earn cryptocurrency and that may lead to dismissal. Source: Getty Images

इन सिक्कों का उपयोग व्यापार, खरीद, भुगतान प्रणाली और निवेश के लिए किया जाता है।

बिटकॉइन जैसी कुछ क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिए आप बहुत कम लेनदेन शुल्क के साथ एटीएम से पैसे भी निकाल सकते हैं

क्रिप्टोकरेंसी के साथ लाभ कमाने की बात आती है तो संभावनाएं अनंत होती हैं।

किसी ऐसे व्यक्ति के लिए जो निवेश में नया है और लाभ कमाने का एक आसान तरीका ढूंढ रहा है, उसे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना आसान लग सकता है लेकिन बड़े फायदे जोखिम के साथ आते हैं। क्रिप्टोकरेंसी दुनिया भर में अनियंत्रित हैं, जिसका अर्थ है कि

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ब्लॉकचेन तकनीक क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार इस तरह से बनाई गई है कि निवेशक सिक्कों के लेनदेन को विनियमित करने और बदलाव करने के लिए पूरी तरह ज़िम्मेदार हैं और यही क्रिप्टोकरेंसी को अविश्वसनीय बना सकता है। अब क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी का कोई नियामक निकाय नहीं है, इसलिए कई निवेशकों ने इसमें घोटालों के कारण बड़ी रकम भी खोई है।

घोटालों और फ़िशिंग घोटालों से धोखा देना आसान है और ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी कंपनियों को भी वैध दिखने वाले स्कैमर ने भारी नुक्सान पहुंचाया है। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले सावधान रहे और अधिक जानकारी के लिए www.

The blockchain technology was क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार invented in the 1980s and has been proven to be a very reliable method of maintaining data. Source: Getty Images

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