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पिछली कई सदियों से जल-जगंल-जमीन जिसे सावर्जनिक सपंदा के रूप में जाना जाता है, उस पर समुदाय और राजसत्ता का टकराव चल रहा है। यह संघर्ष एक तरफ इन संपदाओं के ऊपर समुदायों के स्वशासन और दूसरी तरफ सत्ता द्वारा इन संपदाओं को व्यापारिक माल बनाने की प्रक्रिया का संघर्ष है।
जैसे-जैसे दुनिया भर में नयी उदारवादी योजनाओं का खुलासा होता गया, यह बात अब स्पष्ट हो गयी है कि ढांचागत आर्थिक सुधार कार्यक्रम ना सिर्फ राष्ट्रीय संपदा के महत्व को नजरअंदाज कर रहे हैं बल्कि सार्वजनिक संपदा की अवधारणा का आधार ही खत्म कर रहे हैं जिसको बचाने समर्थन और प्रतिरोध स्तर जानिए के लिए तीसरी दुनिया के गुलाम देशों के जनसमुदायों ने अथक संघर्ष किया था। नवउदारवादी आर्थिक राजनैतिक प्रक्रिया इस कोशिश में है कि भविष्य में भी सार्वजनिक संपदाओं के अधिकार का अस्तित्व ही खत्म हो जाये। जंगल-पानी सार्वजनिक भूमि और खनिज का अधिग्रहण सरकार लगातार करती ही जा रही है और विकास के नाम पर वो सारी संपदा की पूंजीवादी मुनाफाखोरों के आगे बलि चढ़ा रही है। आज का संकट इस बात पर है कि मुट्ठी भर लोग सार्वजनिक संपदा जैसे हवा, पानी, जमीन और जंगल के अधिकार से व्यापक जन समुदाय को बेदखल कर रहे हैं।
पाकिस्तान और चीन के छक्के छुड़ाने भारत आ रहा है राफेल, जानिए क्या है इस एयरक्राफ्ट की खूबियां
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 29 Jul 2020 03:01 PM (IST)
भारतीय वायुसेना के बेड़े में आज 36 राफेल लड़ाकू विमानों में से पांच विमान शामिल हो जाएंगे, जिससे देश की वायु शक्ति में बड़ी ताकत का इजाफा होगा. ये विमान दुश्मनों को तहस-नहस करने वाले हथियारों से लेस है. कहा जा रहा है कि जब राफेल भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगा, भारत आसमान में राज करेगा. पाकिस्तान के पास राफेल की टक्कर का कोई विमान नहीं है. पाकिस्तान के पास F-16 है लेकिन अकेला राफेल दो एएफ-16 के बराबर है.
राफेल की क्या हैं खूबियां
- राफेल फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित दो इंजन वाला मध्यम मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) है. वायु वर्चस्व, हवाई हमला, जमीनी समर्थन, भारी हमला और परमाणु प्रतिरोध जैसे काम ये एक विमान बखूबी कर सकता है.
- राफेल 4.5 जेनरेशन मीडियम मल्टीरोल एयरक्राफ्ट है. मल्टीरोल होने के कारण दो इंजन वाला (टूइन) रफाल फाइटर जेट एयर-सुप्रेमैसी यानि हवा में अपनी बादशाहत कायम करने के साथ-साथ डीप-पैनेट्रेशन यानि दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला करने में भी सक्षम है.
- राफेल लड़ाकू विमान मेटेओर, स्कैल्प और मिका जैसे विजुअल रेंज मिसाइलों से सुसज्जित है, जोकि दूर से ही अपने लक्ष्य को भेद सकती हैं. ये हवा से हवा और जमीन स्तर पर हमला करने वाली मिसाइलों से लैस है.
- 24,500 किलोग्राम वजन वाला राफेल एयरक्राफ्ट 9500 किलोग्राम भार उठाने में सक्षम है. इसकी अधिकतम रफ्तार 1389 किमी/घंटा है. एक बार उड़ान भरने के बाद 3700 किमी तक का सफर तय कर सकता है. लंबाई 15 दशमलव तीन शून्य मीटर है.
- राफेल की ईंधन क्षमता 17 हजार किग्रा है. ये एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है. आकार में सुखोई से छोटा होने के चलते इस्तेमाल करना आसान है.
- अफगानिस्तान, इराक और लीबिया में राफेल को इस्तेमाल किया जा चुका है. भारतीय वायुसेना को साल 2022 तक 36 राफेल मिल जाएंगे. बताया जा रहा है कि चीन पर नजर के लिए 18 राफेल हाशीमारा बेस पर और 18 राफेल हरियाणा के अंबाला में तैनात होंगे जिससे पाकिस्तान पर नजर होगी.
