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टेक्निकल एनालिसिस

टेक्निकल एनालिसिस

What is technical analysis ? टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ?

शेयर मार्केट में अगर आपको ट्रेडिंग करणी है तो सब से पहले important होता है टेक्निकल एनालिसिस को समजना बिना technical analysis को समझे आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर के प्रॉफिट नहीं कमा सकते । technical analysis एक बहुत बडी कन्सेप्ट है जीसमे अलग अलग तरिके से technical analysis हम कर सकते है आज हम इसी के बारे में जान ने वाले है। जेसे मौसम विभाग अगले कुछ दिनो में मौसम कैसा रहेगा उसकी जानकारी पहले हि बता देता है वेसे हि Technical analysis हमे शेयर कि price के उतार चढाव बाजार कि स्तिथी का अंदाज पहले हि बता देता है ओर इस से हमे शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने में आसानी होती है।

Technical analysis कि खोज ओर इसका उपयोग जपान के व्यापारी 'मुनेहीसा होम्मा' ने किया था । Technical analysis शेयर मार्केट का एक अहम् हिस्सा है । intraday ट्रेडिंग के लिए तो यह बहुत जरुरी होता है। Technical analysis यांनी कंपनी के पिछले कुछ साल का विश्लेषण करके future में कंपनी कि ग्रोथ कैसे रहेगी यह बताता है। ओर वर्तमान समय कि भी जानकारी देता है । Technical analysis में चार्ट indicators, सपोर्ट ओर रेसिस्टंट , चार्ट पॅटर्न इन सबका समावेश होता है। चार्ट के आधार पर कंपनी के शेयर कि वर्तमान व भविष्य कि स्थिती का पता चलता है ओर इसे हि Technical analysis कहते है।

* Chart चार्ट ; कंपनी के शेयर कि किंमत में उतार ओर चढाव कि स्थिती दर्शाने वाले को चार्ट केहते है । चार्ट के भी कही सारे प्रकार होते है। यह अलग अलग थयोरी पर आधारित होते है ओर इन से हमे शेयर वर्तमान ओर भविष्य कि स्थिती कि जानकारी मिलने में काफी सहायता होती है।

1) line chart ( लाइन चार्ट ) : Line chart सब से सिम्पल चार्ट होता है। यह शेयर कि किंमत में होणे वाले उतार चढाव को दर्शता है साथ में हि शेयर मार्केट के ट्रेंड को भी दर्शता है । यह एक सिधी लाईन होती है ओर कुछ बिंदू ओ को जोडते हुए आगे बढती है जीसमे सिर्फ शेयर कि दिन कि क्लोसिंग किंमत का हि पता चलता है, शेयर कि high price ओर low price का पता इससे नहीं पता चलता इसलीये ट्रेडर इस चार्ट टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग जादा नहीं करते । यह चार्ट किसी भी टाइम फ्रेम में देखा जा सकता है । यह कैसे दिखाई देता है इसकी एक फोटो नीचे दि हुई है ।

What is technical analysis ? टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ?

2 ) Bar Chart ( बार चार्ट ) : यह चार्ट भी एक बहुत फेमस चार्ट है। लाईन चार्ट के मुकाबले यह अच्छे संकेत दर्शता है ओर ज्यादा जानकारी प्रदान करता है । इस चार्ट में लंबे लंबे बार बने हुए होते है ओर बार का सबसे उपर का पॉईंट दिन कि high price ओर सबसे नीचे वाला पॉईंट दिन का low price दर्शता है। इस चार्ट में दाइ ओर आडी लाईन होती है वह open price म दर्शाती है ओर बाई ओर कि लाईन close price दर्शाती है। लाईन चार्ट से ज्यादा हमे बार चार्ट अधिक संकेत देता है । बार चार्ट कि फोटो नीचे दि गयी है ।

What is technical analysis ? टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ?

