Bitcoin को करेंसी का दर्जा?

UPSC IAS Essay 2022 probable topic Cryptocurrency is our editorial and essay today.
उत्तर: क्रिप्टो करेंसी (crypto currency) एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा है, जिसको एक आम भारतीय नागरिक भौतिक रूप में देख नहीं सकता है, छू नहीं सकता है। लेकिन इन मुद्राओं का किसी कंप्युटर या मोबाइल एप के माध्यम से प्रबंध किया जा सकता है। जिसको साधारणत: “वालेट” Wallet कहते हैं।
क्रिप्टो करेंसी का विचार सतोषी नाकामोटो द्वारा सन 2008 में एक रिसर्च पेपर (white paper) में दिया गया था।
क्रिप्टोकरेंसी या क्रिप्टो मुद्रा का नियंत्रण किसी भी देश के केन्द्रीय बैंक के हाथों में नहीं होता है। इस मुद्रा को किस व्यक्ति (इंटरनेट पर एक उपभोक्ता) से खरीदा (या बेचा) जाता है का नियंत्रण इन उपभोक्ताओं के हाथों में ही होता है।
UPSC MAINS Essay Topic 2022 Cryptocurrency
भारत की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मार्च 2020 में क्रिप्टो करेंसी पर लगे बैन को पूरी तरह से हटा दिया गया है। जिसके अनुसार कोई भी भारतीय इस क्रिप्टो मुद्रा में निवेश करने के लिए मान्य है लेकिन इसके द्वारा विनिमय वैध नहीं है।
इस मुद्रा को बनाने के लिए साधारण कंप्यूटर से कई गुना शक्तिशाली कंप्यूटरों का समूह, संबंधित सॉफ़्टवेयर, और इंटरनेट की आवश्यकता होती है।
इस मुद्रा को बनाने के लिए कंप्यूटर पियर टू पियर (peer to peer) नेटवर्क से जुड़े होते हैं। ये सभी कंप्यूटर एक खास ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर को चलाते हैं जिस पर मुद्रा को बनाया जाता है और इस सॉफ़्टवेयर की सहायता से ही स्वायतरूप से मुद्रा का प्रबंध किया जाता है। इसी प्रक्रिया को संक्षेप में mining कहा जाता है। और इस Bitcoin को करेंसी का दर्जा? प्रक्रिया को चलाने वाले कंप्युटर उपभोक्ता को minor कहा जाता है।
उदाहरण: बिटकॉइन, इथेरियम, लाइटकॉइन, डॉगकॉइन, इत्यादि।
Q.2 ब्लॉकचेन या ब्लॉकचेन तकनीक (blockchain technology) क्या होती है? उदाहरण सहित व्याख्या कीजिये? UPSC IAS Essay 2022
उत्तर: ब्लॉकचेन तकनीक एक ऐसी तकनीक है जिसकी सहायता से हम डाटा का विकेंद्रीकरण (decentralized) तरीके से भंडारण (store) करते हैं।
यहाँ विकेंद्रीकरण का अर्थ है कि कोई भी एक संस्था किसी भी तरह के डाटा या सूचना के आदान प्रदान को नियंत्रित नहीं कर रही है।
उदाहरण: किसी स्कूल की एक ऐसी कक्षा, जहाँ पर विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए अध्यापक की देखरेख की आवश्यकता नहीं होती है, और वहाँ के विद्यार्थी स्वयं ही किताबों से पढ़ाई कर सकते हैं और साथ-साथ वो स्वयं ही एक-दूसरे का किया गया काम भी जाँच सकते हैं।
ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर एक प्रकार से डिजिटल बही खाता (Ledger) है। जिसको प्रत्येक कंप्यूटर द्वारा ही नियंत्रित किया जाता है।
इस ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर की सहायता से ही कोई कंप्यूटर जान पाता है कि किसी उपभोक्ता के पास कितनी क्रिप्टो मुद्राएँ उपलब्ध हैं, कितनी मुद्राएँ किसी दूसरे उपभोक्ता को भेजी जा रही हैं, या किसी से प्राप्त हो रही हैं।
MINING: Mining की प्रक्रिया क्या होती है?
