शेयर मार्केट में शेयर कैसे ख़रीदे

शेयर मार्केट में शेयर कैसे ख़रीदे
SBI कैप सिक्योरिटीज मे डीमैट खाता कैसे खोलना है इसके बारे मे मैंने आपको इसके पहले के आर्टिकल मे विस्तार से बताया लेकिन उसके बाद शेयर कैसे ख़रीदे आगे की प्रक्रिया क्या है सभी लोग नहीं जानते है काफी लोग दुसरो के माध्यम से ट्रेड निवेश करते है। आमतौर डिस्काउंट ब्रोकर मे ट्रेड कैसे करे इस बारे मे बोहोत ज्यादा लिखा जाता है यकीन बोहोत कम लिखा जाता है फुल टाइम सेवा ब्रोकर के बारे मे बोहोत सारे लोगो को मालूम ही नहीं होता की SBI भी डीमैट खाते की सुविधा देते है।
अगर आप शेयर बाजार मे निवेश करते है और बाजार मे होने वाले न्यूज़ से ज्ञात है तो आपको मालूम होगा की SBI के समूह का मिलाप होकर सब एक हो गए है जैसे पहले अलग थे इसके कारन अब SBI की ग्राहक संख्या बढ़ गए है और डीमैट खाता खोलने वालो की संख्या भी बढ़ रही है।
Best 5 Stocks for 2022: नए साल में अच्छी कमाई के लिए इन 5 शेयरों पर लगा सकते हैं दांव, एक्सपर्ट ने जताया बेहतर रिटर्न का भरोसा
Top Stock Picks of 2022: एक्सपर्ट की राय में साल 2022 में बेहतर मुनाफे के लिए इन 5 शेयरों में निवेश किया जा सकता है.
नए साल 2022 में निवेश के लिए बेहतरीन स्टॉक की बात करें तो ओएनजीसी, एसबीआई, गेल, एचडीएफसी बैंक और टीसीएस चार्ट पर मजबूत दिख रहे हैं.
Top 5 Stock Picks for 2022: इस साल स्टॉक मार्केट में निवेशकों को इक्विटी मार्केट से शानदार रिटर्न मिला लेकिन अगला साल अधिक चुनौती भरा रहने वाला है. महंगाई की बढ़ती आशंका को देखते हुए इसके आसार दिख रहे हैं कि अधिकतर केंद्रीय बैंक लिक्विडिटी को कम करने के लिए ब्याज दरें बढ़ा सकती है. इसके अलावा अगले साल 2022 में कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के चलते अनिश्चितता का भी मार्केट पर असर दिख सकता है. हालांकि नए साल 2022 में निवेश के लिए बेहतरीन स्टॉक की बात करें तो ओएनजीसी, एसबीआई, गेल, एचडीएफसी बैंक और टीसीएस चार्ट पर मजबूत दिख रहे हैं.
सरकार द्वारा प्राकृतिक गैस के भाव में 62 फीसदी की बढ़ोतरी के फैसले से कंपनियों के मुनाफे में बढ़ोतरी होगी. महंगे कच्चे तेल और ओएनजीसी के प्रोडक्शन वॉल्यू में 5-7 फीसदी की ग्रोथ के चलते कंपनी के ईबीआईटीडीए में अगले साल बढ़ोतरी हो सकती है. ऐसे में कंपनी का डेट-टू-ईबीआईटीडीए रेशियो अगले साल मजबूत होकर 1.6x-1.9x के बीच रह सकता है. तकनीकी तौर पर मूविंग एवरेजेज (MAs), रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), मूविंग एवरेज कंवर्जेंस डाइवर्जेंस (MACD) और स्टॉकेस्टिक भी डेली चार्ट पर मजबूत रूझान दिखा रहे हैं. ऐसे में वर्ष 2022 में ओएनजीसी 170 रुपये के भाव पर पहुंच सकता है.