3 ) Candlestick Chart ( केनडेलस्टिक चार्ट ) : यह चार्ट शेयर मार्केट में सबसे ज्यादा इस्तमाल किया जाणे वाला चार्ट है । इस का संशोधन जपान में हुआ है । यह चार्ट हर ट्रेडर कि पेहली पसदं है क्यू कि इस से शेयर मार्केट के उतार चढाव को समझने में काफी आसनी होती है । शेयर कि किंमत का भी उतार चढाव हर एक टाइम फ्रेम में सटिक पता चलता है । इस चार्ट में एक लंबी मोमबत्ती जेसी कॅडेल बनी होती है जिसके उपर के पॉईंट को शेयर का दिन का high का पता चलता है ओर सबसे नीचे पॉईंट से शेयर का low पता चलता है। इसकी मिडल बॉडी से शेयर कि open price ओर close price का भी पता चल जाता है। यह दो कलर कि होती हे एक रेड ओर ग्रीन रेड कॅडेल बीअरीश होती है ओर ग्रीन बुलीश होती है। इस चार्ट के काफी सारे प्रकार है जो कि शेयर के ट्रेंड ओर किंमत के उतार चढाव को दर्शाते है । इसका उपयोग Equity, commodity, currancy में भी किया जाता है। इसकी फोटो नीचे दि गयी है जिससे यह आपको समझने में आसानी होगी ।

What is technical analysis ? टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ?

* SUPPORT AND RESISTANCE : support or resistance एक technical analysis का हि हिस्सा है। यह एक पॉईंट लेव्हल होता है ओर मार्केट कि दिशा बदलणे का काम करता है । जिससे हमे बाजार का ट्रेंड पता चलता है ,ओर ट्रेंडिंग करणे आसानी होती है।

1 ) सपोर्ट ( support ) : सपोर्ट उसे बोला जाता है जो हमे नीचे गिरने नहीं देता है। वेसे हि स्टॉक मार्केट में भी शेयर कि price को नीचे नहीं गिरने देता है उसे सपोर्ट कहा जाता है। शेयर मार्केट में जब bearish ट्रेंड चल रहा होता है तब एक निश्चित गिरावट के बाद price एक पॉईंट लेव्हल पर आकर रुक जाती है ओर उससे नीचे नहीं जाती है । ऊस लेव्हल को support कहा जाता है। उस पॉईंट से buyer फिर से activate हो जाते है ओर खरीदारि बड जाती है । ऐसा एक बार हुआ तो उसे मायनर सपोर्ट कहा जाता है । दुसरी बार उसी पॉईंट पर मार्केट उपर गया तो उसे स्ट्रॉंग सपोर्ट कहा जाता है ओर तिसरी बार वह मेजर सपोर्ट बन जाता है जो कि आसनी से तूटता नहीं है।

2) रेसिस्टन्स ( Resistance ): यह सपोर्ट के बिलकुल उलटा होता है जेसें शेयर कि price में बडोतरी हो रही है ओर एक limit के बाद वहा से price फिर से गिरणा सुरू हो जाती है उस point को resistance कहा जाता है । यह कंडिशन आपको बुलीश ट्रेंड में दिखाई देती है । एक निश्चित पॉईंट के उपर price नहीं जाती है उसी को रेसिस्टन्स कहा जाता है । ऐसा अगर एक बार होता है तो उसे minor resistance माना जाता है । दुसरी बार उसी पॉईंट से price नीचे आयी तो उसे strong resistance कहा जाता है ओर तिसरी बार वह मेजर resistance बन जाता है जो आसानी से नहीं तूट पाता है ।