इस प्रक्रिया के दो प्रमुख लक्ष्य हैं –
- बिट कॉइन या कोई दूसरा क्रिप्टो कॉइन का उत्पादन करना: इसके उपभोक्ता शक्तिशाली कम्पुटरों की सहायता से कुछ गणितीय पहेलियों या सवालों को हल करते हैं, और ब्लॉक में छिपे हुए “कॉइन्स” को खोदते हैं या खोजते हैं। ये कॉइन किसी उपभोक्ता को पहेलियों को हल करने के लिए पुरुस्कार स्वरूप दिए जाते हैं।
- लेन देन की प्रक्रिया को त्रुटि-रहित रखना, या डिजिटल बही खाता बनाना (ledger) :
- जिसमें कई सारे computers सम्मिलित होते हैं, और जिनका काम होता किसी नए जुड़ने वाले computer या node की जानकारी की जाँच करना।
- किसी transaction की जाँच करना कि यदि ये transaction किसी अन्य node द्वारा tamper या खराब तो नहीं की गई है,
- किसी क्रिप्टो कॉइन की नकल तो नहीं बनाई गई है, इत्यादि।
- इस network से जुड़ा हुआ कोई भी कंप्यूटर ये देख सकता है या इस बात की पुष्टि कर सकता है कि कौन-कौन से कंप्यूटर या node इस ब्लॉक में जुड़े हुए हैं।
Q.3 बिटकॉइन (bitcoin) क्या होते हैं? उदाहरण सहित व्याख्या कीजिये? UPSC IAS Essay 2022
उत्तर: बिट कॉइन वर्तमान में उपलब्ध कई तरह की क्रिप्टो मुद्राओं में से एक मुद्रा है।
- यह मुद्रा सर्वप्रथम सं 2009 में अवतरित हुई थी।
- इसके निर्माता “सातोशी नाकामोतो” हैं।
- ये विश्व भर में Bitcoin को करेंसी का दर्जा? उपलब्ध सभी क्रिप्टो मुद्राओं में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध क्रिप्टो मुद्रा है।
- इस को किसी भी केन्द्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है।
- मार्च 2020 के सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार वर्तमान में बिट कॉइन या अन्य किसी क्रिप्टो मुद्रा का प्रयोग किसी वस्तु या सेवा के विनिमय के लिए मान्य नहीं है, हालाँकि कोई भी भारतीय नागरिक अपनी सुविधा और जोखिम क्षमता-अनुसार निवेश कर सकता है।
Q.4 क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) या क्रिप्टोकॉइन के संभावित लाभ व हानि के बारे में चर्चा कीजिये? UPSC IAS Essay 2022
उत्तर: बिट कॉइन के लाभ:
ये प्रक्रिया लेन देन की अन्य प्रक्रियाओं से
- ज्यादा तेज है: नैनो सेकण्ड्स में धन का हस्तांतरण संभव है
- सुरक्षित है: जाली बिट कॉइन बनाना असंभव है।
- किसी भी तरह की कागज़ी और कानूनी प्रक्रिया से मुक्त है।
- प्रबंधन आसान है: वॉलेट की सहायता से बिट कॉइन खरीदना, भेजना, प्राप्त करना सुगम है।
- निवेश: छोटी छोटी धनराशि जैसे ₹100 से निवेश करना संभव है।
- साइबर अपराधों, टैक्स चोरी, गैर कानूनी तौर तरीकों से धन का हस्तांतरण करना (money laundering), इत्यादि गंभीर अपराधों का होना आसान बनाता है।
- गैरकानूनी ड्रग, हथियार, इत्यादि का विनिमय आसान करता है।
- नियमों में पारदर्शिता न होना: किसी भी तरह का भौतिक रिकॉर्ड न होना, अपराधी को ट्रेस करने में बाधा उत्पन्न करता है।
- पर्यावरण सम्बन्धी: शक्तिशाली कंप्यूटर ज्यादा ऊर्जा का उपभोग करते हैं और CO2 का भी उत्सर्जन होता है। जिस भी स्थान पर कोई कंप्यूटर काम कर रहा है, उस कमरे में वातानुकूलन (air conditioning) की जरूरत होती है। इस तरह से माइनिंग प्रक्रिया वाला कंप्यूटर और A.C. सामान्य से कई गुना ज्यादा विधुत उपभोग करते हैं।जो कि पर्यावरणीय दृष्टि से बहुत ही ज्यादा हानिकारक है।
Q.5 किस देश ने क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) या क्रिप्टोकॉइन को लीगल टेंडर का दर्जा दिया है? UPSC IAS Essay 2022
उत्तर: दक्षिण अमेरिका का अल साल्वाडोर ऐसा पहला देश है, जिसने क्रिप्टो मुद्रा को legal tender का रूप (2021) दिया है। हालाँकि US डॉलर अभी भी वहाँ की आधिकारिक मुद्रा है।
आरबीआई चाहता है Cryptocurrency पर पूर्ण पाबंदी, सरकार एसेट या जिंस के रूप में चलन की दे सकती है अनुमति