DCX Systems IPO: आईपीओ के पहले ही 40% प्रीमियम पर पहुंचा शेयर, पैसा लगाने वालों को मिल सकता है बंपर रिटर्न
GAIL (INDIA)
मार्केटिंग प्रॉफिट में उछाल के दम पर गेल इंडिया की बिक्री बढ़ी है और इसकी आय बढ़ी है. कंपनी की आय को गैस की ऊंची कीमतों का सहारा मिला है और यह अगले साल भी जारी रह सकता है. गैस खपत में बढ़ोतरी से भी गेल इंडिया के मुनाफे में बढ़ोतरी की संभावना है. डेली चार्ट पर इसके भाव को 140 रुपये के लेवल पर सपोर्ट मिल रहा है और 200 दिनों के मूविंग एवरेज पर खरीदारी के रूझान को सपोर्ट मिल रहा है. इसके अलावा आरएसआई भी लोअर जोन में है जिससे नियर टर्म में गेल के भाव 165 रुपये तक पहुंचने के आसार दिख रहे हैं.
HDFC Bank
मजबूत कैपिटलाइजेशन, बढ़ी लिक्विडिटी, घटे एनपीए और आय में बढ़ोतरी के चलते एचडीएफसी बैंक निवेश के लिए बेहतरीन विकल्प है. अभी इसके भाव डेली चार्ट पर 100-200 DEMA (डबल एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज) से ऊपर हैं. इसके अलावा साप्ताहिक चार्ट पर इसके भाव पैराबोलिक एसएआर से ऊपर है जिससे सकारात्मक रूझान दिख रहा है. अगले साल एचडीएफसी बैंक के भाव 1750 रुपये के लेवल तक पहुंच सकते हैं.
मजबूत डॉलर, डिजिटाइजेशन और कारोबारी सुधार के चलते तकनीकी सेक्टर मजबूत है और इसकी मजबूती अगले साल 2022 में बनी रहने वाली है. टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) के भाव मीन से ऊपर हैं जिसका अपर बैंड नॉर्थ-वार्ड डायरेक्शन में है जिससे इसके भाव में तेजी के संकेत मिल रहे हैं. अधिकतर ऑस्किलेटर्स भी इसमें बुलिश रूझान के संकेत दिखा रहे हैं. अगले साल इसके भाव 3600 रुपये के लेवल तक पहुंच सकते हैं.
SBI (State Bank of India)
अभी यह स्टॉक सभी मूविंग एवरेज से ऊपर है जिससे इसमें आगे भी तेजी के आसार दिख रहे हैं. इसके अलावा आरएसआई, एमएसीडी, एडीएक्स (एवरेज डायरेक्शनल इंडेक्स) भी कंफर्ट जोन में है जिससे इसमें बुलिश रूझान दिख रहा है. आने वाले महीनों में यह शेयर 600 रुपये के लेवल तक पहुंच सकता है.
शानदार रहा यह साल घरेलू इक्विटी मार्केट के लिए
घरेलू इक्विटी मार्केट के लिए यह साल 2021 बहुत शानदार रहा और सेंसेक्स ने पहली बार 61 हजार व निफ्टी 50 ने 18 हजार का लेवल पार किया. इस साल मैक्रो इंडिकेटर्स में सुधार, मजबूत वैश्विक लिक्विडिटी, आर्थिक गतिविधियों में तेजी, वैक्सीनेशन में तेजी, खपत में सुधार, मौद्रिक नीतियों में ढील और कॉरपोरेट की कमाई में तेज रिकवरी ने मार्केट को सपोर्ट किया जिसके दम पर सेंसेक्स व निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे. इस साल बैंकिंग, इंफ्रा, आईटी, ऑटो, मेटल्स और फार्मा शेयरों ने शानदार रिटर्न दिया. मैन्यूफैक्चरिंग व इंफ्रास्ट्रक्चर में सरकार कई स्ट्रक्टचरल रिफॉर्म की तैयारी में है जिसके चलते अगले साल मिड व स्माल कैप उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं. इसके अलावा आर्थिक गतिविधियां पटरी पर आ रही है व कॉरपोरेट कमाई भी बढ़ रही है जिसके चलते बाजार के अगले साल भी मजबूत रहने के आसार दिख रहे हैं.