* INDICATORS ( इंडिकेटर्स) : टेक्निकल एनालिसिस इंडिकेटर्स Technical Analysis का हि एक पार्ट है जो के चार्ट पॅटर्न ओर Candlesticks पॅटर्न को दिशा देणे में important भूमिका निभाता है । stock market में कही सारे indicators होते है जो हमे ट्रेडिंग करणे में काम आते है । indicators के भी 2 प्रकार होते है । leading indicators और lagging indicators वेसे तो बाजार में सेकडो indicators है लेकिन इन सब इंडिकेटर्स को सिखने कि जरूरत नहीं है, क्यू कि सभी indicators अलग अलग अलग स्टॉक पर अलग अलग singnal देते है । इस से आप confuse हो सकते हो । इसलीये आपको वही इंडिकेटर को सिखना है जो कि सही तरिके से काम करते है ओर ट्रेडिंग करणे में आपको सहायता कर सकते है । कोई भी indicator 100% सटिकता नहीं देता है । ऐसा अगर होता तो सभी trader एक हि इंडिकेटर को use करते । share market में इंडिकेटर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है । कोई भी दो तीन इंडिकेटर को आप अगर अच्छे से सिख लेते हो तो आप शेयर मार्केट से अच्छा मूनाफा कमा सकते हो । कुछ important इंडिकेटर जो आपको सिखने हि चाहीए उसमे नाम आता है.

What is technical analysis ? टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ?

3. Bolinger band

4. super trend

5. moving average

6 . stochastic Oscillator

यह सारे महत्वपूर्ण इंडिकेटर्स है जो आपको ट्रेडिंग करणे में हेल्प कर सकते है ।

What is technical analysis ? टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ?

शेयर मार्केट में अगर आपको ट्रेडिंग करणी है तो सब से पहले important होता है टेक्निकल एनालिसिस को समजना बिना technical analysis को समझे आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर के प्रॉफिट नहीं कमा सकते । technical analysis एक बहुत बडी कन्सेप्ट है जीसमे अलग अलग तरिके से technical analysis हम कर सकते है आज हम इसी के बारे में जान ने वाले है। जेसे मौसम विभाग अगले कुछ दिनो में मौसम कैसा रहेगा उसकी जानकारी पहले हि बता देता है वेसे हि Technical analysis हमे शेयर कि price के उतार चढाव बाजार कि स्तिथी का अंदाज पहले हि बता देता है ओर इस से हमे टेक्निकल एनालिसिस शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने में आसानी होती है।

Technical analysis कि खोज ओर इसका उपयोग जपान के व्यापारी 'मुनेहीसा होम्मा' ने किया था । Technical analysis शेयर मार्केट का एक अहम् हिस्सा है । intraday ट्रेडिंग के लिए तो यह बहुत जरुरी होता है। Technical analysis यांनी कंपनी के पिछले कुछ साल का विश्लेषण करके future में कंपनी कि ग्रोथ कैसे रहेगी यह बताता है। ओर वर्तमान समय कि भी जानकारी देता है । Technical analysis में चार्ट indicators, सपोर्ट ओर रेसिस्टंट , चार्ट पॅटर्न इन सबका समावेश होता है। चार्ट के आधार पर कंपनी के शेयर कि वर्तमान व भविष्य कि स्थिती का पता चलता है ओर इसे हि Technical analysis कहते है।

* Chart चार्ट ; कंपनी के शेयर कि किंमत में उतार ओर चढाव कि स्थिती दर्शाने वाले को चार्ट केहते है । चार्ट के भी कही सारे प्रकार होते है। यह अलग अलग थयोरी पर आधारित होते है ओर इन से हमे शेयर वर्तमान ओर भविष्य कि स्थिती कि जानकारी मिलने में काफी सहायता होती है।

1) line chart ( लाइन चार्ट ) : Line chart सब से सिम्पल चार्ट होता है। यह शेयर कि किंमत में होणे वाले उतार चढाव को दर्शता है साथ में हि शेयर मार्केट के ट्रेंड को भी दर्शता टेक्निकल एनालिसिस है । यह एक सिधी लाईन होती है ओर कुछ बिंदू ओ को जोडते हुए आगे बढती है जीसमे सिर्फ शेयर कि दिन कि क्लोसिंग किंमत का हि पता चलता है, शेयर कि high price ओर low price का पता इससे नहीं पता चलता इसलीये ट्रेडर इस चार्ट का उपयोग जादा नहीं करते । यह चार्ट किसी भी टाइम फ्रेम में देखा जा सकता है । यह कैसे दिखाई देता है इसकी एक फोटो नीचे दि हुई है ।

What is technical analysis ? टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ?