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इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) के शेयर में बुधवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट जारी रही, जो लगभग 15% गिरकर 4,610 डॉलर प्रति शेयर पर आ गया। मंगलवार को कारोबार के आखिरी मिनट में शेयर में करीब 15 फीसदी की गिरावट आई। हालाँकि, इसने चढ़ाव को सुलझाया और बीएसई पर 8% की गिरावट के साथ 5,363 पर समाप्त हुआ। मंगलवार की तड़के शेयर ने 6,393 डॉलर प्रति शेयर की नई ऊंचाई को छुआ।
बुधवार को शेयर बाजार एनएसई ने आईआरसीटीसी को अपनी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) प्रतिबंध सूची में शामिल कर लिया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के अनुसार, F&O सेक्टर के तहत स्टॉक प्रतिबंधित है, क्योंकि यह मार्केट-वाइड पोजिशन लिमिट (MWPL) के 95 प्रतिशत को पार कर चुका है। "चूंकि पिछले महीने आईआरसीटीसी के शेयरों में तेजी आई है, इसलिए मुनाफावसूली का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।" हालाँकि, क्योंकि भारत सरकार के पास फर्म में बहुमत का हिस्सा है, निकट भविष्य (भारत सरकार) में इसके उल्लेखनीय रूप से घटने की संभावना नहीं है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको इस कम कीमत पर खरीदना चाहिए। मेरा मानना है कि अगले कई कारोबारी सत्रों के लिए बाजार सुस्त रहेगा और आईआरसीटीसी के शेयर भी इसका अनुसरण करेंगे। प्रॉफिटमार्ट सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख अविनाश गोरक्षकर ने कहा- "जब तक वित्त वर्ष 22 की दूसरी तिमाही के आंकड़े खत्म नहीं हो जाते, तब तक स्टॉक के दायरे में रहने का अनुमान है।"समर्थन और प्रतिरोध स्तर जानिए
महिलाओं में बढ़ते जा रहे हैं ऑस्टियोपोरोसिस के मामले
डब्ल्यूएचओ (WHO) की ताजा प्रसारित रिपोर्ट के अनुसार विश्व भर में हृदय की बीमारी के उपरांत सबसे ज्यादा प्रभावित करने समर्थन और प्रतिरोध स्तर जानिए वाली बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस है। पुरुषों की तुलना में महिलाएं इससे ज्यादा प्रभावित होती हैं। समर्थन और प्रतिरोध स्तर जानिए ऑस्टियोपोरोसिस को खोखली हड्डियों की बीमारी भी कहा जाता हैं।
इसमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, समर्थन और प्रतिरोध स्तर जानिए विटामिन डी और दूसरे अन्य प्रकार के मिनरल्स न होने से हड्डियां (घनत्व) भुरभुरी हो जाती हैं। इस स्थिति में हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि छोटी-सी चोट भी फ्रैक्चर का कारण बन जाती है। ऐसे में कूल्हे, कलाई या रीढ़ की हड्डी में फेक्चर होने की संभावना अधिकतम होती हैं।
बोन डेंसिटी बनाए रखने के लिए जरूरी है एक्सरसाइज
ऑस्टियोपोरोसिस होने के बहुत से कारणों में से एक प्रमुख कारण है शारीरिक व्यायाम की कमी। इसके इलाज में मेडिकल और नॉन मेडिकल दोनों पहलुओं का ध्यान रखा जाता है। मेडिकल पहलु में दवाएं और इंजेक्शन शामिल हैं। जबकि नॉन मेडिकल में हड्डियों को मजबूत बनाने वाले व्यायाम, कैल्शियम तथा बैलेंस डाइट युक्त आहार का समावेश है।
स्वस्थ हड्डियों के लिए हर उम्र में व्यायाम महत्वपूर्ण है। यह ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज और रोकथाम के लिए भी जरूरी है। व्यायाम न केवल आपके हड्डी के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है, बल्कि आपकी मांसपेशियों की ताकत, समन्वय और शारिरिक संतुलन में भी वृद्धि होती है।
असल में यहीं से आपकी संपूर्ण शारीरिक तंदुरुस्ती की शुरुआत होती है। जिससे गिरने या चोट लगने की वजह से होने वाले फ्रैक्चर को रोकने या उसका शरीर पर कम प्रभाव होने में मदद करता है।
बोन डेंसिटी समर्थन और प्रतिरोध स्तर जानिए बढ़ानी है तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान
महिलाओं को अपने हड्डियों के स्वास्थ्य के बारे में अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है. चित्र : शटरस्टॉक
1 डॉक्टर से परामर्श करें
अगर आप किसी पुरानी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त हैं, तो शारीरिक व्यायाम शुरू करने से पूर्व अपने डॉक्टर तथा फिजियोथैरेपिस्ट की सलाह लेना अनिवार्य है। अपने जोड़ों और मांसपेशियों को बनाए रखने के लिए हर दिन कम से कम 20-30 मिनट के लिए सरल व्यायाम की कोशिश करें और इसे धीरे-धीरे बढ़ाएं।
2 संतुलित हो वर्कआउट रुटीन
कोई भी व्यायाम शुरू करने से पहले वॉर्म अप और खत्म होने पर कूल डाउन जरूरी है। अन्य व्यायाम जैसे एरोबिक्स, मजबूत मांसपेशियों को बनाने और बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। एक संतुलित वर्कआउ रुटीन आपके हृदय स्वास्थ्य का भी समर्थन करेगा।