(आर्टिकल: रवि सिंह, वाइस प्रेसिडेंट व रिसर्च प्रमुख, शेयरइंडिया सिक्योरिटीज)
(स्टोरी में दिए गए स्टॉक रिकमंडेशन संबंधित रिसर्च एनालिस्ट व ब्रोकरेज फर्म के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)
शेयर बाजार की जानकारी | Share Market in Hindi | Stock Market ki Jankari
इंटरनेट से पैसा कमाने के कई तरीके हैं इन्ही में एक तरीका शेयर मार्किट (Share Market) का हैं, इसे Stock Market भी कहते हैं, जहा से आप घर बैठे पैसा कमा सकते हैं। आइये शेयर मार्केट में शेयर कैसे ख़रीदे जाने शेयर मार्किट क्या हैं और इससे पैसा कैसे कमाते हैं..
Share Market या Stock Market क्या हैं – What is Share Market in Hindi?
शेयर का मतलब ही होता हैं हिस्सा, शेयर मार्केट एक ऐसा मार्केट है जहाँ बहुत से कम्पनीज के शेयर्स ख़रीदे और बेचे जाते हैं। शेयर बाजार की भाषा में बात करें तो शेयर का अर्थ है कंपनियों में हिस्सा। उदाहरण के लिए एक कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं। आप कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने अंश खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने का मालिकाना हक हो गया जिसे आप किसी अन्य खरीददार को जब भी चाहें बेच सकते हैं। यह एक ऐसी जगह है जहाँ कुछ लोग या तो बहुत पैसे कमा लेते हैं या तो अपने सारे पैसे गवा देते हैं। आप जितने पैसे लगायेंगे उसी के अनुसार से कुछ प्रतिशत के मालिक आप उस कंपनी के हो जाते हैं। जिसका मतलब ये है की अगर उस कंपनी को भविष्य में मुनाफा होगा तो आपके लगाये हुए पैसे से दुगना पैसा आपको मिलेगा और अगर घाटा हुआ तो आपको एक भी पैसे नहीं मिलेंगे यानि की आपको पूरी तरह से नुकसान होगा। आप जितने चाहे कंपनी के शेयर खरीद सकते हैं।
शेयर मार्केट में शेयर कैसे ख़रीदे – Share Market Share Kaise Kharide?
Share Market / शेयर मार्किट में शेयर आप डायरेक्ट अपने बैंक अकाउंट के जरिये नहीं खरीद सकते। इसके लिए आपको एक Demate Trading account खुलवाना होगा। इसके भी दो तरीके हैं, पहला किसी Broker यानि की दलाल के पास जाकर एक Demat account खोल सकते हैं। दूसरा आप बैंक में खुलवा सकते हैं। इसके लिए आपके पास किसी बैंक एक सेविंग अकाउंट रहना चाहिए, जोकि आपके Demate account से लिंक रहेगा। Demat account में हमारे Share के पैसे रखे जाते हैं जिस तरह की हम किसी बैंक के खाते में अपना पैसा रखते हैं ठीक उसी तरह। अगर आप शेयर मार्किट में निवेश कर रहे हैं तो आपका Demat account होना बहुत ही जरुरी है। क्यूंकि कंपनी को मुनाफा होने के बाद आपको जितने पैसे मिलेंगे वो सारे पैसे आपके Demat account में जायेंगे। यहाँ से आप अपने बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं।
शेयर आप तीन तरीको से खरीद सकते हैं – Stock Market se Share Kaise Kharide
- खुद ऑनलाइन खरीद सकते है.
- दलाल (Broker) के जरिये.
- Indian Public Offering (IPO) के जरिये.