2 ) Bar Chart ( बार चार्ट ) : यह चार्ट भी एक बहुत फेमस चार्ट है। लाईन चार्ट के मुकाबले यह अच्छे संकेत दर्शता है ओर ज्यादा जानकारी प्रदान करता है । इस चार्ट में लंबे लंबे बार बने हुए होते है ओर बार का सबसे उपर का पॉईंट दिन कि high price ओर सबसे नीचे वाला पॉईंट दिन का low price दर्शता है। इस चार्ट में दाइ ओर आडी लाईन होती है वह open price म दर्शाती है ओर बाई ओर कि लाईन close price दर्शाती है। लाईन चार्ट से ज्यादा हमे बार चार्ट अधिक संकेत देता है । बार चार्ट कि फोटो नीचे दि गयी है ।

What is technical analysis ? टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ?

3 ) Candlestick Chart ( केनडेलस्टिक चार्ट ) : यह चार्ट शेयर मार्केट में सबसे ज्यादा इस्तमाल किया जाणे वाला चार्ट है । इस का संशोधन जपान में हुआ है । यह चार्ट हर ट्रेडर कि पेहली पसदं है क्यू कि इस से शेयर मार्केट के उतार चढाव को समझने में काफी आसनी होती है । शेयर कि किंमत का भी उतार चढाव हर एक टाइम फ्रेम में सटिक पता चलता है । इस चार्ट में एक लंबी मोमबत्ती जेसी कॅडेल बनी होती है जिसके उपर के पॉईंट को शेयर का दिन का high का पता चलता है ओर सबसे नीचे पॉईंट से शेयर का low पता चलता है। इसकी मिडल बॉडी से शेयर कि open price ओर close price का भी पता चल जाता है। यह दो कलर कि होती हे एक रेड ओर ग्रीन रेड कॅडेल बीअरीश होती है ओर ग्रीन बुलीश होती है। इस चार्ट के काफी सारे प्रकार है जो कि शेयर के ट्रेंड ओर किंमत के उतार चढाव को दर्शाते है । इसका उपयोग Equity, commodity, currancy में भी किया जाता है। इसकी फोटो नीचे दि गयी है जिससे यह आपको समझने में आसानी होगी ।

What is technical analysis ? टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ?

* SUPPORT AND RESISTANCE : support or resistance एक technical analysis का हि हिस्सा है। यह एक पॉईंट लेव्हल होता है ओर मार्केट कि दिशा बदलणे का काम करता है । जिससे हमे बाजार का ट्रेंड पता चलता है ,ओर ट्रेंडिंग करणे आसानी होती है।

1 ) सपोर्ट ( support ) : सपोर्ट उसे बोला जाता है जो हमे नीचे गिरने नहीं देता है। वेसे हि स्टॉक मार्केट में भी शेयर कि price को नीचे नहीं गिरने देता है उसे सपोर्ट कहा जाता है। शेयर मार्केट में जब bearish ट्रेंड चल रहा होता है तब एक निश्चित गिरावट के बाद price एक पॉईंट लेव्हल पर आकर रुक जाती है ओर उससे नीचे नहीं जाती है । ऊस लेव्हल को support कहा जाता है। उस पॉईंट से buyer फिर से activate हो जाते है ओर खरीदारि बड जाती है । ऐसा एक बार हुआ तो उसे मायनर सपोर्ट कहा जाता है । दुसरी बार उसी पॉईंट पर मार्केट उपर गया तो उसे स्ट्रॉंग सपोर्ट कहा जाता है ओर तिसरी बार वह मेजर सपोर्ट बन जाता है जो कि आसनी से तूटता नहीं है।