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरकार कुछ क्रिप्टोकरेंसी को एसेट( संपदा) या जिंस (कमोडिटी) के रूप में चलन की अनुमति दे सकती है। लेकिन वह क्रिप्टोकरेंसी किसी लेनदेन के लिए वैधानिक नहीं होगी और क्रिप्टो पर सरकार टैक्स भी वसूलेगी। सरकार क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े बिल को अंतिम रूप दे रही है और इस पर अंतिम मुहर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की होगी। उसके बाद इसे कैबिनेट और फिर संसद में पेश किया जाएगा। हालांकि, संसद में पेश होने के लिए प्रस्तावित विधेयक में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की बात की गई है। लेकिन क्रिप्टोकरेंसी में इस्तेमाल होने वाली तकनीक के तहत अपवाद के रूप में कुछ क्रिप्टो को मंजूरी भी दी जा सकती है।
सूत्रों के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबंध चाहता है, लेकिन वित्त मंत्रालय क्रिप्टो को संपदा के रूप में इजाजत देने के पक्ष में है ताकि उसे टैक्स के दायरे में लाया जा सके। आगामी बजट में क्रिप्टो पर टैक्स संबंधी नियम लाने की चर्चा है। सूत्रों के मुताबिक एक या दो क्रिप्टो को संपदा के रूप में चलन की मंजूरी मिल सकती है।
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध की खबर से गुरुवार Bitcoin को करेंसी का दर्जा? को क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में भारी गिरावट देखी गई। क्रिप्टो से जुड़े एक्सचेंज वजीरएक्स के मुताबिक बिटक्वाइन, एथेरियम, डोजक्वाइन व पोल्काडाट जैसी क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में औसतन 20 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। भारत में क्रिप्टो में निवेश करने वाले 10.07 करोड़ लोग है। क्रिप्टो रिसर्च से जुड़ी फर्म सीआरईबीएसीओ के मुताबिक क्रिप्टो में भारतीयों का निवेश 10 अरब डालर यानी करीब 75,000 करोड़ रुपये मूल्य तक पहुंच चुका है जबकि पिछले साल अप्रैल में यह निवेश मात्र 90 करोड़ डालर यानी लगभग 6,500 करोड़ रुपये मूल्य के आसपास था। भारत में 15 क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज चल रहे हैं। ब्लाकचेन एंड क्रिप्टो असेट्स काउंसिल (बाक) ने क्रिप्टोकरेंसी के इन निवेशकों से फिलहाल हड़बड़ी से बचने की है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के इक्विटी स्ट्रैटेजी, ब्रोकिंग व डिस्ट्रीब्यूशन प्रमुख हिमांग जानी के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी को वैश्विक स्तर पर तेजी से अपनाया जा रहा है और भारी जोखिम के बावजूद निवेश से मिलने वाले उच्च रिटर्न को देख निवेशक इसकी ओर आकर्षित हो जाते हैं। अभी इस क्षेत्र में नियामक की अनुपस्थिति के चलते क्रिप्टो को लेकर भारी अनिश्चितता है।
क्रिप्टोकरेंसी का अंतरराष्ट्रीय कारोबार है। जानकारों के मुताबिक भारत में इसे प्रतिबंधित कर भी दिया जाता है तो दूसरे देश में इसके खरीदार मिल जाएंगे। जिन लोगों ने क्रिप्टो एक्सचेंज में बैंकों के माध्यम से पूंजी लगाई है, उन्हें क्रिप्टो बेचने के लिए सरकार कितना समय देती है, यह देखना होगा। प्रतिबंध लगने की स्थिति वैश्विक रूप से क्रिप्टो के भाव गिरेंगे और हो सकता है जल्दबाजी में बेचने पर निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़े।