शेयर मार्किट में शेयर कब ख़रीदे –
शेयर मार्किट में पैसा लगाने से पहले शेयर मार्किट की पूरी जानकारी आपके पैसा होनी चाहिए, क्यूंकि ये एक ऐसा प्लेटफार्म हैं जहा पर जितना प्रतिशत पैसा कमाने का चांस रहता हैं उतना ही पैसा गवाने का भी रहता हैं। इन्वेस्ट करने से पहले उस कंपनी की जानकारी रहना चाहिए, की किस कंपनी का शेयर बढ़ रहा या घट रहा हैं। इसलिए शुरुआत में छोटा-छोटा इन्वेस्ट करे और एक्सपीरियंस ले। सबसे महत्वपूर्ण बात की इस क्षेत्र में भी कई कम्पनिया फ्रॉड रहती हैं। जो की शेयर इन्वेस्ट करने के बाद पैसा लेके भाग जाती हैं। इसलिए संभल के पैसा लगाए।
हालाँकि इसमें भी कई ब्रोकर्स होते हैं जो की स्टॉक मार्किट का ही सदस्य होते हैं। ये आपको सुझाव देंगे की किस में पैसा लगाए। कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना हैं यह उसका विवेकाधीन अधिकार है। बाजार से शेयर बाजार खरीदने/बेचने के लिए कई शेयर ब्रोकर्स होते हैं जो उनके तय पारिश्रमिक (लगभग 2 फीसदी) लेकर अपने ग्राहकों को यह सेवा देते हैं।
शेयर में कब और कैसे बदलते हैं प्राइस?
सबसे पहले आईपीओ लाते वक्त शेयर्स के Price कंपनी निर्धारित करती हैं लेकिन एक बार आईपीओ पूरा हो जाने के बाद Shares का मूल्य निर्धारित करने में कंपनी का कोई Role नहीं होता और Shares के मूल्य स्वतन्त्र रूप से shares की Deemand और Supply के आधार पर Stock एक्सचेंज द्वारा निर्धारित किये जाते हैं।
अगर ख़रीदे जाने वाले शेयर की तुलना में बेचे जाने वाले शेयर की संख्या कम होगी तो शेयर के Price बढ़ेंगे और अगर बेचे जाने वाले शेयर की तुलना में ख़रीदे जाने वाले शेयर की संख्या कम होगी तो Share Price कम होगी।
शेयर बाजार में लिस्टेड होने के लिए कंपनी को बाजार से लिखित समझौता करना पडता है, जिसके तहत कंपनी अपनी हर हरकत की जानकारी बाजार को समय-समय पर देती रहती है, खासकर ऐसी जानकारियां, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों। इन्हीं जानकारियों के आधार पर कंपनी का मूल्यांकन होता है और इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता है। अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते के नियमों का पालन नहीं करती, तो उसे डीलिस्ट करने की कार्रवाई सेबी करता है।
भारत में 2 Stock Exchange है – Stock Exchange in India
- NSE – National Stock Exchange
- BSE – Bombay Stock Exchange
शेयर मार्किट में SENSEX और NIFTY क्या हैं? What is SENSEX and NIFTY in Hindi
Sensex बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और Sensex का निर्धारण BSE में लिस्टेड टॉप 30 कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन (कंपनीयों का कुल मूल्य) के आधार पर किया जाता हैं। Sensex BSE की टॉप 30 कंपनियों के प्रदर्शन को प्रदर्शित करता हैं। अगर सेंसेक्स बढ़ता हैं तो इसका मतलब हैं कि BSE में रजिस्टर्ड अधिकांश कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं और इसी तरह अगर सेंसेक्स गिरता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि अधिकांश कंपनियों का प्रदर्शन ख़राब रहा हैं।
Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और इसका निर्धारण NSE में लिस्टेड टॉप 50 कंपनियों के के मार्केट कैपिटलाइजेशन (कंपनीयों का कुल मूल्य) आधार पर किया जाता हैं। अगर Nifty बढ़ता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि NSE में रजिस्टर्ड कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं और अगर Nifty घटता हैं तो इसका अर्थ यह हैं कि NSE की कंपनियों ने बुरा प्रदर्शन किया हैं।
Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती हैं – Types of Trading in Stock Market in Hindi
1). इंट्रा-डे ट्रेडिंग (Intra Day शेयर मार्केट में शेयर कैसे ख़रीदे Trading) – इंट्रा-डे ट्रेडिंग में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है। मार्केट खुलने के बाद आप शेयर खरीदते हैं और मार्केट बंद होने से पहले उसे बेच देते हैं।
2). स्कैल्पर ट्रेडिंग (Scalper Trading) – यह शेयर ट्रेडिंग का ऐसा तरीका है, जिसमें शेयर को खरीदने के 5-10 मिनट के अंदर ही बेच दिया जाता है। यह बहुत जोखिम भरा होता हैं।
3). स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) या शार्ट टर्म ट्रेडिंग – स्विंग ट्रेडिंग थोड़े लंबे समय के लिए किया जाता है। इसमें आम तौर पर शेयर खरीदने के बाद उसकी डीमैट अकाउंट में डिलीवरी ले ली जाती है। इसे कुछ दिनों के अंदर बेचा जाता हैं।
4). LONG TERM ट्रेडिंग – जब आप किसी शेयर को खरीद कर लंबी अवधि के लिए रख लेते हैं तो उसे Long term ट्रेडिंग कहते हैं। स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के बाद अगर आप एक निवेशक के रूप में किसी शेयर में 6 महीने से लेकर कुछ साल तक बने रहें तो यह लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग है। यह थोड़ा सेफ होता हैं।
बात पते की
शेयर मार्किट में पैसा बनाना बहुत आसान है उसी प्रकार शेयर बाजार में पैसा खोना भी बहुत आसान है। इससे बचा जा सकता है अगर आप स्वंय शेयर बाजार के बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करें,शोध करें और दूसरों के दिये टिप्स पर न जायें। शेयर बाजार एक खतरनाक खेल है, इसमें कूदने से पहले इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी ले लेना बहुत आवश्यक है। मगर इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए कोई अलग तरह की प्रतिभा या योग्यता ही चाहिए। कोई भी कोशिश करके शेयर बाजार की जानकारी ले सकता है।
और अधिक लेख –
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Share Market क्या है | What is Share Market in Hindi
दोस्तों आज हम बात करने वाले शेयर मार्किट के बारे में और आपको इस लेख पर बताएंगे कि शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट क्या होता है जी है लोग यही बोलते है आम बोल चाल की भाषा में तो आज में भी यही समझता हूँ आप सब को सीधे और सरल शब्दों में Share Market Kya Hota Hai इसके बारे बताएंगे
शेयर मार्किट | What is Share Market in Hindi
Share Market in Hindi जिसे आप सब यूँ समझ सकते है इसके दो मूल आधार है
- Bombay Stock Exchange (BSE)
- National Stock Exchange (NSE)
- BSE – इसमें इंडिया के टॉप 30 कम्पनी लिस्टेड होती है और इन्ही कम्पनिया की रफ़्तार को सेंसेक्स के द्वारा सूचित किया जाता है कितना ऊपर गया या कितना नीचे
- NSE – इसमें इंडिया के टॉप 50 कम्पनिया को लिस्टेड किया जाता है Neety 50 बोला जाता है इसी के द्वारा दर्शाया जाता है
स्टॉक मार्किट (Stock Market) – यहां पर BSE या NSE इन दोनों जगहों पर विभीन्न प्रकार की कम्पनिया के शेयर खरीद या बेच सकते है