2) रेसिस्टन्स ( Resistance ): यह सपोर्ट के बिलकुल उलटा होता है जेसें शेयर कि price में बडोतरी हो रही है ओर एक limit के बाद वहा से price फिर से गिरणा सुरू हो जाती है उस point को resistance कहा जाता है । यह कंडिशन आपको बुलीश ट्रेंड में दिखाई देती है । एक निश्चित पॉईंट के उपर price नहीं जाती है उसी को रेसिस्टन्स कहा जाता है । ऐसा अगर एक बार होता है तो उसे minor resistance माना जाता है । दुसरी बार उसी पॉईंट से price नीचे आयी तो उसे strong resistance कहा जाता है ओर तिसरी बार वह मेजर resistance बन जाता है जो आसानी से नहीं तूट पाता है ।

* INDICATORS ( इंडिकेटर्स) : इंडिकेटर्स Technical Analysis का हि एक पार्ट है जो के चार्ट पॅटर्न ओर Candlesticks पॅटर्न को दिशा देणे में important भूमिका निभाता है । stock market में कही सारे indicators होते है जो हमे ट्रेडिंग करणे में काम आते है । indicators के भी 2 प्रकार होते है । leading indicators और lagging indicators वेसे तो बाजार में सेकडो indicators है लेकिन इन सब इंडिकेटर्स को सिखने कि जरूरत नहीं है, क्यू कि सभी indicators अलग अलग अलग स्टॉक पर अलग अलग singnal देते है । इस से आप confuse हो सकते हो । इसलीये आपको वही इंडिकेटर को सिखना है जो कि सही तरिके से काम करते है ओर ट्रेडिंग करणे में आपको सहायता कर सकते है । कोई भी indicator 100% सटिकता नहीं देता है । ऐसा अगर होता तो सभी trader एक हि इंडिकेटर को use करते । share market में इंडिकेटर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है । कोई भी दो तीन इंडिकेटर को आप अगर अच्छे से सिख लेते हो तो आप शेयर मार्केट से अच्छा मूनाफा कमा सकते हो । कुछ important इंडिकेटर जो आपको सिखने हि चाहीए उसमे नाम आता है.

What is technical analysis ? टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ?

3. Bolinger band

4. super trend

5. moving average

6 . stochastic Oscillator

यह सारे महत्वपूर्ण इंडिकेटर्स है जो आपको ट्रेडिंग करणे में हेल्प कर सकते है ।

किसी भी Shares का Technical Analysis कैसे करे Technical Analysis in Hindi

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Stock Market Technical Analysis Hindi- किसी भी कंपनी का शेयर्स का तकनीकी विश्लेषण (Stock Technical Analysis Hindi) उसके भविष्य में होने वाली गतिविधिओ को तय करता है और बताता है की कंपनी अपने काम से किस मुकाम पर है कंपनी कितनी मजबूत है।

शेयर मार्किट में प्रॉफिट कमाने के लिए शेयर में निवेश करने से पहले उसके ऊपर रिसर्च करना बहुत जरूरी है स्टॉक का तकनीकी विश्लेषण (Stock Technical Analysis Hindi) ) वॉल्यूम और कीमत सहित स्टॉक के ऐतिहासिक डेटा का अध्ययन कराता है।

Technical knowledge in hindi- कोई भी इन्वेस्टर जब किसी कंपनी के शेयर खरीदता है तो वह उस कंपनी से यही उम्मीद करता है की ये कंपनी आने वाले कुछ सालों के अंदर एक अच्छा Profit कमा कर दे शेयर खरीदने से पहले उस कंपनी पर संपूर्ण रिसर्च करनी होती है और ये रिसर्च किस प्रकार की जाती है इसकी पूरी जानकारी आप इस लेख के जरिये पढ़ सकते है। technical analysis investopedia