आनलाइन सर्वे करने वाली कंपनी लोकल सर्किल्स के मुताबिक लगभग 54 प्रतिशत लोग नहीं चाहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को भारत में कानूनी दर्जा दिया जाए। इसके बजाय वह चाहते हैं कि उसे विदेशों में रखी गई डिजिटल संपत्ति के रूप में मान्यता दी जाए और उसी तरह उस पर Bitcoin को करेंसी का दर्जा? टैक्स लगे। सर्वे के दौरान देश के 342 जिलों में रहने वाले 56,000 से अधिक लोगों से प्रतिक्रिया ली गई। सर्वे में 26 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इस तरह वर्चुअल करेंसी को कानूनी दर्जा देना चाहिए और उसका पर कर लगाना चाहिए।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि आज भले ही 6,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी हों, लेकिन निकट भविष्य में कुछ का ही अस्तित्व बचेगा। उन्होंने कहा कि लोग सिर्फ दो कारणों से अपने पास क्रिप्टोकरेंसी रखते हैं। एक उसकी ज्यादा कीमत और दूसरा भुगतान के लिए। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हमें भुगतान के लिए वास्तव में 6,000 वर्चुअल करेंसी की जरूरत है। भविष्य में एक, दो या मुट्ठी भर वर्चुअल करेंसी की आवश्यकता भुगतान में पड़ेगी।
क्रिप्टोकरेंसी उद्योग ने बुधवार को सरकार से भारत में क्रिप्टो परिसंपत्तियों को विनियमित करने के लिए सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कदम उठाने की अपील की है। उद्योग के दिग्गजों ने देश में निवेशकों से जल्दबाजी में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचने का भी आग्रह किया है। बाय-यूक्वाइन के सीईओ शिवम ठकराल ने कहा कि कंपनी उम्मीद करती है कि प्रस्तावित बिल भारतीय क्रिप्टोकरेंसी धारकों, भारतीय क्रिप्टो उद्यमियों और निवेशकों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखेगा। उन्होंने कहा कि नई ब्लॉकचेन परियोजनाओं के फलने-फूलने के लिए क्रिप्टो विधेयक में पर्याप्त लचीलापन होना चाहिए।
आखिर डिजिटल करेंसी को मिली सरकारी मान्यता
सपनों का बजट 2022 पेश करते हुए आखिर वित्त मंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता दे दी है.
अभी संसद में क्रिप्टोकरेंसी पर कानून बनाया जाना प्रक्रिया में है, फिलहाल यह भी अभी तय नहीं हो पाया है कि इन्हें कानूनी मान्यता दे की नहीं- लेकिन उसके पहले ही सरकार ने इस पर टैक्स और टीडीएस लगाए जाने की घोषणा करके कानूनी जामा पहना दिया है. और तो और ऐसी आभाषी या कहें वर्चुअल करेंसी को आरबीआई Bitcoin को करेंसी का दर्जा? के द्वारा लांच करने का रास्ता खोलना एक आत्मघाती कदम साबित होगा. गलत चीज चाहे कितना भी सही ढंग से पेश की जाए उसका आधार गलत ही रहता है.
आरबीआई द्वारा दिसंबर 21 में आई वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में साफ़ साफ़ बताया गया कि ऐसी वर्चुअल करेंसी का उपयोग ज्यादातर गैर कानूनी और असमाजिक गतिविधियों के लिए धड़ल्ले से किया जा रहा है. जुआ सट्टा, मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग में सबसे ज्यादा उपयोग इन वर्चुअल करेंसी का हो रहा है और इस पर रोक लगना चाहिए.
सरकार एक तरफ तो इस पर रोक लगाना चाहती है तो दूसरी तरफ इसे कानूनी दर्जा देना समझ से परे है. क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल करेंसी की खुबी यही होती है कि यह ब्लॉक चेन पर आधारित है जिस पर इंटरनेट की दुनिया पर कोई नियंत्रण नहीं होता. यह किस के पास कब और कहाँ होती है इसका कोई ट्रैक नहीं होता. इंटरनेट की काली दुनिया यानि डार्क वेब में यह कैसे पहुँच जाती है, इसका न कोई प्रारुप है और न कोई ठिकाना.
मतलब साफ है कि इसका उपयोग काली दुनिया के लोगों के लिए है क्योंकि यह ट्रैसेबल नहीं है और इसलिए आरबीआई द्वारा इसको प्रस्तावित करना आत्मघाती कदम हो सकता हैं.
आभाषी मुद्रा में खेलने वाले इस बात पर खुश है कि अब हम कानूनी दायरे में आ गए हैं और भले टैक्स 30% देना पड़ेगा लेकिन वे जुआ सट्टा खेल सकते हैं जिसमें आधे लेनदेन रिकॉर्ड पर होंगे और आधे लेनदेन ऊपरी जिसका कोई ट्रैल नहीं होगा एवं टैक्स देकर खेलने वाले काले धन को आभाषी मुद्रा में कंवर्ट करते जाएंगे जिससे भविष्य में सरकार को अपने राजस्व में काफी नुकसान सहना पड़ सकता है.