डीमैट अकाउंट ( जानिए Demat Account Kya Hai ) – आपको शेयर बाजार में खरीद या बिक्री करने हेतु या शेयर बाज़ार में व्यापार करने हेतु सबसे पहले आपको डीमैट खुलवाना होता है जहाँ पर KYC करनी बहुत जरुरी होती है इसके बिना आपका अकाउंट नहीं खुल सकता आप अपना डीमैट अकाउंट किसी भी online broker जैसे Zerodha, Angel Broking, Upstox, Groww, 5 Paise इत्यादि पर खुला सकते है इसके अलावा कमर्शियल बैंक जैसे – HDFC, AXIS आदि बैंक से खुलवा सकते है
Share Market पर लोगो की आम धारणा
भारत में Share Market में निवेश करने आम जनता आज भी कतराती हुई नज़र आती है बहुत से लोग आज भी इसे जुआ सट्टा आदि ही समझते है जबकि भारत से हटके अमेरिका और पच्छिम देशो में देश का हर दूसरा व्यक्ति शेयर मार्किट में Trade करता हुआ नज़र आता है जबकि भारत में आज भी 4 से 5 % लोग ही स्टॉक मार्किट से पैसा कमाना जानते है या फिर वो ट्रेड करते है
Share Market में शुरुआत कब करे
Share Market in Hindi : स्टॉक मार्किट में विभिन्न प्रकार कम्पनी के शेयर ख़रीदे और बेचे है यहां पर बहुत से लोग पैसे कमाते है और आमिर से और आमिर बनते जाता है और बहुत से लोग शुरआत करते ही पैसे गवा देते है और वो हताश होकर बैठ जाता है स्टॉक मार्किट में पैसे कमाने के लिए आपको इसमें अपनी नॉलेज का काफी अच्छे तरीके से बढ़ाना होगा इसके बाद ही इसकी शुरुआत करे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होना चाहिए ताकि आपको अगर नुकसान होता है तो आप उसको सह सके आप कोई जॉब या बिज़नेस करते हो तो तभी इसमें पार्ट टाइम हाथ आजमाए तभी Share Market में शुरुआत करे
स्टॉक खरीदते समय हमेशा कुछ बातो का ध्यान रखे
- जिस कम्पनी का शेयर ख़रीदे उसका Past Record जरूर चेक कर ले maximum 10 साल का
- कम्पनी की आर्थिक स्थिति का आंकलन कर ले
- कंपनी का Loan आदि तो नहीं है है ये जांच कर ले
- कंपनी का मुनाफा कितना है ये जरूर देख ले
- कंपनी का Future प्लान क्या है पता कर लो ये भी
- और नॉलेज को हमेशा बढ़ाते रहो इन सब बातो का ध्यान रखोगे तो धोखा नहीं खाओगे
Long Term के लिए जाएं तो क्या करे
Share Market in Hindi चाहे स्टॉक मार्किट या म्यूच्यूअल फण्ड या बैंक या insurance policy सब में लॉन्ग टर्म में ही फायदा होता है यह बात गाँठ बांध ले स्टॉक मार्किट में अनुभवी लोगो ने हमेशा कहाँ है ट्रेड वो करते है जिन्हें अच्छे नॉलेज है शेयर खरीदने व बेचने में इसलिए यदि आप लॉन्ग टर्म के जाए तो पहले अपनी नॉलेज को बढ़ाएं फिर किसी शेयर में इन्वेस्ट करें और investor हमेशा लम्बे समय के लिए बने रहते है और मोटा मुनाफा कमाते है
मार्किट का व्यवहार
मार्किट हमेशा एक जैसे रूप नहीं रहता बल्कि हमेशा बदलता रहता है जो इस बात पर नज़र रखते है उन्हें इस बात का पता होता है बड़े इन्वेस्टर को यह हमेशा पता होता है यह कभी भी थोडा बहुत ऊपर बढ़ता है जो कभी नीचे रहता है पर हमेशा long term में देखा जाए तो ग्रोथ ऊपर की और होता है
डेवर्सिफिएड रखे अपने इन्वेस्ट को
एक समझदार investor वह होता जो अपना सारा पैसा एक जगह ना लगाकर बल्कि अलग-अलग कम्पनिया के स्टॉक खरीदता रहता है ताकि उसे अगर कुछ कम्पनिया से नुकसान हो भी जाए तो बाकि कम्पनिया से उसे लाभ शेयर मार्केट में शेयर कैसे ख़रीदे मिल सके इस प्रकार वह किसी बड़े नुकसान से बच जाएगा समुचित लाभ उठा पायेगा और लम्बे समय में अपने लक्ष्य को भी हासिल के लेगा
मुझे उम्मीद है आप सबको मेरे What is Share Market in Hindi लेख पर द्वारा दी गयी जानकारी पसन्द आई होगी इससे जुडी और जानकारी हेतु कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते है धन्यवाद आपका दिन शुभ हो
शेयर बाजार का क्या मतलब है?