तकनीकी विश्लेषण क्या है? Technical Analysis in Hindi

What is Technical Analysis Hindi- Share Market में Investment करने के लिए जिस प्रकार हम अपने अच्छे शेयर को ढूढ़ते है उस शेयर्स को ढूढ़ने की प्रकिया को Technical Analysis कहते है।

Analyze meaning in hindi- अगर आपको आसान शब्दो में समजाय की तकनीकी विश्लेषण क्या है तो आपको बता दे को ऐसा विश्लेषण वह है जो किसी भी शेयर की बाहर की स्थिति को देखकर किया जाता है जैसे शेयर का चार्ट शेयर के वॉल्यूम और पीछे आकड़ो को देखकर जब हम शेयर को खरीदते है उसे तकनीकी विश्लेषण कहा जाता है आमतौर पर ये विश्लेषण छोटे और नए निवशकों या शार्ट-र्टम ट्रेडर्स द्वारा उपयोग किया जाता है। technical meaning in hindi

शेयर मार्किट में निवेश करना हुआ और भी आसान शुरू कीजिये GROWW APP के साथ जो बिलकुल मुफ्त और आसान है निचे दिए गए लिंक से करे डाउनलोड:-

क्या तकनीकी विश्लेषण करने का बाद हमको मार्किट में निवेश करना चाहिए?

टेक्निकल एनालिसिस– Technical Analysis कंपनी के बाहरी साधनो से किया जा सकता है की कंपनी देखने में कैसी है मगर आपको टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद शेयर नहीं खरीदे है टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद आपको फंडामेंटल एनालिसिस टेक्निकल एनालिसिस करने बहुत जरूरी होते है। technically meaning in hindi

किसी भी शेयर का Technical Analysis करने के बाद हम अपने प्रॉफिट को बुक नहीं कर सकते बल्कि नए निवेशकों को तो ये भी सलाह दे जाती है की आपको Technical Analysis के बाद सीधा स्टॉक मार्किट में निवेश नहीं करना है क्योकि इसमें आपको ज्यादा रिस्क है यह केवल एक्सपर्ट्स और जो लोग शेयर मार्किट के बारे में अच्छे से जानते है उनके लिए अच्छा है। किस प्रकार किया जाता है? investopedia technical analysis

तकनीकी विश्लेषण किस प्रकार किया जाता है?

जैसा की हमने आपको बताया की Technical Analysis कंपनी के बाहरी साधनो से किया जा सकता है की कंपनी देखने में कैसी है मगर आपको टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद शेयर नहीं खरीदे है टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद आपको फंडामेंटल एनालिसिस करने बहुत जरूरी होते है।

How To Do Technical Analysis

1. Company के चार्ट (Chart) का उपयोग करना जिससे कंपनी के Share Price Movement के बारे में पता चलता है कंपनी की तरक्की भी उसका Share Market Graph (Chart) ही दर्शाता है।

2. Chart-Pattern को समझना की कंपनी का शेयर किस प्रकार निचे आता है और किस प्रकार ऊपर जाता है Chart-Pattern का Technical Analysis में काफी बड़ा रोल होता है।

3. इतिहास (Past) किसी कंपनी का इतिहास देखना की वो पीछे से कैसे परफॉर्म करती आ रही ये भी काफी जरूरी होता है।

4. Price-Range का Technical Analysis में भी काफी बड़ा रोल होता है इसलिए टेक्निकल एनालिसिस में आपको शेयर के मूलय का भी विश्लेषण करना चाहिए। meaning of technical analysis

तकनीकी विश्लेषण क्यों करना चाहिए?