जहाँ सरकार आयकर की धारा 37(Bitcoin को करेंसी का दर्जा? 1) में संशोधन कर प्रस्तावित कर रही है कि गैर कानूनी आय अर्जित करने के लिए किए गए खर्च अमान्य होंगे, वही दूसरी ओर वर्चुअल Bitcoin को करेंसी का दर्जा? करेंसी को मान्यता देना गैर कानूनी कदम से कम नहीं. सरकार वर्चुअल करेंसी को असमाजिक मानकर इसे तुरंत बैन करें और आयकर में प्रस्तावित प्रावधान को वापस ले.
दुनिया में पहली बार बिटकॉइन को किसी देश में मिली मान्यता
अल सल्वाडोर दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने बिटकॉइन को लीगल करेंसी के रूप में मान्यता देने का ऐलान किया है।
अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति बुकेले और बिटकॉइन: डिजाईन फोटो-सोशल मीडिया
नई दिल्ली: दुनियाभर में धूम मचाने वाली क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन पर वैधानिकता की मुहर लग गई है। अब इसे डॉलर के बराबर का दर्जा और उसी की तरह प्रयोग में लाने की शुरुआत हो गई है।दरअसल, अल सल्वाडोर दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने बिटकॉइन को लीगल करेंसी के रूप में मान्यता देने का ऐलान किया है। में अमेरिकी डॉलर की तरह लेनदेन में बिटकॉइन का प्रयोग किया जा सकेगा।
मियामी, फ्लोरिडा में बिटकॉइन 2021 सम्मेलन में अल सल्वाडोर के प्रेसिडेंट नाएब बुकेले ने बिटकॉइन टेक्नोलॉजी के प्रयोग से देश के वित्तीय इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए डिजिटल वॉलेट कम्पनी स्ट्राइक के साथ पार्टनरशिप की घोषणा की। बिटकॉइन 2021 क्रिप्टोकरेंसी के इतिहास का सबसे बड़ा सम्मेलन है। इसमें प्रेसिडेंट बुकेले ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शिरकत करते हुते कहा कि वे बिटकॉइन को लीगल करेंसी बनाने के लिए अगले हफ्ते संसद में बिल लाएंगे।
दुनियाभर में होगी गूंज
डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म स्ट्राइक के संस्थापक जैक मेर्ल्स ने प्रेसिडेंट बुकेले की घोषणा पर कहा कि इसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनी जाएगी। उन्होंने कहा कि बिटकॉइन दुनिया का सर्वोत्तम मौद्रिक नेटवर्क है। ये अब तक का महानतम रिज़र्व एसेट है। बिटकॉइन रखने से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को पारंपरिक करेंसी के झटकों से सुरक्षा मिलने का रास्ता मिलता है। जैक मेर्ल्स ने कहा कि अल सल्वाडोर के कदम से रोजमर्रा के इस्तेमाल में बिटकॉइन की ताकत और पोटेंशियल को जबरदस्त बूस्ट मिलेगा।
अल सल्वाडोर में बिटकॉइन को लीगल करेंसी के रूप में मान्यता: फोटो-सोशल मीडिया
बैंक सुविधाओं से वंचित अल सल्वाडोर
सेंट्रल अमेरिका में स्थित अल सल्वाडोर एक कैश इकोनॉमी है जहां 70 फीसदी जनता के पास बैंक खाते या क्रेडिट कार्ड नहीं हैं। इस देश की जीडीपी में 20 फीसदी योगदान विदेशों में काम करने वाले अप्रवासी लोगों द्वारा भेजे गए धन का है। विदेश से पैसा आने में मध्यस्थ काफी कमीशन काट लेते हैं और पूरी प्रक्रिया में समय अलग लगता है।
अल सल्वाडोर के प्रेसिडेंट बुकेले काफी लोकप्रिय हैं और उनका इरादा देश में नया वित्तीय इकोसिस्टम खड़ा करने का है। इसके लिए उन्होंने बिटकॉइन के एक्सपर्ट्स की एक टीम जुटाई है जो नए सिस्टम को तैयार करेगी। डिजिटल करेंसी के समर्थकों का कहना है कि वे अल सल्वाडोर को दुनिया के लिए एक मॉडल बना देंगे।