शेयर मार्किट एक ऐसा बाजार होता है जहाँ पर विभीन्न प्रकार की कंपनियों के शेयर ख़रीदे और बेचे जाते हैं ये बिलकुल दूसरे सामान्य बाजार की तरह ही होता है जहाँ पर लोग शेयर की खरीद बिक्री का काम करते हैं.
क्या शेयर मार्किट जुआ है
जी नहीं। शेयर मार्किट जुआ नहीं होता है। यह एक सोची समझी मार्केट होती है जिसके दो मूल आधार BSE और NSE एक्सचेंज चलती है लेकिन हां यदि आप शेयर मार्केट के बारे में कुछ भी नहीं पता तो आपका इसमें ज्यादा घाटा भी हो सकता है
किसी शेयर को कैसे खरीदे
किसी शेयर के खरीदने और बेचने का एक ही तरीका होता है जो कि स्टॉक एक्सचेंज में उपयोग किया जाता है शेयर मार्केट में पैसा को इन्वेस्ट करने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य हैं बिना demat account के आप न तो शेयर खरीद सकते और न ही शेयर कि बेच सकते।
काम की खबर: नजारा का IPO तो खुला, लेकिन जानिए कैसे करें IPO में निवेश, डीमैट अकाउंट है जरूरी
हमारे देश में बचत के पैसे लगाने यानी निवेश करने के कई तरीके हैं। इन्ही में से एक है 'इनीशियल पब्लिक ऑफर' यानि IPO। निवेश का ये तरीका आज कल ट्रेंड में है। अगर आप भी IPO में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं या करना चाहते हैं तो सबसे पहले ये समझ लीजिए कि IPO क्या होता है? दरअसल, जब कोई कंपनी अपने स्टॉक या शेयर्स छोटे-बड़े निवेशकों के लिए जारी करती है तो उसका जरिया IPO होता है। इसके बाद कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होती है।
IPO होता क्या है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपनी कंपनी के शेयर्स को लोगों को ऑफर करती है तो इसे IPO कहते हैं। कंपनियों द्वारा ये IPO इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में आ सके। शेयर बाजार में उतरने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीदारी और बिकवाली शेयर बाजार में हो सकेगी। यदि एक बार कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाए तो फिर इन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है। इसके बाद शेयर को खरीदने और बेचने से होने वाले फायदे और नुकसान में भागीदारी निवेशकों की होती है।
कंपनी IPO क्यों जारी करती है?
जब किसी कंपनी को अपना काम बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत होती है तो वह IPO जारी करती है। ये IPO कंपनी उस वक्त भी जारी कर सकती है जब उसके पास धन की कमी हो वह बाजार से कर्ज लेने के बजाय IPO से पैसा जुटाना चाहती हैं। शेयर बाजार में लिस्टेड होने के बाद कंपनी अपने शेयरों को बेचकर पैसा जुटाती है। बदले में IPO खरीदने वाले लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है। मतलब जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के खरीदे गए हिस्से के मालिक होते हैं।
क्या इसमें निवेश करने में रिस्क हो सकता है?
इसमें कंपनी के शेयरों की परफॉर्मेंस के बारे में कोई आंकड़े या जानकारी लोगों के पास नहीं होती है, इसलिए इसे थोड़ा रिस्की तो माना ही जाता है। लेकिन जो व्यक्ति पहली बार शेयर बाजार में निवेश करता है उसके लिए IPO बेहतर विकल्प है।
IPO में निवेश कैसे करें?