जैसा की हम सबको पता है की शेयर्स मार्किट में Risk बहुत ज्यादा होता है और उस रिस्क से बचने के लिए शेयर मार्किट में निवेशों दुवारा तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) किया जाता है।

शेयर मार्किट में कभी भी शेयर को उसके कीमत के हिसाब से नहीं खरीदना चाहिए क्योकि हर शेयर्स की कीमत हर दिन कभी बढ़ जाती है कभी घट जाती है लेकिन शेयर का तकनीकी विश्लेषण ही उसके बारे में सही जानकारी देता है।

जिसके कारण शेयर मार्किट ने निवेश करने से पहले तकनीकी विश्लेषण करना जरूरी है। technical stock analysis

Technical analysis Fundamental Analysis Difference

Technical analysis Fundamental Analysis Difference Hindi-

मौलिक विश्लेषण करने के लिए हमको सबसे पहले एक बड़ी सी कंपनी चुननी होती है जिसका Market-Cap काफी बड़ा हो मतलब उस कंपनी की कीमत ज्यादा हो।

उसके बाद कंपनी का मौलिक विश्लेषण दो प्रकार से किया जाता है। टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस

Technical Analysis क्या होता है?

टेक्निकल एनालिसिस कंपनी के बाहरी साधनो से किया जा सकता है की कंपनी देखने में कैसी है मगर आपको टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद शेयर नहीं खरीदे है टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद आपको फंडामेंटल एनालिसिस करने बहुत जरूरी होते है।

How To Do Technical Analysis

1. Company के चार्ट (Chart) का उपयोग करना जिससे कंपनी के Share Price Movement के बारे में पता चलता है कंपनी की तरक्की भी उसका Share Market Graph (Chart) ही दर्शाता है।

2. Chart-Pattern को समझना की कंपनी का शेयर किस प्रकार निचे आता है और किस प्रकार ऊपर जाता है Chart-Pattern का Technical Analysis में काफी बड़ा रोल होता है।

3. Price-Range का Technical Analysis में भी काफी बड़ा रोल होता है इसलिए टेक्निकल एनालिसिस में आपको शेयर के मूलय का भी विश्लेषण करना चाहिए।

4. इतिहास (Past) किसी कंपनी का इतिहास देखना की वो पीछे से कैसे परफॉर्म करती आ रही ये भी काफी जरूरी होता है।

Fundamental Analysis क्या होता है?

फंडामेंटल विश्लेषण का उपयोग हमेशा Long Time Frame में किया जाता है इसमें जल्दी पैसा कमाने का टारगेट नहीं रखा जाता है बल्कि अपने Portfolio को एक सही Rate of Return पर Compounding करने पर ध्यान दिया जाता है। technical analysis of stocks

फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए कंपनी के अन्दर की चीज़ो को परखा जाता है की कंपनी किस प्रकार का बिज़नेस करती है कंपनी की फाइनेंसियल स्टेटमेंट क्या है कंपनी से जुड़े लोग कौन कौन से है, उन लोगो कि PERSONAL BUSINESS EXPERIENCE और BACKGROUND क्या है इन सब की जानकारी हमे फंडामेंटल एनालिसिस दुवारा मिलती है।

How To Do Fundamental Analysis

Fundamental Analysis करने के लिए हमे कंपनी के डाक्यूमेंट्स (Documents) की जांच करनी होती है जैसे:-

1. Balance Sheet पर नज़र डालना
2. P&L (Profit &Loss) Account पर नज़र डालना
3. Cash Flow Statements को चेक करना
4. Annual Report को देखना
5. Financial Ratio को देखना
6. PE Ratio नज़र डालना
7. EPS Earning Per Share नज़र डालना
8. Book Value को चेक करना
9. Management Analysis नज़र डालना
10. Profit And Sales Growth को देखना
11. Opponent Company की जांच करना
12. जिस क्षेत्र की कंपनी है उस क्षेत्र के नियम और कानून (Law and Rules)

इस तरह हम फंडामेंटल एनालिसिस में हम ये चेक करते है कि – हम जिस कंपनी का स्टॉक खरीदना चाहते है, वह कंपनी आर्थिक रूप से कितना STRONG है, और वो कंपनी फ्यूचर में टेक्निकल एनालिसिस कितना ग्रोथ कर सकती है।