अगर आप IPO में इन्वेस्ट करना चाहते है तो उसके लिए आपको डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है। ये अकाउंट एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट और एक्सिस डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास जाकर खोला जा सकता है। इसके बाद आपको जिस कंपनी में निवेश करना है उसमें आवेदन करें। निवेश के लिए जरूरी रकम आपके डीमैड एकाउंट से लिंक्ड एकाउंट में होनी चाहिए। निवेश की रकम तब तक आपके एकाउंट से नहीं कटती जब तक आपको शेयर अलॉट नहीं हो जाता।
जब भी कोई कंपनी शेयर मार्केट में शेयर कैसे ख़रीदे IPO निकालती है उससे पहले इसका एक समय किया जाता है जो 3-5 दिन का होता है। उसी समय में उस कंपनी का IPO ओपन रहता है। जैसे शेयर मार्केट से हम एक, दो या अपने चुनाव से शेयर खरीदते है यहां ऐसा नहीं होता। यहां आपको कंपनी द्वारा तय किए गए लॉट में शेयर खरीदना होता है। ये शेयर की कीमत के हिसाब से 10, 20, 50, 100, 150, 200 या अधिक भी हो सकता है। वहां आपको 1 शेयर की कीमत भी दिखाई देती है।
IPO की कीमत कैसे तय होती है?
IPO की कीमत दो तरह से तय होती है। इसमें पहला होता है प्राइस बैंड और दूसरा फिक्स्ड प्राइस इश्यू ।
प्राइस बैंड कैसे?
शेयर की कीमत को फेस वैल्यू कहा जाता है। जिन कंपनियों को आईपीओ लाने की इजाजत होती है वे अपने शेयर्स की कीमत तय कर सकती हैं। लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य क्षेत्रों की कंपनियों को सेबी और बैंकों को रिजर्व बैंक से अनुमति लेनी होती है। कंपनी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बुक-रनर शेयर मार्केट में शेयर कैसे ख़रीदे के साथ मिलकर प्राइस बैंड तय करता है। भारत में 20% प्राइस बैंड की इजाजत है। इसका मतलब है कि बैंड की अधिकतम सीमा फ्लोर प्राइस से 20% से ज्यादा नहीं हो सकती है। फ्लोर प्राइस वह न्यूनतम कीमत है, जिस पर बोली लगाई जा सकती है। प्राइस बैंड उस दायरे को कहते हैं जिसके अंदर शेयर जारी किए जाते हैं। मान लीजिए प्राइस बैंड 100 से 105 का है और इश्यू बंद होने पर शेयर की कीमत 105 तय होती है तो 105 रुपए को कट ऑफ प्राइस कहा जाता है। अमूमन प्राइस बैंड की ऊपरी कीमत ही कट ऑफ होती है।
आखिरी कीमत
स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट अविनाश गोरक्षकर के अनुसार बैंड प्राइस तय होने के बाद निवेशक किसी भी कीमत के लिए बोली लगा सकता है। बोली लगाने वाला कटऑफ बोली भी लगा सकता है। इसका मतलब है कि अंतिम रूप से कोई भी कीमत तय हो, वह उस पर इतने शेयर खरीदेगा। बोली के बाद कंपनी ऐसी कीमत तय करती है, जहां उसे लगता है कि उसके सारे शेयर बिक जाएंगे।
अगर IPO में कंपनी के शेयर नहीं बिकते हैं तो क्या होगा?
अगर कोई कंपनी अपना IPO लाती है और निवेशक शेयर नहीं खरीदता है तो कंपनी अपना IPO वापस ले सकती है। हालांकि कितने प्रतिशत शेयर बिकने चाहिए इसको लेकर कोई अलग नियम नहीं है।
ज्यादा मांग आने पर क्या होगा?
मान लीजिए कोई कंपनी IPO में अपने 100 शेयर लेकर आई है लेकिन 200 शेयरों की मांग आ जाती है तो कंपनी सेबी द्वारा तय फॉर्मूले के हिसाब से शेयर अलॉट होते हैं। कंप्यूटराइज्ड लॉटरी के जरिए आई हुई अर्जियों का चयन होता है। इसके अनुसार जैसे किसी निवेशक ने 10 शेयर मांगे हैं तो उस 5 शेयर भी मिल सकते हैं या किसी निवेशक को शेयर नहीं मिलना भी संभव होता है।