अगर आपको Supermarket Franchise in India Hindi Technical Analysis in Hindi से जुडी जानकारी से कुछ सिखने को मिला तो शेयर जरूर करे धन्यवाद्।

टेक्निकल एनालिसिस किस तरह होता है

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Best Career Option: स्टॉक ट्रेंडिंग में रखते हैं इंट्रेस्ट, तो 12वीं के बाद बनाएं ट्रेडर के तौर पर करियर

Career in Stock Trending: ट्रेडिंग इंडस्ट्री में रोजगार के स्कोप भी काफी बढ़ रहे हैं. एक अच्छा ट्रेडर बनने के लिए फाइनांशियल स्टेटस, फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस का नॉलेज टेक्निकल एनालिसिस होना जरूरी है. जानें फुल टाइम ट्रेडर बनने के फायदे

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Best Career Option: स्टॉक ट्रेंडिंग में रखते हैं इंट्रेस्ट, तो 12वीं के बाद बनाएं ट्रेडर के तौर पर करियर

Career in Stock Trending: वर्तमान में शेयर बाजार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. वहीं, ट्रेडिंग इंडस्ट्री में ग्रोथ होने के साथ-साथ ही इस सेक्टर रोजगार के स्कोप भी काफी बढ़ रहे हैं. बहुत से युवा स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग (Stock Market Trading) में दिलचस्पी ले रहे हैं. आपको एक अच्छा ट्रेडर बनने के लिए फाइनांशियल स्टेटस (Financial Status), फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) और टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) का बेसिक नॉलेज होना बेहद ही जरूरी है.

पहले स्टॉक एक्सचेंज कागज-आधारित फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट्स के साथ ट्रेडिंग करते थे, लेकिन अब तकरीबन 100 फीसदी ट्रेडिंग टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के जरिए की जा रही है. यहां जानें फुल टाइम ट्रेडर बनने के फायदे और इसके लिए जरूरी योग्यता क्या होनी चाहिए.

आयु सीमा
शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने की कोई न्यूनतम उम्र नहीं है.

योग्यता
1.ट्रेडिंग में करियर बनाना चाहते हैं तो किसी सम्मानजनक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन या कॉर्पोरेशन में ट्रेडिंग से रिलेटेड डिग्री होनी चाहिए.
2.ज्यादातर ट्रेडर के पास मैथ्स, फाइनेंस, अकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स में डिग्री होती है.
3.डीमैट अकाउंट के लिए पैन कार्ड जरूरी है.
डीमैट अकाउंट ओपन करते समय केवाईसी डॉक्यूमेंट्स और पैन कार्ड की एक फोटो कॉपी जमा करना होता है.
4. इस इंडस्ट्री में इनवेस्टेंट एडवाइजरी या किसी कंसल्टिंग कंपनी में प्रोफेशनल के तौर पर काम करने के लिए एनआईएसएम सर्टिफाइड होना जरूरी है.
5.इकोनॉमिक्स/बिजनेस मैनेजमेंट/फाइनेंस या इससे जुड़े किसी कोर्स में ग्रेजुएट या मास्टर्स की डिग्री होना जरूरी है.

ट्रेडिंग के फायदे
सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप खुद अपने मालिक होते हैं, किसी और के लिए काम करना जरूरी नहीं है.
सही नॉलेज और स्ट्रेटजी के साथ मार्केट से अच्छी-खासी कमाई की जा सकती है.
आप अच्छी ग्रोथ करने के साथ ही कैश मार्केट से डेरिवेटिव मार्केट तक बढ़ सकते हैं और लीवरेज को फ्रेंड बना सकते हैं.
इसमें सेबी रजिस्टर्ड निवेश एडवाइजर या सेबी रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट बन सकतें है और कंसल्टिंग कर सकते हैं.

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